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वरिष्ठ नेताओं पर टिप्पणी मामले में कांग्रेस के दो पूर्व विधायक पार्टी से निष्कासित

रायपुर. विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर टिप्पणी करने के आरोप में कांग्रेस ने दो पूर्व विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है तथा पूर्व मंत्री को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने  गुरुवार को बताया कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पार्टी नेताओं पर तथ्यहीन आरोप लगाने और जवाब से संतुष्ठ नहीं होने पर पार्टी ने पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और डॉ विनय जायसवाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वहीं, पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल के निष्कासन आदेश में कहा गया है, ‘‘छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव-2023 के परिणाम उपरांत प्रदेश प्रभारी एवं वरिष्ठ नेताओं पर सार्वजनिक रूप से लगाए गए तथ्यहीन आरोप को निराधार व प्रस्तुत जवाब से असंतुष्ठ होकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के आदेशानुसार दो पूर्व विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है।'' वहीं, अग्रवाल को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की हार पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कांग्रेस सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाया था और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाया था। पूर्व मंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है जिसे पार्टी ने गंभीरता से लेते हुए उनसे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्व विधायकों का निष्कासन आदेश और पूर्व मंत्री को पत्र छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री (संगठन और प्रशासन) मलकीत सिंह गैदू द्वारा जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 54 सीटों पर जीत हासिल करते हुए विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार बना ली है। वहीं 2018 के चुनाव में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई है। कांग्रेस पार्टी की हार के बाद सिंह, जायसवाल और अग्रवाल ने अलग-अलग समय पर पार्टी के पदाधिकारियों पर कई आरोप लगाए थे। रामानुजगंज से दो बार विधायक रहे बृहस्पत सिंह और मनेंद्रगढ़ से एक बार के विधायक जायसवाल को पार्टी ने इस बार के चुनाव में टिकट देने से इंकार कर दिया था। दोनों राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के विरोधी माने जाते हैं। पूर्व में बृहस्पत सिंह ने सिंहदेव पर जानलेवा हमला कराने का आरोप भी लगाया था। बाद में सिंह ने माफी मांग ली थी। पूर्व मंत्री अग्रवाल को इस चुनाव में भाजपा के लखनलाल देवांगन ने 25,629 मतों से पराजित किया है।
चुनाव परिणाम के बाद अग्रवाल ने इस महीने की आठ तारीख को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सत्ता केंद्रीकृत हो गई थी और और मंत्रियों को पांच साल के शासनकाल के दौरान अधिकार नहीं दिए गए।

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