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- रायपुर/ राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज अपने कोरबा प्रवास के दौरान जिला पंचायत परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत बादाम के पौधे रोपित किए। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी नागरिकों से अपने आस-पास अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने की अपील की। साथ ही लगाए गए पौधे को सजीव बनाए रखने की जिम्मेदारी स्वयं उठाने की बात कही।उन्होंने कहा कि एक पेड़ माँ के नाम अभियान का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के माध्यम से प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी विकसित करना है। पेड़ पौधे न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाता है, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक अनमोल उपहार है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अजीत वसंत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- रायपुर/ छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 364.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 540.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 176.4 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 275.9 मि.मी., सूरजपुर में 451.7 मि.मी., जशपुर में 474.8 मि.मी., कोरिया में 398.6 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 354.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 343.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 348.3 मि.मी., गरियाबंद में 318.1 मि.मी., महासमुंद में 333.7 मि.मी. और धमतरी में 322.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 387.1 मि.मी., मुंगेली में 254.7 मि.मी., रायगढ़ में 519.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 363.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 491.4 मि.मी., सक्ती में 422.6 मि.मी., कोरबा में 464.8 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 368.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 303.7 मि.मी., कबीरधाम में 258.0 मि.मी., राजनांदगांव में 298.1 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 484.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 245.9 मि.मी., बालोद में 380.4 मि.मी. और बस्तर जिले में 436.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 263.1 मि.मी., कांकेर में 366.8 मि.मी., नारायणपुर में 315.7 मि.मी., दंतेवाड़ा में 397.2 मि.मी., सुकमा में 209.3 मि.मी. और बीजापुर में 444.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
- रायपुर/ नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देश पर नगर निगम जोन 6 जोन कमिश्नर श्री हितेन्द्र यादव के निर्देशन और सहायक अभियंता श्री आशीष श्रीवास्तव, उप अभियंता श्री सागर ठाकुर की उपस्थिति में जोन 6 क्षेत्र अंतर्गत कटोरा तालाब रोड से न्यू राजेन्द्र नगर जाने वाले सर्विस रोड पर नाले के ऊपर से अतिक्रमण हटाए जाने और अवैध गुमटी को जप्त करने की कार्यवाही नगर निगम मुख्यालय नगर निवेश उड़न दस्ता और जोन 6 नगर निवेश विभाग द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर की गयी.
- रायपुर/ नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देश पर नगर निगम जोन 2 स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जोन 2 क्षेत्र में जोन कमिश्नर डॉक्टर आर. के. डोंगरे के मार्गनिर्देशन और जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री रवि लावनिया की उपस्थिति में गन्दगी फैलाने से सम्बंधित प्राप्त जनशिकायत की वस्तुस्थिति की जानकारी लेने विभिन्न दुकानों की सफाई व्यवस्था ka औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान गन्दगी सम्बंधित प्राप्त जनशिकायत सही पाए जाने पर सम्बंधित दुकान संचालकों को भविष्य के लिए कड़ी कार्यवाही की चेतावनी देते हुए कुल 20900 रूपये ई जुर्माना वसूला गया और प्राप्त जनशिकायत का जोन के स्तर पर त्वरित निदान किया गया.
- सम्पति विरूपण पर 10 हजार रूपये और सड़क बाधा पर 4 हजार रूपये का ई जुर्माना वसूलारायपुर - नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देशानुसार नगर निगम जोन 8 जोन कमिश्नर श्रीमती राजेश्वरी पटेल, सहायक अभियंता श्री फरहज फारूकी, नगर निवेश उप अभियंता श्री लोचन चौहान सहित जोन 8 नगर निवेश विभाग की टीम की स्थल पर उपस्थिति में अवैध निर्माण और स्वीकृति के विपरीत निर्माण कार्यों के प्रकरणों में सतत निरन्तर कार्यवाही की जा रही है.आज इस क्रम में रायपुर नगर पालिक निगम जोन क्रमांक 8 क्षेत्र अंतर्गत शहीद भगत सिंह वार्ड क्रमांक 21 क्षेत्र अंतर्गत श्रीमती आशा देवी पंचारिया कैलाशचंद्र पंचारिया द्वारा लगभग 1500 वर्गफीट भूखंड में गैर आवासीय क्षेत्र में स्वीकृति के विपरीत किए गए निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही की गयी एवं सम्बंधित स्थल में नियमानुसार पार्किंग की समुचित व्यवस्था करने हेतु कड़ी हिदायत दी गयी.इसी प्रकार आज नगर निगम जोन 8 क्षेत्र अंतर्गत जोन नगर निवेश विभाग की टीम द्वारा संपति का विरूपण किये जाने के प्रकरण में 10000 रूपये का तथा सड़क बाधा करने पर 4000 रुपए का ई जुर्माना वसूलने की कार्यवाही की गयी.
