ब्रेकिंग न्यूज़

 आंवला नवमी....जानें आंवला के पेड़ की पूजा व दान करने से क्या फल मिलता है?
पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी (31 अक्टूबर 2025) से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष पर निवास करते हैं, इसलिए इसे आंवला नवमी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा-अर्चना और दान का अक्षय फल मिलता है, इसलिए इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। आंवला नवमी के दिन ही कृष्ण ने कंस के आमंत्रण पर वृंदावन छोड़कर मथुरा की ओर प्रस्थान किया था।
भारतीय शास्त्रों में आंवले को दैवीय फल माना जाता है। ‘पद्म’ और ‘स्कंद’ पुराण में वर्णन है कि आंवला ब्रह्माजी के आंसुओं से उत्पन्न हुआ। वहीं, एक अन्य कथा कहती है कि समुद्र मंथन के समय निकले अमृत कलश से पृथ्वी पर अमृत की बूंदें गिरने से आंवले अस्तित्व में आया।
एक बार देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर रही थीं। उनकी इच्छा हुई कि भगवान विष्णु और शिव की एक साथ पूजा की जाए। उन्होंने विचार किया कि विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है और शिव को बेल। इन दोनों के गुण एक साथ आंवले में हैं। देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की। उनकी पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। माता लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ के नीचे उन्हें भोजन कराया और उसके बाद स्वयं भोजन को प्रसाद रूप में ग्रहण किया। उस दिन से ही यह तिथि आंवला नवमी के नाम से प्रसिद्ध हुई।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा, आंवले से स्नान, आंवले को खाने और आंवले का दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। चरक संहिता में उल्लेख मिलता है कि कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन ही महर्षि च्यवन ने आंवले के सेवन से सदा युवा रहने का वरदान प्राप्त किया था। एक मान्यता यह भी है कि सतयुग की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को हुई थी।
एक अन्य कथा के अनुसार इसी दिन आदि शंकराचार्य को एक निर्धन स्त्री ने भिक्षा में सूखा आंवला दिया था। उस निर्धन स्त्री की गरीबी से द्रवित होकर शंकराचार्य ने मां लक्ष्मी की मंत्रों द्वारा स्तुति की, जो ‘कनकधारा’ स्तोत्र के रूप में जानी जाती है। उस निर्धन स्त्री के भाग्य में धन न होते हुए भी शंकराचार्य की विनती पर मां लक्ष्मी ने उसके घर स्वर्ण आंवलों की वर्षा करके उसकी दरिद्रता दूर की।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english