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सिडनी. महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रविवार को भारतीय बल्लेबाजों से बिना किसी बहाने के रणजी ट्रॉफी में खेलने का आग्रह किया जिससे कि तकनीकी कमियों को दूर किया जा सके जिसके कारण न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को लगातार दो श्रृंखला में हार झेलनी पड़ी। गावस्कर ने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई श्रृंखला में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन चिंताजनक है। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ स्वदेश में 0-3 से क्लीरनस्वीप का सामना करना पड़ा था जबकि ऑस्ट्रेलिया में टीम को 1-3 से हार झेलनी पड़ी। गावस्कर ने ‘स्टार स्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘23 जनवरी को रणजी ट्रॉफी का अगला दौर है। देखते हैं कि इस टीम के कितने खिलाड़ी खेलते हैं। नहीं खेल पाने का कोई बहाना नहीं होना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप उन मुकाबलों में नहीं खेलते हैं तो गौतम गंभीर को उन खिलाड़ियों के खिलाफ कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो रणजी ट्रॉफी के लिए उपलब्ध नहीं हैं।'' गावस्कर ने कहा, ‘‘गंभीर को कहना चाहिए: ‘तुम्हारे पास वह प्रतिबद्धता नहीं है। हमें प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। तुम खेल नहीं रहे हो। तुम जो करना चाहते हो, करो। लेकिन भारतीय क्रिकेट के लिए तुम टेस्ट टीम में वापस नहीं आ सकते'।'' गावस्कर ने कहा कि उपलब्ध अवसरों पर घरेलू क्रिकेट नहीं खेलने के कारण भारतीय बल्लेबाजों के रवैये में खामियां आ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो देखा वह तकनीकी कमियां थीं। यदि आप समान गलतियां कर रहे हैं और मैं केवल इस श्रृंखला के बारे में बात नहीं कर रहा हूं - मैं न्यूजीलैंड श्रृंखला के बारे में भी बात कर रहा हूं - आपने भारत में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्या किया?'' गावस्कर ने कहा कि आगामी 2025-2027 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र को देखते हुए घरेलू क्रिकेट महत्वपूर्ण हो जाता है और भारत को अब यशस्वी जायसवाल और नितीश कुमार रेड्डी जैसे युवा क्रिकेटरों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वे भारत और खुद के लिए नाम कमाने के लिए भूखे हैं। ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है। आपको ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो अपने विकेट की रक्षा अपनी जान की तरह करें।'' गावस्कर ने कहा, ‘‘इसलिए मुझे दिलचस्पी है कि 23 जनवरी को रणजी ट्रॉफी मैचों में कौन खेलेगा? मैं यह देखना चाहता हूं। क्योंकि उस समय इंग्लैंड के खिलाफ टी20 मैच होंगे। लेकिन जो लोग टी20 नहीं खेल रहे हैं वे रणजी ट्रॉफी मैच खेलेंगे या नहीं?
- सिडनी। तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा शनिवार को कहा कि कप्तान जसप्रीत बुमराह की पीठ में ऐंठन है और भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट में लक्ष्य का बचाव करते समय मेडिकल स्टाफ से इस स्टार तेज गेंदबाज की उपलब्धता को लेकर जानकारी का इंतजार कर रही है। बुमराह चोट के कारण एहतियाती स्कैन (जांच) कराने के बाद ड्रेसिंग रूम में लौट आए। उन्हें यहां लंच के बाद केवल एक ओवर गेंदबाजी करने के बाद मैदान से बाहर जाना पड़ा था। इस टेस्ट में बुमराह की गेंदबाजी भारत के लिए काफी अहम होगी क्योंकि टीम ने अपनी दूसरी पारी में 141 रन पर छह विकेट गंवा दिये है और उसकी कुल बढ़त सिर्फ 145 रन की है। कृष्णा ने दूसरे दिन के खेल के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ उनकी पीठ में ऐंठन थी। वह स्कैन के लिए गए थे। मेडिकल टीम उनकी निगरानी कर रही है। जब मेडिकल टीम हमें कोई जानकारी देगी तभी इस बारे में कुछ पता चलेगा।'' बुमराह कुल मिलाकर तीन घंटे और 20 मिनट तक मैदान से दूर रहे, लेकिन उनकी वापसी से ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी से पहले भारतीय खेमे की चिंताएं कम हो सकती हैं। बुमराह की अनुपस्थिति में विराट कोहली ने टीम का नेतृत्व किया।बुमराह इससे पहले पीठ के निचले हिस्से में चोट के कारण 2022 और 2023 के बीच लगभग एक साल तक क्रिकेट से बाहर रहे थे। श्रृंखला में पहले ही 32 विकेट ले चुके बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 10 ओवरों में 33 रन देकर दो विकेट लिए। उन्होंने सुबह के सत्र में मार्नस लाबुशेन का विकेट लिया था। लंच के बाद अपने स्पैल में एक ओवर फेंकने के बाद बुमराह को कुछ असुविधा महसूस हुई।उन्होंने कोहली से बात की और मैदान से बाहर चले गए और फिर आधिकारिक प्रसारकों ने उन्हें टीम के सुरक्षा संपर्क अधिकारी और टीम डॉक्टर के साथ मैदान से बाहर जाते हुए दिखाया। ‘फॉक्स स्पोर्ट्स' के दृश्यों में उन्हें एक एसयूवी में स्टेडियम से बाहर निकलते हुए दिखाया गया।
- नयी दिल्ली। अर्जुन पुरस्कार के लिए चुनी गयी पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी नित्या श्री सुमति सिवन को अब भी स्कूल के वे आंसू भरे दिन याद हैं अपने ऊपर कसी गयी फब्तियों से निराश होकर वह अवसाद में रहने लगी थी। इस 19 साल की खिलाड़ी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार निराशा के उन दिनों को देखते हुए उचित सम्मान की तरह है। नित्या ने ‘ कहा, ‘‘जब मैं छठीं या सातवीं कक्षा में थी तब मेरा शारीरिक विकास रुक गया था। स्कूल में मेरे खिलाफ शरारत होती थी। मैं बहुत दुखी रहती थी। मैं परेशानी होकर हर छोटी-छोटी बात पर रोती रहती थी। यह पुरस्कार उन लोगों को जवाब है कि मैं भी कुछ कर सकती हूं और बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकती हूं।''उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने कई साथी खिलाड़ियों को देखा है जो पुरस्कार जीत रहे हैं और उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। इसलिए राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक प्राप्त करना बहुत प्रतिष्ठित है।'' इस युवा खिलाड़ी ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। सभी पदक और पुरस्कार मेरे लिए उपहार की तरह हैं। यह मेरी कड़ी मेहनत, खेल के प्रति समर्पण, हर दिन अभ्यास करने, हर चीज का पालन करने और अनुशासित रहने को मान्यता प्रदान करता है।'' तमिलनाडु के होसुर में जन्मी और पली-बढ़ी नित्या जब सिर्फ एक साल की थी, तब उनकी मां का निधन हो गया था। पिता और दादी ने उनका लालन-पालन किया और इस दौरान उनके भाई ने उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अक्सर घर के अंदर रहती थी। मेरे पिता मुझे खेलने के लिए लगातार प्रेरित करते थे ताकि मैं घर से बाहर निकलने में संकोच न करूं। इसमें बैडमिंटन ने मेरी मदद की है। मैं अब वास्तव में स्वतंत्र महसूस करती हूं। बैडमिंटन खेलने से पहले, मैं वास्तव में ज्यादा बात नहीं करती था लेकिन अब बिना किसी झिझक के मैं लोगों से बात करती हूं।'' एशियाई पैरा खेलों (2022) में तीन कांस्य पदक जीतने वाली नित्या के पिता को खेलों से काफी लगाव है। उनके भाई ने भी जिला स्तर पर क्रिकेट खेला है। नित्या ने भी पहले क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिताजी हर रविवार को एक बड़ी टीम के साथ क्रिकेट खेलते थे और मैं उनके साथ देखने जाती थी। मेरा भाई जिला स्तर का खिलाड़ी था और मैं भी उसके साथ उसकी अकादमी में जाती थी कभी-कभी, हम गली क्रिकेट खेलते थे। जब मैंने क्रिकेट अपनाने पर विचार किया, तो वह कोई महिला खिलाड़ी नहीं थी।'' रियो ओलंपिक के दौरान उन्होंने पहली बार बैडमिंटन देखा और उसके बाद सब कुछ बदल गया। यह उनका पसंदीदा खेल और फिर जूनून बन गया। नित्या ने कहा, ‘‘मेरे भाई ने फिटनेस के लिए बैडमिंटन चुना और मैं भी उनके साथ जुड़ गयी। 2016 में सिंधु को देखकर मुझे प्रेरणा मिली और मैंने अपने दोस्तों के साथ गली की सड़कों पर बैडमिंटन खेलना शुरू किया। इससे अभ्यास में मेरी रुचि जगी और मैंने सप्ताह में दो बार अभ्यास करना शुरू कर किया। यह समय के साथ धीरे-धीरे दैनिक सत्र में बढ़ता गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड के दौरान मैं अभ्यास नहीं कर सकी थी। महामारी खत्म होने के बाद मैंने फिर से खेल शुरू किया और पैरा बैडमिंटन में प्रशिक्षण के लिए लखनऊ (भारतीय टीम के मुख्य कोच गौरव खन्ना के अधीन) चली गयी।'' नित्या ने इसके बाद अपने गृह नगर के निकट होने के कारण हाल ही में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (पीपीबीए) में प्रशिक्षण शुरू किया है। भविष्य की योजना पूछे जाने पर नित्या ने कहा, ‘‘ एशियाई चैंपियनशिप इस साल प्रमुख पैरालंपिक आयोजनों में से एक होगी। अगले साल विश्व चैम्पियनशिप है। मेरा लक्ष्य 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक अपने खेल के चरम पर पहुंचने का है।'
