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नई दिल्ली। गुजरात के उधना (सूरत) और ओडिशा के बरहामपुर के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस की शुरुआत हो चुकी है। ट्रेन यात्रियों ने नई सुविधा से लैस अमृत भारत एक्सप्रेस शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा में आयोजित कार्यक्रम से वर्चुअली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर सूरत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद रहे।
अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए दोनों राज्यों के बीच किफायती और आरामदायक संपर्क बनाने और प्रमुख आर्थिक जिलों को जोड़ने की कोशिश की गई है। ट्रेन यात्रियों का कहना है कि दीवाली और छुट्टियों में ओडिशा जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्होंने नई सुविधा से लैस अमृत भारत एक्सप्रेस शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया।माधव प्रधान ने बताया कि सूरत से बरहामपुर जाना पहले मुश्किल था, क्योंकि ट्रेन सीधे बरहामपुर तक नहीं जाती थी। अब अमृत भारत एक्सप्रेस की शुरुआत होने से फायदा होगा।अजय दुबे ने कहा, “जो ट्रेन शुरू हुई है, यह बेहद अच्छा फैसला है। इससे पहले ट्रेनों में भारी भीड़ रहती थी, लेकिन नई ट्रेन शुरू होने से भीड़ कम होगी और लोगों को सफर में सुविधा होगी।”कैलाश साईं ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस ट्रेन के शुरू होने से अब उन्हें अपने घर आने-जाने में सुविधा होगी। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार को सूरत पहुंचे और उधना रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली। उनके साथ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद रहे।अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उधना रेलवे स्टेशन का भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नवनिर्माण हो रहा है। सूरत एक तेजी से विकसित होने वाला शहर है और यहां इकोनॉमिक एक्टिविटी के कारण देशभर के लोग काम करने के लिए आते हैं। यहां टेक्सटाइल और डायमंड सेंटर हैं। यहां से ट्रेन की डिमांड बहुत होती है।( -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से भारत के पूरी तरह स्वदेशी 4जी स्टैक और 97,500 से अधिक बीएसएनएल टावरों के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि ये टावर देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की नई क्रांति लाने जा रहे हैं। 4जी तकनीक के विस्तार से देश भर में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत की कंपनियों ने देश को दुनिया के उन पांच देशों की सूची में ला खड़ा किया है, जिनके पास 4जी सर्विसेज शुरू करने की पूरी तरह स्वदेशी टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। बीएसएनएल अपनी स्थापना का 25वां वर्ष मना रहा है। बीएसएनएल और उसके सहयोगियों की मेहनत से आज भारत ग्लोबल टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”उन्होंने इस टेक्नोलॉजी की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आज देश ने आत्मनिर्भरता की ओर बहुत बड़ा कदम उठाया है। जब टेलीकॉम की दुनिया में 2जी, 3जी और 4जी जैसी सेवाएं शुरू हुईं तो उनमें भारत बहुत पीछे रह गया था। 2जी, 3जी और 4जी जैसी सर्विसेज की टेक्नोलॉजी के लिए भारत विदेशों पर निर्भर रहा। ऐसी स्थिति देश के लिए ठीक नहीं थी। इसलिए देश ने संकल्प लिया कि टेलीकॉम सेक्टर की यह जरूरी टेक्नोलॉजी देश में ही विकसित हो।उन्होंने कहा, “हमारे लिए गौरव की बात है कि बीएसएनएल ने अपने ही देश में पूरी तरह स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है। अपनी मेहनत, लगन, कुशलता से बीएसएनएल ने नया इतिहास रच दिया है। मैं इस काम में जुड़े देश के नौजवानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”पीएम मोदी ने कहा कि यह ओडिशा के लिए भी गर्व की बात है कि आज झारसुगुड़ा से बीएसएनएल के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का शुभारंभ हो रहा है। जिसमें करीब 1 लाख 4 जी टावर हैं। उन्होंने आगे कहा, “करीब 30 हजार ऐसे गांव जहां हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा नहीं थी, वहां भी अब यह सुविधा मिलने जा रही है। बीएसएनएल की स्वदेशी 4जी सर्विसेज का सबसे अधिक फायदा आदिवासी क्षेत्रों, दूर दराज के गांवों और पहाड़ी क्षेत्रों को होगा। अब वहां के लोगों को भी बेहतरीन डिजिटल सेवाएं मिल जाएंगी।”