केन्द्र ने राज्यों के सामने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए दो विकल्प रखे
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि इस वर्ष की दो लाख 35 हजार करोड़ रुपए की समूची जीएसटी क्षतिपूर्ती राशि का वहन राज्यों को भारतीय रिजर्व बैंक के साथ सलाह से किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने आज जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि एक बार व्यवस्था के बारे में जीएसटी परिषद में सहमति बन जाने के बाद बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों के भुगतान के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक के साथ सलाह मशवरे से, राज्यों को विशेष व्यवस्था के तहत भुगतान करने का एक अन्य विकल्प, न्यायसंगत ब्याजदर पर 97 हजार करोड़ रुपए देना है। उन्होंने कहा कि उपकर संग्रह के पांच वर्ष बाद इसका पूर्ण भुगतान किया जा सकता है।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि राज्यों के सामने दो विकल्प रखे गए थे ताकि उन्हें ऋण के लिए ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि राज्?यों ने दोनों विकल्पों का ब्यौरा उपलब्ध कराने और विचार के लिए सात दिन का समय दिए जाने का अनुरोध किया है। ये विकल्प केवल इस वर्ष के लिए उपलब्ध रहेंगे। अप्रैल 2021 में परिषद समीक्षा करेगी और पांचवे वर्ष के बारे में फैसला करेगी। वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण जीएसटी संग्रह पर विपरित असर पड़ा है।
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