ब्रेकिंग न्यूज़

 जानें कितना बड़ा था दशानन रावण का परिवार....
 राक्षस राज रावण के विषय में तो हम सभी जानते ही हैं, किन्तु रावण के परिवार के विषय में बहुत लोगों को अधिक जानकारी नहीं है। आज इस लेख में हम संक्षेप में रावण के परिवार के विषय में जानेंगे। 
रावण के पिता सप्तर्षियों में से एक महर्षि पुलत्स्य के पुत्र महर्षि विश्रवा थे। महर्षि विश्रवा की पहली पत्नी का नाम इलविदा था जिनसे उन्हें कुबेर नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। कुबेर यक्षों के अधिपति बनें। विश्रवा ने दूसरा विवाह सुमाली नामक राक्षस की पुत्री कैकसी से किया। विश्रवा और कैकसी के तीन पुत्र हुए - रावण, कुम्भकर्ण एवं विभीषण। इसके अतिरिक्त दोनों की एक कन्या भी थी - शूर्पणखा।
 वैसे तो रावण की कई पत्नियां थी किन्तु रामायण में रावण की दो प्रमुख पत्नियों और छ: पुत्रों का वर्णन मिलता है:
मंदोदरी: ये मयासुर और हेमा की बड़ी पुत्री थी और रावण की पटरानी। मायावी और दुदुम्भी इसके भाई थे जिनका वध वानर राज बाली ने किया। इनकी गिनती पंचकन्याओं में की जाती है। इनसे रावण को दो पुत्रों की प्राप्ति हुई।
मेघनाद: रावण का सबसे बड़ा पुत्र। महान योद्धा, पुराणों में वर्णित एकमात्र अतिमहारथी। एकमात्र ऐसा योद्धा जिसके पास तीनों महास्त्रों - ब्रह्मास्त्र, नारायणास्त्र एवं पाशुपतास्त्र थे। महादेव के प्रिय, इंद्र को भी जीतने वाले। श्रीराम और लक्ष्मण को भी नागपाश में बांध दिया था। लक्ष्मण के हाथों वध हुआ।
अक्षयकुमार: रावण का सबसे छोटा पुत्र। कई दिव्यास्त्रों का ज्ञाता। अल्पायु में ही वे अशोक वाटिका में हनुमान से उलझ बैठे और वीरगति को प्राप्त हुए।
धन्यमालिनी: मयासुर और हेमा की दूसरी पुत्री और मंदोदरी की छोटी बहन। इनसे रावण को 4 प्रतापी पुत्रों की प्राप्ति हुई।
अतिकाय: रावण का दूसरा पुत्र, महान योद्धा। एक बार कैलाश पर उत्पात मचाने के कारण भगवान शंकर ने इसपर अपना त्रिशूल फेंका। अतिकाय ने उस त्रिशूल को बीच में पकड़ लिया और नम्रता पूर्वक महादेव को प्रणाम किया। तब भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उसे कई दिव्यास्त्र दिए। ब्रह्मदेव के वरदान के अनुसार इसका वध केवल ब्रह्मास्त्र द्वारा ही संभव था। इसका लक्ष्मण के हाथों वध हुआ।
नरान्तक: रामायण के अनुसार इसके अधीन रावण के 72 करोड़ राक्षसों की सेना थी। लंका युद्ध में ये अतिकाय और देवान्तक के साथ लडऩे को आया और हनुमान के हाथों वीरगति को प्राप्त हुआ।
देवान्तक: महान योद्धा और रावण की सेना का एक सेनापति। कई देवताओं को भी परास्त किया। देवान्तक का पुत्र महाकंटक ही युद्ध के बाद राक्षस कुल का एकमात्र जीवित योद्धा था जिसे श्रीराम ने क्षमादान दिया। 
त्रिशिरा: तीन सर वाला श्रेष्ठ योद्धा। लंका युद्ध मे इसने अपने बाणों से हनुमान को बींध डाला। तब क्रोधित होकर हनुमान ने युद्ध मे इसका वध कर दिया।
इसके अतिरिक्त ऐसी मान्यता है कि रावण की एक प्रमुख पत्नी और थी जिसके विषय में किसी ग्रन्थ में अधिक वर्णन नहीं मिलता।  
 कुम्भकर्ण का विवाह दैत्यराज बलि की पुत्री वज्रज्वला से हुआ जिससे उसे कुम्भ और निकुम्भ नामक पराक्रमी पुत्र प्राप्त हुए। कुम्भकर्ण की दूसरी पत्नी कर्कटी थी जो विराध राक्षस की विधवा थी जिससे कुम्भकर्ण ने बाद में विवाह किया। उससे उसे भीम नामक पुत्र प्राप्त हुआ जिसका वध महादेव के हाथों हुआ। उसी के नाम पर भगवान शिव भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हुए। लंका युद्ध में कुम्भकर्ण का वध श्रीराम के हाथों हुआ। 
 विभीषण का विवाह गंधर्व शैलूषा की पुत्री सरमा से हुआ जिससे उसे त्रिजटा नामक पुत्री की प्राप्ति हुई जो अशोक वाटिका में सीता की सुरक्षा करती थी। रावण की मृत्यु के पश्चात विभीषण ने मंदोदरी से भी विवाह किया। विभीषण सप्त चिरंजीवियों में से एक हैं जो आज तक जीवित हैं।
 शूर्पनखा का विवाह दैत्यजाति के एक योद्धा विद्युतजिव्ह से हुआ जिसका वध रावण ने अपने दिग्विजय के दौरान किया। उसके वध के पश्चात रावण ने शूर्पणखा को दण्डकारण्य का अधिपति बना दिया जहाँ वो खर-दूषण की सहायता से राज्य करती थी। शूर्पणखा की मृत्यु का कोई वर्णन रामायण में नहीं मिलता। कुछ ग्रंथों में वर्णित है कि लंका युद्ध के पश्चात शूर्पणखा ने सात्विक जीवन बिताते हुए अपने शरीर का त्याग किया। 
 दुर्भाग्यवश विभीषण को छोड़ समस्त राक्षस वंश का लंका युद्ध में नाश हो गया।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english