- रायपुर। जिलाधीश डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देशानुसार तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रायपुर डॉक्टर मिथिलेश चौधरी के मार्गदर्शन में फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के रक्त रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहुल भार्गव द्वारा प्रत्येक गुरुवार को दोपहर तीन से चार बजे तक जिले के समस्त शासकीय अस्पतालों में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसका उद्देश्य एनीमिया की सही पहचान कर उचित प्रबंध किया जाना है। एनीमिया की स्थिति में शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या उनकी ऑक्सीजन वहन करने की क्षमता में कमी आ जाती है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होती है परिणाम स्वरुप पीड़ित व्यक्ति को थकान, कमजोरी ,चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ जैसी स्थिति का अनुभव होता है। आयरन की कमी ,विटामिन बी12, फोलेट की कमी, परजीवी संक्रमण ,किडनी के रोग ,यकृत विकार ,अनुवांशिक विकार जैसे सिकल सेल ,थैलेसीमिया, भोजन में पोषक तत्वों की अपर्याप्त मात्रा एनीमिया के कारण हो सकते हैं ।गर्भवती महिलाओं, किशोरियों, छोटे बच्चों ,प्रसवोत्तर महिलाओं में एनीमिया का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है। यह साप्ताहिक उन्मुखीकरण एनीमिया के प्रभावी प्रबंधन के साथ एनीमिया उन्मूलन के लिए एक समर्पित गतिविधि है।
- रायपुर/ छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना प्रदेश के श्रमिक परिवार के बच्चों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभर रही है। दलदल सिवनी, रायपुर की रहने वाली चेतना साहू इसका जीवंत उदाहरण हैं। आर्थिक रूप से साधन सीमित होते हुए भी चेतना ने इस योजना के तहत प्राप्त 3 हजार रुपए की सहायता राशि का सदुपयोग करते हुए अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।चेतना की मां श्रीमती रुक्मणि साहू ने इस सहायता राशि से बेटी के लिए पुस्तकें, कॉपियाँ, स्कूल ड्रेस खरीदी और फीस का भुगतान किया। आर्थिक संबल मिलने के बाद चेतना ने पूरे मन से मेहनत की और 10वीं बोर्ड परीक्षा में 84 प्रतिशत अंक अर्जित कर न केवल अपने माता-पिता, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया।चेतना के पिता ने योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह योजना हमारे जैसे श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदेश में मेधावी छात्रों के सपनों को पंख दे रही है। राज्य सरकार की यह पहल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सफाई अपनाओ बीमारी भगाओरायपुर/ रायपुर नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष श्रीमती गायत्री सुनील चंद्राकर, आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देश पर नगर निगम स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी 10 जोनों और 70 वार्डों में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ अभियान अंतर्गत नागरिकों के मध्य स्वच्छता को लेकर जनजागरण किया जा रहा है.सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ अभियान के अंतर्गत रायपुर नगर पालिक निगम जोन 8 स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा नगर निगम जोन 8 जोन अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ठाकुर और जोन 8 जोन कमिश्नर श्रीमती राजेश्वरी पटेल, माधव राव सप्रे वार्ड क्रमांक 69 के पार्षद श्री महेन्द्र औसर के मार्गनिर्देशन और स्वच्छ भारत मिशन जोन 8 नोडल अधिकारी सहायक अभियंता श्री फहराज फारूखी, जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री गोपीचंद देवांगन, स्वच्छता निरीक्षक श्री रितेश झा की उपस्थिति में नगर निगम जोन 8 क्षेत्र अंतर्गत माधव राव सप्रे वार्ड 69 क्षेत्र अंतर्गत महादेवघाट रायपुरा में नागरिकों और दुकानदारों के मध्य स्वच्छता जनजागरण अभियान चलाया. नगर निगम जोन 8 स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्वच्छता जनजागरूकता अभियान चलाकर सभी दुकानदारों से अपनी दुकानों में 3 पृथक डस्टबिन हरे, नीले और काले रंग के रखकर हरे में गीला, नीले में सूखा और काले रंग के डस्टबिन में हानिकारक कचरा पृथक करके रखकर उसे निष्पादित करने सफाई मित्र को सफाई वाहन में देने का सामूहिक संकल्प रायपुर शहर को स्वच्छ शहर बनाकर राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान 2024 में शहर को श्रेष्ठ स्वच्छता रैंकिंग दिलवाने सक्रिय सहभागिता दर्ज करवाने हेतु लेने की अपील की गयी.
- दुर्ग/ बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, दुर्ग भारत सरकार द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण संस्थान है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है। आरसेटी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवक युवतियों को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार विकास को सुगम बनाना है। आरसेटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्म-उत्पादकता, सशक्तीकरण, कौशल विकास, उद्यमिता, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के बारे में शिक्षण प्रदान करते हैं। आरसेटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसी उद्देश्य प्राप्ति हेतु संस्थान द्वारा जिला दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा के ग्रामीण क्षेत्र के युवक/युवतियों हेतु जुलाई माह में निःशुल्क आवासीय (भोजन व्यवस्था के साथ) प्रशिक्षण प्रारंभ 12 जुलाई 2025 से आयोजन किया जाएगा। जिसके लिए कंप्युटर हार्डवेयर नेटवर्किंग (45 दिन) का प्रशिक्षण दिया जाएगा।उक्त प्रशिक्षण हेतु दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा के ग्रामीण क्षेत्र के 18 से 45 वर्ष के युवक युवतियों से आवेदन आमंत्रित की गई है। प्रशिक्षण हेतु आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, राशन कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड, मार्कशीट, 4 पासपोर्ट फोटो की छायाप्रति अनिवार्य है। आवेदन प्रक्रिया संबंधी जानकारी हेतु दूरभाष 0788-2961973 व ऑनलाइन लिंक https://forms.gle/vsMyXTTwb7mEwdbX6 तथा शंकराचार्य हॉस्पिटल के पास जुनवानी भिलाई जिला-दुर्ग में संपर्क कर सकते हैं।