पीएम मोदी ने देश की जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि भारत पहले ही सबसे तेज 5जी सर्विसेज को रोलआउट कर चुका है। बीएसएनएल के टावर भी बहुत आसानी से 5जी सर्विसेज के लिए भी तैयार हो जाएंगे। - नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और नेता विजय की रैली में भगदड़ मचने से कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 6 बच्चे, 9 पुरुष और 16 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। दरअसल, तमिलगा वेट्री कजगम (TVK) प्रमुख और अभिनेता विजय करूर में रैली निकाल रहे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और हालात बेकाबू हो गए। जब विजय रैली को संबोधित कर रहे थे, तो वहां इतनी भीड़ हो गई कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। इस दौरान दर्जनों लोग बेहोश हो गए। इसके बाद विजय ने अपना भाषण बीच में ही रोक दिया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंंने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों की मदद करने का अनुरोध किया। विजय ने प्रचार बस के ऊपर से पानी की बोतलें भी लोगों पर फेंकी।रिपोर्ट के मुताबिक, रैली में एक बच्ची गुम हो गई थी। विजय ने उसे तलाशने की अपील की। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात बन गए। विजय ने लोगों से शांति की अपील की, लेकिन अंतत: भगदड़ मच गई।एक दूसरी वजह रैली में अनुमान से ज्यादा लोगों का जुटना भी बताई जा रही है। रैली के लिए 10,000 लोगों की अनुमति थी और प्रशासन को 50,000 लोगों के जुटने का अनुमान था। हालांकि, एक लाख से ज्यादा लोग आ गए।प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुखघटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं इस कठिन समय में उन्हें शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और AIADMK महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने भी घटना पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन कल (28 सितंबर) को करूर का दौरा कर सकते हैं। उन्होंने कई मंत्रियों को पहले ही करूर पहुंचने का निर्देश दिया है।विजय ने इसी साल बनाई है राजनीतिक पार्टीविजय ने इसी साल 2 फरवरी को अपनी पार्टी TVK लॉन्च की थी। पिछले महीने ही उन्होंने पार्टी का चुनाव चिन्ह और झंडा भी लॉन्च किया था। TVK को चुनाव आयोग से राजनीतिक पार्टी के तौर पर मान्यता भी मिल गई है। विजय ने कहा है कि अगले साल आने वाली 'थलपति 69' उनकी आखिरी फिल्म होगी। इसके बाद वे पूरी तरीके से राजनीति में ही उतरेंगे। विजय दक्षिण के जाने-माने अभिनेता हैं।
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नई दिल्ली। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व प्राधिकरण ने आज शुक्रवार को सैलानियों के लिए बागोरी रेंज (लिमिटेड सर्किट) को आधिकारिक रूप से खोल दिया। इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों को दुर्गा पूजा के अवसर पर एक खास अनुभव प्रदान करना है। इस मौके पर स्थानीय सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, विधायक मृणाल सैकिया और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान व टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर डॉ. सोनाली घोष मौजूद रहीं। समारोह से पहले अतिथियों और अधिकारियों ने हाल ही में सिंगापुर में निधन हुए असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि दी।
डॉ. सोनाली घोष ने कहा, “आज हमने बागोरी रेंज को पर्यटकों के लिए खोला है। सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, विधायक मृणाल सैकिया, PCCF चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन, गोलाघाट के डिप्टी कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहे। हमने सबसे पहले बागोरी रेंज इसलिए खोली क्योंकि यहां की सड़कों को साफ कर दिया गया है। हम जल्द ही अन्य रेंज भी पर्यटकों के लिए खोलने की योजना बना रहे हैं। उम्मीद है कि अक्टूबर माह के भीतर कोहारा रेंज भी खोल दी जाएगी। पिछले साल यहां पांच लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे।”वहीं विधायक मृणाल सैकिया ने कहा कि आज बागोरी रेंज पर्यटकों के लिए खोली गई है और धीरे-धीरे अन्य रेंज भी खोली जाएंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्ष काजीरंगा में और अधिक पर्यटक आएंगे।इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की थी कि कोहारा रेंज (सेंट्रल रेंज) अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में खोली जाएगी, जबकि हाथी सफारी की शुरुआत 1 नवंबर 2025 से होगी।- -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार 2024 प्रदान किए। ये पुरस्कार भू-विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और नवाचार को मान्यता देने के लिए खनन मंत्रालय द्वारा प्रदान किए जाते हैं। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने मानव सभ्यता में खनिजों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पाषाण युग, कांस्य युग और लौह युग-मानव प्रगति के प्रमुख चरण-खनिजों के नाम पर ही जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, “औद्योगिकीकरण लौह और कोयले जैसे खनिजों के बिना अकल्पनीय था।”
