अमेरिका की लुइज ग्लुक को 2020 का नोबेल साहित्य पुरस्कार
स्टॉकहोम। इस साल का नोबेल साहित्य पुरस्कार अमेरिका की लुइज ग्लुक को दिया जाएगा। ग्लुक को उनके काव्य संग्रह एवेर्नो के लिए यह सम्मान मिलेगा।
1943 में न्यूयॉर्क में पैदा हुईं लुइज कैम्ब्रिज और मसाचुसेट्स में रहती हैं। स्वतंत्र रूप से लिखने के अलावा वे येल, न्यू हैवेन और कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर भी रही हैं। इसके पहले उन्हें पुलित्जर सहित कई और पुरस्कार मिल चुके हैं।
नोबेल साहित्य पुरस्कार बीते कुछ सालों से विवादों में रहा है। 2018 में पुरस्कार की घोषणा टाल दी गई क्योंकि स्वीडिश एकेडमी यौन शोषण के आरोपों में घिर गई थी। यह वही संस्था है जो पुरस्कार विजेताओं को चुनती है। आरोपों में घिरने के बाद कई सदस्यों ने खुद को एकेडमी से अलग कर लिया। काफी उठापटक के बाद आखिरकार एकेडमी ने अपना भरोसा हासिल किया और फिर बीते साल एक साथ दो पुरस्कारों की घोषणा की गई। 2018 के लिए पोलैंड की ओल्गा तोकारचुक और 2019 के लिए पेटर हांडके को पुरस्कार दिया गया।
हांडके का नाम पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद एक बार फिर विवाद उठ गया। हांडके 1990 के दशक में हुए बाल्कन युद्ध में सर्बिया के पक्के समर्थक माने जाते हैं। उन्हें सर्बिया के युद्ध अपराधों का समर्थक कहा गया। अल्बानिया, बोस्निया और तुर्की जैसे कई देशों ने विरोध जताने के लिए नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया। यहां तक कि पुरस्कार के लिए चयन करने वाली समिति के एक सदस्य ने इस्तीफा भी दे दिया।
करीब 11 लाख डॉलर के सबसे प्रतिष्ठित साहित्य नोबेल पुरस्कार के लिए उम्मीद की जा रही है कि इस बार चुने गए विजेता के नाम पर कोई विवाद नहीं होगा। इस बार पुरस्कार की दौड़ में केन्या के न्गुगी वा थिंगो, कनाडा की कवि ए कार्सन और जापान के उपन्यासकार हारुकी मुराकामी का नाम लिया जा रहा था। हालांकि पुरस्कार आखिरकार अमेरिकी साहित्यकार की झोली में गया।
1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजली के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार को पाने वाले वो ना सिर्फ पहले भारतीय बल्कि पहले गैर यूरोपीय साहित्यकार भी थे। 1901 से लेकर अब तक कुल 112 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं और इस बीच सात साल ऐसे रहे जब ये पुरस्कार नहीं दिए गए। कुल मिला कर दुनिया में 116 नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं। आमतौर पर साहित्य का नोबेल किसी एक शख्स को ही दिया जाता है और सिर्फ चार बार ऐसा हुआ जब पुरस्कार दो लोगों में बांटा गया। कुल 15 महिलाएं इस पुरस्कार की विजेता रही हैं। द जंगल बुक के लिए विख्यात रडयार्ड किपलिंग को 41 साल की उम्र में साहित्य का नोबेल मिला और वो सबसे युवा विजेता हैं। 2007 में डोरिस लेसिंग को मिले नोबेल ने उन्हें सबसे बुजुर्ग विजेता बनाया। तब उनकी उम्र 88 साल थीं।
1958 में बोरिस पास्टरनेक को नोबेल साहित्य पुरस्कार देने के लिए चुना गया, लेकिन उन्होंने अपने देश की सरकार के दबाव में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। इसी तरह 1964 में नोबेल पुरस्कार के लिए ज्यां पॉल सात्र्र के नाम की घोषणा हुई , लेकिन उन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने किसी भी आधिकारिक पुरस्कार को स्वीकार नहीं किया।
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