एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में चलेगी बाइक टैक्सी
मुंबई । महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने एक लाख की आबादी वाले शहरों के लिए इलेक्ट्रिक-बाइक टैक्सी की शुरुआत को मंजूरी दे दी। इस कदम से 15 किलोमीटर तक की यात्रा करने वाले एकल यात्रियों को लाभ होगा और यह मुंबई के अलावा राज्य के कई अन्य शहरी केंद्रों में भी लागू होगी। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि इस कदम से मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में 10,000 से अधिक और राज्य के बाकी हिस्सों में भी इतनी ही नौकरियां पैदा होंगी।
सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करने के लिए सरकार ने निजी दोपहिया वाहनों के लिए बाइक-पूलिंग के विकल्प को भी मंजूरी दी है। इन वाहनों के लिए मोटर वाहन अधिनियम के तहत फिटनेस सर्टिफिकेट, वैध परमिट और बीमा अनिवार्य होगा। बाइक टैक्सी किराया दरें संबंधित क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) द्वारा निर्धारित की जाएंगी।
बाइक टैक्सी सेवा से कम खर्च में सुगम यात्रा का विकल्प उपलब्ध होगा और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। इस नीति के तहत, केवल इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी परिवहन सेवा में शामिल की जाएंगी। यह योजना नागरिकों को सस्ता परिवहन विकल्प और लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इसके साथ ही, यह शहरों में प्रदूषण और यातायात जाम को कम करने में मदद करेगी और यात्रा का समय घटेगा। साथ ही, नए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
रामनाथ झा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के अनुसार इस नीति को लागू करने का निर्णय लिया गया, जिसका गठन बाइक टैक्सी वाहनों के लिए एक व्यापक नीति तैयार करने के लिए किया गया था। इससे राज्य के नागरिकों को किफायती एवं सुविधाजनक परिवहन का विकल्प मिलेगा। इस नीति के तहत बाइक टैक्सी सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटर्स को इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करना होगा। उन्हें पीले रंग से रंगा जाएगा। यह विकल्प पर्यावरण के अनुकूल है और रोजगार भी प्रदान करता है। इससे महत्वपूर्ण रोजगार सृजन होगा और महिला ड्राइवरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
बाइक टैक्सी सिर्फ 20 से 50 वर्ष की आयु के चालक ही चला सकेंगे। इसके अलावा, महिला यात्रियों को महिला चालक चुनने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इस नीति के तहत सेवा प्रदान करने वाले एग्रीगेटर्स के वाहनों में जीपीएस लगाना, आपातकालीन संचार सुविधाएं उपलब्ध कराना, गति की जांच करना , चालक और यात्री दोनों के लिए बीमा कवर प्रदान करना, स्वच्छता मानकों को बनाए रखना आदि अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही दोपहिया वाहन चालकों का चयन करते समय उनकी पृष्ठभूमि की जांच करना और यह सुनिश्चित करना भी जरूरी कर दिया गया है कि वे सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं।
सरनाईक ने कहा कि सरकार द्वारा प्रमाणित निगम और बोर्ड से जुड़े ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों के बच्चे ई-बाइक टैक्सी के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें 10,000 रुपये की सहायता दी जाएगी, और वे शेष धनराशि ऋण के माध्यम से जुटा सकते हैं। यह प्रदूषण मुक्त महाराष्ट्र की दिशा में पहला कदम है। हम किराया तय करेंगे। अगर एक यात्री को यात्रा के लिए 100 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, तो हम इस पर काम करेंगे कि यह काम 30-40 रुपये में कैसे हो सकता है।
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