राष्ट्रपति ने खनन क्षेत्र की आर्थिक महत्ता बताते हुए कहा कि यह विकास की गति को तेज करता है और बड़े पैमाने पर रोजगार भी देता है। हालांकि, उन्होंने इसके दुष्प्रभावों जैसे विस्थापन, वनों की कटाई, वायु एवं जल प्रदूषण को लेकर सावधानी बरतने पर बल दिया। उन्होंने कहा, “खनन और खान बंदी की प्रक्रिया के दौरान सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए ताकि स्थानीय निवासियों और वन्य जीवन की सुरक्षा हो सके।”राष्ट्रपति मुर्मु ने भू-विज्ञानियों से अपील की कि वे महासागर-आधारित खनिज संसाधनों का जिम्मेदारी से दोहन करें और ऐसी तकनीकें विकसित करें जो समुद्री जैव विविधता को नुकसान पहुंचाए बिना इन संसाधनों का उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि उनका योगदान केवल खनन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि खनिज उत्पादों का मूल्य बढ़ाने, अपशिष्ट घटाने और भू-पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में भी होना चाहिए।उन्होंने खनन मंत्रालय की पहलों की सराहना की, जिनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग और ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण का उपयोग शामिल है। साथ ही, उन्होंने खनन से निकलने वाले अपशिष्ट से कीमती तत्वों की पुनर्प्राप्ति के प्रयासों को भी सराहा। राष्ट्रपति ने दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earth Elements – REEs) पर विशेष जोर दिया और इन्हें “आधुनिक तकनीक की रीढ़” बताया, जिनका उपयोग स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा प्रणालियों और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में होता है। उन्होंने कहा, “वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए भारत को REEs के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना होगा ताकि विकसित भारत का लक्ष्य और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सकें।”उन्होंने स्पष्ट किया कि REEs दुर्लभ इसलिए नहीं कहे जाते क्योंकि वे कम मात्रा में उपलब्ध हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि इन्हें शुद्ध करना जटिल होता है। उन्होंने स्वदेशी तकनीक विकसित करने का आह्वान किया ताकि REEs को प्रोसेस किया जा सके और इसे राष्ट्रीय हित में एक बड़ा योगदान बताया।- -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को देश का पहला पूरी तरह स्वदेशी, सॉफ्टवेयर-आधारित 4जी नेटवर्क लॉन्च करेंगे, जिसे भविष्य में 5जी के लिए भी तैयार किया गया है। इसके साथ ही, पूरे देश में लगभग 98,000 नए मोबाइल टावर भी लगाए जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज शुक्रवार को साझा की।
सिंधिया ने इसे “निर्णायक” बताते हुए कहा कि इस पहल से देश का कोई भी हिस्सा संचार कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि ये 4जी टावर पहले से ही 2.2 करोड़ ग्राहकों को सेवा दे रहे हैं और नेटवर्क को बिना किसी दिक्कत के 5जी में अपग्रेड किया जा सकता है। सिंधिया ने कहा, “यह भारत के लिए एक परिवर्तनकारी क्षण है। अब बिहार के छात्र विश्वस्तरीय ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच पाएंगे, पंजाब के किसान मंडी भाव की रियल-टाइम जानकारी लेंगे, कश्मीर के सैनिक अपने परिवारों से जुड़े रहेंगे और पूर्वोत्तर के उद्यमी वैश्विक विशेषज्ञता और फंडिंग तक पहुंच सकेंगे।”यह परियोजना भारत को शीर्ष दूरसंचार उपकरण निर्माताओं की श्रेणी में ले जाएगी। स्वदेशी 4जी स्टैक में रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) तेजस नेटवर्क्स द्वारा, कोर नेटवर्क, सी-डॉट (C-DOT) द्वारा और सिस्टम इंटीग्रेशन टीसीएस (TCS) द्वारा किया गया है। इसका क्रियान्वयन बीएसएनएल (BSNL) द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया जा रहा है।