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  बड़े काम की है केले की जड़ ....

केला अपने विभिन्न पौष्टिक गुणों के कारण लोगों के खान-पान का एक अभिन्न हिस्सा है। वजन बढ़ाना हो या एक्सरसाइज के बाद एनर्जी ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल करना हो, केले की जड़ हर तरह से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। पर आपने कभी केले की जड़ के इस्तेमाल के बारे में सोचा है। दरअसल केले की जड़ औषधीय गुणों से भरपूर है जिसे आयुर्वेद में कई बीमारियों के उपचारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
 केले की जड़ में कई प्रकार के पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं, जो कि अन्य पौधों की जड़ों की अपेक्षा कहीं अधिक हैं। इसमें सेरोटोनिन, टैनिन, डोपामाइन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, नॉर-एपिनेफ्रीन और हाइड्रोऑक्सीप्टामाइन आदि पोषक तत्व होते हैं जो अस्थमा, सूजन और अल्सर जैसी बीमारियों का रामबाण इलाज बन सकता हैं।
  केले की जड़ को आयुर्वेद में कई सारी बीमारियों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं इसके कुछ खास स्वास्थ्य लाभ।
 अस्थमा के मरीजों के लिए केले की जड़ का काढ़ा
केले की जड़ों में में सूजन को कम करने वाले एंटीपायरेटिक गुण होते हैं। ये सांस या अस्थमा की बीमारियों को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आयुर्वेद में अस्थमा के मरीजों को केले की जड़ का काढ़ा पीने के लिए सुझाव दिया जाता है। केले की जड़ का काढ़ा बनाने के लिए   केले की जड़ लें और उसे अच्छे से साफ कर लें। फिर इसे पानी में डालकर उबाल लें। उबल कर पानी जब गाढ़ा हो जाए तो इसमें आजवाइन मिला कर नमक के साथ इसका सेवन करें। ये काफी कारगार तरीके से काम करेगा। इसमें मिठास के लिए गुड़ भी मिलाया जा सकता है।  
 सूजन को कम करने के लिए
आयुर्वेद उपचार में केले की जड़ का उपयोग पुराने सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। यह बहुत ही विश्वशनीय और पारंपरिक दवा के रूप में जानी जाती है। अगर गले में सूजन की समस्या है, तो  इसके लिए केले की जड़ को अच्छी तरह से साफ करके इसे पीस लें। फिर इस पेस्ट को निचोड़कर इसका रस निकाल लें।  केले की जड़ से बने इस जूस में थोड़ा सा पानी मिलाएं और इस मिश्रण से गरारे करें। ऐसा  दिन में 3-4 बार करने से गले की सूजन कम हो जाती है। 
 हाई ब्लड प्रेशर में
केले की जड़ हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके लिए  केले की जड़ों को उबाल कर इसका पानी पीना है। इसके लिए   30 से 120 ग्राम तक केले की जड़ लें और साफ करने के बाद इसे उबाल लें। इस उबले हुए पानी को ठंडा होने के बाद  चाय की तरह पी सकते हैं। अच्छे परिणाम पाने के लिए इसे चाय की तरह नियमित रूप से 3-4 बार पिएं। यह धीरे-धीरे आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में  मदद करता है।
 पेट की समस्यों के लिए
केले की जड़ पर डोपामाइन की सामग्री गैस्ट्रिक एसिड को बनने से रोक सकती है जिससे कि ये  पेट से जुड़ी बीमारियों का रामबाण इलाज बन सकती है। साथ ही इससे अल्सर रोग की शुरुआत को रोकने में मदद मिलती है। गंभीर पेट दर्द या गैस की  परेशानी में  इसे उबाल कर पिएं या इसका काढ़ा बना कर पिएं, तो ये  तुरंत आराम पहुंचा सकती है।  
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