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- -ग्राम एक्शन प्लान व्यवहारिक और क्रियान्वयन योग्य हो - कलेक्टर श्री लंगेहमहासमुंद, / कलेक्टर श्री विनय लंगेह की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आदि कर्मयोगी अभियान की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने ग्राम एक्शन प्लान की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम का एक्शन प्लान 11 बिंदुओं पर आधारित हो तथा उसमें समस्याएं और उनके समाधान व्यवहारिक रूप से शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनाते समय आगामी वर्ष 2030 तक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया जाए, ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो सके।कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय और अंतर्विभागीय चर्चा के साथ अपने-अपने सुझाव शामिल करें। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित करे कि ग्राम एक्शन प्लान केवल सैद्धांतिक न होकर जमीनी हकीकत से जुड़ा हो और उसका वास्तविक क्रियान्वयन संभव हो।उन्होंने बताया कि जिले के 308 ग्रामों में धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत आदि कर्मयोगी अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जनजातीय समुदाय के समग्र विकास हेतु वर्ष 2030 तक की रूपरेखा तैयार की जा रही है। ग्राम एक्शन प्लान तैयार होने के उपरांत अब जिला एक्शन प्लान भी बनाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि यह अभियान शासन की प्राथमिकता का हिस्सा है और इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में स्थायी विकास के लिए योजनाबद्ध प्रयास सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओं के प्रत्येक बिंदु पर गंभीरता से कार्य करें, ताकि 2030 तक अभियान के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि 14 अक्टूबर तक सभी ग्राम सभाओं में ग्राम एक्शन प्लान का अनुमोदन पूर्ण कर लिया जाए, ताकि आगामी स्तर की कार्ययोजना समय पर तैयार हो सके। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री हेमंत नंदनवार ने कहा कि ग्राम एक्शन प्लान को अंतिम रूप देते हुए योजनाओं की आवश्यकता और प्राथमिकता को भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री सचिन भूतड़ा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, डीईओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य, पशुपालन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई), ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस), कौशल विकास तथा समाज कल्याण विभाग, खाद्य विभाग एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
- -समन्वित प्रयासों और संतुलित आहार से मिला कुपोषण पर विजयरायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में चल रहे प्रयासों का प्रभाव अब जमीनी स्तर पर दिख रहा है। मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के ग्राम चौनपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र नवापारा से जुड़े बालक शिवांश ने आंगनबाड़ी सेवाओं और परिवार के समन्वित प्रयासों से कुपोषण पर विजय पाई।शिवांश का जन्म 12 जुलाई 2024 को हुआ था। जन्म के समय उसका वजन 2.700 किलोग्राम था। जन्म के बाद पोषण की उचित देखभाल न होने से उसका वजन घटकर कुपोषण की श्रेणी में पहुँच गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन ने नियमित वजन मापन के दौरान स्थिति की पहचान की और तत्काल गृहभेंट कर परिवार को उचित परामर्श दिया। श्रीमती लालसा कुमारी को समझाया गया कि वे अपने भोजन में अंकुरित अनाज, मौसमी फल, मुनगा भाजी, दूध, हरी सब्जियाँ और प्रोटीनयुक्त भोजन शामिल करें। बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार जैसे दलिया, खिचड़ी, गाढ़ी दाल, पंजीरी, लपशी और हलुआ प्रतिदिन 4-5 बार हल्के रूप में देने की सलाह दी गई। आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाले रेडी टू ईट आहार का नियमित सेवन कराया गया। साथ ही परिवार को स्वच्छता, टीकाकरण और समय पर वजन मापन के लिए प्रेरित किया गया। शिशु अवस्था के दौरान तेज़ी से विकास और वृद्धि के लिए उचित पोषण अत्यंत महत्वपूर्ण है। शुरुआती छह महीनों तक केवल स्तनपान कराने के बाद, स्तनपान बंद करने वाले या पूरक आहार देना ज़रूरी है। ये आहार पोषक तत्वों से भरपूर होने चाहिए, जिनमें मसले हुए फल, सब्ज़ियाँ और अनाज शामिल हों, ताकि शिशु को पर्याप्त विटामिन और खनिज मिल सकें। लगातार देखरेख और पौष्टिक आहार के सेवन से शिवांश का वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगा। कुछ ही महीनों में उसका वजन सामान्य श्रेणी में पहुँच गया। अब वह स्वस्थ और सक्रिय है।यह सफलता इस बात का उदाहरण है कि यदि आंगनबाड़ी की सेवाओं, मितानिन और परिवार को संयुक्त प्रयास करने से कुपोषण जैसी चुनौती पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि शिवांश जैसी प्रेरक कहानियाँ बताती हैं कि जागरूकता, सामुदायिक सहयोग और पोषण आहार के नियमित उपयोग से “सुपोषित छत्तीसगढ़” का सपना साकार हो रहा है।
- -11 करोड़ रुपए का कर चुकी हैं ट्रांजेक्शन-लोगों की मदद कर मिलती है खुशी- बालेश्वरी, आर्थिक सशक्तिकरण के साथ मिली अलग पहचानरायपुर। बैंक सखी ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की एक प्रशिक्षित महिला सदस्य होती है, जो सखी के रूप में काम करती है, वह बैंक के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती है । सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर के ग्राम पंचायत लोसंगी की रहने वाली बालेश्वरी यादव बैंक सखी के रूप में कार्य कर रहीं हैं। उनके द्वारा पांच पंचायतों लोसंगी, लोसगा, रेमहला, लब्जी, कटिन्दा में लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाई जा रहीं हैं, ग्रामीण उन्हें बैंक वाली दीदी कहते हैं। क्योंकि बैकिंग सम्बन्धी जिन कार्यों के लिए लोगों को पहले बैंक तक जाना पड़ता था, वो काम अब उनके गांव में ही हो जाते हैं। बैंक वाली दीदी गांव में आती हैं और लोगों के बैंकिंग लेन-देन के कार्य करके जाती हैं।बालेश्वरी यादव ने बताया कि वे वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, स्व- सहायता समूह की राशि का लेनदेन सहित अन्य बैंकिंग कार्य कर रहीं हैं। विगत पांच वर्षों में उन्होंने लगभग 11 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का लेनदेन किया है। बालेश्वरी बताती हैं कि वे अपने पुत्र के साथ लोसंगी में रहती हैं, इससे पहले उनकी आय का जरिया मेहनत मजदूरी था, मजदूरी से प्राप्त पैसों से ही गुजर-बसर करना पड़ता था।उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में जब गांव में स्व-सहायता समूह का गठन हुआ, तो मुझे भी उसमें सदस्य बनने की इच्छा हुई और मुझे रानी लक्ष्मी बाई स्व-सहायता समूह का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद मैंने ग्राम संगठन एवं क्लस्टर संगठन में भी अध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके बाद सक्रिय महिला एवं आरवीके बुक कीपर का काम करने का भी मौका मिला। इसके बाद मुझे एनआरएलएम के द्वारा बैंक सखी के बारे में बताया गया, इस कार्य के लिए मुझे काफी उत्सुकता हुई। हमें आरसेटी के द्वारा बैंक सखी का प्रशिक्षण दिया गया।वर्ष 2021 से मैंने बैंक सखी का काम करना शुरू किया, उन्होंने कहा कि इस कार्य से मुझे प्रतिमाह लगभग 15 हजार रुपए तक कमीशन मिल जाता है। बैंक सखी के कार्य से आर्थिक सशक्तिकरण के साथ मुझे समाज में अलग पहचान मिली है, वहीं लोगों की मदद करके बहुत खुशी मिलती है। लोगों को जब जरूरत होती है, तो वे स्वयं मुझे बुलाते हैं। वहीं बुजुर्गों, दिव्यांगजनों एवं जरूरतमंदों के घर पर भी मैं बैंकिंग सेवा प्रदान करती हूं। उन्होंने बताया कि कियोस्क के माध्यम से अब तक लभगभ 513 ग्रामीणों के जनधन खाते खोले हैं। वहीं बीमा योजनाओं से भी हितग्राहियों को जोड़ा है, जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 713, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 556, अटल पेंशन योजना 600 हुए हैं।
- - प्रधानमंत्री आवास योजना से दूरस्थ क्षेत्रों तक देश भर में बदलाव की बयार- घर में जल जीवन मिशन के तहत नल का कनेक्शनराजनांदगां । प्रधानमंत्री आवास योजना से दूरस्थ क्षेत्रों तक देश भर में बदलाव की एक बयार है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर तथा जरूरतमंदों के लिए पक्के घर का सपना साकार हो रहा है। इस योजना से जरूरतमंदों को हौसला और मदद मिल रही है। खुशियों का आशियाना मिलने पर जनसामान्य की जिंदगी बदल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में दूरदराज तक यह योजना सफलता की नई इबारत लिख रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम जोरातराई के श्री केशव साहू ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नया आवास बनने से उनकी चिंता दूर हो गई है। नये आवास में 2 कमरा, हाल, रसोईघर है। उन्होंने बताया कि वे पहले कच्चे आवास में रहते थे। छप्पर का घर होने के कारण बरसात के दिनों में बहुत दिक्कत होती थी और दीवारों पर सीलन होती थी। उन्होंने बताया कि परिवार के आय का साधन बहुत सीमित है और 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। रोजी-मजदूरी करते हुए वह अपना जीवन यापन कर रहे हंै।श्री केशव साहू ने बताया कि दूसरों के पक्के आवास को देखकर मन में हमेशा ख्याल आता था कि अपना भी एक पक्का मकान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब अपना पक्का आवास बन जाने से सुकून से यहां रह रहे है। अब पक्का आवास बन जाने से बरसात के दिनों में दिक्कत नहीं होती है और घर में स्वच्छता है। अब छप्पर के मरम्मत की कोई चिंता नहीं है। श्री केशव साहू ने बताया कि उनके घर में जल जीवन मिशन के तहत नल का कनेक्शन लगा है तथा स्वच्छ जल मिल रहा है। साथ ही खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत प्रतिमाह 35 किलो चावल प्राप्त हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिलने पर धन्यवाद दिया।
- दुर्ग / कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह द्वारा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजनांतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्माण कार्य के लिए 2 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। सांसद श्री विजय बघेल द्वारा अनुशंसित उक्त कार्याे का संपादन क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाटन जिला दुर्ग द्वारा किया जाएगा।जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटन अंतर्गत घसिया ठाकुर घर के बाजु में सामुदायिक केंद्र, कम्युनिटी हॉल, छतयुक्त चबूतरा निर्माण हेतु 2 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
- बिलासपुर, /जिला पंचायत की बैठक 15 अक्टूबर को आहूत की गई है। इसके अंतर्गत सामान्य सभा की बैठक दोपहर 12 बजे एवं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक शाम 4 बजे होगी। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी करेंगे। सामान्य सभा की बैठक में लोक निर्माण विभाग, खनिज विभाग, जल संसाधन विभाग, सहकारिता विभाग, समाज कल्याण, कृषि एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जायेगी। सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पूर्व बैठक का पालन प्रतिवेदन, जिला पंचायत के आय-व्यय की जानकारी एवं अध्यक्ष श्री सूर्यवंशी की अनुमति से अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी।
- -बीजापुर के 32 पूर्व माओवादियों ने सीखा कुक्कुटपालन और बकरीपालन का गुर-समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शासन की अभिनव-पुनर्वास नीति से मिल रहा लाभरायपुर । माओवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे बीजापुर जिले के 32 आत्मसमर्पित माओवादियों ने अब विकास और स्वरोजगार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इन सभी ने जगदलपुर स्थित क्षेत्रीय स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में एक महीने का कुक्कुटपालन और बकरीपालन का विशेष प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पूर्व नक्सलियों ने न केवल पशुपालन के वैज्ञानिक तरीके सीखे, बल्कि एक सफल उद्यमी बनने की बारीकियों को भी जाना। एक माह की गहन ट्रेनिंग में आत्मसमर्पित माओवादियों को कुक्कुटपालन और बकरीपालन से संबंधित हर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। यहां उन्होंने उन्नत नस्लों का चयन, चारा प्रबंधन और संतुलित आहार की जानकारी, टीकाकरण, रोगों की पहचान और उपचार के तरीके के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, ऋण प्राप्त करने और अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की रणनीति के संबंध में प्रशिक्षण लिया।बीजापुर के 32 पूर्व माओवादियों ने सीखा कुक्कुटपालन और बकरीपालन का गुरप्रशिक्षण लेने वाले एक आत्मसमर्पित माओवादी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जंगल में जीवन बहुत मुश्किल और खाली था। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर आत्मसमर्पित माओवादियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जो पुनर्वास नीति बनाई गई है, वह एक अभिनव प्रयास है। जिससे अब हम अपने हाथों से काम करके परिवार के लिए एक स्थिर और सम्मानजनक जीवन-यापन कर सकते हैं। सरकार के इस कदम से हमें बहुत हिम्मत मिली है।सुरक्षा बलों के कैंपों के खुलने से अब शासन की योजनाएं भी गांव-गांव पहुंचने लगी हैं। इनमें माओवाद प्रभावित गांवों के विकास के लिए विशेष रूप से चलाई जा रही नियद नेल्लानार योजना ने पूर्व माओवादियों के बीच आत्मविश्वास को बढ़ाया है। आत्मसमर्पित माओवादियों को अब यह लगने लगा है कि जब उनके गांवों में समृद्धि आएगी, तो उनके स्वरोजगार के रास्ते भी आसान होंगे। गांव में बुनियादी सुविधाओं के विकास और बाजार तक पहुंच बनने से उनके कुक्कुटपालन और बकरीपालन जैसे व्यवसायों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।