सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं कुसुम के फूल
कुछ लोग खुद को सेहतमंद रखने के लिए अलग-अलग तरह के हर्ब्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं। इन्हीं जड़ी-बूटियों में कुसुम का फूल भी शामिल है। कुसुम का फूल दिखने में काफी सुंदर लगता है। लेकिन, क्या आपको पता है, इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है।
कुसुम के फूल क्या है?
कुसुमा, जिसे कार्थमस टिंक्टरियस के नाम से भी जाना जाता है, एक बहुमुखी फूल है, जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेद में अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। आयुर्वेद में, कुसुम के फूल को त्रिदोषों को संतुलित करने वाली जड़ी बूटी मानी जाती है, जिसका मतलब है कि यह तीनों दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है। यह अपने औषधीय गुणों के लिए कई तरह की दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके ओवरऑल हेल्थ को बेहतर रखने में मदद करता है। यह पुष्प केसरिया लाल रंग के फूल होते हैं, जो गोल गुच्छों में मिलते है।
कुसुम के फूल की तासीर क्या होती है?
कुसुम के फूल का शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण यह शरीर की सूजन को कम करने और स्किन पर होने वाली जलन को शांत करने में बेहद फायदेमंद माना जाता है। इस फूल का कड़वा और कसैला स्वाद पाचन तंत्र को संतुलित करने, अपच और ब्लोटिंग के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है।
कुसुम खाने से क्या फायदा होता है? -
कुसुम के सेवन के कई स्वास्थ्य फायदे हैं। दरअसल, यह विरेचन गुणों से भरपूर होता है, जो आपके शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकाल कर पेट साफ करने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह वात कारक होने के कारण यूरीन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है। कुसुम के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इसका सेवन करने से शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं कुसुम का कड़वा और कसैला स्वाद आपके पाचन तंत्र को बेहतर रखने और अपच के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। सेहत के साथ-साथ कुसुम के फूल आपकी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। कुसुम का ठंडा प्रभाव आपकी स्किन पर एक्ने, एक्जिमा और डर्मेटाइटिस जैसी स्थितियों के कारण होने वाली जलन को शांत करने में मदद करता है। पीलिया के मरीजों को ठीक करने के लिए भी कुसुन के फूलों का पानी पिलाया जाता है, क्योंकि ये पसीने की मदद से पीलिया को ठीक करने में मदद करता है।
कुसुम का सेवन किसे नहीं करना चाहिए?
आमतौर पर कुसुम के फूल को सेवन के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों और व्यक्तियों को इसके सेवन से बचना चाहिए या फिर इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। कुसुम का फूल गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये फूल गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है और संकुचन की समस्या पैदा कर सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान परेशान का कारण बन सकता है। कुछ लोगों को कुसुम के फूल से एलर्जी हो सकती है, जिससे एलर्जी रिएक्सन हो सकता है, इसिलए, एलर्जी वाले व्यक्ति को भी इसका सेवन किसी भी रूप में करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, ब्लीडिंग डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को भी कुसुम के फूल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में रक्त के थक्के को धीमा कर सकता है, जो हीमोफिलिया जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
कुसुम का सेवन कैसे करना चाहिए?
कुसुम के फूल का सेवन चाय, तेल या पाउडर के रूप में कई तरह से किया जा सकता है। अपनी डाइट में आप रोजाना 2 ग्राम से 4 ग्राम कुसुम का फूल शामिल कर सकते हैं। आप इसका सेवन थोड़ी मात्रा से शुरू करें और जरूरत के हिसाब से धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ाएं। कुसुम के फूल को आप हल्दी और अदरक जैसी अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं। लेकिन, ध्यान रहे आप इसके औषधीय लाभों को बढ़ाने के लिए अच्छी क्वालिटी का कुसुम खरीदें या फिर घर में ही इसका पौधा लगाएं।
आयुर्वेद में कुसुम एक औषधीय जड़ी बूटी है, जो कई तरह के स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होता है। ऐसे में अपनी डाइट में कुसुम के फूल को शामिल करने से आप अपने ओवरऑल हेल्थ को बेहतर रखते हैं और अच्छी सेहत को बढ़ावा दे सकते हैं। कुसुम के फूल का सेवन आपके पाचन को बेहतर रखने, स्किन की जलन को कम करने आदि तरीके से फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अगर आप किसी तरह की दवाइ का सेवन करते हैं तो इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
Leave A Comment