खरगा की पूनम को मिली दिशा — जब शिक्षक पहुँचे गाँव तक
*युक्तियुक्तकरण से स्कूल नहीं रहा अब एकल शिक्षकीय*
*सुनहरे भविष्य के सपने अब होंगे पूरे*
बिलासपुर/कोटा ब्लॉक का ग्राम खरगा एक छोटा सा गांव, लेकिन मेहनती लोगों का गाँव है। यहाँ के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली बच्ची पूनम धृतलहरे की आंखों में सुनहरे भविष्य की उम्मीद साफ देखी जा सकती है। वो कल की कल्पना चावला, अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला या किसी भी अन्य क्षेत्र में अपनी कामयाबी का लोहा मनवा सकती है। उसकी मुस्कान में आत्मविश्वास झलकता है। पूनम एक ग्रामीण परिवार से आने वाली होशियार छात्रा है,शुरू से पढ़ाई में आगे थी । लेकिन एकल शिक्षकीय इस स्कूल में उस जैसे ही अन्य बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। बच्चे पढ़ाई में कहीं पीछे छूट रहे थे।
*युक्तियुक्तकरण से आई उम्मीद की किरण*
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए गए युक्तियुक्तकरण से कोटा ब्लॉक के इसी विद्यालय में श्री मुकेश कुमार यादव की पदस्थापना शिक्षक के रूप में हुई। यहां पहले से केवल एक शिक्षक श्री संतोष कुमार खांडे थे। एक और शिक्षक के आने से बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिल गया। अब पूनम सहित अन्य बच्चों को भी पढ़ने में मजा आने लगा है।
*बदलाव के संकेत*
गाँव के अन्य बच्चे, जो पहले स्कूल छोड़ने की सोच रहे थे, अब नए शिक्षक के आने से स्कूल आने को प्रेरित हुए।
*पूनम और बच्चों के शब्दों में*
पूनम और स्कूल के दूसरे बच्चों ने बताया कि उन्हें पहले लगता था कि हम पढ़ कैसे पाएंगे, मुश्किल सवाल हल नहीं कर पाते थे। लेकिन अब सर ने सिखाया है कि हर सवाल हल किया जा सकता है, बस तरीका चाहिए। पालकों ने कहा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बच्चों की बेहतरी के लिए बहुत अच्छा फैसला लिया। उनके प्रयासों से आज इस स्कूल में हमारे बच्चों को नियमित शिक्षा मिल पा रही है। हमारे बच्चे भी अब शहर के बच्चों की तरह खूब पढ़ेंगे और हमारा और हमारे गांव का नाम रौशन करेंगे। खरगा जैसे छोटे गाँवों में जब शिक्षक समय पर पहुँचते हैं, तो न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बदलती है, बल्कि गाँव का भविष्य भी रोशन होता है। खरगा गांव के बच्चे भी अब मन लगाकर पढ़ेंगे और विकास के नए सोपान तय करेंगे।
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