- प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक एवं स्कूली बच्चों को किया जाएगा प्रशिक्षितदुर्ग/प्राकृतिक आपदाओं जैसे आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, लू एवं शीत लहर से होने वाले नुकसान की रोकथाम एवं न्यूनिकरण के उद्देश्य से जिले में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह प्रशिक्षण आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के अंतर्गत केपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग एवं स्कूल सेफ्टी पॉलिसी के तहत स्कूल आयोजित किए जा रहे हैं। इस क्रम में जिले के प्रत्येक विकासखंड में 25-25 शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही प्रत्येक ब्लॉक के 250-250 स्कूली बच्चों एवं शिक्षकों को दो बैचों में स्कूल स्तर पर वर्कशॉप के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया देना, बचाव के उपायों को समझना और समुदाय में जागरूकता फैलाना है, जिससे आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। स्कूली बच्चों को विशेष रूप से आपदा प्रबंधन के गुर सिखाए जाएंगे ताकि वे न केवल स्वयं की सुरक्षा कर सकें, बल्कि दूसरों को भी जागरूक कर सकें। जिले के विकासखंडों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) प्रशिक्षण और जागरूकता के अंतर्गत शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों एवं शिक्षकों/बच्चों की सूची बनाकर प्रारूप अ एवं प्रारूप-ब में प्रस्ताव तैयार कर जिला कार्यालय को शीघ्र उपलब्ध कराना होगा।
- दुर्ग/ तकनीकी शिक्षा संचालनालय, नवा रायपुर द्वारा पॉलीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश प्राप्त करने हेतु ऑनलाईन कांउसिलिंग का कार्यकम जारी किया गया है। इस हेतु उनके अधिकारिक वेबसाईट www.cgdteraipur.cgstate.gov.in एवं https://cgdte.admissions.nic.in पर शैक्षणिक अर्हता एवं प्रवेश सम्बन्धी नियमों का अवलोकन किया जा सकता है।प्रदेश के अन्य पॉलीटेक्निक संस्थाओं के साथ साथ उदय प्रसाद उदय शासकीय पॉलीटेक्निक दुर्ग में संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के प्रथम सेमेस्टर में पी.पी.टी. के माध्यम से / नान-पी.पी.टी. के माध्यम से तथा लेटरल एंट्री के माध्यम से सत्र 2025-26 में मेेरिट के आधार पर द्वितीय चरण के ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन/प्रवेश के पश्चात् रिक्त सीटों में संस्था स्तर पर प्रवेश हेतु पंजीयन 10 जुलाई 2025 से प्रारंभ हो गई है जो 13 जुलाई 2025 के रात्रि 11.59 बजे तक होगी। इसकी प्रावीण्यता सूची 18 जुलाई 2025 को अपराह्न 04.00 बजे जारी की जाएगी। प्रवेश हेतु मेरिट सूची के अनुसार संस्था स्तर पर प्रवेश का अवसर लेने के लिए विद्यार्थियों को संबंधित संस्था में 19 जुलाई 2025 को प्रातः 10.00 बजे उपस्थित होना होगा। संस्था द्वारा आबंटित्त सीटों पर प्रवेश लेने का कार्य 19 जुलाई 2025 को दोपहर 01.00 बजे से 22 जुलाई 2025 के 01.00 बजे तक होगा। यदि संस्था में सीट रिक्त हो तो मेरिट सूची के अनुसार जो विद्यार्थी अवसर लेने के लिए संबंधित संस्था में 19 जुलाई 2025 को प्रातः 10.00 बजे उपस्थित नहीं हो पाए उसको 22 जुलाई 2025 को दोपहर 01.30 बजे से अपराह्न 05.30 बजे तक प्रवेश देने की कार्यवाही की जाएगी।उदय प्रसाद उदय शासकीय पॉलीटेक्निक दुर्ग में पीपीटी के माध्यम से प्रवेश के लिए सिविल-05 सीट, कम्प्यूटर सांईस 17 सीट, विद्युत इंजीनियरिंग- 09 सीट, इलेक्ट्रानिक्स 15 सीट, आई.टी.-04 सीट, यांत्रिकी 05 सीट, धातुकर्म 13 सीट कुल 68 सीट रिक्त है। लेटरल एंट्री के माध्यम से सिविल-02 सीट, कम्प्यूटर सांईस 02 सीट, विद्युत इंजीनियरिंग- निरंक सीट, इलेक्ट्रानिक्स 24 सीट, आई.टी. - निरंक सीट, यांत्रिकी 01 सीट, धातुकर्म निरंक सीट कुल 29 सीट रिक्त है, तथा मार्डन आफिस मैनेजमेंट में 10 सीट रिक्त है।*रोजगार के अवसर:-* इस संस्था में अन्तिम वर्ष के छात्र/छात्राओं के केम्पस प्लेसमेंट हेतु प्रतिवर्ष लगभग 20 प्रतिष्ठित संस्थान उपस्थित होते हैं, जिसमें लगभग 80 प्रतिशत छात्र/छात्राओं का चयन होता है।*संस्था में छात्र/छात्राओं के लिएः-* एन.सी.सी., एन.एस.एस., बालक छात्रावास, कन्या छात्रावास, छात्रवृत्ति, ग्रन्थालय, अनु. जनजाति एवं अनु. जाति के छात्रों के लिए बुक बैंक तथा स्टेशनरी की सुविधाएं उपलब्ध है।संस्था में एक अभ्यर्थी सुविधा केन्द्र की स्थापना की गई है, यदि किसी अभ्यर्थी को अपना पंजीयन कराने में असुविधा हो तो वे संस्था के कक्ष कमांक 107 में कार्यालयीन समय में उपस्थित होकर अपनी समस्या का निराकरण करा सकते हैं।
- रायपुर। प्रदेश भर में हो रही वर्षा को ध्यान में रखते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा किसानों को विभिन्न फसलों के प्रबंधन हेतु समसामयिक सलाह जारी की गई है। कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं द्वारा जारी समसामयिक सलाह के अनुसार टमाटर की खड़ी फसल की पत्तियों या तनों पर भूरे या काले रंग के धब्बे या झुलसन दिखने पर रिडोमिल एम जेड 72% डब्ल्यू पी (मेटालेक्सिल+मेन्कोजेब) या अन्य समान फफूंदनाशक का 2 ग्राम/लीटर पानी की दर से खुले मौसम में छिड़काव करें सब्जियों की पौधशाला में जमीन की सतह से 6 इंच ऊची क्यारीयां बनायें। क्यारियों के दोनों ओर नाली बनाकर जल-निकासी का प्रबन्ध करें। सब्जियों की पौधशाला में क्यारियों का भूमि उपचार केप्टान 50% डब्ल्यू पी या एलियेट 80% डब्ल्यू पी या रिडोमिल या अन्य समान फफूंदनाशक द्वारा 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से फ्लेट फेन (कट नोजल) नोजल का उपयोग कर छिड़काव करें। जिससे पूरी क्यारी घोल से तर हो जावे। भूमि उपचार के 3-5 दिन बाद सब्जियों के बीजों को रिडोमिल (1 ग्रा./प्रति किलो बीज) या अन्य समान फफूंदनाशक से उपचारित कर बोयें।