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- तोक्यो। लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) तोक्यो ओलंपिक में पहले ही पदक सुरक्षित कर चुकी हैं लेकिन बुधवार को वह तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ जीत दर्ज करके ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने की कोशिश करेगी। असम की 23 वर्षीय लवलीना इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है। वह पदक पक्का करके पहले ही विजेंदर सिंह (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) की बराबरी कर चुकी है।लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का मुक्केबाजी में पहला पदक होगा लेकिन उनका लक्ष्य अब फाइनल में पहुंचना होगा जहां अभी तक कोई भारतीय नहीं पहुंचा है।राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमर ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘यह मुकाबला दोपहर बाद होगा और इसलिए हम पिछले दो दिनों से दोपहर बाद ही अभ्यास कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ये दोनों मुक्केबाज इससे पहले एक दूसरे से नहीं भिड़े हैं और वे दोनों एक दूसरे के खेल के बारे में नहीं जानते हैं। लवलीना अच्छे प्रदर्शन के प्रति आत्मविश्वास से भरी है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’यह मुक्केबाज भी अपने लक्ष्य को लेकर स्पष्ट है। उन्होंने पिछले दौर में चीनी ताइपै की पूर्व विश्व चैंपियन नीन चिन चेन को हराया था।उन्होंने इस मुकाबले के बाद कहा था, ‘‘मेडल (पदक) तो बस गोल्ड (स्वर्ण) होता है, पहले मुझे उसे हासिल करने दो।’’लवलीना ओलंपिक में पदार्पण कर रही हैं लेकिन उन्होंने सहज होकर अपने मुकाबले लड़े हैं। तुर्की की शीर्ष वरीयता प्राप्त मुक्केबाज के खिलाफ भी वह बिना किसी दबाव के रिंग में उतरेगी। लवलीना भी इस खेल में नयी नहीं है और उन्होंने अभी तक अपने करियर में विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य पदक जीते हैं। तुर्की की मुक्केबाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी जबकि लवलीना को कांस्य पदक मिला था। तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था।
- टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में हॉकी के दूसरे सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के हाथों हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने शुरुआती बढ़त के बावजूद मैच को अपने हाथों से गंवा दिया। दुनिया की नंबर दो टीम बेल्जियम ने भारत को हराकर फाइनल का टिकट भी हासिल कर लिया। विश्व चैंपियन बेल्जियम के आक्रामक खेल के आगे भारतीय डिफेंस कहीं नहीं टिक पाई और 2-5 से हार गई। हालांकि, भारतीय पुरुष टीम के पास अभी कांस्य पदक जीतने का मौका बाकी है।भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंतिम 11 मिनट के अंदर तीन गोल गंवाने के कारण टोक्यो ओलिंपिक खेलों के सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम से हार गई। भारतीय टीम 49 वर्ष बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी और अब वह आस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में पराजित होने वाली टीम से कांस्य पदक के लिए भिड़ेगी।भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (सातवें) और मनदीप सिंह (आठवें मिनट) ने गोल किये जबकि बेल्जियम के लिए अलेक्सांद्र हेंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) ने तीन जबकि लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे मिनट) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने एक गोल किया।भारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन वह म्यूनिख ओलिंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा था। मास्को ओलिंपिक में मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे।पुरुष हॉकी में भारतीय टीम की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर भारतीय टीम की हौसला अफजाई की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि-हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है। टोक्यो ओलंपिक में हमारी पुरुष हॉकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है। टीम को अगले मैच और भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। भारत को अपने खिलाडिय़ों पर गर्व है।----
- तोक्यो। ओलंपिक में दो दशक से अधिक समय में घुड़सवारी में उतरे एकमात्र भारतीय फवाद मिर्जा रविवर को क्रॉस कंट्री स्पर्धा के बाद 11 . 20 पेनल्टी अंक के साथ 22वें स्थान पर रहे । सोमवार को व्यक्तिगत शो जंपिंग क्वालीफायर में अच्छा प्रदर्शन करने पर वह और उनका घोड़ा सिगनोर मेडिकॉट शीर्ष 25 में रह सकते हैं । इससे वे शाम को होने वाली इवेंटिंग जंपिंग के व्यक्तिगत वर्ग के फाइनल में जगह बना लेंगे । मिर्जा के कुल 39 . 20 पेनल्टी अंक हैं । उन्होंने सिर्फ आठ मिनट में कंट्री रन पूरी की । घुड़दौड़ क्रॉसकंट्री व्यक्तिगत वर्ग में एक प्रतियोगी को सात मिनट 45 सेकंड के भीतर कोर्स का पूरा चक्कर लगाना होता है ताकि टाइम पेनल्टी कम रहे । पेनल्टी जितनी कम होगी, अश्वारोही अंकतालिका में उतना ही ऊपर होगा । मिर्जा और सिगनोर ने तकनीकी दिक्कत के कारण देर से शुरू किया जिसकी वजह से उन्हें 11 . 20 पेनल्टी अंक मिल गए । ड्रेसेज दौर में वह शानदार प्रदर्शन के बाद नौवें स्थान पर थे । उसमें उन्हें 28 पेनल्टी अंक मिले । अब उन्हें शो जंपिंग में उतरना है जिसमें शीर्ष 25 में रहने पर वह इवेंटिंग जंपिंग फाइनल में जगह बना लेंगे । ब्रिटेन के ओलिवर टाउनएंड शीर्ष पर हैं जिनके कुल 23 . 60 पेनल्टी अंक हैं । ब्रिटेन की लौरा कोलेट दूसरे और जर्मनी की जूलिया क्राजेवस्की तीसरे स्थान पर हैं ।
- तोक्यो। बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता और पुरुष हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर 41 साल बाद पदक की तरफ कदम बढ़ाये जिससे तोक्यो ओलंपिक खेलों में रविवार का दिन भारत के लिये ऐतिहासिक बन गया। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियन छठी वरीय पीवी सिंधू ने रविवार को यहां चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराकर महिला एकल स्पर्धा का कांस्य पदक जीता और ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। इसके बाद पुरुष हॉकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना विश्व चैंपियन बेल्जियम से होगा। भारत ने इससे पहले हॉकी में अपना आखिरी पदक 1980 में मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था। तब मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे और शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुकाबला हुआ था। इस तरह से भारत 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा। सिंधू के कांस्य पदक से भारत के तोक्यो ओलंपिक में पदकों की संख्या दो हो गयी है। इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता था। भारत अभी पदक तालिका में संयुक्त 59वें स्थान पर है। सिंधू से पहले दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य और लंदन 2012 खेलों में रजत पदक जीतकर ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। सिंधू