जब किसान और कृषि, उद्योग का रूप लेकर आगे बढ़ेंगे तो निश्चित रूप से गांवों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे- मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कृषि में आत्मनिर्भरता केवल खाद्यान्नों तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें गांवों की समुचित अर्थव्यवस्था भी शामिल है।
वे आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उत्तरप्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के महाविद्यालय और प्रशासनिक भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का उद्देश्य देश में कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन करना, देश तथा दुनिया में इनका विपणन करना और किसानों को उद्यमी बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसान और कृषि, उद्योग का रूप लेकर आगे बढ़ेंगे तो निश्चित रूप से गांवों में रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
श्री मोदी ने कहा कि स्कूल स्तर पर ही कृषि से संबंधित शिक्षा देना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में माध्यमिक स्तर पर कृषि को एक विषय के रूप में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को ड्रोन तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कृषि क्षेत्र में आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल से संबंधित आधुनिक तकनीक पर लगातार काम करना होगा।
श्री मोदी ने कहा कि 6 वर्ष पहले देश में केवल एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय था, लेकिन अब इनकी संख्या 3 हो गई है। इसके अलावा 3 और राष्ट्रीय संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में सात सौ करोड़ रूपये से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है और लाखों कामगारों को रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत बुंदेलखंड में हजारों तालाबों की मरम्मत की गई है और नये तालाबों का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अटल भू-जल योजना के तहत भू-जल का स्तर बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस मार्ग और रक्षा गलियारा जैसी परियोजनाओं से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने इसके बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से बातचीत की और उन्हें नये भवन के लिए बधाई दी।
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