सब्जियों की पौधशाला में छोटी-छोटी पौध (Seedlings) को आर्द्रगलन (Damping off) रोग से बचाने हेतु क्यारियों से पानी निकास का प्रबन्ध करें तथा एलियेट 80 डब्ल्यू पी/रिडोमिल अन्य समान फफूंदनाशक का 2.0 ग्राम/लीटर पानी की दर के से पौध के भूमि से लगे तनों पर छिड़काव करें। कद्दूवर्गीय सब्जियों की पत्तियों पर धब्बे या अंगमारी रोग लक्षण दिखने पर सॉफ सुपर (मेन्कोजेब 63%+ कार्बेन्डाजिम 12% डब्ल्यू पी) अथवा कवच (क्लोरोथेलोनिल 75% डब्ल्यू पी) या अन्य समान फफूंदनाशक का 2.0 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। अरहर के पौधों को तना अंगमारी (Stem Blight) से बचाने हेतु एंट्राकोल (प्रोपीनेब 70%डब्ल्यू पी) या एलियेट (फोसेटाइल एल 80% डब्ल्यू पी) या अन्य समान फफूंदनाशक का 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से पौधों के भूमि से लगे तनों पर छिड़काव करें। फलदार वृक्षो की सूखी, रोगग्रसित तथा अन्य अतिरिक्त टहनियां को काटने के पश्चात् कटे हुए स्थान पर आवश्यक रुप से कापर आक्सीक्लोराइट फफूंदनाशक का पेस्ट बनाकर खुले मौसम में लगा देवें। हल्दी तथा अदरक में मल्चिंग करें तथा पानी निकासी का प्रबंधन करें। पपीता तथा केला रोपण खेतां मे पानी निकासी का प्रबंध करे।वर्तमान जुलाई माह में जिसमें दलहनी फसल की बुआई हो चुकी है और फसलें वानस्पतिक वृद्वि के अवस्था में है इस अवस्था के कारण चूषक कीट जैसे एफीड़ आदि के आक्रमण की संभावना होती है। इसके नियंत्रण के लिये फिप्रोनिल 80 डब्ल्यू जी की 0.125 ग्राम/लीटर अथवा प्रोफेनाफाँस 50 ई.सी. की 2ण्0 एम.एल./लीटर को 10 दिनो के अन्तराल में दो बार छिड़काव करें। मौसम साफ होने पर ही खाद, उर्वरक या कीटनाशकों का छिड़काव करें। बैंगन एवं भिंड़ी की फसल में फलबेधक कीटों से बचाने हेतु प्रति एकड़ 10 फेरोमेंन टै्रप (ल्यूसी ल्योर 10) लगायें। सब्जी फसलों में मौसम साफ होने पर रस चूषक कीट जैसे-सफेद मक्खी, माहुँ इत्यादि लगने की संभावना है, अतः इन कीटों के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 100 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ कार्यक्रमरायपुर/ नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष श्रीमती गायत्री सुनील चंद्राकर, आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देश पर रायपुर नगर पालिक निगम क्षेत्र में चलाये जा रहे सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ अभियान के अंतर्गत आज रायपुर नगर पालिक निगम क्षेत्र के जोन क्रमांक 8 के अंतर्गत माधव राव सप्रे वार्ड क्रमांक 69 के तहत महादेवघाट रायपुरा में सुलभ शौचालय की अभियानपूर्वक सफाई करवाकर सफाई मित्रों द्वारा जोन 8 जोन कमिश्नर श्रीमती राजेश्वरी पटेल, जोन 8 स्वच्छ भारत मिशन नोडल अधिकारी सहायक अभियंता श्री फहराज फारूखी, जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री गोपीचंद देवांगन, स्वच्छता निरीक्षक श्री रितेश झा की उपस्थिति सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ अभियान के अंतर्गत जनजागरण अभियान चलाकर जन- जन को स्वच्छ शौचालय का सकारात्मक सन्देश दिया गया.
- - देवपुरी में रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू ने पर्यावरण विभाग अध्यक्ष भोलाराम साहू, पार्षद विनय निर्मलकर, श्रीमती गायत्री नौरंगे,ग्रीन आर्मी रायपुर पदाधिकारियों , गणमान्यजनों, आमजनों सहित किया सामूहिक पौधरोपणग्रीन आर्मी ने दो वर्ष तक प्रत्येक पौधे के वृक्ष बनने तक निगम जोन 10, पर्यावरण विभाग सहित रखरखाव हेतु सहभागिता दर्ज करने लिया संकल्परायपुर/रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर नगर पालिक निगम जोन क्रमांक 10 के वार्ड क्रमांक 53 के अंतर्गत हिमालयन हाइट्स देवपुरी के समीप मियावाकी वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत नगर निगम उद्यानिकी और पर्यावरण विभाग के तत्त्वावधान में नगर निगम जोन 10 के सहयोग से रखे गए संक्षिप्त सघन वृक्षारोपण अभियान में पहुंचकर रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू ने नगर निगम पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग के अध्यक्ष श्री भोलाराम साहू, पार्षद श्री विनय पंकज निर्मलकर, श्रीमती गायत्री नौरंगे, ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमिताभ दुबे, पदाधिकारी श्री गुरदीप टुटेजा, उपस्थित सभी पदाधिकारियों, नगर निगम जोन 10 जोन कमिश्नर श्री विवेकानंद दुबे, कार्यपालन अभियंता श्री दिनेश सिन्हा,उप अभियंता श्री सुरेन्द्र श्रीवास, श्री अजय श्रीवास्तव, जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री अमित जोन सहायक राजस्व अधिकारी श्री गौरीशंकर साहू, ,गणमान्यजनों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, महिलाओं, नवयुवकों,आमजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति के मध्य नगर निगम रायपुर द्वारा स्थल पर पौधरोपण हेतु करवाई गयी गड्ढाँ, फेंसिंग व्यवस्था सहित पौधा रोपित किया. कटहल और अन्य विभिन्न प्रजातियों के 1500 पौधे रोपित कर सबने सहभागिता के माध्यम से लगाए गए सभी पौधोँ की सुरक्षा और देखभाल अपनी संतान की तरह करने का सामूहिक संकल्प ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू के नेतृत्व में समाजहित में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से लिया.इस अवसर पर ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमिताभ दुबे सहित सभी उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा रायपुर नगर निगम पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग और नगर निगम जोन 10 का 2 वर्ष तक लगाए गए प्रत्येक पौधे के वृक्ष बनते तक उसकी देखभाल और सुरक्षा हेतु सहभागिता दर्ज करवाने का संकल्प लिया गया.