ने कांस्य पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं काफी खुश हूं क्योंकि मैंने इतने वर्षों तक कड़ी मेहनत की है। मेरे अंदर भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था- मुझे खुश होना चाहिए कि मैंने कांस्य पदक जीता या दुखी होना चाहिए कि मैंने फाइनल में खेलने का मौका गंवा दिया।'' उन्होंने कहा,‘‘मैं सातवें आसमान पर हूं। मैं इस लम्हें का पूरा लुत्फ उठाऊंगी। मेरे परिवार ने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है और काफी प्रयास किए जिसके लिए मैं उनकी आभारी हूं।'' बिंग जियाओ के खिलाफ 16 मैचों में यह सिंधू की सातवीं जीत है जबकि उन्हें नौ मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी। इस मुकाबले से पहले सिंधू ने बिंग जियाओ के खिलाफ पिछले पांच में से चार मुकाबले गंवाए थे। सिंधू को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। भारतीय हॉकी टीम की जीत में गोलकीपर पी आर श्रीजेश की भूमिका अहम रही। उन्होंने कई शानदार बचाव किये। भारत की तरफ से दिलप्रीत सिंह (सातवें), गुरजंत सिंह (16वें) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) ने गोल किये। ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से एकमात्र गोल सैमुअल इयान वार्ड (45वें) ने किया। भारत ने मध्यांतर तक 2-0 की बढ़त बना रखी थी। इसके बाद दूसरे क्वार्टर के शुरू में ही हार्दिक ने ब्रिटिश खिलाड़ियों से गेंद छीनी। इसे उन्होंने गुरजंत की तरफ बढ़ाया जिन्होंने उसे खूबसूरती से गोल के हवाले किया। श्रीजेश ने 44वें मिनट में रक्षण के अपने कौशल का बेहतरीन नमूना पेश किया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन ने इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में चार पेनल्टी कार्नर हासिल किये जिनमें से सैमुअल वार्ड चौथे को गोल में बदलने में सफल रहे। हार्दिक का गोल दर्शनीय था। उन्होंने बीच मैदान से गेंद संभाली और अकेले ही उसे लेकर आगे बढ़े। उनका पहला शॉट ओलिवर पायने ने रोक दिया था लेकिन हार्दिक को फिर से गेंद मिली और इस बार उनका ताकतवर शाट दनदनाता हुआ जाली में उलझ गया। भारत की जीत सुनिश्चित हो गयी। अब भारत की निगाह सोमवार को महिला हॉकी टीम पर रहेगी जो क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया का सामना करेगी। मुक्केबाजी और गोल्फ से भारत को निराशा हाथ लगी। बुरी तरह से चोटिल मुक्केबाज सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वार्टर में हारकर बाहर हो गए । प्री क्वार्टर फाइनल में लगी चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर कई टांके लगवाकर उतरे सतीश 0 . 5 से हारे । उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे । गोल्फ में अनिर्बान लाहिड़ी चौथे और अंतिम दौर में एक ओवर 72 के स्कोर के साथ संयुक्त 42वें स्थान पर रहे। उदयन माने भी अंतिम दौर में एक ओवर 72 के स्केार से कुल तीन ओवर के स्कोर के साथ 56वें स्थान पर रहे।--
- तोक्यो। तोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन के महिला सिंगल्स में पी वी सिंधु ने कांस्य पदक जीत लिया है और इस जीत के साथ सिंधु ओलंपिक खेलों में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।पांच जुलाई 1995 को हैदराबाद में जन्मी पुसर्ला वेंकट सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। सिंधू ने न सिर्फ देश के लिए पदक जीता, बल्कि लगातार दो ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतकर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी होने का गौरव भी हासिल किया। इससे पहले सिंधु ने रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था। सिंधू ने आज प्लेऑफ मुकाबले में चीन की ही बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराया। शुरू से ही आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए सिंधू अपनी प्रतिद्वंदी जियाओ पर पूरी तरह से हावी रहीं।राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और खेलमंत्री ने सिंधू को पदक जीतने पर बधाई दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सिंधू ने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतकर अपनी निरंतरता, समर्पण और उत्कृष्टता का परिचय दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि सिंधू भारत का गौरव हैं और देश के ओलंपिक खिलाडिय़ों में से एक हैं।खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि इस जीत से सिंधू ने इतिहास रच दिया है और भारत को उन पर गर्व है।
- तोक्यो। बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू का तोक्यो ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का सपना शनिवार को महिला एकल के सेमीफाइनल में हार के साथ टूट गया जबकि मुक्केबाजी में पदक के प्रबल दावेदार अमित पंघाल पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाये लेकिन चक्का फेंक की महिला एथलीट कमलप्रीत कौर ने फाइनल में जगह बनाकर शनिवार को भारतीय खेमे में कुछ आशा की किरण जगायी। भारतीय महिला हॉकी टीम ने वंदना कटारिया की हैट्रिक से दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर 41 वर्षों में पहली बार क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। निशानेबाजी और तीरंदाजी में भारतीयों के निशाने सटीक नहीं लगे तो गोल्फ में किसी चमत्कार के दम पर ही अनिर्बान लाहिड़ी ‘पोडियम' तक पहुंच पाएंगे। भारत के नाम पर अभी एक रजत पदक दर्ज है और वह पदक तालिका में 57वें स्थान पर है। भारत को दिन का सबसे बड़ा झटका सिंधू की हार से लगा जिन्हें स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधू ने चीनी ताइपै की विश्व की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जु यिंग को पहले गेम में कड़ी चुनौती पेश की लेकिन आखिर में उन्हें 40 मिनट तक चले मैच में 18-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। सिंधू के पास अब ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने का मौका है। वह रविवार को कांस्य पदक के लिये चीन की ही बिंग जियाओ से भिड़ेगी जिन्हें हमवतन चेन यू फेई ने पहले सेमीफाइनल में 21-16, 13-21, 21-12 से हराया था। भारतीय मुक्केबाजी के लिये शनिवार का दिन निराशाजनक रहा। दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) के बाद पूजा रानी (75 किग्रा) भी अपनी प्रतिद्वंद्वी से हारकर बाहर हो गये। भारत की पदक उम्मीद मुक्केबाज पंघाल प्री क्वार्टर फाइनल में सुबह रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेरजेन मार्तिनेज से 1-4 से हार गये। शीर्ष वरीयता प्राप्त पंघाल का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें पहले दौर में बाई मिली थी। शाम के सत्र में पूजा क्वार्टरफाइनल में सर्वसम्मत फैसले में चीन की लि कियान से 0-5 से हार गयीं। कियान पूर्व विश्व चैम्पियन और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं। वह पूरे मुकाबले के दौरान रानी पर हावी रहीं। एथलेटिक्स में हालांकि देश को कुछ अच्छी खबर मिली। कमलप्रीत ने महिलाओं के चक्का फेंक क्वालीफिकेशन दौर में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बना ली लेकिन अनुभवी सीमा पूनिया चूक गईं । कमलप्रीत ने अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का थ्रो फेंका जो क्वालीफिकेशन मार्क भी था। क्वालीफिकेशन में शीर्ष रहने वाली अमेरिका की वालारी आलमैन के अलावा वह 64 मीटर या अधिक का थ्रो फेंकने वाली अकेली खिलाड़ी रहीं। इस स्पर्धा का फाइनल दो अगस्त को होगा । दोनों पूल में 31 खिलाड़ियों में से 64 मीटर का मार्क पार करने वाले या शीर्ष 12 ने क्वालीफाई किया।