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सिडनी. भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम की ‘बहस' सार्वजनिक नहीं होनी चाहिये और उन्होंने अपने खिलाड़ियों से ‘ईमानदारी' से बातचीत की क्योंकि प्रदर्शन ही उन्हें टीम में बनाये रख सकता है । गंभीर ने इन सवालों को भी दरकिनार किया कि खराब फॉर्म से जूझ रहे कप्तान रोहित शर्मा को आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट के लिये अंतिम एकादश में जगह मिलेगी या नहीं । ड्रेसिंग रूम में तनाव की रिपोर्ट के बीच गंभीर ने कहा कि वे सिर्फ रिपोर्ट हैं, सच नहीं ।
गंभीर ने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा , इतना ही कह सकता हूं कि ईमानदारी से बात हुई । बड़ी चीजें हासिल करने के लिये ईमानदारी बहुत महत्वपूर्ण है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ जब तक ईमानदार लोग ड्रेसिंग रूम में हैं, भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है । किसी भी बदलाव के दौर में ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण है ।'' स्पष्टवादिता के लिये मशहूर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कोई नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और टीम में बने रहने के लिये प्रदर्शन ही एकमात्र मानदंड है । '' उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसा नहीं है कि सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करके नये खिलाड़ियों को लाया जा रहा है । आखिर में आपको ड्रेसिंग रूम में सिर्फ आपका प्रदर्शन बनाये रखेगा । गंभीर ने कहा ,‘‘ पहले जब बदलाव होता था तो एक विभाग टीम को आगे ले जाता था लेकिन अब बदलाव बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में हो रहा है ।'' गंभीर ने यह बताने से इनकार किया कि रोहित को टीम में जगह मिलेगी या नहीं । उनसे पूछा गया था कि मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कप्तान क्यो नहीं आये जबकि आम तौर पर कप्तान ही आते हैं और क्या वह अंतिम एकादश में होंगे । उन्होंने कहा ,‘‘ क्या आप अंतिम एकादश की पुष्टि कर सकते हैं ।''
गंभीर ने कहा ,‘‘ रोहित ठीक है । मुझे नहीं लगता कि परंपरा जैसा कुछ है । मुख्य कोच यहां है और यह काफी होना चाहिये । पिच को देखने के बाद अंतिम एकादश पर फैसला लेंगे ।'' स्वाभाविक और परिस्थिति के अनुसार खेलने को लेकर भी सवाल उठे और कोच ने साफ तौर पर कहा कि टीम की जरूरत सबसे पहले आती है । उन्होंने कहा ,‘‘ सिर्फ एक फलसफा मायने रखता है कि टीम सबसे पहले आती है । यह टीम का खेल है और आपको वैसे ही खेलना होगा जैसी टीम की जरूरत है । आप स्वाभाविक खेल दिखा सकते हैं लेकिन टीम खेल में व्यक्ति सिर्फ योगदान देता है ।'' उन्होंने व्यक्तिगत प्रदर्शन की समीक्षा करने से इनकार किया लेकिन निर्णायक पलों में ऋषभ पंत के गैर जिम्मेदाराना शॉट्स के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ मैं व्यक्ति विशेष के बारे में बात नहीं करना चाहता । सभी को पता है कि वे कहां ठहरते हैं ।'' गंभीर ने यह भी कहा कि उन्होंने सीनियर बल्लेबाज विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा से टेस्ट मैच जीतने की रणनीति के अलावा कोई बात नहीं की । उन्होंने कहा ,‘‘ हमने उनसे एक ही बात की है कि टेस्ट मैच कैसे जीतने हैं । हम सभी को पता है कि वह कितना महत्वपूर्ण है ।'' गंभीर ने यह भी कहा कि ड्रेसिंग रूम की बात सार्वजनिक होना वह पसंद नहीं करते । उन्होंने कहा ,‘‘ कोचों और खिलाड़ियों के बीच की बातचीत उनके बीच ही रहना चाहिये । खेल नतीजों के लिये जाना जाता है लेकिन व्यक्तियों की आपस की बातचीत ड्रेसिंग रूम में ही रहनी चाहिये । -
सिडनी. भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है कि आलोचनाओं से घिरे कप्तान रोहित शर्मा के निकट भविष्य में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने पर उन्हें हैरानी नहीं होगी। उनका कहना है कि प्रतिभाशाली और फॉर्म में चल रहे युवा जैसे शुभमन गिल टीम में आने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। रोहित अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए पांच मैच की श्रृंखला के शुरूआती टेस्ट में नहीं खेल पाये थे लेकिन इसके बाद पांच पारियों में उनका सर्वोच्च स्कोर 10 रन रहा है। सिडनी टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में रोहित के स्थान को लेकर अटकलें बृहस्पतिवार को तेज हो गईं जब मुख्य कोच गौतम गंभीर ने मैच की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में टीम के कप्तान के स्थान की पुष्टि नहीं की। शास्त्री पिछली बार भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मुख्य कोच थे और अब इस श्रृंखला में यहां कमेंटेरी कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि 37 वर्षीय रोहित अगर अपने टेस्ट भविष्य पर फैसला करते हैं तो उन्हें धमाकेदार प्रदर्शन से अलविदा करना चाहिए। शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू' में कहा, ‘‘वह अपने करियर पर फैसला लेंगे। लेकिन अगर रोहित शर्मा संन्यास लेते हैं तो मुझे जरा भी हैरानी नहीं होगी क्योंकि उनकी उम्र बढ़ रही है, घट नहीं रही। '' उन्होने कहा, ‘‘टीम में शामिल होने के लिए कुछ अन्य युवा खिलाड़ी भी हैं जैसे शुभमन गिल। और वह अभी टीम में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। वह बेंच पर बैठकर क्या कर रहे हैं। मुझे रोहित के संन्यास की घोषणा से हैरानी नहीं होगी। लेकिन यह उनका फैसला है। '' रोहित जिस तरह से खेलते हैं, वह उससे करीब भी नहीं दिखे हैं और शास्त्री चाहते हैं कि सलामी बल्लेबाज पूरी स्वतंत्रता से खेले। शास्त्री ने कहा, ‘‘अगर मैं रोहित शर्मा के करीब होता तो मैं उससे कहता, जाकर धमाल करो। मैदान पर जाओ और विपक्षी टीम पर हमला करो। फिर देखते हैं क्या होता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘अंत में अगर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (फाइनल) के लिए क्वालीफाई कर ले तो यह पूरी तरह से अलग बात होगी। मुझे लगता है कि यह सही समय हो सकता है। लेकिन अगर रोहित खेलते हैं तो उन्हें शानदार प्रदर्शन करना चाहिए। '' शास्त्री ने कहा कि रोहित को अब तक श्रृंखला में पैरों के मूवमेंट से जूझना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘वह गेंद को थोड़ा देर से खेल रहा है। उसके पैर सामान्य रूप से उतने अच्छे से नहीं चल रहे हैं। हालांकि तब वह सर्वश्रेष्ठ खेलते थे, तब भी उनका फुटवर्क कम ही था। '' उन्होने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि वह बस पिच पर जाकर धमाकेदार बल्लेबाजी करे और इस टेस्ट मैच को जीतने की कोशिश करे। आप एक टेस्ट हार गए हो लेकिन श्रृंखला नहीं गंवाई है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को बरकरार रखने के लिए इस टेस्ट मैच को जीतने की कोशिश करें। -
नयी दिल्ली. उद्योगपति गौतम अदाणी ने विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश से अहमदाबाद में मुलाकात की और उन्हें भारत के अजेय युवाओं की एक मिसाल बताया है। अठारह वर्ष के शतरंज खिलाड़ी गुकेश पिछले साल चीन के डिंग लीरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने हैं। वह शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक में भी सूत्रधार रहे थे। अदाणी से मुलाकात के समय गुकेश के माता-पिता भी उनके साथ रहे।
अदाणी समूह के प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘ विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश से मिलना और उनकी विजय गाथा सुनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उनके माता-पिता डॉ. रजनीकांत और डॉ. पद्मावती से मिलना भी उतना ही प्रेरणादायक रहा जिनके ‘बलिदान' ने उनकी सफलता की नींव रखी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ महज 18 साल की उम्र में गुकेश की शालीनता तथा प्रतिभा भारत के अजेय युवाओं का प्रमाण है। उनके जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही चैंपियनों की ऐसी सेना बना रहे हैं जो दशकों तक वैश्विक शतरंज पर हावी रहेगी। यह आत्मविश्वास से भरा, पुनरुत्थानशील और उभरता हुआ भारत है। जय हिंद ।'' गुकेश उन चार खिलाड़ियों की सूची में भी शामिल हैं जिन्हें सरकार ने देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया। खेल मंत्रालय ने गुकेश के अलावा निशानेबाज मनु भाकर, पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को इस साल देश के मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार दिए जाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। -
