गुजरात और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह ने राज्य स्टार्ट अप रैंकिंग-2019 में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया
नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोविड संकट के दौरान भारतीय स्टार्ट अप शानदार विचारों और देश-विदेश के समक्ष अनेक समस्याओं के समाधान के लिए आगे आए हैं।
नई दिल्ली में स्टार्ट अप रैंकिंग जारी करने के अवसर पर आज श्री गोयल ने कहा कि ग्रोसरी की डिलीवरी और लोगों की अनिवार्य जरूरतें पूरी करने के बारे में अनेक स्टार्ट अप नए-नए विचारों के साथ सामने आए। डिजिटल अर्थव्यवस्था और ई-कॉमर्स को विभिन्न तरीकों के जरिए प्रोत्साहन देने के बारे में भी नए-नए विचार प्रस्तुत किए गए। श्री गोयल ने कहा कि स्टार्ट अप इंडिया पहल के शुभांरभ के साथ भारत स्टार्ट अप को प्रोत्साहन देने में सफल रहा। आज भारत स्टार्ट अप के क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बडा देश है। श्री गोयल ने प्रत्येक व्यक्ति से अपील की कि भारत को नया रूप देने और देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कोविड संकट को अवसर में बदला जाए।
वर्ष 2019 की स्टार्ट अप रैंकिंग में गुजरात और केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीपसमूह ने कारोबार करना सुगम बनाने, उत्पादकता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की दिशा में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
कर्नाटक और केरल बिजनस और फाइनेंस को आकर्षित करने के उद्देश्य से नूतन उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की स्टार्ट अप रैंकिंग में कर्नाटक और केरल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। स्टार्ट अप को प्रोत्साहन देने की दिशा में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, तमिलनाडु, असम, दिल्ली, मध्य प्रदेश, सिक्किम और उत्तर प्रदेश उभरते हुए राज्य हैं।
श्री गोयल ने कहा कि भारत में जिस तेजी से स्टार्ट अप का माहौल बन रहा है उससे केन्द्र और राज्य स्तर पर सभी नीति निर्माताओं को इस दिशा में व्यापक कार्य करने की प्रेरणा मिली। वे इस क्षेत्र को और प्रोत्साहन तथा सहायता देने के तरीके खोजने के लिए उत्सुक हुए।
श्री गोयल ने कहा कि देश के राज्यों, जिलों और कस्बों में अपने-अपने स्टार्ट अप केन्द्र बनाने का विचार बहुत रोमांचक है और ऐसा करना काफी हद तक संभव है। उन्होंने कहा कि देश के स्टार्ट अप रोडवेज, जलमार्ग, जहाजरानी और रेलवे तथा लॉजिस्टिक संबंधी सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। श्री गोयल ने कहा कि जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन, सौर बैटरियों के विनिर्माण, विद्युत वाहनों, ड्रोन और डाटा विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उद्यमिता के लिए सहायता उपलब्ध करायी गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अंतरिक्ष सहित प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्र में वैज्ञानिक नवाचार को प्रोत्साहन से भारत को अपनी कई समस्याएं हल करने में मदद मिलेगी। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है।
श्री गोयल ने कहा कि स्टार्ट अप को तीन पी- प्रोडक्ट यानी उत्पाद, प्रोसेस यानी प्रक्रिया और पीपल यानी लोगों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 43 प्रतिशत से अधिक स्टार्ट अप को महिलाएं आगे बढ़ा रही हैं जो बहुत उत्साहजनक संकेत है। यह रूझान सदियों पुरानी उस धारणा को भी तोड़ रहा है जिसके तहत अतीत में महिला उद्यमियों को आगे नहीं बढऩे दिया गया। श्री गोयल ने कहा कि हमें ऐसे विचारों की जरूरत है जो भारत के लोगों की समस्याएं हल कर सकें और उपभोक्ताओं की जरूरतें पूरी कर सकें। यह सभी तरह के स्टार्ट अप का मुख्य बिन्दु होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश इस दिशा में सहयोग कर रहे हैं। देश 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम में से एक के साथ पूरी ईमानदारी से प्रतिबद्ध है।
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