पुनर्वास से आत्मनिर्भरता की ओर कदमयह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आत्मसमर्पण करने वाले लोगों को सम्मानजनक आजीविका के साधन प्रदान करना है। अधिकारियों के अनुसार यह प्रशिक्षण इन 32 पूर्व माओवादियों को जल्द ही स्वरोजगार स्थापित करने में मदद करेगा। उन्हें न केवल प्रशिक्षण दिए गए हैं, बल्कि वित्तीय सहायता और बैंक ऋण के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है। साथ ही प्रशिक्षण उपरांत इन्हें लगातार मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए स्थानीय मैदानी अमले की सहायता भी मिलेगी। बीजापुर के इन 32 पूर्व माओवादियों का कौशल प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना, बस्तर में शांति और विकास की एक नई मिसाल पेश करता है। यह दिखाता है कि हिंसा और बंदूक छोड़ने वाले हर व्यक्ति के लिए हुनर और सम्मान भरा भविष्य इंतजार कर रहा है।
- -पेंशन एवं योजनाओं की राशि निकालना अब आसानबिलासपुर /अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों के माध्यम से जिले के ग्रामीणों को नगद निकासी की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे बैंकों पर निर्भरता और भीड़ में कमी आ रही है। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाली राशि का पारदर्शी, सुविधाजनक और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। अब हितग्राही अपने ग्राम पंचायत स्तर पर ही अटल डिजिटल सुविधा केंद्र से पेंशन राशि एवं अन्य योजनाओं की राशि निकाल सकते हैं।समाज कल्याण विभाग की सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं में पेंशन राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से हितग्राहियों के बैंक खातों में किया जाता है, परंतु बैंक से राशि निकालना हितग्राहियों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। विशेषकर वृद्धजन, दिव्यांगजन, विधवा एवं परित्यक्त महिलाएं बैंक तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करती रही हैं। “अटल डिजिटल सुविधा केंद्र” इन समस्याओं का समाधान बनकर उभरा है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना “अटल डिजिटल सुविधा केंद्र” का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 24 अप्रैल 2025 को किया गया। जिले के 152 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र खोले गए है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने अपील की है कि समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के हितग्राही अपने निकटतम अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों से राशि की निकासी करें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो और सभी हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ सुगमता और पारदर्शिता से मिल सके।
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दुर्ग, /राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के अंतर्गत जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ग्राम भानपुरी के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 की एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जो यह सिद्ध करती है कि नियमित गृहभेट, पोषण संबंधी सलाह, और सामुदायिक सहयोग से कैसे एक गर्भवती महिला का जीवन सकारात्मक रूप से बदल सकता है।ग्राम भानपुरी की नई बहू श्रीमती पुष्पा ठाकुर, जिनकी यह पहली गर्भावस्था थी, को गर्भधारण के शुरुआती महीनों में उल्टी और भूख की कमी जैसी समस्याएं झेलनी पड़ी। गर्भवती होने के बावजूद उन्हें उचित पोषण की जानकारी नहीं थी, और परिवार भी इस स्थिति से चिंतित था। जानकारी के अभाव और शर्म के कारण पुष्पा अपनी समस्या खुलकर नहीं बता पा रही थीं। गांव को कुपोषण मुक्त पंचायत घोषित किए जाने के चलते महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती सोनल सोनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती शशि देवांगन ने पुष्पा के घर लगातार गृहभेंट करना शुरू किया। उन्होंने न केवल पुष्पा को सतत स्तनपान और गर्भावस्था के दौरान आवश्यक पोषण की जानकारी दी, बल्कि परिवार को भी जागरूक किया कि कैसे एक गर्भवती महिला की देखभाल करना आवश्यक है।पोषण खजाना (पौष्टिक आहार), रेडी-टू-ईट फूड का नियमित सेवन, सप्ताह में तीन दिन हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग, आयरन व कैल्शियम की गोलियों के सेवन जैसे उपायों से पुष्पा के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ। पहले जहां उनका वजन मात्र 40 किलोग्राम और हीमोग्लोबिन 9 ग्राम था, वहीं गर्भावस्था के अंत तक उनका वजन 52 किलोग्राम और हीमोग्लोबिन 10.9 ग्राम तक पहुँच गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीदी पुष्पा को नियमित एएनसी (गर्भावस्था जांच) के लिए एएनएम के पास भी लेकर जाती रहीं। निरंतर देखभाल और मार्गदर्शन के चलते पुष्पा को गर्भावस्था के दौरान कोई जटिलता नहीं हुई। सफल प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि दिनांक 27 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान ही पुष्पा ने शासकीय अस्पताल दुर्ग में एक स्वस्थ्य और सुंदर बिटिया को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 2.700 किलोग्राम था, जो एक स्वस्थ प्रसव का प्रमाण है। आज पुष्पा का पूरा परिवार प्रसन्न है और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम को उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद दे रहा है।
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-पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
-सुभाष के घर का बिजली बिल हुआ कम
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ हितग्राहियों को देने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अब आम नागरिकों के जीवन में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बनकर उभर रही है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से संचालित यह योजना न केवल आम उपभोक्ताओं की बिजली पर निर्भरता घटा रही है, बल्कि हर घर में हरित ऊर्जा का संचार कर रही है। राज्य सरकार की अतिरिक्त सब्सिडी ने सोलर पैनल लगवाना और भी किफायती बना दिया है। इसी योजना से प्रेरित होकर पत्थलगांव निवासी श्री सुभाष मिंज, जो एलआईसी में कार्यरत थे और कुछ वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं, ने अपने मकान की छत पर 3 केवी क्षमता वाला सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को लगाने में कुल लगभग 2 लाख रूपए की लागत आई, जिसमें से उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार रूपए की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में प्राप्त हुई, जिससे आर्थिक बोझ में बड़ी राहत मिली।श्री मिंज बताते हैं कि सोलर सिस्टम लगने से पहले उनका मासिक बिजली बिल 700 से 800 रूपए के बीच आता था, जबकि अब उनका बिल लगभग शून्य हो गया है। उन्होंने बताया “जून से सोलर पैनल चालू हुआ है, तब से बिजली बिल नहीं आ रहा। सूर्य की किरणों से उत्पन्न बिजली न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे हमारी बचत भी लगातार बढ़ रही है।”प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने श्री मिंज जैसे नागरिकों को बिजली उपभोक्ता से उत्पादक बनने की दिशा में अग्रसर किया है। यह पहल छत्तीसगढ़ में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