नयी दिल्ली. भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी और विश्व चैंपियन डी गुकेश ने बुधवार को जारी शतरंज रैंकिंग में क्रमशः अपना चौथा और पांचवां स्थान बरकरार रखा है। एरिगेसी महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद 2800 की ईएलओ रेटिंग तक पहुंचने वाले दूसरे भारतीय और कुल 16वें खिलाड़ी बन गए हैं। वह 2801 रेटिंग अंक से चौथे स्थान पर हैं। वहीं पिछले महीने चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले 18 वर्षीय गुकेश 2783 रेटिंग के साथ एरिगेसी से एक स्थान नीचे पांचवें स्थान पर हैं। नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन 2831 रेटिंग के साथ शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं, उनके बाद फैबियानो कारूआना (2803) और हिकारू नाकामुरा (2802) की अमेरिकी जोड़ी है। आनंद शीर्ष 10 में तीसरे भारतीय हैं जो 2750 की ईएलओ रेटिंग के साथ 10वें स्थान पर हैं।
एरिगेसी, गुकेश और आनंद के अलावा छह और भारतीय शीर्ष 50 में शामिल हैं जिनमें आर प्रज्ञानानंदा (13वें), अरविंद चितंबरम (23वें), विदित गुजराती (24वें), पी हरिकृष्णा (36वें), निहाल सरीन (41वें) और रौनक साधवानी (48वें) मौजूद हैं। महिला वर्ग में हाल में महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनी कोनेरू हम्पी भारत का नेतृत्व का नेतृत्व कर रही हैं। हम्पी 2523 की रेटिंग के साथ छठे स्थान पर हैं जबकि चार चीनी खिलाड़ी शीर्ष पर हैं। पूर्व विश्व चैंपियन होउ यिफान 2633 ईएलओ रेटिंग के साथ सूची में शीर्ष पर हैं, उनके बाद जू वेनजुन (2561) दूसरे, तान झोंगयी (2561) तीसरे और लेई टिंगजी (2552) चौथे स्थान पर हैं। दिव्या देशमुख 2490 की रेटिंग के साथ 14वें स्थान पर हैं जबकि द्रोणवल्ली हरिका (2489) दो स्थान पीछे 16वें स्थान पर हैं। विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली आर वैशाली 2476 की रेटिंग के साथ 19वें स्थान पर हैं। जूनियर पुरुष वर्ग में गुकेश और आर प्रज्ञानानंदा शीर्ष दो स्थानों पर काबिज हैं। - सिडनी।. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह का प्रभाव इतना अधिक रहा है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने मजाक में एक कानून बनाने का सुझाव दिया है जिसके तहत भारतीय तेज गेंदबाज को घरेलू टीम के खिलाफ ‘बाएं हाथ से या एक कदम चलकर' गेंदबाजी करनी होगी। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज बुमराह को सभी प्रारूपों में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज माना जाता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काफी परेशान किया है और मौजूदा श्रृंखला के चार टेस्ट मैच में 30 विकेट लिए हैं। निर्णायक पांचवें और अंतिम टेस्ट से पहले बुधवार को यहां भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की मेजबानी करने वाले अल्बनीज ने बुमराह की जमकर तारीफ की। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार अल्बनीज ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘हम यहां एक कानून पारित कर सकते हैं जिसके अनुसार उन्हें बाएं हाथ से या सिर्फ एक कदम चलकर गेंदबाजी करनी होगी। हर बार जब वह गेंदबाजी करने आए हैं तो बहुत रोमांचक अनुभव रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया और भारत की टीम ने हमें पहले ही गर्मियों में शानदार क्रिकेट दिखाया है।'' ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब शुक्रवार को पांचवां टेस्ट शुरू होगा तो मैकग्रा फाउंडेशन के महान काम के समर्थन में एससीजी गुलाबी रंग से भर जाएगा। चलो ऑस्ट्रेलिया।'' भारतीय टीम की ओर से मुख्य कोच गौतम गंभीर ने बात की।गंभीर ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया यात्रा करने के लिए एक खूबसूरत देश है लेकिन दौरा करने के लिए एक कठिन जगह है। दर्शक शानदार रहे हैं। हमें एक और टेस्ट मैच खेलना है। उम्मीद है कि हम दर्शकों का मनोरंजन कर पाएंगे।'' ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने सिडनी से पहले अपनी टीम को श्रृंखला में 2-1 की बढ़त दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। पिछले सप्ताह के बारे में कमिंस ने कहा, ‘‘मेलबर्न में पिछला हफ्ता हमारे लिए सबसे बेहतरीन टेस्ट मैच में से एक था। इस हफ्ते बेसब्री से इंतजार है। यह एक निर्णायक मैच है। यह श्रृंखला जीतने का हमारा मौका है। और इंतजार नहीं कर सकते।” सिडनी टेस्ट का नतीजा यह तय करेगा कि मेजबान टीम एक दशक से भी अधिक समय के बाद ट्रॉफी हासिल कर पाती है या नहीं।
- नयी दिल्ली। भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी और विश्व चैंपियन डी गुकेश ने बुधवार को जारी शतरंज रैंकिंग में क्रमशः अपना चौथा और पांचवां स्थान बरकरार रखा है। एरिगेसी महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद 2800 की ईएलओ रेटिंग तक पहुंचने वाले दूसरे भारतीय और कुल 16वें खिलाड़ी बन गए हैं। वह 2801 रेटिंग अंक से चौथे स्थान पर हैं। वहीं पिछले महीने चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले 18 वर्षीय गुकेश 2783 रेटिंग के साथ एरिगेसी से एक स्थान नीचे पांचवें स्थान पर हैं। नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन 2831 रेटिंग के साथ शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं, उनके बाद फैबियानो कारूआना (2803) और हिकारू नाकामुरा (2802) की अमेरिकी जोड़ी है। आनंद शीर्ष 10 में तीसरे भारतीय हैं जो 2750 की ईएलओ रेटिंग के साथ 10वें स्थान पर हैं।एरिगेसी, गुकेश और आनंद के अलावा छह और भारतीय शीर्ष 50 में शामिल हैं जिनमें आर प्रज्ञानानंदा (13वें), अरविंद चितंबरम (23वें), विदित गुजराती (24वें), पी हरिकृष्णा (36वें), निहाल सरीन (41वें) और रौनक साधवानी (48वें) मौजूद हैं। महिला वर्ग में हाल में महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनी कोनेरू हम्पी भारत का नेतृत्व का नेतृत्व कर रही हैं। हम्पी 2523 की रेटिंग के साथ छठे स्थान पर हैं जबकि चार चीनी खिलाड़ी शीर्ष पर हैं। पूर्व विश्व चैंपियन होउ यिफान 2633 ईएलओ रेटिंग के साथ सूची में शीर्ष पर हैं, उनके बाद जू वेनजुन (2561) दूसरे, तान झोंगयी (2561) तीसरे और लेई टिंगजी (2552) चौथे स्थान पर हैं। दिव्या देशमुख 2490 की रेटिंग के साथ 14वें स्थान पर हैं जबकि द्रोणवल्ली हरिका (2489) दो स्थान पीछे 16वें स्थान पर हैं। विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली आर वैशाली 2476 की रेटिंग के साथ 19वें स्थान पर हैं। जूनियर पुरुष वर्ग में गुकेश और आर प्रज्ञानानंदा शीर्ष दो स्थानों पर काबिज हैं।
- नयी दिल्ली,। दो बार के विश्व कप विजेता पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि अच्छा क्रिकेट खेलते रहने से जनसंपर्क (पीआर) की कोई जरूरत नहीं होती है। धोनी ने हाल ही एक बातचीत के दौरान दो दशक पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद से अपनी शानदार यात्रा पर विचार साझा करते हुए बताया कि कैसे उनके प्रबंधक अक्सर जनसंपर्क के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाने का सुझाव देते थे लेकिन वह हमेशा इससे दूर रहे। धोनी ने ‘यूरोग्रिप टायर्स' के ‘ट्रेड टॉक्स' के नवीनतम एपिसोड में कहा, ‘‘मैं कभी भी सोशल मीडिया का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं रहा। मेरे साथ कई प्रबंधकों ने काम किया और वे मुझे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की सलाह देते थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2004 में खेलना शुरू किया था, इसलिए ट्विटर और इंस्टाग्राम लोकप्रिय हो रहे थे और प्रबंधक कई तरह के तर्क देकर कह रहे थे कि आपको कुछ पीआर बनाना चाहिए, लेकिन मेरा एक ही जवाब था कि अगर मैं अच्छा क्रिकेट खेलता हूं तो मुझे पीआर की जरूरत नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘तो यह हमेशा होता था कि अगर मेरे पास (सोशल मीडिया के लिए) कुछ साझा करने जैसा होता है तो मै साझा करूंगा। मैं इन चीजों का तनाव नहीं लेता हूं कि किसके कितने फॉलोअर्स हैं, कौन क्या कर रहा है क्योंकि मैं जानता हूं कि अगर मैं क्रिकेट का ध्यान रखूंगा तो बाकी सब कुछ अपने आप हो जाएगा।'' \अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को 2020 में अलविदा कहने वाले 43 साल के धोनी इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी (18वां सत्र) सत्र में खेलने की तैयारी शुरू करने वाले है। उन्होंने माना कि उम्र के इस पड़ाव पर फिटनेस बनाये रखना काफी चुनौतीपूर्ण है। झारखंड के इस करिश्माई विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैं पहले की तरह फिट नहीं हूं, फिट रहने के लिए आप क्या खा रहे हैं इस पर अब बहुत नियंत्रण करने की जरूरत है और मैं क्रिकेट के लिए फिट रहने के लिए बहुत खास काम कर रहा हूं। मैं तेज गेंदबाज नहीं हैं इसलिए हमारी जरूरतें उतनी अधिक नहीं हैं।'' धोनी ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में