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 नयी शिक्षा नीति पर विचारों का खुले तौर पर स्वागत करेगा केंद्र  धर्मेंद्र प्रधान

कोयंबटूर (तमिलनाडु) । केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) कुछ पृष्ठों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि इसमें छात्रों के लाभ के लिए कई नयी विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा राज्यों की समवर्ती सूची का हिस्सा है, लेकिन केंद्र को उम्मीद है कि तमिलनाडु एनईपी को स्वीकार करेगा। कोयंबटूर में ‘अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वीमेन' के 34वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि एनईपी की बात करें तो केंद्र सरकार नए विचारों और तरीकों का खुले तौर पर स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सभी को मातृभाषा सीखनी चाहिए और एनईपी इन बुनियादी वर्षों में मातृभाषा में सीखने, पढ़ने और लिखने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से इस शैक्षणिक वर्ष से सभी भारतीय भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करने के बारे में कहा है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई करने से बच्चों का समग्र विकास बेहतर होगा और भारत की शिक्षा रोजगार, सशक्तिकरण और ज्ञान पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘‘इंटरनेट और स्मार्ट फोन बुनियादी आवश्यकताएं हैं और हम एंड्रॉइड या आईओएस जैसी विदेशी तकनीकों पर निर्भर हैं। हालांकि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने कुछ दिन पहले स्वदेशी 5जी के लिए तकनीक विकसित की है।'' कोविड-19 रोधी टीकों का उल्लेख करते हुए प्रधान ने कहा, ‘‘भारतीयों ने टीकाकरण कराया है, लेकिन दुनिया में किसी को भी हमारे देश की तरह इसे लेने के बाद कुछ सेकंड के भीतर प्रमाण पत्र नहीं मिलता। यह इस प्रकार की तकनीक है जिसे हम भारत में विकसित कर रहे हैं।'' महिला सशक्तीकरण के बारे में प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘तमिलनाडु देश के बाकी हिस्सों से बहुत आगे है और राज्य में देश में कामकाजी महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। भारत लोकतंत्र की जननी है और तमिलनाडु इसका केंद्र है।'' इस साल भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, ‘‘मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय में इसके बारे में चर्चा और विचार-विमर्श होगा।'' बाद में एनईपी के लिए बजट आवंटन में कमी पर एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह गलत सूचना है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और वित्त मंत्रालय नयी शिक्षा नीति को पूरा समर्थन दे रहे हैं और अगले बजट में और धनराशि आवंटित की जाएगी।''

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