ब्रेकिंग न्यूज़

  जनजातीय स्वतंत्रता विद्रोहों पर बने भव्य स्मारक सह-संग्रहालय जल्द लोगों के लिए होगा समर्पित

-मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्थल निरीक्षण कर तैयारियों का लिया जायजा
-राज्योत्सव पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे देश के पहले डिजीटल संग्रहालय का लोकार्पण
-आदिवासियों के 14 विद्रोहों और जंगल सत्याग्रह एवं झंडा सत्याग्रह के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन
 रायपुर।  नवा रायपुर अटल नगर के आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विद्रोहों पर बन रहे स्मारक सह-संग्रहालय जल्द ही लोगों के लिए समर्पित किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के मौके पर देश के पहले डिजीटल संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज निर्माणाधीन संग्रहालय स्थल का निरीक्षण कर लोकार्पण की तैयारियों का जायजा लिया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
गौरतलब है कि राज्य सरकार इस वर्ष छत्तीसगढ़ निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती के रूप में मना रहा हैं। नवा रायपुर में बन रहे शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह-संग्रहालय के निर्माण कार्यों का निरीक्षण के दौरान मुख्य मंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि आगंतुकों एवं पर्यटकों के हिसाब से संग्रहालय में आडियो-विडीयो विजुवल की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आगंतुक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के संबंध में भंलिभांति परिचित हो सके। 
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की परिकल्पना का परिणाम है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ में जनजातीय वर्गों के ऐतिहासिक गौरव गाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक स्मारक सह-संग्रहालय धरातल पर दिखाई देगा। यह निर्माणाधीन संग्रहालय सदियों के लिए आने वाली नई पीढ़ियों को पुरखों का याद दिलाता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय न सिर्फ आदिवासी वर्गों के लिए बल्कि सभी वर्गों सहित देश-विदेश के लोगों के लिए भी प्रेरणाप्रद बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस जीवंत संग्रहालय के माध्यम से लोगों में बड़ी से बड़ी ताकतों के अन्याय, अत्याचार के खिलाफ विद्रोह करने का साहस पैदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि सोच का परिणाम है कि आज प्रदेश का पहला संग्रहालय है जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्य गाथा एवं बलिदान को समर्पित है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगामी राज्योत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रस्तावित उद्घाटन के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां व निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने संग्रहालय में डिजीटलीकरण कार्य, पार्किंग व्यवस्था, सॉवेनियर शॉप, गार्डनिंग, वॉटर सप्लाई की स्थिति की जानकारी ली।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को संग्रहालय में निर्माणाधीन 14 गैलरियों सहित झंडा सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह, जनजातीय संस्कृतियों पर बने गैलरियों आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान उनके साथ वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री विकासशील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, रायपुर संभाग के कमिश्नर श्री महादेव कावरे, आदिम जाति विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव एवं जनसंपर्क विभाग के आयुक्त डॉ रवि मित्तल, कलेक्टर श्री गौरव सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह, टीआरटीआई संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित  अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।   
वीएफएक्स टेक्नोलॉजी और प्रोजेक्शन वर्क से तैयार हो रहा है संग्रहालय
गौरतलब है कि यह स्मारक सह- संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बारिकी के साथ अध्ययन व रिसर्च के बाद वीएफएक्स टेक्नोलॉजी और प्रोजेक्शन वर्क के साथ तैयार किया रहा है। संग्रहालय देखने वाले आगंतुकों को आदिवासी विद्रोह का वर्णन स्टैच्यू के पास ही लगे डिजिटल बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। आगंतुक संग्रहालय में आदिवासी विद्रोह को जीवंत महसूस कर सकेगा। वहीं आगंतुक प्रत्येक गैलरी में बनाई गई जीवंत प्रस्तुति के सामने स्कैनर से मोबाईल द्वारा स्कैन कर संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।  
16 गैलेरियों में तैयार हो रहा है संग्रहालय
उल्लेखनीय है कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे - हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रेाह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन 14 गैलेरियों में किया जा रहा है। वहीं जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर एक-एक गैलेरियों का भी निर्माण किया जा रहा है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english