खाने और जिम जाने के बीच बहुत सारे खेल खेलने से मदद मिलती है। इसलिए जब भी मुझे समय मिलता है तो मैं कई अलग-अलग खेल जैसे कि टेनिस, बैडमिंटन, फुटबॉल खेलना पसंद करता हूं। यह खेल मुझे व्यस्त रखते हैं। यह फिटनेस बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका है।'' भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाने वाले धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी नहीं खलती है क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने इस खेल से देश को गौरवान्वित करने अपनी भूमिका निभा ली है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोचा था कि मुझे और समय मिलेगा, लेकिन यह थोड़ी निराशा की बात है कि मुझे ज्यादा समय नहीं मिला। मुझे अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी महसूस नहीं होती है क्योंकि मैं हमेशा मानता हूं कि आप कुछ सोच समझ कर अपने फैसले लेते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब आपने निर्णय ले लिया तो उसके बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए मैं अपने देश के लिए जो कुछ भी कर पाया, भगवान की कृपा से बहुत खुश हूं।'' इस विकेटकीपर-बल्लेबाज ने कहा, ‘‘इसके अलावा यह मजेदार रहा है। मैं दोस्तों के साथ काफी समय बिता पाता हूं। मैं काफी अधिक मोटरसाइकिल सवारी कर सकता हूं। यह हालांकि लंबी यात्रा नहीं होती है। यह मेरे दिल के बहुत करीब है।'' धोनी ने कहा, ‘‘यह अच्छा रहा, परिवार के साथ समय बिता पा रहा हूं। ''धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिनमें से उन्होंने 27 बार जीत हासिल की, 18 हारे और 15 ड्रा रहे। 45.00 के जीत प्रतिशत के साथ, वह सभी युगों में भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने भारत को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान तक पहुँचाया और इतिहास में एकमात्र कप्तान है जिन्होंने आईसीसी के सभी तीन सीमित ओवरों के खिताब जीते हैं। उन्होंने 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 में एकदिवसीय विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है। धोनी ने जीवन में अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और करीबी दोस्तों को दिया।उन्होंने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता... क्योंकि उन्हें बहुत त्याग करना पड़ा और मुझे लगता है कि आज मेरे पास जो बहुत अनुशासन है, वह मेरे माता-पिता के कारण है। दोस्त हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं।'' मैदान पर अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले धोनी ने 200 एकदिवसीय मैचों में भारत की कप्तानी की। भारतीय टीम ने इसमें 110 मैच जीते, 74 हारे और पांच मैच ड्रा रहे। टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 74 मैचों में भारत का नेतृत्व किया और टीम को 41 जीत दिलाई।
- अहमदाबाद,। मुंबई के आयुष म्हात्रे ने लिस्ट ए मैच में सबसे कम उम्र में 150 से अधिक रन बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जबकि पंजाब के अभिषेक शर्मा ने सौराष्ट्र के खिलाफ 96 गेंदों में 170 रन बनाए तो वहीं झारखंड के उत्कर्ष सिंह ने नाबाद 91 रन बनाकर मंगलवार को विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी-अपनी टीम को बड़ी जीत दिलाई। म्हात्रे ने लिस्ट ए मैच में सबसे कम उम्र में 150 रन बनाकर मुंबई टीम के साथी और भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल द्वारा बनाए गए विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया। जायसवाल ने 2019 में झारखंड के खिलाफ 17 साल और 291 दिन की उम्र में रिकॉर्ड कायम किया था जबकि म्हात्रे ने 17 साल और 168 दिन की उम्र में नगालैंड के खिलाफ यह कारनामा किया। म्हात्रे ने 117 गेंदों में 11 छक्कों और 15 चौकों की मदद से 181 रन की पारी खेल टीम को 189 रन से बड़ी जीत दिलायी। मुंबई ने सात विकेट पर 403 बनाने के बाद नगालैंड की टीम नौ को विकेट पर 214 रन पर रोक दिया। उत्कर्ष की 60 गेंद में नाबाद 91 रन की पारी से झारखंड ने जयपुर में खेले गये ग्रुप ए के मैच में ओडिशा को सात विकेट से शिकस्त दी। ओडिशा को 24.5 ओवर में 162 रन पर आउट करने के बाद झारखंड ने उत्कर्ष की आक्रामक पारी से 23वें ओवर में मैच जीत लिया। उत्कर्ष ने अपनी पारी में 11 चौके और तीन छक्के लगाये।भारतीय टीम के लिए खेल चुके करुण नायर की नाबाद 111 रन के दम पर विदर्भ ने विशाखापत्तनम में ग्रुप डी के मैच में तमिलनाडु को छह विकेट से हराया। तमिलनाडु की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 48.6 ओवर में 256 रन पर आउट हो गयी। टीम के लिए सलामी बल्लेबाज तुषार रहेजा ने 75 और मोहम्मद अली ने 48 रन बनाये। विदर्भ के लिए दर्शन नालकंडे ने 9.4 ओवर में 55 रन देकर छह विकेट लिये। नायर ने इसके बाद 103 गेंद की नाबाद पारी में 14 चौके और एक छक्का जड़कर टीम को आसानी से लक्ष्य के पार पहुंचा दिया। भारतीय बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने 96 गेंदों में 22 चौकों और आठ छक्कों की मदद से 170 रन बनाए। उनके सलामी जोड़ीदार प्रभसिमरन सिंह ने 95 गेंदों में 125 रन बनाए, जिससे पंजाब ने अहमदाबाद में खेले गये बड़े स्कोर वाले मैच में सौराष्ट्र को 57 रन से हराया। पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 424 रन बनाये। सौराष्ट्र की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 367 रन ही बना सकी। सौराष्ट्र के लिए अर्पित वसावदा ने 104 और सलामी बल्लेबाज हार्विक देसाई ने 59 रन बनाए।हैदराबाद ने तिलक वर्मा के 99 और वरुण गौड़ की शतकीय पारी से कर्नाटक के अजेय अभियान को रोक दिया।कप्तान मयंक अग्रवाल के लगातार तीसरे शतक से कर्नाटक ने आठ विकेट पर 320 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। पिछले दो मैचों में नाबाद 100 और नाबाद 139 रन बनाने वाले मयंक ने इस मैच में 112 गेंद में 15 चौके और दो छक्के की मदद से 112 गेंद में 124 रन की पारी खेली। हैदराबाद ने इसके जवाब में तिलक की 106 गेंद में 99 और गौड़ की 82 गेंद में नाबाद 109 रन की शानदार पारियों से दो गेंद शेष रहते सात विकेट पर 322 रन बनाकर मैच जीत लिया।
- मेलबर्न,। आस्ट्रेलिया के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने स्वीकार किया कि मिचेल मार्श भारत के खिलाफ बल्लेबाजी में अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके हैं और उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि मिचेल स्टार्क सिडनी में पांचवां टेस्ट खेल सकेंगे । स्टार्क की फिटनेस आस्ट्रेलिया की चिंता का सबब बनी हुई है जो बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन से ही पसली में सूजन से जूझ रहे हैं लेकिन उन्होंने प्रभावी गेंदबाजी करके विराट कोहली का विकेट लिया । मैकडोनाल्ड ने एमसीजी टेस्ट जीतने के बाद मीडिया से कहा ,‘‘ तकलीफ भी स्टार्क को रोक नहीं सकी । शुरूआती स्पैल में उसे परेशानी हुई लेकिन इसके बाद उसने खुलकर गेंदबाजी की । देखते हैं कि वह कैसे रिकवर करता है । हम सिडनी क्रिकेट ग्रांउड की पिच देखकर टीम संयोजन तय करेंगे ।'' आस्ट्रेलिया अगर सिडनी टेस्ट जीतता या ड्रॉ करता है तो 2014 . 15 के बाद पहली बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी उसके नाम होगी । भारत अगर जीतता है तो ट्रॉफी भारत के पास रहेगी और यह रिकॉर्ड लगातार पांचवीं बार होगा । अगर स्टार्क सिडनी टेस्ट नहीं खेल पाते हैं तो झाय रिचर्डसन या सीन एबोट उस कमी को पूरा कर सकते हैं । मैकडोनाल्ड ने कहा ,‘‘ मुझे यकीन है कि स्टार्क खेल सकेगा । वैसे रिचर्डसन और सीन एबोट भी यहां है । हम पिच को देखकर तय करेंगे ।'' चार टेस्ट में सिर्फ 73 रन बना सके मार्श का बचाव करते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ उसकी मानसिक तैयारी अच्छी है ।इसमें कोई शक नहीं कि प्रदर्शन बेहतर होना चाहिये । वह पिछले चार टेस्ट में ऐसा कर नहीं सका लेकिन हम चिंतित नहीं है । लोग इसे ज्यादा तूल दे रहे हैं । हमें गेंदबाजी में उसकी जरूरत नहीं पड़ी ।''
- ठाणे. ठाणे जिले के एक अस्पताल में उपचार करा रहे विनोद कांबली का यहां नृत्य करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिससे इस पूर्व भारतीय क्रिकेटर के स्वास्थ्य में प्रगति का पता चलता है। भारत की तरफ से 17 टेस्ट और 104 वनडे खेलने वाले 52 वर्षीय कांबली को मूत्र संक्रमण और मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत के बाद 21 दिसंबर को भिवंडी शहर के काल्हेर इलाके में आकृति अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई तरह की चिकित्सा जांच के बाद उनके मस्तिष्क में थक्के का पता चला। कांबली का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने सोमवार को कहा कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। इस वीडियो में अस्पताल में कांबली को पूरे जोश के साथ नाचते हुए दिखाया गया है, जो उनके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार का संकेत देता है।