सीमा पूनिया पूल ए में 60 . 57 के थ्रो के साथ छठे स्थान पर और कुल 16वें स्थान पर रही। सीमा का पहला प्रयास अवैध रहा। दूसरे प्रयास में उन्होंने 60 . 57 और तीसरे में 58 . 93 मीटर का थ्रो फेंका। पुरुषों की लंबी कूद में श्रीशंकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और ओवरऑल 25वें स्थान पर रहते हुए फाइनल की दौड़ से बाहर हो गये। श्रीशंकर ने अपने पहले प्रयास में 7.69 मीटर की छलांग लगायी लेकिन वह दूसरे और तीसरे प्रयास में इससे बेहतर नहीं कर सके। महिला हॉकी में वंदना ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। उन्होंने हैट्रिक बनायी जिसके दम पर भारत ने ‘करो या मरो' के मुकाबले में निचली रैंकिंग वाली दक्षिण अफ्रीका टीम को 4 . 3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किये। वह ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई । नेहा गोयल ने 32वें मिनट में एक गोल दागा । दक्षिण अफ्रीका के लिये टेरिन ग्लस्बी (15वां), कप्तान एरिन हंटर (30वां) और मेरिजेन मराइस (39वां मिनट) ने गोल दागे । भारत ने ग्रुप चरण में पहले तीन मैच हारने के बाद आखिरी दो मैचों में जीत दर्ज की। शाम को ब्रिटेन की आयरलैंड पर 2-0 जीत से भारत की अंतिम आठ में जगह पक्की हुई। भारत क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा। तीरंदाजी में भारत की आखिरी उम्मीद अतनु दास पुरूषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4 . 6 से हार गए । दास पांचवें सेट में एक बार भी 10 स्कोर नहीं कर सके। दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी के क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद भारत की उम्मीदें दास पर ही टिकी थी । निशानेबाजी में अंजुम मोदगिल और तेजस्विनी सावंत महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में क्रमश: 15वें और 33वें स्थान के साथ फाइनल्स में जगह बनाने में नाकाम रहीं। असाका निशानेबाजी परिसर में विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता अंजुम ने ‘54 इनर 10 (10 अंकों के 54 निशाने)' के साथ 1167 अंक बनाये जबकि अनुभवी तेजस्विनी ने स्टैंडिंग, नीलिंग और प्रोन पोजीशन की तीन श्रृंखलाओं में 1154 अंक ही बना सकी। गोल्फ में लाहिड़ी ने तीसरे दौर में तीन अंडर 68 का कार्ड खेला। उन्होंने सुबह अपना दूसरा दौर पूरा किया और एक ओवर 72 का स्कोर बनाया था। तीसरे दौर के बाद उनका कुल स्कोर छह अंडर 207 रहा। वह संयुक्त 28वें स्थान पर चल रहे हैं। वहीं एक अन्य भारतीय उद्यन माने ने 70 का कार्ड खेला जिससे वह दो ओवर 215 के कार्ड से संयुक्त 55वें स्थान पर चल रहे हैं। पाल नौकायन (सेलिंग) में पुरुषों की स्किफ 49अर स्पर्धा में केसी गणपति और वरूण ठक्कर की जोड़ी तीन रेस में क्रमश: 16वें, नौवें और 14वें स्थान पर रही। भारतीय जोड़ी 154 अंकों के साथ 19 जोड़ियों में ओवरऑल 17वें स्थान पर है। पहली बार ओलंपिक खेलों में चुनौती पेश कर रहे भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा इवेंटिंग स्पर्धा में ड्रेसेज दौर के पूरे होने के बाद तालिका में वह संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर है।
- तोक्यो। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टरफाइनल में जापान की अकाने यामागुची को 56 मिनट में 21 . 13 , 22 . 20 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।रियो ओलंपिक 2016 की रजत पदक विजेता ने इस तरह बैडमिंटन में पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक की उम्मीद बनाये रखी। अब उनका सामना थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन और चीनी ताइपे की ताई जु यिंग के बीच होने वाले दूसरे क्वार्टरफाइनल के विजेता से होगा। मौजूदा विश्व चैम्पियन सिंधू ने दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी यामागुची के खिलाफ 11 - 7 के जीत के रिकार्ड का फायदा उठाकर पहला गेम महज 23 मिनट में 21 . 13 से अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में यामागुची ने वापसी करने की कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया और 33 मिनट में जीत दर्ज कर अंतिम चार में जगह पक्की की।
- नयी दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम को तोक्यो ओलंपिक खेलों में अच्छे प्रदर्शन का फायदा विश्व रैंकिंग में भी मिला है और वह एक पायदान चढ़कर पहली बार शीर्ष तीन में पहुंच गयी है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की गुरुवार को जारी ताजा विश्व रैंकिंग में भारत तीसरे नंबर पर काबिज हो गया है। यह 2003 में रैंकिंग शुरू किये जाने के बाद उसकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है। इससे पहले वह मार्च 2020 में चौथे नंबर पर पहुंचा था जो उसकी इससे पहले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग थी। भारत के 2286 अंक हैं और वह चौथे स्थान पर खिसकने वाले नीदरलैंड (2267 अंक) से 19 अंक आगे है। आस्ट्रेलिया (2628) पहले और बेल्जियम (2606) दूसरे स्थान पर है। भारत ने ओलंपिक में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर शानदार शुरुआत की थी। इसके बाद वह आस्ट्रेलिया से 1-7 से हार गया लेकिन इसके बाद उसने स्पेन को 3-0 और अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर अच्छी वापसी करके क्वार्टर फाइनल में जगह बनायी। ताजा विश्व रैकिंग में इंग्लैंड पांचवें स्थान पर है। उसके बाद जर्मनी, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड, स्पेन और दक्षिण अफ्रीका का नंबर आता है।
- तोक्यो। ओलंपिक में भाग ले रहे भारत के पहले सुपर हैवीवेट (91 किग्रा से अधिक) मुक्केबाज सतीश कुमार ने गुरुवार को यहां अपने पहले ही खेलों में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन महान मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम अंतिम 16 चरण के मुकाबले में हारकर बाहर हो गयी। सतीश ने जमैका के रिकार्डो ब्राउन पर पहले मुकाबले में 4 . 1 से आसान जीत दर्ज की । दोनों मुक्केबाजों का यह पहला ओलंपिक है । मैरीकॉम प्री क्वार्टरफाइनल में तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हार गयी। दो बार एशियाई चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता सतीश सुबह के सत्र में रिंग में उतरे। उन्हें ब्राउन के खराब फुटवर्क का फायदा मिला । उन्हें हालांकि मुकाबले में माथे पर खरोंच भी आई । भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सांटियागो नीएवा ने कहा ,‘‘ उसे मुकाबले के दौरान तीन बार सिर पर प्रहार के कारण कट लगा है । सतीश ने काफी संभलकर उसका सामना किया वरना ब्राउन के कद काठी को देखते हुए गंभीर चोट लग सकती थी ।'' अब सतीश का सामना उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से होगा जो मौजूदा विश्व और एशियाई चैम्पियन हैं । जालोलोव ने अजरबैजान के मोहम्मद अब्दुल्लायेव को 5 . 