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दुर्ग/ जिला आयुष अधिकारी दुर्ग डॉ. दिनेश चंद्रवंशी के निर्देशानुसार आयुषमान आरोग्य मंदिर नगपुरा के द्वारा 08 जुलाई 2025 ग्राम ढाबा में निशुल्क एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कुलेश्वरी देवांगन, ग्राम ढाबा के सरपंच श्री कमल नारायण साहू के द्वारा भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना करके शुभारंभ किया गया। शिविर में आयुर्वेद के 333, होम्योपैथी के 115, शुगर के 55, मोतियाबिंद 1 ग्रामवासी ने शिविर का लाभ उठाया। शिविर में प्रभारी डॉ. टिकेश्वरी गनवीर, डॉ. समलित ठाकुर, डॉ. मणिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, डॉ. सुमन साहू, डॉ. एकता चन्द्राकर, डॉ. संतोषी यादव, फार्मासिस्ट श्री सत्येन्द्र कुमार उपाध्याय, श्री मनीराम सिन्हा, श्री खिलेश देशमुख, श्री महेश बंजारे औषधालय सेवक श्री सचिन शर्मा, श्री भिलेन्द्र वर्मा ने अपनी सेवाएं प्रदान की गई।
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दुर्ग/ कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने आज जिले के धमधा विकासखण्ड अंतर्गत स्थित मत्स्य बीज प्रक्षेत्र देवरी में मत्स्य बीज उत्पादन कार्यक्रम का निरीक्षण किया। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा योजना अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग को प्राप्त कार्य क्रमशः मत्स्य बीज प्रक्षेत्र देवरी में समुदाय के लिए जल संचय तालाब का नवीनीकरण एवं स्टोन पीचिंग कार्य, समुदाय के लिए डब्ल्यूबीएम रोड का निर्माण कार्य तथा समुदाय के लिए संघ भवन निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग के उप संचालक श्रीमती सीमा चन्द्रवंशी एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रक्षेत्र प्रभारी सहायक मत्स्य अधिकारी श्री गिरिश कुमार वर्मा ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले को स्पॉन उत्पादन हेतु 400 लाख का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। लक्ष्य पूर्ति हेतु कार्य जारी है। वर्तमान में जिले में 110 मत्स्य सहकारी समितियां कार्यरत् है। मछुआ सहकारी समिति, मछुवा समूह एवं निजी मत्स्य कृषकों को माह जुलाई अग्रिम पाक्षिक माह से 50 प्रतिशत अनुदान में प्राई एवं फिंगररिन मत्स्य बीज का वितरण किया जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह को उप संचालक मत्स्य श्रीमती चन्द्रवंशी ने मत्स्य बीज उत्पादन हैचरी, इन्क्यूबेशन पूल, स्पॉनिंग फूल, संवर्धन पोखर एवं प्रजनक पोखर में मछली पालन से संबंधित कार्य के विषय में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजना के तहत् पंचायत के तालाबों मत्स्य बीज स्पॉन संवर्धन योजना अंतर्गत किसानों को मत्स्य बीज 100 प्रतिशत अनुदान पर लाभान्वित तथा हितार्थ किया जाता है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने विभाग द्वारा मछुवारों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं क्रियान्वयन की जा रही है। इसका लाभ मछुआ समूह एवं निजी मत्स्य कृषकों को मिलने लगा है।
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रायपुर / भारत सरकार के केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गा दास उइके ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की।मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री उइके का पारंपरिक कोसा वस्त्र और बेल मेटल से निर्मित स्मृति चिह्न भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास, जनजातीय युवाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, एवं आधारभूत संरचना से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय अंचलों में चलाए जा रहे विकासात्मक कार्यों एवं योजनाओं की जानकारी दी तथा इन क्षेत्रों में भारत सरकार के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री उइके ने भी जनजातीय कल्याण हेतु केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और राज्य के प्रयासों की सराहना की।
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-राज्यपाल श्री डेका ने डॉ सी वी रमन विश्वविद्यालय का किया औचक निरीक्षण
बिलासपुर /राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रमेन डेका ने आज बिलासपुर के कोटा स्थित डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान विश्वविद्यालय में नवाचार एवं स्टार्टअप पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि प्राध्यापक ऐसा पढ़ाएं की विद्यार्थी जीवन भर याद रखें। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और छात्रों के बीच बेहतर ताल-मेल पर बल दिया साथ ही शैक्षणिक वातावरण पर ध्यान देने कहा। श्री डेका ने प्रशासनिक विभाग एवं विभागाध्यक्षों की बैठक भी ली तथा अध्ययन प्रभाग मे पाठ्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए नए कोर्स प्रारंभ करने एवं छात्र संख्या मंे वृद्धि करने हेतु आवश्यक प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान सभी प्राध्यापकों से कहा कि आदर्श शिक्षक वही होता है, जिस विद्यार्थी जीवन भर याद रखें। उनके पढ़ाई पाठ को हमेशा याद रखें और उनके बताएं आदर्श को अपने जीवन में उतारे। उन्होंने कहा कि हमें आदर्श शिक्षक बनना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूरी तरह से जल्द ही लागू किया जाए। उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने एवं उनके प्लेसमेंट की जानकारी लेते हुए संतुष्टि जाहिर की। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय में भारत सरकार द्वारा स्थापित इनक्यूबेशन सेंटर के बारे में जानकारी ली । उन्होंने इनक्यूबेशन सेंटर में लगाए गए उपकरणों और युवाओं को उद्यमिता के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण के बारे में भी विस्तार से जाना। उन्होंने बताया कि आज के समय में युवा उद्यमियों की आवश्यकता है, तभी हम विकसित भारत 2047 की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने लैब, लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की खेल सुविधा के बारे में भी जानकारी ली। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार घोष ने उन्हें अकादमिक जानकारी प्रदान की।