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राजनांदगांव । भू-अभिलेख शाखा राजनांदगांव से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में पटवारियों द्वारा ऑनलाईन रिकार्ड में समय-सीमा में सुधार कार्य किया जा रहा है। साथ ही विगत महीनों में सभी तहसीलों में ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है। जिसमें राजनांदगांव तहसील में 600, छुरिया तहसील में 500, घुमका तहसील में 100, डोंगरगढ़ तहसील में 300, लाल बहादुर नगर में 200, डोंगरगांव तहसील में 400 एवं कुमरदा तहसील में 300 नग ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है। ऋण पुस्तिका के लिए उच्च कार्यालय को पत्र प्रेषित किया गया है एवं आवश्यकता अनुसार ऋण पुस्तिका का वितरण किया जा रहा है।
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- दावा-आपत्ति हेतु कर सकते हैं आवेदन
मोहला । जिला मोहला-मानपुर-अं.चौकी अंतर्गत बाल विवाह रोकथाम के दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार उन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया जाना है जहाँ विगत दो वर्षों में कोई भी बाल विवाह का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के समस्त 185 ग्राम पंचायत एवं 01 नगर पंचायत से पिछले दो वर्षों में किसी भी प्रकार के बाल विवाह नही होने संबंधित दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। अत: इन्हें बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत एवं बाल विवाह मुक्त नगरीय निकाय घोषित कर प्रमाण पत्र जारी किया जाना है।
इस संबंध में यदि किसी भी व्यक्ति/संस्था को कोई आपत्ति हो या किसी प्रकार का बाल विवाह का प्रकरण संज्ञान में हो तो 07 दिवस की अवधि में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर, मोहला के कार्यालय में प्रात: 10 बजे से सायं 5:30 बजे तक लिखित रूप एवं सुसंगत दस्तावेजों के साथ दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। - -अब छत्तीसगढ़ में लाखों परिवार पा रहे पक्के घर का सुखरायपुर। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ब्लॉक गौरेला के ग्राम पंडरीपानी निवासी समारू बैगा के जीवन में नई रोशनी भर दी है। सीमित आय और कठिन परिस्थितियों में गुजर-बसर कर रहे समारू बैगा अब अपने परिवार के साथ एक पक्के, सुरक्षित और सम्मानजनक घर में रह रहे हैं। लंबे समय से कच्चे और जर्जर मकान में रहने वाले समारू के लिए पक्का घर बनाना एक अधूरा सपना था, लेकिन अब यह सपना हकीकत बन चुका है। वर्ष 2023-24 में इस योजना के अंतर्गत उनके लिए आवास स्वीकृत हुआ और अब वे अपने परिवार के साथ मजबूत, सुंदर और सुरक्षित घर में रह रहे हैं।समारू बैगा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “पहले हमारा परिवार हर मौसम में परेशान रहता था, बारिश में छत टपकती थी, सर्दियों में ठंड और गर्मियों में लू का सामना करना पड़ता था। अब प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से मिला पक्का घर हमारे जीवन की सबसे बड़ी सौगात है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का मैं धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हमें ऐसा सम्मानजनक जीवन दिया।”प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का उद्देश्य देश के सभी बेघर परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत अब तक 18 लाख से अधिक आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 15 लाख परिवारों को अपने सपनों का पक्का घर मिल चुका है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से ग्रामीण परिवारों का जीवन स्तर निरंतर ऊँचा हो रहा है।
- रायपुर।, सूर्य का प्रकाश हमारे जीवन में ऊर्जा, प्रकाश और स्वास्थ्य का संचार करती है। यह प्राकृतिक शक्ति हमारे जीवन विकास के साथ-साथ अब घरों को मुफ्त बिजली भी प्रदान कर रही है। ऐसा संभव हो पाया है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से, ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में श्री क्षितिज शेट्ठी अम्बिकापुर निवासी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेकर अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाया है। इस पहल के बाद वे अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भर बन चुके हैं।श्री शेट्ठी बताते हैं कि सोलर प्लांट लगाने के बाद से उन्हें अब बिजली बिल जमा नहीं करना पड़ता। उनकी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता घरेलू खपत से अधिक है, जिससे अतिरिक्त बिजली ग्रिड में जमा हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले हर महीने दो से ढाई हजार रुपये तक का बिजली बिल आता था, लेकिन अब बिल शून्य है। अब मैं अपनी बिजली खुद बनाता हूं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान भी दे रहा हूं, इस योजना से न केवल आर्थिक लाभ हो रहा है बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की बचत और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिल रही है। श्री क्षितिज शेट्ठी ने फरवरी माह में सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाया था। उस समय उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार की सब्सिडी प्राप्त हुई थी। अब राज्य सरकार भी अलग-अलग क्षमता के अनुसार अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है, जिससे यह योजना आम नागरिकों के लिए और अधिक लाभकारी बन गई है।उन्होंने बताया कि सोलर पैनल की लागत तीन से चार साल में पूरी वसूल हो जाती है, जबकि कंपनी 20 वर्ष तक की वारंटी प्रदान करती है। इस प्रकार आने वाले वर्षों में वे बिना किसी अतिरिक्त खर्च के मुफ्त बिजली का लाभ उठाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरकार जब सब्सिडी दे रही है, तो हर नागरिक को इसका लाभ अवश्य उठाना चाहिए। इससे बिजली खर्च बचेगा और पर्यावरण संरक्षण में हम सभी सहभागी बनेंगे।प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य हर घर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है। श्री क्षितिज शेट्ठी का यह कदम इस दिशा में एक जीवंत उदाहरण है, जिन्होंने यह साबित किया कि जब आम नागरिक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ता है, तो पूरा समाज सौर ऊर्जा क्रांति की ओर कदम बढ़ाता है।