0 से हराया । नीएवा ने कहा ,‘‘ वह अपराजेय नहीं है । सतीश ने उसे कभी नहीं हराया लेकिन इंडिया ओपन में आखिरी बार दोनों का सामना हुआ था और वह बंटा हुआ फैसला था । सतीश ने उसे कड़ी चुनौती दी थी ।'' राष्ट्रमंडल खेल 2018 के रजत पदक विजेता सतीश ने दाहिने हाथ से लगातार पंच लगाते हुए ब्राउन को गलतियां करने पर मजबूर किया । ब्राउन उन्हें एक भी दमदार पंच नहीं लगा सके । नीएवा ने कहा ,‘‘ स्कोर करके तुरंत पीछे हट जाने का लक्ष्य था क्योंकि ब्राउन काफी शक्तिशाली है और खतरनाक हो सकता था । सतीश ने उसे चारों तरफ घुमाकर थकाया ।' उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले सतीश सेना में हैं और पहले कबड्डी खेलते थे । सेना के कोचों ने अच्छी कद काठी देखकर उन्हें मुक्केबाजी खेलने का मौका दिया । वहीं जमैका की ओर से 1996 के बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले मुक्केबाज ब्राउन उद्घाटन समारोह में अपने देश के ध्वजवाहक थे । मैरीकॉम शाम के सत्र में रिंग में उतरीं और रोमांचक मुकाबले में वालेंसिया ने पहले राउंड में बढ़त का फायदा उठाकर जीत दर्ज की। मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा, ‘‘नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते। '' जब रैफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी। इस मुकाबले में एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखा, जिसमें मैरीकॉम ने वालेंसिया को गले लगाया और उन्होंने भी भारतीय मुक्केबाज के प्रति आदर दिखाने के लिये उनका हाथ उठाया।
- तोक्यो भारतीय मुक्केबाज पूजा रानी (75 किग्रा) ने बुधवार को यहां ओलंपिक खेलों में पदार्पण करते हुए शुरूआती मुकाबले में अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से पराजित कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। तीस साल की भारतीय ने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाये रखा।दो बार की एशियाई चैम्पियन दाहिने हाथ के सीधे दमदार मुक्कों से नियंत्रण बनाये हुए थीं और उन्हें चाएब के रिंग में संतुलन की कमी का भी काफी फायदा मिला। तीनों राउंड में रानी का दबदबा रहा जबकि चाएब भी अपना पहला ओलंपिक खेल रही थीं लेकिन वह मुक्के सही जगह नहीं जड़ पा रही थीं। रानी ने विपक्षी से दूरी बनाकर चतुराई भरा प्रदर्शन किया। रानी ने पूरी बाउट के दौरान जवाबी हमले किये जबकि चाएब भी दमदार मुक्के लगाने का प्रयास कर रही थीं लेकिन वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे। रानी का ओलंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। वह कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था। वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं।
- पुणे,। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। नाटेकर 88 बरस के थे। अपने करियर में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले नाटेकर उम्र संबंधित बीमारियों से पीडि़त थे। उनके परिवार में बेटा गौरव और दो बेटियां हैं। नाटेकर परिवार ने बयान में कहा बेहद दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे पिता नंदू नाटेकर का 28 जुलाई 2021 को निधन हो गया। बयान के अनुसार, कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए हम शोक सभा का आयोजन नहीं करेंगे। कृपया अपने विचारों और प्रार्थना में उन्हें याद रखें।अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाडिय़ों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे नाटेकर को 1961 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। नाटेकर ने 15 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान 1954 में प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और 1956 में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थॉमस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने 16 में से 12 एकल और 16 में से आठ युगल मुकाबले जीते थे। उन्होंने जमैका में 1965 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त कियाप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बैडमिंटन खिलाड़ी श्री नन्दू नाटेकर के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है।एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के खेल इतिहास में श्री नन्दू नाटेकर का एक विशेष स्थान है। वे बैडमिंटन के शानदार खिलाड़ी और महान कोच थे। उनकी सफलता से उदीयमान एथलीटों को प्रेरणा मिलती है। उनके निधन से दु:खी हूं। दु:ख की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों और मित्रों के साथ हूं। ओम् शांति!"
- तोक्यो। सोवियत संघ से स्वतंत्रता के बाद अस्तित्व में आये कम आबादी वाले देश तुर्कमेनिस्तान ने मंगलवार को ओलंपिक में अपना पहला पदक जीता। भारोत्तोलक पोलीना गुरेवा ने तोक्यो खेलों में इस मध्य एशियाई राष्ट्र के लिए रजत पदक हासिल किया। महिलाओं के 59 किग्रा में पदक जीतने वाली इस 21 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं काफी खुश हूं क्योंकि तुर्कमेनिस्तान के इतिहास में यह पहला ओलंपिक पदक है। तुर्कमेनिस्तान को किसी भी खेल को अभी तक एक पदक नहीं मिला था। '' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लग रहा है कि मैं तुर्कमेनिस्तान के इतिहास की हिस्सा बन गयी हूं।''गुरेवा ने कुल 217 किग्रा का भार उठाकर जापान की मिकिको अंदोह (214 किग्रा) को पछाड़ा। इस प्रतियोगिता का स्वर्ण ताइवान की क्यो ह्सिंग-चुन ने 236 किग्रा का भार उठाकर जीता।
- कोलंबो। हरफनमौला कृणाल पंड्या के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को होने वाला दूसरा टी20 क्रिकेट मैच एक दिन के लिये स्थगित कर दिया गया जबकि कृणाल सात दिन के पृथकवास के साथ श्रृंखला से बाहर हो गए । श्रीलंका के स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कृणाल 30 जुलाई को भारतीय टीम के बाकी सदस्यों के साथ स्वदेश लौट नहीं सकेंगे । उन्हें अनिवार्य पृथकवास पूरा करके नेगेटिव आरटी पीसीआर का इंतजार करना होगा । तीसरा और आखिरी टी20 मैच गुरूवार को होगा । तीन मैचों की यह श्रृंखला होगी क्योंकि कुछ और मामले भी आने पर भारतीय टीम के पास नेगेटिव आरटी पीसीआर के साथ इतने खिलाड़ी हैं कि टीम उतारी जा सकती है । कृणाल मंगलवार को पॉजिटिव पाये गए और पृथकवास पर हैं । पूरी टीम के आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार है । बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक बयान में कहा ,‘‘ भारत और श्रीलंका के बीच दूसरा टी20 मैच 27 जुलाई को होना था जो अब एक दिन के लिये आगे बढा दिया गया है । अब यह 28 जुलाई को होगा ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मंगलवार की सुबह मैच से पहले रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराया गया जिसमें कृणाल पंड्या की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है । मेडिकल टीमों ने आठ सदस्यों की पहचान की है जो करीबी संपर्क में थे ।'' सूत्र ने कहा ,‘‘‘ सब कुछ ठीक रहने पर बुधवार को मैच होगा । करीबी संपर्क में रहे आठ व्यक्तियों में अधिकांश खिलाड़ी हैं और पृथकवास में हैं । '' भारतीय टीम के एक सदस्य ने कहा ,‘‘हम सभी टेस्ट की रिपोर्ट आने तक अपने अपने कमरे में पृथकवास में हैं । भारत 20 सदस्यीय टीम और चार स्टैंडबाय नेट गेंदबाज लेकर आया है ।मैच यहां आर प्रेमदासा स्टेडियम पर होना है । अब बुधवार और गुरुवार को लगातार दो मैच होंगे ।भारत ने पहला टी20 38 रन से जीता था । यह समझ से परे है कि पिछले एक महीने से कड़े बायो बबल में रह रहे कृणाल पॉजिटिव कैसे हो गए । इससे पृथ्वी साव और सूर्यकुमार यादव की रवानगी पर भी असर पड़ सकता है जिन्हें इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने होने वाली टेस्ट श्रृंखला के लिये रवाना होना है ।