निरीक्षण के दौरान राज्यपाल की अवर सचिव श्रीमती अर्चना पाण्डेय,संभागायुक्त श्री सुनील जैन, कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनेश सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉ अरविंद तिवारी ने विश्वविद्यालय के प्रशासन के बारे में उन्हें अवगत कराया। इस दौरान उन्हें विश्वविद्यालय की विशेषताओं छत्तीसगढ़ी संजोही, छत्तीसगढ़ शोध एवं सृजन पीठ, रेडियो रामन 90.4, इनक्यूबेशन सेंटर, भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र, रवींद्रनाथ टैगोर अंतरराष्ट्रीय कला एवं संस्कृति केंद्र, सहित अन्य विशिष्ट केदो की जानकारी दी गई। राज्यपाल को पुस्तक यात्रा ऑटोमेटेड लाइब्रेरी पौधारोपण आदि की जानकारी भी प्रदान की गई। उल्लेेखनीय है कि प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सतत् मॉनिटरिंग के निर्देश के पारिपालन में राज्यपाल श्री डेका छत्तीसगढ़ के समस्त विश्वविद्यालयों का औचक निरीक्षण कर रहे है। इसी कड़ी में श्री डेका ने आज डॉ.सीवी रमन यूनिवर्सिटी बिलासपुर का निरीक्षण किया। -
-राज्यपाल श्री डेका द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर का आकस्मिक निरीक्षण
बिलासपुर /राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रमेन डेका ने आज अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति एवं शैक्षणिक स्टाफ से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी जी के नाम के अनुरूप विश्वविद्यालय शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों में आगे बढ़े।
राज्यपाल ने कहा कि सहायक प्राध्यापकों को समय पर प्रमोशन देने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, ताकि प्रोफेसर के पद पर दस साल का अनुभव होने के बाद छत्तीसगढ़ के प्रोफेसरों को कुलपति बनने का अवसर मिल सके। उन्होंने विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और छात्रों के बीच बेहतर ताल-मेल पर बल दिया साथ ही शैक्षणिक वातावरण पर ध्यान देने कहा।
राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का निरीक्षण किया एवं विभागों की कार्यप्रणाली तथा स्टाफ से संबंधित जानकारी ली। श्री डेका विद्यार्थियों से भी मिले और उनकी समस्याओं की जानकारी लेकर कुलपति को निराकरण के निर्देश दिए। श्री डेका ने प्रशासनिक विभाग एवं विभागाध्यक्षों की बैठक भी ली तथा अध्ययन प्रभाग मे पाठ्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए नए कोर्स प्रारंभ करने एवं छात्र संख्या मंे वृद्धि करने हेतु आवश्यक प्रयास करने के निर्देश दिए।
उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने तथा प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त किए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के संरचना के अनुरूप अध्ययन, अध्यापन की सुविधा सुनिश्चित की जाए तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रोफेसर अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी, राज्यपाल की अवर सचिव श्रीमती अर्चना पाण्डेय,संभागायुक्त श्री सुनील जैन, कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनेश सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेेखनीय है कि प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सतत् मॉनिटरिंग के निर्देश के पारिपालन में राज्यपाल श्री डेका छत्तीसगढ़ के समस्त विश्वविद्यालयों का औचक निरीक्षण कर रहे है। इसी कड़ी में श्री डेका ने आज अटल बिहारी बाजपेयी बिलासपुर का निरीक्षण किया। -
-निजी संस्थानों द्वारा 118 पदों पर की जाएगी भर्ती
बिलासपुर, /जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कोनी में 16 जुलाई को सवेरे 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक निःशुल्क प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। प्लेसमेंट कैम्प में 4 निजी संस्थानों द्वारा सेल्स डेवलपमेंट मैनेजर, ब्रांच डेवलपमेंट मैनेजर, डेवलपमेंट मैनेजर, बीमा सखी, बीमा अभिकर्ता, लाईफ मित्र, रिलेसनशीप ऑफिसर सहित कुल 118 पदों पर भर्ती की कार्यवाही की जाएगी। इन पदों के लिए आवश्यक योग्यता पदों के अनुसार 12वीं, गेजुएट आदि निर्धारित की गई है। इच्छुक उम्मीदवार अपने दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधारकार्ड एवं समस्त शैक्षणिक योग्यता संबंधी अंकसूची एवं प्रमाण पत्र की मूलप्रति व छायाप्रति के साथ इस कैंप में उपस्थित हो सकते है। अधिक जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ रोजगार ऐप के माध्यम से एवं जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कोनी बिलासपुर से जानकारी प्राप्त कर सकते है। - -शिकायत पर त्वरित कार्रवाई, जांच जारी – गुणवत्ता से कोई समझौता नहींरायपुर ।हाल ही में फेनीटोइन इंजेक्शन की गुणवत्ता को लेकर प्राप्त शिकायत के संदर्भ में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) द्वारा स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि संस्था ने शिकायत पर तत्काल प्रभाव से गंभीरता और पारदर्शिता के साथ संज्ञान लेते हुए समुचित कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।राज्य के एक शासकीय स्वास्थ्य संस्थान से Phenytoin Sodium Injection IP 100mg/ml (Batch No. 409B) में कणीय संदूषण (particulate matter) की शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत मिलते ही CGMSCL द्वारा उक्त बैच का उपयोग तत्काल रोकने के निर्देश जारी किए गए तथा सभी संबंधित संस्थानों को "Stop Use Advisory" भेजी गई।शिकायत की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित निर्माता फर्म (दिल्ली स्थित) को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया गया है। साथ ही कंपनी से QC संबंधित दस्तावेज, विनिर्माण विवरण तथा परीक्षण रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है।यह बैच प्रदेश के अन्य संस्थानों में भी वितरित किया गया था, किंतु अब तक किसी अन्य जिले से गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इसके बावजूद CGMSCL ने सभी जिलों को अपने स्टॉक की सतर्कता से जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।संबंधित बैच के नमूने NABL मान्यता प्राप्त तृतीय पक्ष प्रयोगशालाओं को परीक्षण हेतु भेजे गए हैं। परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत, यदि दोष प्रमाणित होता है, तो निर्माता के विरुद्ध अनुबंध समाप्ति, ब्लैकलिस्टिंग और आपूर्ति पर स्थायी प्रतिबंध जैसी कठोर कार्यवाही की जाएगी।