सिंधिया ने यह भी बताया कि डिजिटल भारत निधि (DBN) पहल के तहत भारत का 100% 4जी सैचुरेशन नेटवर्क पूरा हो चुका है, जिससे लगभग 29,000 गांव जुड़ चुके हैं। यह उपलब्धि बीएसएनएल की 25वीं वर्षगांठ (सिल्वर जुबली) से पहले हासिल हुई है। दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने इस यात्रा को याद किया कि कैसे संदेह से शुरू होकर यह सफलता हासिल हुई। उन्होंने युवाओं की भागीदारी, उद्योग के सहयोग और रियल-टाइम मॉनिटरिंग को इस उपलब्धि का श्रेय दिया।- -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को ओडिशा के झारसुगुड़ा में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं दूरसंचार, रेलवे, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और ग्रामीण आवास जैसे क्षेत्रों में हैं। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री झारसुगुड़ा में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 97,500 से अधिक सौर ऊर्जा चालित 4G मोबाइल टावरों का उद्घाटन करेंगे। इन टावरों का निर्माण लगभग 37,000 करोड़ रुपये की लागत से भारत की स्वदेशी तकनीक के माध्यम से किया गया है। इसमें 92,600 से अधिक BSNL 4G साइट्स और 18,900 साइट्स डिजिटल भारत निधि के तहत शामिल हैं। यह परियोजना लगभग 26,700 दूरदराज और सीमावर्ती गांवों को कनेक्ट करेगी और 20 लाख नए उपयोगकर्ताओं को लाभ पहुंचाएगी। यह भारत का सबसे बड़ा ग्रीन टेलीकॉम नेटवर्क माना जा रहा है।वहीं रेलवे क्षेत्र में भी बड़े बदलाव होंगे। प्रधानमंत्री मोदी संबलपुर-सारला रेल फ्लाईओवर का शिलान्यास करेंगे, कोरापुट-बैगुड़ा और मनाबर-कोरापुट-गोरापुर लाइन की डबलिंग का समर्पण करेंगे और बर्हंपुर से उधना (सूरत) तक अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। ये परियोजनाएं माल और यात्री परिवहन को तेज करेंगी, उद्योगों को बढ़ावा देंगी और क्षेत्रीय व्यापार को मजबूत करेंगी।शिक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी आठ IITs – तिरुपति, पलक्कड़, भिलाई, जम्मू, धारवाड़, जोधपुर, पटना और इंदौर का विस्तार करेंगे, जिसमें लगभग 11,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे अगले चार वर्षों में 10,000 नए छात्रों के लिए जगह बनेगी और आठ नए रिसर्च पार्क भी स्थापित होंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री MERITE योजना शुरू करेंगे, जिसका उद्देश्य 275 राज्य इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक संस्थानों में गुणवत्ता, समानता और अनुसंधान को बढ़ाना है।कौशल विकास में ओडिशा स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चरण II की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत बर्हंपुर और संबलपुर में वर्ल्ड स्किल सेंटर बनाए जाएंगे, 30 आईटीआई को उत्कृष्टता केंद्र और उत्कर्ष आईटीआई में बदलने का काम होगा।स्वास्थ्य क्षेत्र में MKCG मेडिकल कॉलेज (बर्हंपुर) और VIMSAR (संबलपुर) को विश्व स्तरीय सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों में बदलने के लिए शिलान्यास किया जाएगा। इसमें ट्रॉमा यूनिट, डेंटल कॉलेज, मातृ और शिशु स्वास्थ्य सुविधाएं और बेड क्षमता का विस्तार शामिल होगा। सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में प्रधानमंत्री 50,000 लाभार्थियों को अंत्योदय गृह योजना के तहत पक्का घर और वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। इस योजना में कमजोर ग्रामीण परिवार, विधवाएं, विकलांग व्यक्ति और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोग शामिल हैं।प्रधानमंत्री का यह दौरा सरकार की बुनियादी ढांचे, सामाजिक कल्याण और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। ये परियोजनाएं रोजगार सृजन, कनेक्टिविटी सुधार और ओडिशा की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। - -
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे की शुरुआत की। इस हाईवे को बनाने का मकसद ग्रीन हाइड्रोजन की पहल को बढ़ावा देना और लंबी दूरी के माल ढुलाई को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ना है। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों पर हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है।” उन्होंने बताया कि भारत में दुनिया का पहला बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ट्रक ट्रायल शुरू किया गया है। इस ट्रायल के लिए 10 रूटों पर 5 कंसोर्टियम को चुना गया है। इनके पास 37 वाहन होंगे और इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इन ट्रायल को सपोर्ट करने के लिए 9 हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। यह नेटवर्क भारत का पहला हाइड्रोजन हाईवे होगा, जो स्वच्छ और लंबी दूरी की यात्रा के लिए इकोसिस्टम तैयार करेगा।