- दुबई। आईसीसी साल की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर पुरस्कार के लिए सोमवार को जारी नामांकित खिलाड़ियों की सूची में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है। इस सूची में श्रीलंका की कप्तान चमारी अट्टापट्टू और न्यूजीलैंड की अमेलिया केर के साथ ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड और दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट का नाम शामिल है।आईसीसी ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ श्रीलंका की सभी प्रारूपों की कप्तान लंबे समय से अपने देश के लिए बल्ले से कमाल कर रही हैं। अट्टापट्टू वनडे के साथ-साथ टी20 अंतरराष्ट्रीय में बल्लेबाजों और ऑलराउंडरों की आईसीसी महिला रैंकिंग में शीर्ष 10 खिलाड़ियों में शामिल है। उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से अपनी क्षमता साबित की है।'' विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ उन्होंने इस साल सभी प्रारूप में मिलाकर 1,000 से अधिक रन बनाने के साथ 30 विकेट भी चटकाये है। उन्होंने इस साल महिला क्रिकेट में सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।'' उन्होंने नौ एकदिवसीय मैचों में 65.42 की औसत से 458 रन बनाए और नौ विकेट लिए, जबकि 21 टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 720 रन बनाए और 21 विकेट लिए। केर ने इस साल अपने शानदार प्रदर्शन से न्यूजीलैंड को महिला टी20 विश्व चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। आईसीसी ने कहा, ‘‘ मेली केर के लिए यह साल शानदार रहा, जिसमें उन्होंने न्यूजीलैंड को पहली बार महिला टी20 विश्व कप खिताब दिलाया और एक कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। आईसीसी ने कहा, ‘‘उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि व्हाइट फर्न्स (न्यूजीलैंड महिला टीम) के विश्व कप विजयी अभियान के दौरान आई, जहां उन्होंने 135 रन बनाए और 15 विकेट लेकर टूर्नामेंट का नया रिकॉर्ड कायम किया।'' वोल्वार्ड्ट को वनडे के साथ-साथ टी20 विश्व कप में सर्वाधिक रन बनाकर इस सूची में अपनी जगह पक्की की है। आईसीसी ने कहा, ‘‘लॉरा वोल्वार्ड्ट दक्षिण अफ्रीका की मुख्य खिलाड़ी रही है। उन्होंने सभी प्रारूपों की कप्तान के रूप में आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करने के साथ ही बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष पर रन भी बनाए हैं।'' वोल्वार्ड्ट ने 12 एकदिवसीय मैचों में 87.12 के औसत से 697 रन बनाए, जिसमें नाबाद 184 का उच्चतम स्कोर था। उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में 122 के उच्चतम स्कोर के साथ 223 रन बनाए। उन्होंने नौ टी20 अंतरराष्ट्रीय में 39.58 के औसत के साथ 673 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 102 रन रहा है। ऑस्ट्रेलिया की सदरलैंड को फरवरी में पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में 210 रन की पारी का इनाम मिला। उन्होंने इसके साथ ही इस साल अपने हरफनमौला खेल से प्रभावित करते हुए 12 वनडे मैचों में 369 रन बनाए और 13 विकेट भी लिए। आईसीसी ने कहा, ‘‘23 साल की इस खिलाड़ी ने नये मानक स्थापित कर खुद को 50 ओवर के प्रारूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से के तौर पर स्थापित किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘ सदरलैंड महिला वनडे इतिहास में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में पांचवें या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए लगातार मैचों में शतक बनाने वाली पहली क्रिकेटर बन गई। सदरलैंड पूर्व कप्तान मेग लैनिंग के बाद तीन वनडे शतक बनाने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की ऑस्ट्रेलियाई भी बन गईं।''
- दुबई। भारत के शीर्ष तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को सोमवार को इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के साल के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर के पुरस्कार के लिए नामित किया गया। इंग्लैंड के एक अन्य बल्लेबाज हैरी ब्रूक और श्रीलंका के कामिंदु मेंडिस को भी इस सूची में जगह मिली है। बुमराह 2024 में टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने 13 मैच में 14.92 की औसत और 30.16 के स्ट्राइक रेट से 71 विकेट चटकाए हैं जो पारंपरिक प्रारूप में किसी भी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया है और चार टेस्ट मैच में 30 विकेट के साथ श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है।आईसीसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘‘2023 में पीठ की चोट से उबरने के बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने वाले बुमराह ने 2024 में गेंदबाजी में अपना दबदबा बनाया। कैलेंडर वर्ष में 13 टेस्ट मैच में बुमराह ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 71 विकेट चटकाए और इस प्रारूप में सबसे सफल गेंदबाज रहे।'' आईसीसी ने कहा, ‘‘चाहे दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल परिस्थितियां हों या स्वदेश में तेज गेंदबाजों के लिए कठिन परिस्थितियां, बुमराह ने पूरे साल प्रभावशाली प्रदर्शन किया। भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हालांकि इस तेज गेंदबाज ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।'' आईसीसी ने पर्थ में बुमराह के मैच का रुख बदलने वाले स्पैल को उनके सबसे यादगार प्रदर्शन में से एक माना जिसकी बदौलत भारत ने 295 रन से जीत दर्ज की। इंग्लैंड के शीर्ष बल्लेबाज रूट इस साल सबसे प्रभावशाली बल्लेबाज रहे जिन्होंने 17 टेस्ट मैच में 55.57 की औसत से 1,556 रन बनाए। 34 वर्षीय रूट ने अपने करियर में पांचवीं बार एक कैलेंडर वर्ष में एक हजार रन का आंकड़ा पार किया जबकि इस दौरान उन्होंने छह शतक और पांच अर्द्धशतक लगाए। आईसीसी ने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में रूट के करियर की सर्वश्रेष्ठ 262 रन की पारी को याद किया जो टेस्ट में उनका छठा दोहरा शतक भी था और उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक। रूट के हमवतन ब्रूक भी 12 टेस्ट में 55.00 की औसत से 1,100 रन बनाकर सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेट में रूप में नामित चार खिलाड़ियों की सूची में जगह बनाने में सफल रहे। ब्रूक ने इस दौरान चार शतक और तीन अर्द्धशतक लगाए और 2024 में सबसे अधिक रन बनाने वालों की सूची में चौथे स्थान पर हैं। उनसे अधिक रन रूट, भारत के यशस्वी जायसवाल (54.74 की औसत से 1,478 रन) और इंग्लैंड के बेन डकेट (37.06 की औसत से 1,149 रन) ने बनाए हैं। नौ टेस्ट में 74.92 की औसत से 1,049 रन बनाने वाले श्रीलंका के मेंडिस भी इस सूची में शामिल हैं। मेंडिस इस दौरान सबसे तेज एक हजार टेस्ट रन बनाने वालों की सूची में संयुक्त तीसरे स्थान पर भी रहे। उन्होंने महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन के 13 पारियों में यह उपलब्धि हासिल करने की बराबरी की। आईसीसी ने कहा, ‘‘मेंडिस ने कैलेंडर वर्ष में दो से अधिक टेस्ट खेलने वाले किसी भी बल्लेबाज से अधिक औसत से रन बनाए- नौ मैच में 74.92 का शानदार औसत।'' घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ मेंडिस के दोहरे शतक को आईसीसी ने उनका सबसे यादगार प्रदर्शन बताया। वह 2024 में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में पांचवें स्थान पर रहे।