- - गोवा में आयोजित पर्पल फेस्ट में करेंगे योगा प्रदर्शनरायपुर मनोविकास केन्द्र बलौदाबाजार के 5 विद्यार्थियों का चयन प्रतिष्ठित पर्पल फेस्ट 2025 में भाग लेने के लिए हुआ है। यह आयोजन 9 से 12 अक्टूबर 2025 तक गोवा मे किया जा रहा है। फेस्ट में हिस्सा लेने गोवा रवाना होने से पहले गुरुवार को कलेक्टर दीपक सोनी से चयनित बच्चों ने मुलाक़ात की। कलेक्टर श्री सोनी ने मनोविकास केंद्र के बच्चों का फेस्ट के लिए चयन होने पर जिले के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए उन्हें शुभकामनायें दी।मनोविकास केन्द्र के नोडल अधिकारी आशा शुक्ला ने बताया कि केंद्र के छात्र कुलदीप निर्मलकर, तुषार सेन पुष्कर कुमार साहू,लोकेश कुमार वर्मा एवं किशन यादव का चयन पर्पल फेस्ट 2025 में भाग लेने के लिए हुआ है। इनके साथ योग शिक्षक श्री ललित कुमार साहू तथा केन्द्र प्रमुख श्री दुर्गा शंकर पटनायक भी कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।चयनित विद्यार्थी मनोविकास केन्द्र एवं बलौदाबाजार-भाटापारा जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए 15 मिनट का योग प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे जो दिव्यांगजनों की क्षमताओं और समावेशन की भावना को उजागर करेगा। यह भागीदारी मनोविकास पहल और जिला प्रशासन के लिए गर्व का क्षण होग़ा तथा इन विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और अनुभव प्रदान करेगी।पर्पल फेस्ट 2025 को दिव्यांगजनों की रचनात्मकता, प्रतिभा और सशक्तिकरण के एक जीवंत उत्सव के रूप में देखा जा रहा है। यह आयोजन भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग,गोवा सरकार के राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय, तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एवं संयुक्त राष्ट्र भारत के सहयोग से किया जा रहा है।पर्पल फेस्ट का उद्देश्य दिव्यांगजनों के समावेशन, पहुंच और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह महोत्सव समाज में जागरूकता फैलाने, उनकी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में कार्य करता है जहां प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा और समान अवसरों के साथ जीवन जीने का अधिकार हो।उल्लेखनीय है कि कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के विकास और पुनर्वास हेतु जिला प्रशासन द्वारा बलौदाबाजार में सीएसआर मद से मनोविकास केंद्र संचालित किया जा रहा है। इस केंद्र में 45 से अधिक बच्चों को विशेष शिक्षा, चिकित्सा सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण और समग्र विकास की सुविधाएं प्रदान किया जा रहा है। यह केंद्र जनवरी 2025 से शुरू हुआ है और अल्प समय मे ही बेहतर परिणाम सामने आने लगा है। विशेष शिक्षा, थेरेपी सेवाएं व्यावसायिक प्रशिक्षण,मनोवैज्ञानिक परामर्श और खेल व सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित की जा राही हैं। साथ ही बच्चों को आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों से भी जोड़ा जाता है।
- -केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के कृषि मंत्रियों से की चर्चा-मंत्री श्री रामविचार नेताम हुए शामिल-मिशन हेतु प्रदेश के दंतेवाड़ा, जशपुर और कोरबा चयनितरायपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कृषि के क्षेत्र में कम उत्पादकता वाले जिले, मध्यम फसल तीव्रता वाले जिले और औसत से कम ऋण वाले जिले के संतुलित विकास को ध्यान में रखते हुए 11 अक्टूबर को देश के किसानों के लिए दलहन मिशन और नेचुॅरल फॉरमिंग मिशन का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मंत्रियों से चर्चा कर तैयारियों का जाएजा लिया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम शामिल हुए।गौरतलब है कि भारत के कृषि क्षेत्र को उत्पाकता में कमी, सिंचाई की सीमित उपलब्धता, ऋण सुविधा की कमी और फसल कटाई के बाद भंडारण की कमजोर व्यवस्था जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन कमियों को दूर करने हेतु प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना प्रारंभ की जा रही हैै। जिसके अतंर्गत देश में 100 आकांक्षी जिलों को चयन किया गया है। इनमें छत्तीसगढ़ के 3 जिलों दंतेवाड़ा, जशपुर और कोरबा को शामिल किया गया है। इन जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने फसल विविधीकरण, सतत् खेती, सिंचाई सुधार और कृषि ऋण की सुलभता सुनिश्चित की जाएगी।वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में बताया गया कि देश में दलहन उत्पादकता का बढ़ाना दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना वर्ष 2024-25 में 244.93 लाख टन से बढ़ाकर 2030-31 तक 350 लाख टन दलहन का उत्पादन करना है। वहीं दलहन की खेती का रकबा बढ़ाकर 310 लाख टन करना है। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री चौहान के कहा कि दलों की आयात की जरूरत को समाप्त करते हुए आत्मनिर्भरता की आगे बढ़ना है। साथ ही बेहतर मूल्य स्थिरता के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना।
- -घर लौटते समय सड़क दुर्घटना में हुआ घायल-आयुष्मान भारत योजना से हुआ निःशुल्क उपचाररायपुर । 32 वर्षीय शंकर गुप्ता पहले से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। रोज़ की तरह वे घर लौट रहे थे, इस दौरान आकस्मिक दुर्घटना में शंकर के पैर की हड्डियाँ चार जगहों से टूट गईं जिनमें घुटने का पटेला, फीमर और लांग बोन क्षति हुई। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने बताया कि स्थिति गंभीर है और सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। आयुष्मान भारत योजना से शंकर का निःशुल्क उपचार हुआ, जिससे उसे नया जीवन मिला।बलरामपुर जिले के विकासखण्ड रामचन्द्रपुर अंतर्गत ग्राम चाकी निवासी 32 वर्षीय शंकर गुप्ता का इलाज का अनुमानित खर्च लगभग 80 हजार रुपये बताया गया। सीमित साधनों वाला परिवार असमंजस में था कि इतनी बड़ी रकम ईलाज के लिए कहाँ से लाए। ऐसी स्थिति में आयुष्मान भारत योजना उनके लिए संजीवनी बनकर आई। योजना के अंतर्गत उनका पूरा ईलाज निःशुल्क हुआ। सर्जरी, सीटी स्कैन और दवाइयाँ सभी इसी योजना के तहत कवर हुईं। सर्जरी सफल रही और अब शंकर की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। चिकित्सकों की निगरानी में वे पुनः खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं। ईलाज पूरा होने के बाद शंकर भावुक स्वर में कहते हैं, मैं पहले से दिव्यांग हूँ, दुर्घटना के बाद लगा कि अब शायद जीवनभर चल नहीं पाऊँगा। लेकिन आयुष्मान योजना मेरे लिए वरदान बन गई। यदि आयुष्मान योजना न होती तो मेरा ईलाज संभव नहीं था। सरकार की इस योजना ने मुझे न सिर्फ ईलाज, बल्कि दोबारा जीने का हौसला दिया है। शंकर गुप्ता की यह कहानी बताती है कि जब सरकारी योजनाएं सही जरूरतमंद तक पहुँचती हैं, तो वे किसी के लिए नया जीवन बन जाती हैं।