- तोक्यो। ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में करारी शिकस्त से उबरकर जोरदार वापसी करते हुए तोक्यो ओलंपिक की पुरुष हॉकी स्पर्धा के पूल ए में मंगलवार को यहां अपने तीसरे मैच में स्पेन को 3-0 से हराया। दुनिया की नौवें नंबर की टीम स्पेन के खिलाफ भारत की ओर से रूपिंदर (15वें और 51वें मिनट) ने दो जबकि सिमरनजीत सिंह (14वें मिनट) ने एक गोल दागा। दुनिया की चौथे नंबर की टीम भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर विजयी शुरुआत की थी लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में उसे 1-7 की करारी हार का सामना करना पड़ा था। स्पेन की टीम अब तक टूर्नामेंट में जीत दर्ज करने में नाकाम रही है। टीम ने अपने पहले मैच में अर्जेन्टीना से 1-1 से ड्रॉ खेला था जब दूसरे मैच में उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। भारत अपने अगले मैच में गुरुवार को गत ओलंपिक चैंपियन अर्जेन्टीना से भिड़ेगा।किसी भी टीम के लिए मनोबल तोड़ने वाली हार से एक दिन के भीतर उबरना बेहद मुश्किल होता है लेकिन स्पेन के खिलाफ मंगलवार को भारतीय टीम अधिक संगठित दिखी। इस जीत के बावजूद भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा कि टीम को बाकी बचे मैचों से पहले कमजोर पक्षों पर काम करने की जरूरत है जिसमें विरोधी टीम को पेनल्टी कॉर्नर गंवाना भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का नतीजा बेहतर रहा लेकिन सुधार के लिहाज से कई चीजों पर काम करने की जरूरत है। हमने काफी सारे कॉर्नर दिए, जब ऐसा होता है तो यह हमेशा चिंता की बात होती है। लेकिन रक्षण के हिसाब से टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।'' रीड ने कहा, ‘‘पहले क्वार्टर में हम काफी अच्छा खेले, हमने यही रणनीति बनाई थी। दूसरे और तीसरे क्वार्टर में हमने थोड़ा संघर्ष किया।'' मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम ने शुरुआत से ही विरोधी टीम पर दबाव बनाया और शुरुआती 10 मिनट में गेंद को अधिक समय तक अपने कब्जे में रखने में सफल रही। टीम हालांकि गोल करने का कोई वास्तविक मौका नहीं बना पाई। नौवें मिनट में भारत को बढ़त बनाने का मौका मिला लेकिन मनप्रीत के पास को सिमरनजीत गोल के अंदर डालने में विफल रहे। स्पेन की टीम धीरे-धीरे लय में लौटी और टीम ने 12वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया जो बर्बाद गया। पहले क्वार्टर के अंतिम लम्हों में भारत ने हमले तेज किए। टीम को इसका फायदा भी मिला जबकि स्पेन के रक्षण की कमजोरी का फायदा उठाकर अमित रोहिदास के पास पर सिमरनजीत ने गोलकीपर क्विको कोर्टेस को छकाकर गोल दाग दिया। भारत को अंतिम मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले। तीसरे पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के शॉट पर गेंद स्पेन के डिफेंडर से टकराई और भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे रूपिंदर ने गोल में बदलकर टीम की बढ़त को दोगुना कर दिया। दो गोल से पिछड़ने के बाद स्पेन ने दूसरे क्वार्टर में भारतीय रक्षा पंक्ति पर दबाव बनाया और अधिकांश समय खेल भारतीय हाफ में खेला गया। स्पेन को दबाव की रणनीति का फायदा तीसरे क्वार्टर में तीन पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन भारतीय रक्षा पंक्ति ने विरोधी टीम के सभी हमलों को नाकाम कर दिया। आस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी तरह से नाकाम रहे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश स्पेन के खिलाफ गजब की लय में दिखे और उन्होंने विरोधी टीम के कई हमलों को विफल किया। दो गोल की बढ़त के बाद भारतीय टीम चौथे और अंतिम क्वार्टर में रक्षात्मक खेल दिखाकर संतुष्ट थी। स्पेन ने इस बीच दबाव डालना जारी रखा। भारत को 51वें मिनट में मैच का चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे रूपिंदर ने गोल में बदलकर भारत को 3-0 से आगे कर दिया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ। स्पेन ने इसके बाद हमले तेज किए। टीम को 53वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन ड्रैगफ्लिकर पाउ क्युमादा श्रीजेश की अगुआई वाली भारतीय रक्षा पंक्ति को भेदने में नाकाम रहे। स्पेन को अंतिम मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस बार भी श्रीजेश ने क्युमादा के प्रयास को नाकाम कर दिया। श्रीजेश ने कहा कि वह पर्याप्त अनुभवी हैं कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ लचर प्रदर्शन के बाद वापसी कर पाएं। उन्होंने भारतीय रक्षा पंक्ति की सराहना की जो स्पेन के दबाव का सामना करने में सफल रही। श्रीजेश ने कहा, ‘‘गोलकीपर का काम दबाव झेलना है। मुझे लगता है कि जब आप पर्याप्त अनुभवी हो जाते हो तो आप दबाव को झेलने और टीम को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया के खिलाफ रक्षापंक्ति का प्रदर्शन काफी खराब रहा लेकिन आज उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना काम अच्छी तरह किया और हमने कोई गोल नहीं खाया जो सबसे महत्वपूर्ण है।'' भारतीय गोलकीपर ने कहा, ‘‘अगर आप अतीत के मैच को भुलाकर वापसी करते हुए बेहतर खेल दिखाते हैं तो यह हमारे खेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है।''
- नयी दिल्ली। ओलंपिक भारोत्तोलन में इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने भारत लौटने के बाद अपना रजत पदक सोमवार को देशवासियों के नाम किया। खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मीराबाई ने कहा, ‘‘मैं इस पदक को भारतवासियों को समर्पित करना चाहती हूं । यह पदक मैं उन सबको समर्पित करती हूं जिन्होंने मेरी हौसला अफजाई की, जिन्होंने मेरे लिये प्रार्थना की।'' मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री और खेल मंत्री को शुक्रिया बोलना चाहूंगी। उन्होंने मुझे बहुत कम समय में अभ्यास के लिए अमेरिका भेजा था। सभी तैयारियों को एक दिन में पूरा किया गया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘उनके कारण ही मुझे अच्छा प्रशिक्षण मिला और मैं पदक जीतने में सफल रही। मेरी सफलता का श्रेय टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) जैसी योजनाओं को भी जाता है।'' इस मौके पर उनके कोच विजय शर्मा ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है अब आने वाले समय में भारतीय खिलाड़ी और पदक जीतेंगे। मीराबाई और उनके कोच को सम्मानित करने के लिये आयोजित कार्यक्रम में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर , खेल राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक के साथ किरेन रीजीजू, सर्बानंद सोनोवाल और जी कृष्ण रेड्डी जैसे अन्य केन्द्रीय मंत्री थे। रीजीजू और सोनोवाल पहले खेल मंत्री रह चुके है। ठाकुर ने हिमाचली टोपी, शॉल पहनाकर चानू और उनके कोच को सम्मानित किया।