- न्यूयॉर्क। फिडे से खिलाड़ियों को जींस पहनकर खेलने की अनुमति मिलने के बाद दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन विश्व ब्लिट्ज चैम्पियनशिप में लौटे जिन्हें ड्रेस कोड के उल्लंघन के कारण रैपिड वर्ग से बाहर कर दिया गया था । पांच बार के विश्व चैम्पियन कार्लसन पर शनिवार को फिडे के ड्रेस कोड का उल्लंघन करके जींस पहनकर आने के बाद 200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था । टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार जींस पहनना मना है । उन्होंने तुरंत कपड़े बदलकर आने का अनुरोध मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें अयोग्य करार दिया गया । टूर्नामेंट में रैपिड चैम्पियनशिप के नौवें दौर में उन्हें किसी के खिलाफ उतारा नहीं गया । नीति में बदलाव की घोषणा करते हुए अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के अध्यक्ष अर्काडी वोरवोविच ने कहा ,‘‘ मैंने पोशाक की उपयुक्तता के संबंध में निर्णय लेने में फिडे अधिकारियों को अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए इस नजरिये का प्रयोग करने का फैसला किया है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ नियम सरल है कि आधिकारिक ड्रेस कोड का अभी भी पालन करना होगा लेकिन थोड़े से बदलाव (जैकेट के साथ जींस) की अनुमति दी गई है । बयान में कहा गया ,‘‘ फिडे को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि मैग्नस कार्लसन फिडे विश्व ब्लिट्ज चैम्पियनशिप में भाग लेंगे ।'' कार्लसन ने रविवार को टूर्नामेंट के दौरान फिडे उपाध्यक्ष और भारत के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद से मुलाकात की । बयान में कहा गया ,‘‘ फिडे कार्लसन और विश्व शतरंज समुदाय के साथ मिलकर फिडे प्रतिस्पर्धाओं में खिलाड़ियों और प्रशंसकों को सर्वश्रेष्ठ अनुभव देने की दिशा में काम करता रहेगा ।'' कार्लसन ने अपनी भागीदारी की पुष्टि करते हुए कहा ,‘‘ मैं न्यूयॉर्क में कम से कम एक दिन और खेल रहा हूं । अच्छा खेला तो अगले दिन भी । हमने कल इस बारे में बात की और फिडे अध्यक्ष से हमारे अच्छे संबंध हैं ।'' आनंद ने कहा था कि फिडे के पास कार्लसन को अयोग्य करार देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि उन्होंने नियम को मानने से इनकार कर दिया था ।
- मेलबर्न । भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर आसानी से घुटने टेक दिये और चौथे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के हाथों 184 रन की शर्मनाक हार के साथ ही लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की मांग जोर पकड़ने लगी है । जीत के लिये 340 रन के दुरूह लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित नौ और कोहली पांच रन बनाकर आउट हो गए । रोहित को अति रक्षात्मक शैली अपनाने का खामियाजा भुगतना पड़ा तो आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर कोहली ने फिर विकेट गंवाया । भारत ने आखिरी सात विकेट 20 . 4 ओवर में 34 रन के भीतर गंवा दिये और दूसरी पारी में टीम 155 रन पर आउट हो गई ।आस्ट्रेलियाई कप्तान और ‘प्लेयर आफ द मैच' पैट कमिंस ने 18 ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि स्कॉट बोलैंड ने 16 ओवर में 39 रन देकर तीन विकेट चटकाये । नाथन लियोन को दो और मिचेल स्टार्क को कोहली का कीमती विकेट मिला । इससे पहले यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत के बीच चौथे विकेट के लिये 88 रन की साझेदारी से मैच ड्रॉ की ओर मुड़ता दिख रहा था लेकिन एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर पंत के आउट होने के बाद भारत की उम्मीदों पर पानी फिर गया । आस्ट्रेलिया अब श्रृंखला में 2 . 1 से आगे है । भारत अगर सिडनी टेस्ट नहीं जीतता है तो लगातार तीसरी बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेलने का सपना भी टूट जायेगा । जायसवाल (208 गेंद में 84 रन) को छोड़कर भारत का कोई बल्लेबाज प्रभावित नहीं कर सका । जायसवाल को विवादित ढंग से तीसरे अंपायर ने विकेट के पीछे कैच आउट करार दिया । टेस्ट मैच जीतने या बचाने की कला अब विरले क्रिकेटरों के पास ही रह गई है लेकिन भारत की उम्मीदों का सरमाया दो सबसे अनुभवी खिलाड़ियों पर था जो करीब दो दशक से अपने खेल से एक देशवासियों को खुशियों की सौगातें देते आये हैं । लेकिन दोनों ही चूक गए और अब चयनकर्ताओं को कुछ कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं । पंत ने दूसरे सत्र में जबर्दस्त संयम का प्रदर्शन किया लेकिन ट्रेविस हेड को एक खराब शॉट खेलकर उन्होंने आस्ट्रेलिया की जीत की राह प्रशस्त कर दी । सीमित ओवरों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद कोहली की कमजोरी बन गई है और इसे आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने बखूबी भुनाया । सुबह भारत ने लंच तक तीन विकेट 33 रन पर गंवा दिये थे । रोहित ने 40 गेंद में नौ रन बनाये और टेस्ट मैचों में दसवीं बार आस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस का शिकार हुए । वहीं कोहली (29 गेंद में पांच रन) एक बार फिर कवर ड्राइव खेलने की ललक पर काबू नहीं रख सके और मिचेल स्टार्क की गेंद पर पहली स्लिप में कैच दे बैठे ।केएल राहुल खाता भी नहीं खोल पाये । सुबह खेल शुरू होने के बाद जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में 13वीं बार पारी के पांच विकेट लेकर आस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 234 रन पर आउट किया । इसके बाद लग रहा था कि रोहित शीर्षक्रम पर अपना स्वाभाविक आक्रामक खेल दिखायेंगे लेकिन खराब फॉर्म के बीच उन्होंने रक्षात्मक खेल दिखाने की कोशिश की जो नाकाम रही । पारी की शुरूआत करने का उनका फैसला भी गलत साबित हुआ और इससे राहुल का आत्मविश्वास भी डोल गया । भारत को आस्ट्रेलिया की आखिरी जोड़ी बोलैंड और लियोन के बीच हुई साझेदारी भी भारी पड़ी जिससे लक्ष्य और बड़ा हो गया । नौ विकेट लेने वाले बुमराह और इस श्रृंखला की खोज रहे नीतिश रेड्डी के शतक के अलावा इस मैच में भारत के लिये सकारात्मक कुछ नहीं रहा । भारतीय टीम बदलाव के कठिन दौर से गुजर रही है और अब मुख्य कोच गौतम गंभीर को चयन समिति के प्रमुख अजित अगरकर के साथ मिलकर कुछ कठिन फैसले लेने होंगे ।
- बेंगलुरु. भारतीय महिला फुटबॉल टीम के कोच जोकिम एलेक्जेंडरसन ने रविवार को कहा कि मालदीव के खिलाफ यहां 30 दिसंबर और दो जनवरी को होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों के लिए 23 सदस्यीय टीम में सीनियर खिलाड़ियों के अलावा अंडर20 खिलाड़ियों का भी चयन किया गया है। दोनों मैच पादुकोण-द्रविड़ सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में खेले जाएंगे।एलेक्जेंडरसन ने कहा, ‘‘हमारे पास बेंगलुरु शिविर में कुछ सीनियर खिलाड़ी भी शामिल है, इसलिए हम इन दोनों मैच में अंडर20 और सीनियर खिलाड़ियों की मिली जुली टीम उतारेंगे।'' भारतीय टीम इस प्रकार है:गोलकीपर: हेमप्रिया सेराम, मैबम लिनथोइनगांबी देवी, नंदिनी।डिफेंडर: अरुणा बाग, जूही सिंह, जूली किशन, संगीता बासफोर, संजू, शिवानी टोप्पो, सोरोखैबम रंजना चानू, तोइजाम थोइबिसाना चानू, विक्षित बारा। मिडफील्डर: ग्रेस डेंगमेई, काजोल डिसूजा, नेहा, नोंगमेइकापम सिबानी देवी, नीतू लिंडा, रिम्पा हलदर।फॉरवर्ड: लिंगदेइकिम, लिंडा कोम सर्टो, पूजा, प्यारी खाका, सिमरन गुरुंग।
- दुबई. भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को इस सत्र में संयुक्त रूप से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बनने और भारत की टी20 विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ‘आईसीसी पुरुष टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार' के लिए नामांकित किया गया है। अर्शदीप (25 वर्ष) इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए पाकिस्तान के बाबर आजम, ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड और जिम्बाब्वे के सिकंदर रजा के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप ने बारबाडोस में भारत की टी20 विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 18 मैचों में 13.5 के औसत से 36 विकेट लेकर टी20 अंतरराष्ट्रीय में संयुक्त रूप से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में वर्ष का समापन किया। भुवनेश्वर कुमार के 2022 में 37 विकेट के बाद एक कैलेंडर वर्ष में टी20 अंतरराष्ट्रीय में किसी भारतीय तेज गेंदबाज का यह दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन है। अर्शदीप ने टी20 विश्व कप में 17 विकेट लिए और टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में अफगानिस्तान के फजलहक फारूकी के साथ बराबरी पर रहे। उनका सबसे यादगार प्रदर्शन फाइनल में रहा जिसमें उन्होंने एडेन मार्करम और क्विंटन डी कॉक जैसे मुख्य खिलाड़ियों को जल्दी आउट कर दक्षिण अफ्रीका के लिए मुश्किल पैदा की। 19वें ओवर में उन्होंने सिर्फ चार रन दिए जिससे भारत की जीत तय हो गई। आईसीसी पुरस्कार 2024 के विजेताओं की घोषणा जनवरी 2025 के अंत में की जाएगी।
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मेलबर्न. नीतिश रेड्डी अपने आलोचकों को गलत साबित करना चाहते थे जो टेस्ट प्रारूप में उनकी काबिलियत पर संदेह करते थे और एमसीजी के प्रतिष्ठित मैदान पर शतक जड़कर उन्होंने यह संदेश दिया कि वह क्रिकेट के उच्चतम स्तर के खिलाड़ी हैं। कुछ पूर्व खिलाड़ी रेड्डी के टेस्ट खिलाड़ी के रूप में उभरने को लेकर संशय में थे जिसमें पूर्व मुख्य चयनकर्ता भी शामिल था। लेकिन छह पारियों में 293 रन बनाकर और 58 से अधिक के बल्लेबाजी औसत से उन्होंने इन सभी को करारा जवाब दिया है। रेड्डी की 114 रन की पारी की बदौलत भारत पहली पारी में 369 रन बनाने में सफल रहा। इस शतक की बदौलत युवा बल्लेबाज ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। क्या आपको कभी लगा कि आप इस टीम में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होंगे?
