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 भारतीय उद्योग जगत ने सरकार के सुधार के उपायों को सराहा- संगीता रेड्डी, चंद्रजीत बनर्जी और नवीन जिंदल ने क्या कहा.....पढ़ें...

 नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में शनिवार को घोषित सुधारवादी उपायों का स्वागत करते हुए कहा कि ये दीर्घकालिक वृद्धि की की नींव रखेंगे, निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेंगे और रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।
 सरकार ने शनिवार को रक्षा विनिर्माण में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा में वृद्धि करने, छह अन्य हवाईअड्डों के निजीकरण, नागर विमानन क्षेत्र के लिये और अधिक वायु क्षेत्र खोलने और कोयले के वाणिज्यिक खनन में निजी क्षेत्र को प्रवेश देने की घोषणाएं की। इसके साथ ही मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिये वैसे हथियारों की सूची का विस्तार किया जायेगा, जिनका आयात नहीं किया जा सकता है। निजी क्षेत्र को ग्रहों की खोज और अंतरिक्ष यात्रा की भविष्य की परियोजनाओं के साथ-साथ उपग्रहों के प्रक्षेपण समेत भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी शामिल किया जायेगा। 
फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि सरकार कोरोनो वायरस संकट को भारत के लिये एक अवसर में बदल रही है। उन्होंने कहा,  आज घोषित किये गये उपाय भारतीय उद्योग के लिए अधिक अवसर पैदा करने और बड़े कारोबारी घरानों के साथ-साथ स्टार्टअप की क्षमताओं का लाभ उठाने की दिशा में हैं। ये उपाय दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि की नींव रखेंगे और भारत के भविष्य को तय करने वाले क्षेत्रों को ये उपाय गति प्रदान कर सकते हैं। 
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि ये घोषणाएं अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। उन्होंने कहा कि ये घोषणाएं स्थानीय विनिर्माण, आयात को कम करने और रोजगार को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आकार देती हैं। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि ये सुधार निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेंगे। इसके साथ ही ये कोयला, खनिज, रक्षा, हवाई अड्डे व वायु क्षेत्र प्रबंधन, बिजली, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र समेत भारतीय अर्थव्यवस्था के रणनीतिक और वृद्धि की उम्मीदों वाले क्षेत्रों की स्थिति बेहतर करेंगे। 
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा,  इन सुविचारित सुधारों से यह पता चलता है कि सरकार जमीनी हकीकत से अच्छी तरह वाकिफ है। ये उपाय हमारी अर्थव्यवस्था को महामारी की वजह से उत्पन्न मौजूदा स्थिति से बाहर निकालने में मदद करेंगे। 
 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये करीब दो महीने से लागू लॉकडाउन की मार से अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त के उपायों की यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी। पैकेज की चौथी किस्त बड़े पैमाने पर सुधारों और लगभग नगण्य हो चुके नये निवेश पर केंद्रित है। सीतारमण ने कहा कि अब विदेशी निवेशकों को स्वचालित मार्ग के तहत रक्षा विनिर्माण उपक्रमों में 74 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की अनुमति होगी। अभी रक्षा विनिर्माण में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा मंजूरी मानदंडों के अधीन होगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार सालाना समयसीमा के साथ आयात के लिये प्रतिबंधित हथियारों व प्लेटफार्म की सूची का विस्तार करेगी। इसके साथ ही कुछ आयातित पुर्जों को देश में बनाने के कदम उठाए जाएंगे। इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भारी रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी।
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