जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का मरम्मत कार्य पूरा,सरकारी मंजूरी के बाद वस्तु सूची बनायी जाएगी: एएसआई
पुरी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार या खजाना कक्ष की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया है और वस्तु सूची संबंधी कार्य राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद शुरू किया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह घोषणा श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरविंद पाधी और एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डी. बी. गरनायक ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में की। भारतीय पुरातत्व संस्थान ही 12वीं सदी के पुरी जगन्नाथ मंदिर का संरक्षक है। श्री जगन्नाथ मंदिर का बाहरी चैंबर भगवान की पूजा और त्योहारों पर इस्तेमाल होने वाले रत्नों को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सबसे ज्यादा महंगे और सोने-चांदी और हीरे के आभूषण अंदरुनी चैंबर में रखे जाते हैं। अंदरुनी चैंबर बीते 46 वर्षों से नहीं खोला गया था। बीते साल अंदरुनी चैंबर की मरम्मत और उसमें रखे हीरे जेवरात की गिनती के लिए इसे खोला गया। आईएएस अधिकारी और मंदिर के प्रमुख प्रशासक अरबिंद पधी ने बताया कि मंदिर के अंदरुनी चैंबर की मरम्मत और पुनिर्माण का काम पुरातत्व संस्थान ने किया, जिसमें 95 दिनों का समय लगा। करीब 80 लोगों की टीम ने भगवान के खजाने को संरक्षित किया।
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