रेड्डी ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों को मुझ पर संदेह था जैसे आईपीएल खेलने वाला कोई युवा खिलाड़ी इतनी बड़ी श्रृंखला में प्रदर्शन नहीं कर सकता। मैं जानता हूं कि बहुत से लोग इस तरह की बातें करते थे। '' इस 21 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैं बस उन्हें यह अहसास दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे बारे में जो कुछ कहा है, वह गलत है और मैं यही कर रहा हूं। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं भारतीय टीम के लिए अपना शत प्रतिशत देने के लिए यहां हूं। '' यह पूछे जाने पर कि वह पिछले एक महीने को कैसे देखते हैं जिसमें उनका जीवन बदल गया, उन्होंने तुरंत जवाब दिया ‘‘मुझे लगता है कि आप लोगों के लिए यह एक या दो महीने ही हैं। लेकिन मेरे लिए यह पिछले दो से तीन साल हैं। मैं अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर कितनी मेहनत कर रहा हूं। '' रेड्डी ने 2024 आईपीएल की शुरुआत से पहले ‘साइड-आर्म थ्रोडाउन' विशेषज्ञों की सेवायें ली थीं और उनके खिलाफ लगभग 18 गज की दूरी से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंद पर बल्लेबाजी का अभ्यास किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पहले आईपीएल सत्र के बाद मुझे अहसास हुआ कि मुझे अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना पड़ेगा और मैंने एक योजना बनाई। सत्र के इतर जब मुझे समय मिला तो मैंने अपनी बल्लेबाजी पर बहुत काम किया और अब इससे नतीजे मिल रहे हैं। यह एक महीने या दो महीने की बात नहीं है। मैंने पिछले दो-तीन वर्षों से यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। '' उनके परिवार के बलिदानों को सभी पढ़ चुके हैं और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भी खिलाड़ी के पीछे के व्यक्ति और उनके पिता मुत्यालु की भूमिका के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। वह थोड़े भावुक थे। उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मेरे पिता ने केंद्र सरकार में 25 साल तक सेवा की थी और जब मैं कुछ नहीं था और मैं राज्य स्तर पर नहीं खेला था तो सबसे पहले जिस व्यक्ति ने मुझ पर विश्वास किया, वह मेरे पिता थे। '' रेड्डी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वह मुझे मैदान, जिम ले जाते थे। वह हमेशा मेरे साथ रहना चाहते थे। उन्होंने बहुत सारे बलिदान किए। अगर मुझे उनके बारे में बताना पड़े तो समय कम पड़ जाएगा लेकिन मैं उनके जैसे पिता को पाकर बहुत आभारी हूं। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी टीम की मुश्किल परिस्थिति में मदद की ताकि हम मजबूती से वापसी कर सकें। इसलिए यह मेरे और मेरे पिता के लिए भी एक खास शतक था।'' विराट कोहली उनके आदर्श हैं और अपने आदर्श को खड़े होकर तालियां बजाते देखना सपने की तरह था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बचपन से ही विराट कोहली को देखता आ रहा हूं। वह मेरे आदर्श हैं और अब आखिरकार मैं उनके साथ खेला। जब उन्होंने पर्थ में शतक बनाया तो मैं नॉन-स्ट्राइकर छोर पर था। मुझे बहुत खुशी हुई। '' रेड्डी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘अब मैंने शतक बनाया तो उन्होंने मेरी सराहना की। वह मेरे पास आए और कहा कि '‘तुम वाकई अच्छा खेले, तुमने टीम को खेल में वापसी दिलाई'। मैंने हमेशा इस पल का सपना देखा था और आखिरकार जब उन्होंने मुझसे बात की तो वह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था। '' अंतिम दिन लक्ष्य का पीछा करने के बारे में पूछने पर रेड्डी ने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें उनका आखिरी विकेट लेना होगा। हम मजबूती से वापसी करेंगे और पहली पारी की अपनी गलतियों को सुधारेंगे। -
लबर्न. पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को अहम रन जोड़ने का मौका देकर पांच मैचों की श्रृंखला के चौथे टेस्ट मैच को जीतने की अपनी संभावनाओं को कम कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया ने एक समय 156 रन पर आठ विकेट गंवा दिये थे लेकिन टीम ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के चौथे दिन का समापन नौ विकेट पर 228 रन पर किया। टीम की कुल बढ़त 333 रन की हो गयी है। इससे यह मैच दिलचस्प हो गया है। गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे' कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत ने मौका गंवा दिया। चाय के विश्राम तक निश्चित रूप से भारत का पलड़ा भारी था। इसके बाद (पैट) कमिंस, (नाथन) लियोन और (स्कॉट) बोलैंड ने वास्तव में भारतीय गेंदबाजों को निराश किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया ने 333 रन की बढ़त हासिल कर ली है इससे भारत के लिए मैच जीतना काफी मुश्किल हो गया है।'' ऑस्ट्रेलिया के आठवें, 10वें और 11वें क्रम के बल्लेबाजों ने लगभग 35 खेले। इसमें कमिंस (90 गेंदों में 41 रन), लियोन (54 गेंदों में नाबाद 41 रन) और बोलैंड (65 गेंदों में नाबाद 10 रन) ने टीम की दूसरी पारी में अहम योगदान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अगर निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी आउट करते तो हमें 260-270 रन के लक्ष्य का पीछा करना होता और शायद रविवार को एक घंटे की बल्लेबाजी में हमने 30-40 रन बना लिये होते।'' गावस्कर ने कहा, ‘‘हमें अब आखिरी विकेट लेने पर ध्यान देना होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया खुद से इतनी जल्दी पारी नहीं घोषित करेगा।'' यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अब भी इस मैच को जीत सकता है, गावस्कर ने कहा, ‘‘ हमने 2021 में गाबा में आखिरी दिन 329 रन का पीछा किया था। इसके लिए हमें अच्छी शुरुआत की जरूरत होगी। हमें उस तरह की शुरुआत की जरूरत होगी जैसा की वीरेंद्र सहवाग टीम को दिलाते हैं।'' गावस्कर ने ऋषभ पंत के ‘बेवकूफाना शॉट' वाले बयान का बचाव करते हुए कहा कि वह निराश थे क्योंकि ऐसा लग रहा था कि पंत का अहंकार हावी हो गया था। गावस्कर ने ‘एबीसी स्पोर्ट' से कहा, "जब मैं ऋषभ पंत जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को वह शॉट खेलते हुए देखता हूं तो मुझे उस पहले शॉट से कोई परेशानी नहीं हुई, जो उसने खेला और चूक गया। मेरे परेशान होने का कारण यह था कि उस अहंकार या अति आत्मविश्वास हावी हो गया था। '' उन्होंने कहा, ‘‘ इसी तरह के शॉट खेलने की कोशिश में वह इससे पहले वाली गेंद पर चोटिल था। वह दिखाना चाहते थे कि कौन असली ‘बॉस' है। ऑस्ट्रेलिया ने उस शॉट के लिए दो क्षेत्ररक्षक लगा रखे थे और यह बड़ा मैदान है। यहां छक्का लगाना इतना आसान नहीं है।'' गावस्कर ने कहा कि उन्होंने पंत को कुछ शानदार पारियां खेलते हुए देखा है, खासकर ऑस्ट्रेलिया में। उन्होंने कहा कि उस समय वह शॉट खेलना सही नहीं था।
