नीति आयोग ने निर्यात तत्परता सूचकांक रिपोर्ट जारी की, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु शीर्ष तीन स्थान पर
नई दिल्ली। नीति आयोग ने आज निर्यात तत्परता सूचकांक - ईपीआई 2020 जारी किया। ईपीआई का उद्देश्य चुनौतियों और अवसरों की पहचान करना, सरकारी नीतियों की कारगरता को बढ़ाना और सुविधाजनक नियामक ढांचे को प्रोत्साहन देना है । ईपीआई के चार स्तंभ, नीति, व्यापार और निर्यात से जुड़े विभिन्न पहलू और निर्यात प्रदर्शन हैं। इसमें निर्यात संवर्धन नीति, संस्थागत ढांचा, व्यापार, पर्यावरण, मूलभूत ढांचा और यातायात की व्यवस्था से जुड़े पहलू भी शामिल है।
इस अवसर पर नीति आयोग उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि विश्व के बाजार में भारत एक मजबूत निर्यातक बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ईपीआई सूचकांक विभिन्न राज्यों की क्षमता को आंकता है। डॉक्टर कुमार ने कहा कि उम्मीद है कि इस सूचकांक से मिलने वाले विस्तृत ब्यौरे का उपयोग कर सभी पक्षधर राष्ट्रीय और राज्यकीय स्तर दोनों पर निर्यात से जुड़ी प्रणाली को मजबूत कर पाएंगे।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिताभ कांत ने कहा कि निर्यात तत्परता सूचकांक आंकड़ों पर आधारित एक प्रयास है जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख केंद्र बिंदुओं की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्यात में लगातार वृद्धि के लिए किसी भी आर्थिक संस्थान के लिए आवश्यक तथ्यों के आधार पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का आकलन किया गया है।
अभी जारी ईपीआई से पता लगा है कि निर्यात विविधता, यातायात संपर्क व्यवस्था और मूलभूत ढांचे के पैमाने पर अधिकांश भारतीय राज्यों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि ज्यादातर तटवर्ती राज्यों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है और गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को शीर्ष तीन स्थान प्राप्त हुए हैं।
नीति आयोग ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर भारत पर आधारित एक विकासशील देश बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निर्यात बढ़ाने की जरूरत है। ईपीआई से महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है कि इस लक्ष्य को राज्य कैसे हासिल करें।
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