खेल मंत्री ठाकुर ने कहा कि मीराबाई ने ओलंपिक के पहले दिन पदक जीता जिससे देश के दूसरे खिलाड़ियों का मनोबल काफी बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘ ओलंपिक खेलों के पहले दिन आप ने पदक जीत कर बाकी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया है। आपकी इस उपलब्धि से बाकी खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।'' मीराबाई का स्वदेश लौटने पर हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। उन्होंने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘‘ इतने प्यार और समर्थन के बीच यहां वापस आकर खुशी हो रही है। बहुत - बहुत धन्यवाद।'' इस 26 वर्षीय खिलाड़ी का ‘भारत माता की जय' के नारों से स्वागत किया गया और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उनका अभिनंदन किया। इस से पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू को राज्य पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें एक करोड़ रुपये का इनाम भी देगी।
- नयी दिल्ली। तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू सोमवार को स्वदेश लौटी तो हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। चानू सुरक्षाकर्मियों के बीच इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकली, जहां उनके चेहरे पर मास्क और फेस शील्ड लगा था। उन्होंने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘‘ इतने प्यार और समर्थन के बीच यहां वापस आकर खुशी हो रही है। बहुत - बहुत धन्यवाद।'' इस 26 वर्षीय खिलाड़ी का ‘भारत माता की जय' के नारों से स्वागत किया गया और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उनका अभिनंदन किया। मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक जीता था। इस शानदार प्रदर्शन से उन्होंने 2016 के खेलों की निराशा को दूर किया जहां वह एक भी वैध भार उठाने में विफल रही थी। चानू पूर्व विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भी रह चुकी हैं। वह इन खेलों से पहले अमेरिका में अभ्यास कर रही थी और अपने आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन के साथ पदक की उम्मीदों पर खरी उतरी।
- तोक्यो। भारत सरकार ने रविवार को कहा कि तोक्यो ओलंपिक से लौट रहे खिलाडिय़ों, अधिकारियों और मीडिया को जापान की राजधानी से रवाना होने से पहले कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल द्वारा एक आधिकारिक पत्र में इस फैसले की सूचना दी गई। इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने सरकार से अनुरोध किया था कि ओलंपिक दल का टीकाकरण हो चुका है और तोक्यो में नियमित तौर पर कोरोना टेस्ट हो रहे थे तो उन्हें स्वदेश लौटने पर आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने से छूट दी जाये । स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने हालांकि कहा कि केवल उन व्यक्तियों को ही फ्लाइट पर चढऩे की अनुमति दी जायेगी जो भारत के लिये रवाना होने से पूर्व लार की जांच में नेगेटिव आयेंगे। इसके अलावा तोक्यो से लौटने वाले सभी लोगों का भारत पहुंचने पर दोबारा परीक्षण किया जायेगा।खेल मंत्रालय को भेजे गये इस पत्र में लिखा गया, ''फ्लाइट में केवल उन्हीं व्यक्तियों को चढऩे की अनुमति दी जायेगी जिन्हें बीमारी के कोई लक्षण नहीं होंगे। '' इसके अनुसार, ''दल का हालांकि लौटने पर दोबारा परीक्षण किया जायेगा और उन्हें नमूना देने के बाद इसी शर्त पर हवाई अड्डे से निकलने की अनुमति दी जायेगी कि उन्हें 14 दिन के लिये अपने स्वास्थ्य पर स्वयं निगरानी रखनी होगी। ''तोक्यो ओलंपिक प्रोटोकॉल के तहत खिलाडिय़ों का रोज एंटीजन टेस्ट होता था और पॉजिटिव आने पर आरटी पीसीआर टेस्ट होता था । खिलाडिय़ों को अपनी स्पर्धा पूरी होने के 48 घंटे के भीतर ही तोक्यो छोडऩा भी है । बत्रा ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे जापानी सरकार से भारतीय दल को कोरोना जांच के बिना रवानगी की अनुमति देने के लिये कहे । रजत पदक विजेता मीराबाई चानू समेत भारोत्तोलन दल सोमवार को रवाना होगा । बत्रा ने बताया कि जापान से एयर इंडिया, विस्तारा, आल निप्पोन एयरलाइंस और जापान एयरलाइंस की उड़ानें आयेंगी । उन्होंने इन एयरलाइंस से भी भारतीय दल को बिना आरटी पीसीआर रिपोर्ट के यात्रा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था ।
- नयी दिल्ली। ओलंपिक खेलों में एक बार अपने देश का प्रतिनिधित्व करना ही दुनिया के हर खिलाड़ी का सपना होता है, लेकिन तोक्यो ओलंपिक खेलों के आधिकारिक उद्घाटन से तीन दिन पहले ही ब्राजील की महिला फुटबॉल खिलाड़ी मार्टा वाइरा दा सिल्वा लगातार पांच ओलंपिक खेलों में गोल करने का अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। अगस्त 2016 में रिओ दी जनेरियो ओलंपिक खेलों में आठ ओलंपिक ध्वज वाहकों में से एक रहीं मार्टा ने तोक्यो ओलंपिक खेलों की महिला फुटबॉल स्पर्धा के पहले मैच में चीन के खिलाफ दो गोल कर अपनी टीम की 5-0 की जीत में शानदार योगदान दिया। दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार पेले ने मार्टा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और उन्हें ‘प्रेरणा' बताया। मार्टा दुनिया की पहली फुटबॉल खिलाड़ी हैं, जो लगातार पांच ओलंपिक खेलों में गोल कर अपने ढेरों रिकॉर्ड की श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ चुकी हैं। 19 फरवरी 1986 को जन्मी मार्टा वाइरा दा सिल्वा के पास ब्राजील और स्वीडन की नागरिकता है तथा वह इन दोनों देशों ही नहीं, बल्कि विश्व फुटबाल के लिए एक अनमोल धरोहर हैं। ब्राजील में वह नेशनल वुमन सॉकर लीग में ओरलैंडो प्राइड की तरफ से खेलती हैं और ब्राजील की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में फॉरवर्ड खिलाड़ी के तौर पर एक अहम भूमिका निभाती हैं। ब्राजील के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में उनका नाम सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर दर्ज है और वह अपने देश के लिए अब तक कुल 111 गोल कर चुकी हैं। फीफा विश्व कप टूर्नामेंट में भी उनके 17 गोल दुनिया के किसी भी खिलाड़ी (महिला अथवा पुरुष) द्वारा इस प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धा में किए गए सबसे ज्यादा गोल हैं। फुटबॉल के पांच विश्व कप टूर्नामेंट में भी गोल करने वाली वह पहली खिलाड़ी हैं। हालांकि 2019 में क्रिस्टीन सिंक्लेयर ने भी यह उपलब्धि हासिल की। पांच फुट चार इंच की मार्टा 10 नंबर की जर्सी पहनती हैं और उन्हें एक चपल, तेज-तर्रार, आक्रामक और कुशल खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता है। उनके चाहने वाले उनकी तुलना रोनाल्डिन्हो, रोमारियो और पेले से भी करते हैं। पेले खुद उनके खेल से इतने मुत्तासिर हैं कि उन्हें ‘‘पेले विद स्कर्ट्स'' कहते हैं। ड्रिब्लिंग के समय मार्टा की तेजी अत्यंत लाजवाब होती है। आक्रामक मिडफील्डर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाली