एआई के बावजूद नियोक्ता रणनीतिक सोच के लिए बिजनेस स्कूल के स्नातकों को दे रहे तवज्जो: सर्वेक्षण
नयी दिल्ली. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) भले ही किसी कंपनी के निर्णय लेने और रणनीति में अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है, लेकिन नियोक्ता अब भी बिजनेस स्कूल के स्नातकों की बहुमुखी प्रतिभा और रणनीतिक सोच की ओर ही रुख कर रहे हैं। ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल (जीएमएसी) के एक नये सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली। सर्वेक्षण में पाया गया है कि नियोक्ता अपने नियुक्ति निर्णयों पर महंगाई और मंदी की आशंकाओं के प्रभाव को देख रहे हैं, लेकिन हाल में बिजनेस स्कूल से स्नातक हुए छात्र अपने करियर की संभावनाओं के बारे में आशावादी बने रह सकते हैं, क्योंकि उन्हें पूरे परिदृश्य में एआई के तेजी से एकीकरण से प्रोत्साहन मिला है। जीएमएसी द्वारा वैश्विक कॉर्पोरेट भर्तीकर्ताओं के वार्षिक सर्वेक्षण में पाया गया है कि समस्या-समाधान और रणनीतिक सोच आज भी नियोक्ताओं की शीर्ष प्राथमिकता वाले कौशल हैं। जीएमएसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जॉय जोन्स ने कहा कि एआई किसी कंपनी के निर्णय लेने और रणनीति विकास में अभिन्न हिस्सा होता जा रहा है, इसके बावजूद नियोक्ता बहुमुखी प्रतिभा और रणनीतिक सोच के लिए बिजनेस स्कूल के स्नातकों की ओर रुख कर रहे हैं। जोन्स ने कहा, "मैं बिजनेस स्कूलों द्वारा अपने विद्यार्थियों में इन प्रासंगिक कौशलों को जानबूझकर विकसित करने की सराहना करता हूं, जो निरंतर विकसित हो रही कारोबारी दुनिया में मूल्यवान योगदानकर्ता और भविष्य के नेता के रूप में उभर कर सामने आते हैं।" इस वर्ष का सर्वेक्षण कुल 1,108 कॉर्पोरेट भर्तीकर्ताओं और नियुक्ति प्रबंधकों के साथ किया गया।
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