CGMSCL अपनी स्थापना के उद्देश्य के अनुरूप राज्य के नागरिकों को गुणवत्तायुक्त, सुरक्षित एवं प्रमाणित औषधियाँ उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। संस्था Zero Tolerance Policy का पालन करती है और गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाता। शिकायत प्राप्त होते ही त्वरित, पारदर्शी एवं निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।यह उल्लेखनीय है कि Phenytoin Injection एक जीवन रक्षक औषधि है, जिसका उपयोग मिर्गी के दौरे, सिर की चोट, न्यूरोलॉजिकल आपात स्थिति एवं ऑपरेशन के दौरान किया जाता है। इस कारण इसकी गुणवत्ता को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से अस्वीकार्य है।निष्कर्षतः, CGMSCL ने प्राप्त शिकायत को गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ लिया है एवं समुचित कदम उठाए जा चुके हैं। समस्त संबंधित विभागों, संस्थानों एवं नागरिकों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि राज्य के किसी भी स्वास्थ्य सेवा उपयोगकर्ता को गुणवत्ता से संबंधित संकट न हो, इसके लिए CGMSCL हर आवश्यक कदम पारदर्शिता और तत्परता के साथ उठा रहा है।
- रायपुर / कतिपय मीडिया संस्थान में प्रकाशित खबर में दर्शाया गया है कि हाल ही में रायपुर स्थित श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं महाविद्यालय में सीजीएमएससीएल द्वारा आपूर्ति की गई दवाएं अस्पताल परिसर के बाहर खुले में पड़ी है जिससे उनकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उक्त संदर्भ में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) द्वारा स्थिति स्पष्ट की गई है कि CGMSCL द्वारा राज्य के समस्त आयुष संस्थानों को उनकी स्वीकृत वार्षिक मांग के अनुरूप औषधियों की आपूर्ति की जाती है। रायपुर स्थित श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत मांग के आधार पर ही संबंधित दवाओं की आपूर्ति की गई थी। यह प्रक्रिया पूर्णतः नियमानुसार और मांग आधारित है।यह उल्लेखनीय है कि CGMSCL का दायित्व उच्च गुणवत्ता वाली, परीक्षण-प्रमाणित औषधियों की समय पर आपूर्ति तक सीमित है। औषधियों का सुरक्षित भंडारण, वितरण और स्थानीय प्रबंधन संबंधित स्वास्थ्य संस्था की जिम्मेदारी होती है।इस संदर्भ में उक्त चिकित्सालय के अधीक्षक द्वारा CGMSCL को सूचित किया गया है कि सभी आयुर्वेदिक दवाओं को अनुमोदित दिशानिर्देशों के अनुरूप ही संग्रहित किया जाता है। दवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने हेतु सख्त निगरानी व सतर्क प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है और प्रत्येक दवा चिकित्सकीय परामर्श अनुसार मरीजों को विधिवत वितरित की जा रही है।CGMSCL सदैव गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व के सिद्धांत पर कार्य करता है। सभी औषधियाँ Quality Control परीक्षण में उत्तीर्ण होने के उपरांत ही संबंधित संस्थाओं को वितरित की जाती हैं। दवाओं के भंडारण से संबंधित परिस्थिति एक स्थानिक और अस्थायी प्रशासनिक व्यवधान मात्र है। CGMSCL को बिना संदर्भित जानकारी के एकतरफा रूप से उत्तरदायी ठहराना अनुचित है।
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- CGMSCL की कार्यप्रणाली, गुणवत्ता नियंत्रण एवं पारदर्शिता के संबंध में तथ्यात्मक स्पष्टीकरण
रायपुर । हाल ही में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) की कार्यप्रणाली, गुणवत्ता नियंत्रण, टेंडर प्रक्रिया एवं वित्तीय पारदर्शिता से संबंधित कुछ विषयों को लेकर समाचार माध्यमों में चर्चा हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में CGMSCL द्वारा स्थिति स्पष्ट की गई है कि CGMSCL की स्थापना छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राज्य की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को गुणवत्तायुक्त औषधियों एवं चिकित्सा उपकरणों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी। यह संस्था ISO मानकों पर आधारित SOPs के अनुसार कार्य करती है, जहां गुणवत्ता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं।हाल ही में प्रेगनेंसी टेस्ट किट, IV ड्रिप सेट और सर्जिकल ब्लेड जैसी कुछ सामग्रियों को लेकर प्राप्त शिकायतों पर CGMSCL ने त्वरित और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की है। इन प्रकरणों में संबंधित उत्पादों के प्रयोग पर रोक, जांच दल के गठन, निर्माता फर्मों को नोटिस जारी करने, तथा आवश्यकता अनुसार स्टॉक की वापसी और प्रतिस्थापन की कार्रवाई की गई है। CGMSCL Zero Tolerance Policy के अंतर्गत दोषी आपूर्तिकर्ताओं पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करता रहा है, जिसमें पेनल्टी, ब्लैकलिस्टिंग एवं अनुबंध समाप्ति जैसी कार्रवाइयाँ सम्मिलित हैं।रिपोर्ट में मार्च 2025 में 2411 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितता और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का उल्लेख किया गया है। इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की प्रक्रिया जारी है, और जांच में सम्मिलित फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, साथ ही संबंधित कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। CGMSCL ने जांच एजेंसियों को सभी आवश्यक दस्तावेज, रिकार्ड्स एवं तकनीकी सहयोग यथासमय उपलब्ध कराया है।टेंडर प्रक्रिया पूर्णतः ई-गवर्नेंस प्रणाली पर आधारित है। CGMSCL की e-Tendering प्रणाली डिजिटल, पारदर्शी और तकनीकी मूल्यांकन आधारित है। इसमें Clause Based Qualification, QC टेस्टिंग और लाइसेंस सत्यापन जैसी प्रक्रियाएँ अनिवार्य रूप से अपनाई जाती हैं। किसी भी आपूर्तिकर्ता द्वारा गुणवत्ता में त्रुटि पाए जाने पर नियमित रूप से दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।CGMSCL अपनी निरंतर सुधार नीति के अंतर्गत थर्ड पार्टी एनएबीएल लैब टेस्टिंग, स्टॉक ट्रेसबिलिटी, तथा डिजिटल लॉजिस्टिक्स मॉनिटरिंग जैसी प्रणालियों को और अधिक सुदृढ़ करते हुए कार्य कर रहा है। संस्था यह विश्वास दिलाती है कि वह किसी भी दोष या त्रुटि को छुपाने के बजाय, उसे पारदर्शिता से सुधारने में विश्वास रखती है।