- रायपुर ।नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित सरस मेला 2025 में कोरिया जिले के ’अमृत मोदक’ और ‘कोरिया अमृत अचार’ की स्वाद देश की राजधानी में विशेष पहचान बना ली है। गौरतलब है कि कोरिया जिले के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के उत्पादों की सरस मेला में काफी चर्चा है। अमृत मोदक’ और ‘कोरिया अमृत अचार’ की खुशबू आगन्तुकों का दिल जीत लिया हैं।सरस मेले में जिले के दो स्व-सहायता समूहों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। ज्योति महिला स्व-सहायता समूह ने 200 किलोग्राम से अधिक कोरिया अमृत मोदक की बिक्री कर 88 हजार रुपए की आय अर्जित की तथा जागृति महिला स्व-सहायता समूह ने 260 किलोग्राम अचार तथा 36 किलोग्राम पापड़-बड़ी का विक्रय कर एक लाख रुपए से अधिक की आय प्राप्त की।मेले में उपस्थित विभिन्न विक्रेताओं, खरीदारों और पर्यटकों ने कोरिया जिले के उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद की सराहना करते हुए भविष्य में ऑर्डर देने की इच्छा भी जताई। जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक विधियों से तैयार किए गए उत्पादों को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचा रही हैं, जिससे महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है। कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि जिले की स्व-सहायता समूहों में काम करने वाली महिलाओं की आर्थिक निर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। हमारा उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के पारिवारिक और शैक्षणिक वातावरण को भी सशक्त बनाना है।
- - प्रधानमंत्री आवास योजना से नक्सल प्रभावित परिवार की बदली जिंदगीरायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के रजत महोत्सव वर्ष के अवसर पर राज्य सरकार न केवल 25 वर्षों की विकास यात्रा का उत्सव मना रही है, बल्कि इस अवसर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पुनर्वास के लिए कई योजनाएं भी क्रियान्वित कर रही है। इसी प्रयास के तहत कोंडागांव जिले के ग्राम केजंग निवासी श्री गाड़ोराम नेताम को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की विशेष परियोजना के माध्यम से लाभान्वित किया गया। श्री नेताम एक आत्मसमर्पित नक्सल पीड़ित परिवार से आते हैं। शासन की पुनर्वास नीति के अंतर्गत उन्हें वर्ष 2024-25 में 1 लाख 20 हजार रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। इस अनुदान राशि की मदद से उन्होंने अपना पक्का आवास निर्माण पूरा किया। पहले जहां उनका परिवार असुरक्षा और कठिनाइयों के बीच जीवन यापन कर रहा था, वहीं अब उनकी पत्नी कलेबाई और बेटी मुन्नी के साथ शांतिपूर्वक जिंदगी बसर कर रहे हैं।श्री नेताम भावुक होकर कहते हैं, पहले हमारे लिए दिन बहुत कठिन थे, लेकिन अब अपना घर बन जाने से जीवन में उत्साह का संचार हो गया है। शासन की योजना ने हमें नया आत्मविश्वास दिया है। मैं हृदय से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विजन के अनुरूप राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति की स्थापना के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं। राज्य सरकार प्रत्येक नागरिक तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने और शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी मूलभूत सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद खात्मे का संकल्प और प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास की नीति राज्य सरकार के प्रयासों को और मजबूत बना रहे हैं। इन नीतियों से न केवल सामाजिक और आर्थिक स्थिरता आई है, बल्कि नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनके जीवन में नई उम्मीद भी जागी है। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव में श्री नेताम के परिवार को आवास मिलना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की योजनाएँ जन-जन तक पहुँच रही हैं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और शांति की नई सुबह ला रही है।
- -कटघोरा में कंवर समाज के सम्मेलन और वीर शहीद सीताराम कंवर की पुण्यतिथि समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री साय-समाज के लिए भवन हेतु एक करोड़ रुपये और प्रतिमा निर्माण के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा-भगवान सहस्त्रबाहु की प्रतिमा के लिए 25 लाख रुपये और कटघोरा में हाईटेक बस स्टैंड की घोषणारायपुर /समाज की उन्नति और प्रगति के लिए शिक्षा ही एकमात्र रास्ता है। हमारी सरकार स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को कलेक्टर, एसपी, डॉक्टर और इंजीनियर बनते देखना ही हमारी मंशा है। मुख्यमंत्री श्री साय आज कोरबा जिले के कटघोरा में आयोजित सातगढ़ कंवर समाज के सामाजिक सम्मेलन एवं वीर शहीद सीताराम कंवर की पुण्यतिथि समारोह को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वीर शहीद सीताराम कंवर समाज का गौरव हैं। इस अवसर पर उन्होंने रामपुर चौक में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद सीताराम कंवर की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री साय का तीर-धनुष भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में घोषणा की कि सातगढ़ कंवर समाज के सामाजिक भवन निर्माण के लिए ₹1 करोड़ की राशि प्रदान की जाएगी तथा इस भवन में बाउंड्रीवाल का निर्माण भी कराया जाएगा। उन्होंने रामपुर चौक में शहीद सीताराम कंवर की नई प्रतिमा स्थापना के लिए ₹10 लाख, कसनिया मोड़ में भगवान सहस्त्रबाहु की प्रतिमा स्थापना एवं प्रवेश द्वार निर्माण के लिए ₹25 लाख, तथा कटघोरा में हाईटेक बस स्टैंड के निर्माण की घोषणा की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कसनिया मोड़ में भगवान सहस्त्रबाहु चौक नामकरण, मूर्ति स्थापना, कल्चुरी स्वागत द्वार सह उद्यान निर्माण हेतु भूमिपूजन और शिलान्यास भी किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कंवर समाज के सम्मेलन में उपस्थित लोगों से समाज के विकास और उत्थान के लिए अपने बच्चों को शिक्षित करने, युवाओं को नशे से दूर रहने तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थान स्थापित किए गए हैं — मेडिकल कॉलेज, एम्स, आईआईआईटी, विश्वविद्यालय और लॉ कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती महोत्सव के लिए शुभकामनाएं भी दीं।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता से की गई गारंटियों को पूरा करने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। सरकार गठन के साथ ही 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए। किसानों से ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख महिलाओं को प्रति माह ₹1000 की आर्थिक सहायता उनके खातों में जमा की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों से ₹5500 प्रति मानक बोरा की दर से खरीदी की जा रही है। चरण पादुका योजना पुनः प्रारंभ किया गया है।मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री रामलला दर्शन योजना के तहत राज्य से प्रत्येक माह हजारों श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम की यात्रा सरकारी खर्च पर कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के मात्र 20 माह के भीतर ही 10 हजार से अधिक युवाओं को शासकीय नौकरी दी गई है। शीघ्र ही 5 हजार शिक्षकों और 700 से अधिक सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति को रोजगारमुखी बनाकर युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोले जा रहे हैं।कार्यक्रम में विधायक श्री प्रेमचंद पटेल और श्री तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह कंवर, महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत, कंवर समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री छत्रपाल सिंह कंवर, सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण और कंवर समाज के सामाजिक बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- -बेमेतरा जिले को 140.96 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात-सिंघोरा में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र, अमोरा में शिवनाथ नदी पर बैराज निर्माण और बसनी में मिडिल स्कूल की घोषणारायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बेमेतरा जिले के लिए कुल ₹140.96 करोड़ के 47 विकास कार्यों की सौगात दी। इनमें 27 कार्यों का भूमिपूजन और 20 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए, राज्य सरकार चहुंमुखी और समावेशी विकास के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारना है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और संकल्पबद्धता के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरीय सुविधाओं के क्षेत्र में तीव्र गति से कार्य किए जा रहे हैं, जिनसे जनता को सीधा लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम अमोरा में शिवनाथ नदी पर बैराज निर्माण, सिंघोरा में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की स्थापना, तथा ग्राम बसनी में मिडिल स्कूल प्रारंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को सशक्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अधिकांश गारंटियों को अल्प समय में ही पूरा कर दिखाया है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस प्रदान किया गया है और 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रति माह ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों से ₹5500 प्रति मानक बोरा की दर से खरीदी की जा रही है।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार गांव, गरीब, किसान और महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर कार्य कर रही है। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का संचालन कर रही है, जिससे कोई भी परिवार भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता से किए गए वादों को पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा जैसे ग्रामीण जिलों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, जिनसे आमजन को राहत और बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। कार्यक्रम को विधायक श्री दीपेश साहू ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, सांस्कृतिक मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब,श्री प्रहलाद रजक, विधायक श्री ईश्वर साहू और श्रीमती भावना बोहरा, अवधेश चंदेल, श्री लाभचंद बाफना, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेंद्र साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
- -भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने किया राज्य की डिजिटल क्षमताओं का सशक्त प्रस्तुतीकरणरायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की डिजिटल प्रगति और तकनीकी क्षमता को राष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया। नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के अंतर्गत राज्यों के आईटी मंत्रियों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में राज्य के वित्त मंत्री एवं कैबिनेट मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए देशभर के समक्ष राज्य के डिजिटल और दूरसंचार विकास की दृष्टि प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दूरसंचार अधोसंरचना के समन्वित विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयास सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अपने संबोधन में प्रदेश में मोबाइल नेटवर्क विस्तार की आवश्यकता, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के अवसर, साइबर सुरक्षा, डेटा सेंटर विकास और नवीन तकनीकों के प्रोत्साहन पर विशेष बल दिया। उन्होंने इंडियन मोबाइल कॉन्फ़्रेंस में केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष छत्तीसगढ़ में मोबाइल टावरों और हाई-स्पीड इंटरनेट विस्तार के लिए ठोस तर्क प्रस्तुत किए। साथ ही विभिन्न राज्यों को छत्तीसगढ़ में भूकंपीय जोखिम कम होने के कारण डेटा सेंटर एवं डिज़ास्टर रिकवरी साइट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।भारत सरकार के दूरसंचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में श्री चौधरी ने अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में दूरसंचार अधोसंरचना के तीव्र विकास के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में राज्य ने भारत सरकार द्वारा जारी राइट ऑफ वे (ROW) नियम, 2024 को अधिसूचित कर 1 जनवरी 2025 से प्रभावी कर दिया है तथा केंद्रीय ROW पोर्टल पर ऑनबोर्ड होने का निर्णय लिया है।श्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार विस्तार प्राथमिकता पर जारी है। राज्य के कम जनसंख्या घनत्व एवं सुरक्षा-संवेदनशील जिलों में लगभग 1,600 टावर स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि मोबाइल नेटवर्क विस्तार की वर्तमान योजनाओं — LWE फेज-I एवं II, Aspirational Districts और 4G Saturation — में छत्तीसगढ़ को विशेष श्रेणी रियायत प्रदान की जाए, ताकि इन क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ किया जा सके।इसके साथ ही उन्होंने नेटवर्क विस्तार की आगामी योजनाओं, जैसे “धरती आबा योजना”, के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त टावर स्वीकृति और राज्य-विशेष नई योजना के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि राज्य के दूरस्थ वनांचलों में, जहाँ मोबाइल नेटवर्क विस्तार अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, वहाँ सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी के लिए नवीन परियोजनाओं की स्वीकृति आवश्यक है।