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न्यूयॉर्क. पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा कि फिडे मैग्नस कार्लसन को विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप से अयोग्य घोषित नहीं करना चाहता था लेकिन नॉर्वे के खिलाड़ी ने नियमों का पालन करने से इनकार करके उनके पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा। गत चैम्पियन कार्लसन पर जींस पहनने के कारण 200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया । टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार जींस पहनना मना है । उन्होंने आठवें दौर के बाद तुरंत कपड़े बदलकर आने का अनुरोध मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें अयोग्य करार दिया गया । टूर्नामेंट में रैपिड चैम्पियनशिप के नौवें दौर में उन्हें किसी के खिलाफ उतारा नहीं गया । शतरंज की वैश्विक शासी संस्था के उपाध्यक्ष आनंद ने ‘चेसबेस इंडिया' से कहा, ‘‘उन्होंने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया, हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा। आज यह निर्णय भावनात्मक लग रहा था। मैग्नस समझौता करने को तैयार नहीं थे।'' आनंद ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम यह कदम नहीं उठाना चाहते थे। हमने (मैग्नस को) कई विकल्प दिए। मध्यस्थ ने कहा कि अगर मैग्नस नौवें दौर से पहले अपनी जींस बदल लेता तो सब ठीक रहेगा। '' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैग्नस ने कहा कि वह सैद्धांतिक रूप से ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। उसने खुद कहा कि यह उसके लिए सैद्धांतिक मामला है। मध्यस्थ ने बस नियमों को लागू किया और हमने उसका समर्थन किया। '' आनंद ने कहा कि हालांकि उन्होंने कार्लसन से बात नहीं की, लेकिन उन्होंने कार्लसन के पिता हेनरिक से और स्पष्टीकरण मांगा। आनंद ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि वे हार नहीं मानने वाले हैं। इसलिए मैं चला गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी नियमों का पालन कर रहा है। इयान नेपोमनियाचची को ड्रेस बदलने के लिए कहा गया था और उन्होंने ऐसा किया। यही कारण है कि वह खेल जारी रख पाये। तथ्य यह है कि मैग्नस ने इसका पालन करने से इनकार कर दिया जिससे हमारे पास बहुत कम विकल्प बचे। '' -
मेलबर्न .टेस्ट क्रिकेट में शुरूआती कदम रखने वाले नीतिश कुमार रेड्डी ने भारत के लिये ‘संकटमोचक' की भूमिका निभाते हुए चौथे टेस्ट के तीसरे दिन नाबाद शतक लगाकर आस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदों को झटका दिया है । रेड्डी के नाबाद 105 रन की मदद से भारत ने बारिश के कारण तीसरे दिन का खेल जल्दी समाप्त किये जाने तक नौ विकेट पर 358 रन बना लिये हैं । आस्ट्रेलिया के पहली पारी के 474 रन से भारत अभी भी 116 रन पीछे है । एमसीजी की सपाट पिच पर गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिलती देख अब टेस्ट बचाना भारत के लिये बहुत मुश्किल नहीं होना चाहिये । इस श्रृंखला में भारत की खोज रहे रेड्डी को इसका पूरा श्रेय जाता है । उन्होंने जुझारूपन की मिसाल पेश करते हुए वॉशिंगटन सुंदर (162 गेंद में 50 रन) के साथ 127 रन की अहम साझेदारी की जो भारत के लिये निर्णायक मोड़ रही । महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रेड्डी की पारी को सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारियों में से एक बताया । ऋषभ पंत के गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर विकेट गंवाने के समय भारत का स्कोर छह विकेट पर 191 रन था । आंध्र के युवा बल्लेबाज का स्कोर 99 रन था जब जसप्रीत बुमराह आउट हो गए। इस समय रेड्डी और आखिरी बल्लेबाज मोहम्मद सिराज क्रीज पर थे । सिराज के आने पर दर्शकों ने फिर उनकी हूटिंग की लेकिन उन्होंने मेजबान कप्तान पैट कमिंस की तीन गेंद संभलकर खेली । हर गेंद के बाद रेड्डी और दीर्घा में बैठे उनके पिता के चेहरे के भाव बदल रहे थे लेकिन सिराज ने तीन गेंद संभलकर खेली और रेड्डी को वह पल दिया जिसका सपना वह हजारों बार देख चुके थे । स्कॉट बोलैंड को सीधे चौका लगाकर रेड्डी ने अपना शतक पूरा किया और घुटने के बल बैठकर बल्ले पर हेलमेट रखकर भारतीय डगआउट के प्रति आभार व्यक्त किया । भारतीय खिलाड़ियों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया । एक दशक पहले जब रेड्डी के पिता मुथियाला ने अपनी नौकरी छोड़कर साहूकारी का काम शुरू किया और नुकसान उठाया तो परिवार ने उन्हें अपने बेटे के सपनों को पर नहीं देने की सलाह दी लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी । सीमारेखा के पास बैठे रेड्डी के पिता अपने आंसू नहीं रोक सके जब उनके बेटे ने शतक पूरा किया । उन्हें वह दिन याद आ गया होगा जब उनके बेटे को 2017 में बीसीसीआई से सर्वश्रेष्ठ अंडर 16 क्रिकेटर का पुरस्कार मिला था । उस समय रेड्डी ने अपने आदर्श क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का के साथ सेल्फी ली थी । अपनी पारी में रेड्डी ने दस चौके और एक छक्का लगाया ।
सुबह के सत्र में जहां ऋषभ पंत का गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाना भारत को भारी पड़ा वहीं दूसरे सत्र में रेड्डी ने जबर्दस्त संयम का प्रदर्शन किया । भारत ने पहले सत्र में 80 रन बनाये । पंत 37 गेंद में 28 रन बनाकर खराब शॉट खेलकर आउट हुए । एमसीजी पर तीसरा दिन बल्लेबाजी के लिये शानदार था चूंकि घास हट चुकी थी और कूकाबूरा से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी । पंत अगर टिककर खेलते तो बड़ी पारी खेल सकते थे । रविंद्र जडेजा (51 गेंद में 17 रन) और पंत ने दिन की अच्छी शुरूआत की । पंत ने कुछ चौके भी लगाये लेकिन लांग लेग पर गैर जरूरी रिवर्स लैप पुल शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया । स्कॉट बोलैंड की गेंद पर जब उन्होंने पहली बार यह शॉट खेलने का प्रयास किया तो गेंद नाभि के पास लगी और वह दर्द में दिखे । वह उठे और उन्हें समझ में नहीं आया कि पैट कमिंस ने डीप फाइन लेग और डीप थर्डमैन पर फील्डर लगा दिया है ताकि रिवर्स और रिवर्स लैप शॉट रोक सके । पंत ने फिर वही शॉट खेला और अतिरिक्त उछाल के कारण गेंद सीधे थर्डमैन पर फील्डर के हाथ में गई । इसके बाद रेड्डी ने संभलकर खेला और कुछ अच्छे स्ट्रोक्स लगाये । इस बीच जडेजा को नाथन लियोन ने पगबाधा आउट कर दिया । - नयी दिल्ली ।दोहा में एशियाई युवा और जूनियर भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन के बाद भारत के पदक विजेता युवाओं की नजरें नये साल में नयी ऊंचाइयों को छूने पर लगी है । भारत ने 19 से 25 दिसंबर तक हुए टूर्नामेंट में 33 पदक जीते ।अब खिलाड़ियों का लक्ष्य ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2026 के लिये क्वालीफाई करना है । राष्ट्रीय भारोत्तोलन कोच और ओलंपियन मीराबाई चानू के मेंटोर विजय शर्मा ने कहा कि दोहा के प्रदर्शन से भविष्य उज्जवल रहने के संकेत मिले हैं । दोहा में पदक जीतने वाले भारत के 24 खिलाड़ियों में से 22 खेलो इंडिया से निकले थे । पूरे दल ने भारतीय खेल प्राधिकरण के पटियाला, इम्फाल और औरंगाबाद स्थित राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में अभ्यास किया । भावी योजना के बारे में महिला जूनियर प्लस 87 वर्ग में रजत पदक जीतने वाली मेइबाम मार्टिना देवी ने कहा ,‘‘ 2025 में राष्ट्रमंडल खेल 2026 के ट्रायल शुरू होंगे । अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैम्पियनशिप क्वालीफायर टूर्नामेंट है । '' उन्होंने कहा ,‘‘ इसके अलावा मैं उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में भी भाग लूंगी ।''पुरूषों में एनआईएस पटियाला में शिविर में भाग लेने वाले साइराज परदेशी ने कहा ,‘‘ मैने 2018 में 12 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र में ट्रेनिंग शुरू की थी । कोरोना लॉकडाउन तक वहां अभ्यास किया और 2021 में औरंगाबाद आ गया ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ इसी साल मैं एनआईएस पटियाला आया । साइ केंद्रों का मेरे कैरियर में बहुत योगदान रहा है । चाहे अनुशासन की बात हो, खुराक, कोचों या कई अन्य पहलुओं में भी ।'
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अहमदाबाद| वैष्णवी अडकर ने शनिवार को यहां डब्ल्यू15 महिला टेनिस चैंपियनशिप के फाइनल में डेनमार्क की एलेना जमशीदी को सीधे सेटों में 6-2, 6-1 से हराकर अपना पहला आईटीएफ एकल खिताब जीता। पुणे के 20 वर्षीय खिलाड़ी ने एक घंटे से भी कम समय में जीत हासिल की।
यह वैष्णवी के करियर की महत्वपूर्ण जीत है, जिससे वह रुतुजा भोसले की खिताबी जीत के बाद पिछले तीन वर्षों में पेशेवर महिला एकल खिताब जीतने वाली पुणे की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। वैष्णवी ने क्वार्टर फाइनल में माया राजेश्वरन और सेमीफाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त जील देसाई को हराया था। वैष्णवी ने पूजा इंगले के साथ मिलकर महिला युगल का खिताब जीतकर दोहरी सफलता हासिल की।इस भारतीय जोड़ी ने फाइनल में एक कड़े मुकाबले में जापान की जोड़ी अनरी नागाटा और होनोका कोबायाशी को 6-3, 2-6, 12-10 से हराया।