निष्कर्षतः, CGMSCL द्वारा सभी शिकायतों और विषयों पर तथ्यों के आधार पर त्वरित, पारदर्शी एवं निर्णायक कार्यवाही की जा रही है। - रायपुर। कोनी-मोपका बायपास मार्ग (लंबाई 13.40 कि.मी.) का निर्माण कार्य वर्ष 2010 से प्रारंभ होकर 2016 में पूर्ण हुआ था। इस मार्ग के निर्माण हेतु शासन द्वारा ₹3574.00 लाख रुपए (भू-अर्जन सहित) की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 09.10.2009 को प्रदान की गई थी। निर्माण कार्य पर ₹2191.93 लाख का व्यय किया गया। कार्य की प्रारंभ तिथि 25.06.2010 तथा पूर्णता तिथि 15.06.2016 रही।यह मार्ग मुख्यतः वर्ष 2010 से 2014 के मध्य निर्मित किया गया था, जिसमें IRC 37-2001 मापदंडों का पालन करते हुए 15 वर्षों की डिज़ाइन लाइफ के लिए निर्माण किया गया था। यह डिज़ाइन 5 एम.एस.ए. यातायात भार और 5% सब-ग्रेड CBR को ध्यान में रखते हुए किया गया था। इस अनुसार निर्माण में 500 मिमी सब-ग्रेड, 250 मिमी GSB, 250 मिमी WMM, 55 मिमी DBM और 25 मिमी SDBC का प्रावधान किया गया था।मार्ग के दोनों ओर दो फसली कृषि भूमि स्थित है, जिसके कारण अधिकांश खेतों में लगभग 8–9 माह तक जलभराव की स्थिति बनी रहती है। निर्माण कार्य के दौरान, विशेषकर जून 2014 से जून 2016 तक सकरी–तुर्रकाडीह–कोनी बायपास मार्ग में अरपा नदी पर स्थित पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण, सभी प्रकार के वाहनों का संचालन निर्माणाधीन कोनी–मोपका बायपास मार्ग से किया गया। निर्माण कार्य के दौरान ही एकाएक यातायात में कई गुना वृद्धि के फलस्वरूप मार्ग का क्रस्ट एवं सब-ग्रेड क्षतिग्रस्त हुआ। इस मार्ग से क्षेत्र की प्रमुख औद्योगिक इकाइयाँ—एनटीपीसी सीपत, स्पंज आयरन फैक्ट्री, कोल वाशरी—तथा शहरी वाहनों का भारी आवागमन होता है। परिणामस्वरूप, मार्ग का पूर्व में निर्मित क्रस्ट भारी ट्रैफिक के दबाव में लगभग पूर्णतः नष्ट हो चुका है और एम्बैंकमेंट में भी सेटलमेंट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।वर्तमान में यातायात गणना अनुसार इस मार्ग पर CBPD 2221 तथा PCU 14903 दर्ज किया गया है, जो लगभग 40 MSA यातायात घनत्व को प्रदर्शित करता है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोनी–मोपका मार्ग का पुनः निर्माण अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस हेतु वर्ष 2025–26 के बजट मद BI No. 4797 में फोरलेन मार्ग निर्माण के अंतर्गत ₹6313.03 लाख का प्राक्कलन तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। इस प्रकरण में शासन स्तरीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
- -लागत 7.02 रू. जबकि न्यूनतम घरेलू दर मात्र 4.10 रू.-औसतन घरेलू दर में मात्र 10 से 20 पैसे तक वृद्धि-गत वर्ष की तुलना में 1.89 प्रतिशत नाममात्र वृद्धिरायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा आज छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनी लिमिटेड तथा छत्तीसगढ़ राज्य भार प्रेषण केन्द्र के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु विद्युत दरों का अनुमोदन किया गया। वितरण कंपनी के एमडी श्री भीमसिंह कंवर ने बताया कि समेकित रूप से विद्युत दर में विगत वर्ष की तुलना में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जो नगण्य है। कृषि उपभोक्ताओं के लिए कुछ मदों में दर वृद्धि की गई है जिसका भार राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है, अतः इससे कृषि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। इसके अलावा अस्थायी कनेक्शनों, आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों, प्रिंटिंग प्रेस आदि के लिए रियायतें बढ़ाई गई है या यथावत् रखी गई है।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी को विद्युत की लागत 7 रू. 2 पैसे पड़ती है जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 4 रू. 10 पैसे की दर से विद्युत आपूर्ति की जाती है। नई विद्युत दरों की कुछ विशेषताओं को उल्लेखित किया गया है। निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट एवं अन्य घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। गौशाला, शासन द्वारा अधिसूचित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में आने वाले स्टे-होम्स में प्रयुक्त होने वाली विद्युत पर घरेलू विद्युत दर लागू करने हेतु घरेलू उपभोक्ता श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। घरेलू उपभोक्ता श्रेणी के अन्तर्गत लिए गए अस्थाई कनेक्शन पर नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है।राज्य शासन द्वारा अधिसूचित वाम चरमपंथी प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु इन क्षेत्रों में आने वाले सभी मोबाईल टॉवरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। कृषि पंपों के विद्युत देयकों का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाता है, अतः यह भार राज्य शासन स्वयं वहन करेगा। गैर घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है एवं इसी श्रेणी के अंतर्गत लिए गए अस्थाई कनेक्शन पर भी नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है। गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है।पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए निम्न दाब इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू.7.02 प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है। उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू. 6.32 प्रति केव्हीएएच निर्धारित किया गया है।विज्ञप्ति में बताया गया है कि नियामक आयोग द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग संबंधी गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है। पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। अग्रिम भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 0.50 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत किया गया है। आफसेट प्रिन्टर्स एवं प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को गैर घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में सम्मिलित किया गया है जो कि पहले की अपेक्षा कम है।इस तरह सम्यक रूप से यह नई दरें कृषि-ग्रामीण आदिवासी सहित सभी श्रेणी के प्राथमिकता श्रेणी वाले उपभोक्ताओं के लिए हितकारी तथा विकासपरक हैं। इन्हें काफी संतुलित एवं संतोषजनक कहा जा सकता है।