डिजिटल भारत निधि के अंतर्गत भारतनेट परियोजना फेज-III के तहत छत्तीसगढ़ द्वारा ₹3,761.15 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य की 5,659 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर द्वारा हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। श्री चौधरी ने इस प्रस्ताव की शीघ्र स्वीकृति का आग्रह करते हुए कहा कि इससे प्रदेश की ग्राम पंचायतें टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस और डिजिटल पेमेंट जैसी सेवाओं से जुड़ सकेंगी तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का डिजिटल इंडिया का स्वप्न साकार होगा।साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे अत्याधुनिक स्टेट डेटा सेंटर और मैनेज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (MSOC) की प्रगति से भी उन्होंने अवगत कराया। श्री चौधरी ने कहा कि अपनी भौगोलिक स्थिति, सरप्लस विद्युत उपलब्धता, Seismic Zone-II वर्गीकरण और आकर्षक निवेश नीति के कारण छत्तीसगढ़ डेटा सेंटर उद्योग के लिए देश का नया उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। रैंक बैंक डेटा सेंटर्स द्वारा रायपुर में भारत का पहला AI-Optimized Data Center Park लॉन्च किया गया है, जिसमें ₹1,000 करोड़ का प्रारंभिक निवेश किया गया है, जो अगले पाँच वर्षों में ₹3,000 करोड़ तक बढ़ेगा। यह सुविधा 13.5 एकड़ में फैली है, 80 मेगावाट क्षमता प्रदान करती है और इसमें 1 लाख GPU होंगे, जिससे 500 से अधिक उच्च-कुशल रोजगार सृजित होंगे।इसके अतिरिक्त ESDS Software Solutions ने रायपुर में ₹600 करोड़ के निवेश से उन्नत AI-आधारित डेटा सेंटर स्थापना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।इस अवसर पर श्री चौधरी ने केंद्र सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य राज्य सरकारों को छत्तीसगढ़ में अपने डिज़ास्टर रिकवरी डेटा सेंटर्स स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सभी डेटा सेंटर निवेशकों को आवश्यक सभी सुविधाएँ प्रदान करने के लिए पूर्णतः कृतसंकल्पित है।
- -स्थानीय निकायों के निर्वाचन 2025 के उत्कृष्ट प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग को बोत्सववाना में अवार्ड प्राप्त हुआरायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग को संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (UNPAN) की शोध संस्था International Centre for Parliamentary Studies (ICPS) द्वारा अवार्ड से सम्मानित किया गया है। माननीय राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री अजय सिंह के निर्देशन में संपन्न स्थानीय निकाय निर्वाचन 2025 के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिये उक्त संस्था को प्रस्ताव भेजा गया था। आयोग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए ICPS द्वारा उत्कृष्ट निर्वाचन प्रबंधन हेतु आयोग को नामांकित किया गया तथा बोत्सवाना की राजधानी गेब्रोन में आयोजित सम्मेलन में आयोग की प्रस्तुति के आधार पर आयोग को अवार्ड हेतु चयनित किया गया है।संयुक्त राष्ट्र लोक प्रशासन नेटवर्क (UNPAN) की शोध संस्था International Centre for Parliamentary Studies (ICPS) का कार्यालय मिलबैंक टावर, लंदन (यू.के.) में स्थित है। ICPS, United Nations Development Program (UNDP) की सहयोगी संस्था है। ICPS के द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अध्ययन एवं अनुसंधान किया जाता है तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सरकारों को लोकतांत्रिक व्यवस्था सुदृढ करने के लिये सुझाव भी दिये जाते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बताया कि ICPS द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के नगरपालिका एवं पंचायत निर्वाचन 2025 एक साथ मात्र 36 दिन में संपन्न कराये जाने के लिये किये गये निर्वाचन प्रबंधन को उत्कृष्ट उपलब्धि मानते हुए Special Recognition for Outstanding Achievement Award श्रेणी में आयोग को अवार्ड प्रदान किया गया है। अवार्ड वितरण कार्यक्रम दिनांक 01.10.2025 से 04.10.2025 तक बोत्सवाना की राजधानी गेब्रोन में आयोजित था। सम्मेलन में आयोग की ओर से सर्वश्री सुखनाथ अहिरवार, सचिव एवं श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव, उप सचिव ने भाग लिया।
- -प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से उज्ज्वल होगा प्रदेश की बहनों का भविष्य - मुख्यमंत्री श्री साय-छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार” और “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत 1.59 लाख माताओं-बहनों को मिलेगा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभरायपुर /भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत देशभर में 25 लाख नए एलपीजी कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार” और “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत 1.59 लाख पात्र माताओं-बहनों को उज्ज्वला योजना का लाभ प्राप्त होगा।यह निर्णय छत्तीसगढ़ की लाखों माताओं-बहनों के जीवन में स्वच्छ ऊर्जा और स्वास्थ्य का उजाला लेकर आएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो उजाला फैलाया है, वह आने वाले वर्षों में पूरे समाज के विकास का आधार बनेगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति हमेशा से परिवार और समाज की धुरी रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से उन्हें वह सम्मान मिला है जिसकी वे हकदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रत्येक पात्र बहन तक इस योजना का लाभ पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है। भारत सरकार के इस निर्णय से छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों की महिलाएं अब प्रदूषण रहित वातावरण में जीवन जी सकेंगी।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में लगभग 28 लाख महिलाएं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ प्राप्त कर रही हैं।
- रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका को आज राजभवन में ‘‘सोसाइटी फॉर एम्पावरमेंट‘‘ द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘‘प्रारंभ‘‘ की प्रति भेंट की गई। विशेष पिछड़ी जनजातियों पर केंद्रित इस विशेषांक का संपादन मानवविज्ञानी एवं राज्यपाल के उप सचिव डॉ. रूपेन्द्र कवि द्वारा किया गया है। इस विशेषांक में विशेष पिछड़ी जनजातियों समुदायों की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक स्थिति पर गहन विमर्श प्रस्तुत किया गया है, तथा इससे नीति-निर्माताओं, शोधार्थियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को उपयोगी जानकारी मिलेगी। राज्यपाल श्री डेका ने पत्रिका की विषयवस्तु की सराहना करते हुए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस पहल को जनजातीय समुदायों की जागरूकता एवं सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।





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