मार्टा ने बाद में फॉरवर्ड और मुख्य हमलावर खिलाड़ी के तौर पर खेलना शुरू किया। हालांकि वह विभिन्न आक्रामक पोजीशंस पर खेलने में माहिर हैं। फुटबॉल से मार्टा का रिश्ता दो दशक पुराना है और उतना ही पुराना है उनके रिकॉर्ड तथा उपलब्धियों का सिलसिला। क्लब स्तर पर खेलते हुए उन्होंने 2004 में स्वीडिश क्लब में यूईएफए महिला कप जीता और देश की विभिन्न टीमों की तरफ से खेलते हुए सात बार स्वीडिश लीग चैंपियनशिप जीतने में अहम भूमिका निभाई। फीफा के 2004 अंडर-19 महिला विश्व कप की उस तेज तर्रार खिलाड़ी का खेल आज भी लोगों की आंखों के सामने है, जिसे गोल्डन बॉल अवार्ड देकर टूर्नामेंट का बेस्ट प्लेयर आंका गया था और 2007 के महिला विश्व कप में बिजली की तरह दौड़ती मार्टा के कदमों की फुर्ती और विपक्षी को गच्चा देकर गोल करने के हुनर को भला कौन भूल सकता है, जिसके दम पर वह गोल्डन बॉल और गोल्डन बूट अवार्ड अपने नाम करने में कामयाब रहीं। वर्ष 2004 और 2008 में ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाली ब्राजील की महिला फुटबाल टीम का हिस्सा रहीं मार्टा को छह बार फीफा का वर्ल्ड प्लेयर घोषित किया गया। इनमें 2006 से 2010 के बीच लगातार पांच साल तक यह खिताब उनके नाम रहा। छठी बार 2018 में उन्होंने यह दर्जा एक बार फिर हासिल किया। इस दौरान जनवरी 2013 में मार्टा को ब्राजील में 2014 फीफा विश्व कप मुकाबले के छह राजदूतों में शुमार किया गया। उनके अलावा इस सूची में अमारिल्डो, बेबेटो, कार्लोस अल्बर्टो टोरेस, रोनाल्डो और मारिओ जगालो का नाम था। उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए निर्धारित किए गए 17 वैश्विक लक्ष्यों का पक्षधर नियुक्त कर एक और बड़ा सम्मान दिया।
- तोक्यो । ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारतीय भारोत्तोलन में नया इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि वह अब अभ्यास की परवाह किये बिना अपने परिजनों के साथ छुट्टियां बिता सकती हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षों में वह केवल पांच दिन के लिये मणिपुर स्थित अपने घर जा पायी। चानू ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में मैं केवल पांच दिन के लिये घर जा पायी थी। अब मैं इस पदक के साथ घर जाऊंगी। '' उनका परिवार नोंगपोक काकचिंग गांव में रहता है जो इंफाल से लगभग 20 किमी दूर है। चानू ने कहा, ‘‘अब मैं घर जाऊंगी और मां के हाथ का बना खाना खाऊंगी। ''चानू ने खुलासा किया कि रियो ओलंपिक खेलों में असफल रहने के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और तकनीक पूरी तरह से बदल दी थी ताकि वह तोक्यो में अच्छा प्रदर्शन कर सके। चानू ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा आयोजित वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ओलंपिक पदक जीतने का मेरा सपना आज पूरा हो गया। मैंने रियो में काफी कोशिश की थी लेकिन तब मेरा दिन नहीं था। मैंने उस दिन तय किया था कि मुझे तोक्यो में खुद को साबित करना होगा। '' मीराबाई को पांच साल पहले रियो में भी पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में वैध वजन उठाने में असफल रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उस दिन काफी सबक मिले थे। मेरी ट्रेनिंग और तकनीक बदल गयी थी। हमने उसके बाद काफी कड़ी मेहनत की। '' चानू ने कहा, ‘‘रियो में मैं उस दिन काफी निराश थी। मुझ पर काफी दबाव था और मैं नर्वस हो गयी। मैं कई दिनों तक कुछ समझ नहीं पायी लेकिन इसके बाद कोच सर और महासंघ ने मुझे दिलासा दिया कि मैं क्षमतावान हूं।'' मुख्य कोच विजय शर्मा ने भी खुलासा किया कि रियो के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन पर काफी दबाव था। उन्होंने कहा, ‘‘रियो की असफलता के बाद मुझ पर भी काफी दबाव था। हम सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में नाकाम रहे थे। हमसे तब भी पदक की उम्मीद की जा रही थी।'' तोक्यो में स्वयं को साबित करने के लिये प्रतिबद्ध चानू और शर्मा ने इसके बाद इस मणिपुरी खिलाड़ी की ट्रेनिंग और तकनीक में काफी बदलाव किये। शर्मा ने कहा, ‘‘इसके बाद हमने अभ्यास के तरीकों में काफी बदलाव किये। इसके बाद हमने 2017 में विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे परिणाम देखे। उसने पिछले छह वर्षों में अभ्यास के अलावा कुछ नहीं किया है।
- तोक्यो । एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन मदद से न्यूजीलैंड को 3 . 2 से हराकर तोक्यो ओलंपिक में जीत के साथ शुरूआत की । पिछले चार दशक में पहला ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश में जुटी भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए ग्रुप ए का यह मुकाबला जीता । कई वीडियो रेफरल के बीच खेले गए मैच में आखिरी मिनट में न्यूजीलैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे श्रीजेश ने गोल में नहीं बदलने दिया । न्यूजीलैंड के लिये छठे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ केन रसेल ने गोल किया । भारत के लिये रूपिंदर पाल सिंह ने दसवें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर बराबरी का गोल दागा । ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने 26वें और 33वें मिनट में गोल किये । न्यूजीलैंड के लिये दूसरा गोल 43वें मिनट में स्टीफन जेनिस ने दागा ।
- तोक्यो। सुमित नागल ओलंपिक में 25 साल में पुरूष एकल स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बन गए जिन्होंने तोक्यो खेलों में डेनिस इस्तोमिन को तीन सेटों में हराया । नागल ने दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में इस्तोमिन को 6 . 4, 6 . 7, 6 . 4 से मात दी । अब उनका सामना दूसरे दौर में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव से होगा । जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस पुरूष एकल स्पर्धा में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था । उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था । पेस के बाद से कोई भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में एकल मैच नहीं जीत सका है । सोमदेव देववर्मन और विष्णु वर्धन लंदन ओलंपिक 2012 में पहले दौर में ही हार गए थे ।नागल ने मैच के बाद कहा, ''दूसरा सेट 5-3 से गंवाने के बाद इस तरह के गर्म मौसम में वापसी करना आसान नहीं था। मैं देश की तरफ से खेल रहा था और इससे मुझे प्रेरणा मिली। मैं नहीं जानता कि यदि मैं चैलेंजर में खेल रहा होता तो मैं क्या करता। मैं कोर्ट से खुश होकर लौटा।'' उन्होंने कहा, ''यहां वास्तव में काफी गर्मी और उमस है। ऐसे मौसम में खेलना बहुत मुश्किल है विशेषकर दोपहर 12 बजे के आसपास स्थिति बुरी होती है। इसलिए मैं सर्विस पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था। यह चुनौतीपूर्ण है और मैं क्ले कोर्ट से हार्ड कोर्ट पर सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहा हूं।'' अब उनके सामने आस्ट्रेलियाई ओपन के उप विजेता मेदवेदेव की कड़ी चुनौती होगी जिन्होंने कजाखस्तान के अलेक्सांद्र बुबलिक को 6-4, 7-6(8) से हराया।नागल ने कहा, ''मैं बड़े कोर्ट पर विश्व के नंबर दो खिलाड़ी के खिलाफ इस मैच को लेकर बेहद उत्साहित हूं। इसके लिये हम टेनिस खेलते हूं। मैं इस मैच के लिये तैयार हूं। '' नागल ओलंपिक से पहले अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे । उन्हें पहले सेट के छठे गेम में इस्तोमिन की सर्विस तोडऩे का मौका मिला जो उन्होंने गंवा दिया । इस्तोमिन की सर्विस तोड़कर उन्होंने पहला सेट जीत लिया । दूसरे सेट में भी वह 4 . 1 से आगे थे, लेकिन दबाव उन पर हावी हो गया और अपनी सर्विस नहीं बचा सके । इस्तोमिन ने मुकाबला टाइब्रेकर तक खींचा । आखिरी सेट में नागल ने लय बरकरार रखी ।
