लखपति दीदी पर आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला संपन्न
रायपुर । ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 'लखपति दीदी बनाने की दिशा में' विषय पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला के अंतिम दिवस राजधानी रायपुर में प्रदेश भर की चयनित लखपति दीदियों ने अपने संघर्ष, मेहनत व आजीविका से आत्मनिर्भर बनाने की कहानियों, परिचर्चा सत्र का आयोजन हुआ। विदित हो कि उक्त कार्यशाला का शुभारंभ ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री शैलेष कुमार, सूक्ष्म व लघु उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री एस सी एल दास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था।
'लखपति दीदी कार्यशाला' के अंतिम दिन, छत्तीसगढ़ की दीदियों ने साझा की अपनी सफलता की कहानियाँ!
तीन दिवसीय लखपति दीदी क्षेत्रीय कार्यशाला के अंतिम दिन छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आई लखपति दीदियों ने अपनी सफलता की कहानियाँ और उद्यमशीलता की यात्रा सभी प्रतिभागियों के साथ साझा की।
नगपुरा चंदखुरी की चंद्रकली वर्मा दीदी, जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा 'नमो ड्रोन दीदी' के रूप में सम्मानित किया गया है, ने बताया कि उन्होंने ग्वालियर से ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2025 के लिए 800 एकड़ की बुकिंग कर ली है, जहाँ वे प्रति एकड़ ₹300 की दर से सेवा दे रही हैं।
आरंग की नागेश्वरी वर्मा दीदी ने बताया कि बिहान से जुड़कर उन्होंने मुर्गी पालन शुरू किया, जिससे उन्हें सालाना ₹1.5 लाख की आय होती है। उन्होंने बताया कि बिहान के सहयोग से वे अब आत्मनिर्भर हैं और परिवार की आर्थिक ज़रूरतों में सहयोग कर रही हैं।
दंतेवाड़ा की निकिता मरकाम दीदी ने भी अपनी यात्रा साझा की—बिहान से जुड़कर उन्होंने किराना दुकान और सब्जी उत्पादन शुरू किया। इस वर्ष उन्हें सब्जी से ₹2 लाख और आम-जामुन से ₹1 लाख का लाभ हुआ। आज उनकी सालाना आय ₹3 लाख हो चुकी है और अब वे करोड़पति बनने का सपना देख रही हैं।इन सभी कहानियों ने यह संदेश दिया कि सशक्त महिला ही समृद्ध गांव की नींव है।
सत्र में मिशन संचालक श्रीमती जयश्री जैन एवं कुमार विश्वरंजन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायपुर एवं राष्ट्रीय प्रबंधन इकाई नई दिल्ली के प्रतिनिधितो ने लखपति दीदी की कहानी सुन कार्यो व प्रयासों की सराहना की गई। अन्य राज्यों के प्रतिनिधि गण लगातार तालियां बजाकर लखपति दीदियों का उत्साहवर्धन करते रहे। एमीन दीदी ने बताया कैसे एक छोटी सी गुमटी से आज बिहान कैंटीन चला रही है। वर्तमान में प्रतिमाह 30 से 40 हज़ार कमा ले रही है।
आयोजन जिसमे राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई सहित देशभर के विभिन्न राज्य यथा मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल,ओडिशा, बिहार, उत्तरखंड, तेलंगाना, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड इत्यादि राज्यो के अधिकारी व प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
इस क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन CMTC सेरीखेड़ी में आयोजित किया गया जहां मल्टी यूटिलिटी सेंटर में संचालित विभिन्न आजीविका गतिविधियों - बेकरी , नमकीन, सिलाई, साबुन एवं मोमबत्ती ,फिनायल, नर्सरी, पानी प्लांट, कैंटीन आदि का भ्रमण कर दीदियों से जानकारी लिया गया। इस राष्ट्रीय स्तर के पूरे कार्यक्रम का आयोजन एवं प्रबंधन पूरी तरह से समुदाय द्वारा किया गया जिसमें स्वल्पाहार में छत्तीसगढ़ी व्यंजन, लंच, स्वागत, मंच का संचालन आदि सभी रायपुर जिले की स्व-सहायता समूहों की दीदियों के द्वारा आयोजित किया गया। अन्य राज्यों से आए हुए अतिथियों ने अपने अनुभव साझा किए जिसमें रायपुर में संचालित CMTC एवं अधोसंरचना ,कैंपस का प्रबंधन एवं गतिविधियों की सराहना की गई एवं अपने राज्य में इस माडल को अपनाने पर अपने विचार प्रस्तुत किए । CMTC की स्थापना सितंबर 2021 में तात्कालिक मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वर्तमान में रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में स्थापित किया गया है ,जिसमें विभागीय एवं CSR के साथ अभिसरण का एक अनूठा मॉडल तैयार कर अधोसंरचना का विकास किया गया है ,जिसका उपयोग ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनाकर लखपति दीदी बनाने का प्रयास जिला प्रशासन रायपुर द्वारा किया जा रहा है। इस अनुकरणीय कार्य एवं CMTC प्रबंधन तथा क्षेत्रीय कार्यशाला के समापन समारोह की सभी ने सराहना की गई। साथ ही सभी लखपति दीदियों का साल, श्रीफल एवं बुके से मिशन संचालक महोदया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायपुर एवं राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई नई दिल्ली से आए प्रतिनिधियो द्वारा से सम्मानित किया गया।।
Leave A Comment