- -26 से 31 जुलाई तक सोनीपत, हरियाणा में होगी स्पर्धादुर्ग । भिलाई इस्पात संयंत्र ने सदैव ही खेलों के संवर्धन हेतु प्रयास किया है। जिसके फलस्वरूप भिलाई से अनेक खेल प्रतिभाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर भिलाई का नाम रोशन किया है। इसी क्रम में सोनीपत, हरियाणा में 26 से 31 जुलाई के मध्य जूनियर मेन नेशनल मुक्केबाजी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्टील प्लांट स्पोर्टस् बोर्ड (एसपीएसबी) की ओर से मुक्केबाजी टीम इस प्रतियोगिता में भाग लेने जा रही है। इस प्रतियोगिता हेतु सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्कृष्ट कोच द्वारा प्रशिक्षित 3 होनहार बच्चों का चयन इस राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता हेतु किया गया है।इनमें 48 किलोग्राम वर्ग में हैप्पी पब्लिक स्कूल, वैशाली नगर के 11 वीं के छात्र हर्ष सिन्हा, 52 किलोग्राम वर्ग में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल, सेक्टर-6 के 12 वीं के छात्र रोहित कुमार सोना तथा 63 किलोग्राम वर्ग में विवेकानन्द विद्यापीठ, सेक्टर-2 के 10 वीं के छात्र बृजेश गुप्ता का चयन जूनियर मेन नेशनल मुक्केबाजी हेतु स्टील प्लांट स्पोट्र्स बोर्ड (एसपीएसबी) की मुक्केबाजी टीम में किया गया।सेल-बीएसपी के क्रीडा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधा विभाग के उप महाप्रबंधक तथा पूर्व ओलंपियन राजेन्द्र प्रसाद ने चयनित खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए कहा कि ये तीनों खिलाड़ी 24 जुलाई, को सोनीपत, हरियाणा के लिये रवाना होंगे। हमें विश्वास है कि वे अपने-अपने वर्ग में बेहतर प्रदर्शन कर भिलाई का नाम रोशन करेंगे। इसके साथ ही इस्पात परिवार के इस उपलब्धि पर संयंत्र के उच्च प्रबंधन ने भी खुशी जाहिर करते हुए शुभकामनाएं दी है।
- नई दिल्ली। भारतीय महिला स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। मीराबाई ने 49 किलोग्राम वर्ग में पदक अपने नाम किया।मीराबाई चानू ने ओलिंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का इंतजार खत्म किया। चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था। चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।मीराबाई 2017 में वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप (48 किलो) की चैम्पियन बनी थीं। उन्होंने इस साल अप्रैल में में 86 किलो स्नैच और वल्र्ड रेकॉर्ड 119 किलो वजन उठाकर खिताब जीता था। उन्होंने कुल 205 किलो वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था।चानू के 2016 के रियो ओलिंपिक निराशाजनक रहा था। लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने खेल में लगातार सुधार किया। उन्होंने 2017 में वल्र्ड चैंपियनशिप और 2018 में कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता था।26 वर्षीय चानू बीते ओलिंपिक से अब तक अपने खेल में काफी सुधार किया है। उन्होंने अपनी तकनीक में काफी सुधार किया है। चानू 1 मई को स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग की ट्रेनिंग करने के लिए अमेरिका चली गई थी। उन्होंने अपने कोच डॉक्टर आरोन हार्सचिंग के साथ ट्रेनिंग की। उन्होंने वहां अपने कंधे की चोट का इलाज भी करवाया। मीराबाई अमेरिका से सीधा जापान ओलिंपिक के लिए पहुंचीं।
- बुडापेस्ट । भारत की युवा पहलवान तनु और प्रिया विश्व चैम्पियन बन गए जिन्होंने कैडेट विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब जीता । तनु ने कल देर रात हुए मुकाबले में एक भी अंक नहीं गंवाते हुए 43 किलोवर्ग में खिताब अपने नाम किया । उसने फाइनल में बेलारूस की वालेरिया मिकिसिच को मात दी । प्रिया ने 73 किलोवर्ग में बेलारूस की सेनिया पाटापोविच को 5 . 0 से हराकर खिताब जीता । अमन गुलिया (48 किलो) और सागर जगलान (80 किलो) ने पुरूष वर्ग में खिताब जीते । भारत ने पहली बार इस टूर्नामेंट में टीम चैम्पियनशिप अपने नाम की । वर्षा ने 65 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता । भारत 147 अंक लेकर अमेरिका (143) और रूस (140) से आगे रहा । भारत की कोमल शनिवार को विश्व खिताब की दौड़ में होगी जिसने बेलारूस की स्वियातलाना कातेंका को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराकर 46 किलो के फाइनल में प्रवेश किया । उनका सामना अजरबैजान की रूजाना मामादोवा से होगा ।
- सोनीपत। हरियाणा की 12 महिला मुक्केबाजों और सेना खेल नियंत्रण बोर्ड (एसएससीबी) के नौ पुरुष मुक्केबाजों ने गुरुवार को यहां चौथी युवा पुरुष और महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली। एसएससीबी के विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा) ने अपने तेज तर्रार प्रदर्शन के दम पर पंजाब के गोपी को हराया। सभी जजों ने सुरेश के पक्ष में फैसला दिया। अगले दौर के मुकाबले में उनका सामना आंध्र प्रदेश के उपेंद्र चल्ला से होगा। युवा विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके विश्वामित्र चोंगथम (51 किग्रा) ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हरियाणा के रमन पर 5-0 के अंतर की जीत दर्ज की। अब वह स्वर्ण पदक के लिए हिमाचल प्रदेश के अभिनव कटोच से भिड़ेंगे। फाइनल में जगह बनाने वाले एसएससीबी के सात अन्य मुक्केबाज विक्टर सिंह (54 किग्रा), विजय सिंह (57 किग्रा), रबीचंद्र सिंह (60 किग्रा), सनतोई मैतेई (63 किग्रा), अंजनी कुमार (67 किग्रा), जयदीप रावत (71 किग्रा), दीपक (75 किग्रा) रहे। महिला वर्ग में 2021 की युवा विश्व चैंपियन गीतिका (48 किग्रा) ने दिन के पहले मुकाबले में उत्तर प्रदेश की रागिनी उपाध्याय के खिलाफ एकतरफा अंदाज में 5-0 की जीत के साथ हरियाणा के लिए माहौल तैयार किया। गीतिका ने दूरी बनाते हुए रागिनी का सामना किया औऱ तीन राउंड के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी पर कई जानदार घूंसे मारे। अब फाइनल में उनका सामना उत्तराखंड की निवेफिता कार्की से होगा। हरियाणा की नीरू खारती को 52 किग्रा फ्लाईवेट वर्ग के सेमीफाइनल में पहले राउंड में उत्तर प्रदेश की आंचल सिंह की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन नीरू ने और अगले दो राउंड में जजों को संतुष्ट करने वाला प्रदर्शन कर 5-0 से जीत हासिल की। सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने वाली हरियाणा की अन्य मुक्केबाज तमन्ना (50 किग्रा), नेहा (54 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), मुस्कान (66 किग्रा), सनेहा (75 किग्रा), निधि (81 किग्रा) , लशु यादव (70 किग्रा) और दीपिका (+81 किग्रा) हैं। पुरुष और महिला दोनों वर्ग के फाइनल मुकाबले शुक्रवार को खेले जाएंगे।