गडकरी ने कहा कि भारत को जल्द से जल्द कच्चे तेल के आयात पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए। अभी देश की 87 प्रतिशत मांग आयात से पूरी होती है, जिस पर सालाना लगभग 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यह लॉन्च एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स द्वारा आयोजित पहले वर्ल्ड हाइड्रोजन इंडिया समिट में किया गया। इस कार्यक्रम में नीति निर्माता, उद्योग जगत के नेता और वैश्विक विशेषज्ञ शामिल हुए। उन्होंने सस्टेनेबल हाइड्रोजन इकोसिस्टम को बनाने के लिए नियामक ढांचे, फाइनेंसिंग मॉडल और व्यापार गलियारों पर चर्चा की।चर्चा में यह भी शामिल था कि केमिकल कंपनियां किस तरह स्वच्छ उत्पादन प्रक्रियाओं के लिए हाइड्रोजन का उपयोग कर सकती हैं और उर्वरक उत्पादन में ग्रे हाइड्रोजन की जगह ग्रीन विकल्प कैसे अपनाए जा सकते हैं। पैनल ने अमोनिया और यूरिया के निर्माण में ग्रीन हाइड्रोजन की आर्थिक व्यवहार्यता, सहयोग मॉडल और सप्लाई चेन साझेदारी पर विचार किया। मुंबई पोर्ट अथॉरिटी और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन सुशील कुमार सिंह ने कहा कि भारत के हाइड्रोजन निर्यात को वैश्विक लागत और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप बनाने के लिए इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन, डेडिकेटेड शिपिंग गलियारे और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास बहुत जरूरी है। -
नयी दिल्ली. भारत ने रेल आधारित मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली से 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिससे देशभर में इस मिसाइल को तैनात करने की इसकी क्षमता प्रदर्शित हुई है। अगली पीढ़ी की मिसाइल के परीक्षण के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि इससे भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल प्रक्षेपण करने की क्षमता है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सामरिक बल कमान (एसएफसी) के सहयोग से बुधवार को मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का ‘‘सफल'' प्रक्षेपण किया। इसने हथियार प्रणाली के प्रक्षेपण के स्थान का खुलासा नहीं किया है।
सिंह ने कहा कि विशेष रूप से तैयार रेल-आधारित मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली से किया गया यह अपनी तरह का पहला प्रक्षेपण है। उन्होंने कहा कि इसमें रेल नेटवर्क पर चलने की क्षमता है, जिससे उपयोगकर्ता समूचे देश में कहीं भी बेहद कम समय में कम दृश्यता में भी प्रतिक्रिया करने में सक्षम होंगे। उन्होंने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘इस सफल उड़ान परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जिनके पास रेल नेटवर्क से प्रक्षेपण प्रणाली विकसित करने की क्षमता है।'' मंत्रालय ने कहा कि अग्नि-प्राइम मिसाइल अत्याधुनिक संचार प्रणालियों और सुरक्षा तंत्रों समेत सभी प्रक्षेपण क्षमता सुविधाओं से लैस है। इस प्रक्षेपण के समय डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और सामरिक बल कमान के अधिकारी मौजूद थे।अग्नि-प्राइम के ‘‘रोड मोबाइल'' संस्करण को सफल उड़ान परीक्षणों की एक श्रृंखला के बाद सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है। मिसाइल का परीक्षण भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के साढ़े चार महीने बाद हुआ है। -
ऋषिकेश (उत्तराखंड) ऋषिकेश के निकट मुनि की रेती क्षेत्र में गंगा नदी में राफ्टिंग 27 सितंबर से फिर शुरू हो जाएगी। मानसून के दौरान इन गतिविधियां पर रोक रहती है। टिहरी के जिला पर्यटन एवं साहसिक पर्यटन विकास अधिकारी जसपाल सिंह चौहान ने बताया कि जिला प्रशासन, वन विभाग और पर्यटन विभाग के संयुक्त निरीक्षण के बाद 27 सितंबर से गंगा नदी में राफ्टिंग करने की अनुमति जारी कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि 24 सितंबर को गंगा नदी में तपोवन से आगे मैरीन ड्राइव से खारा सोत तक संयुक्त निरीक्षण किया गया। चौहान ने बताया कि राफ्टिंग के पिछले सत्र में दो पर्यटकों की मृत्यु हुई थी और इस बार दुर्घटना रहित राफ्टिंग कराने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि जीवन रक्षक जैकेट राफ्टिंग में सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और इसकी गुणवत्ता की समय समय पर आकस्मिक जांच की जाएगी ताकि दुर्घटना होने की स्थिति में पर्यटक की जान को कोई जोख़िम न हो। उन्होंने कहा कि इस बार से पर्यटक गाइडों द्वारा कैमरे से पर्यटकों के लिए पैसे लेकर फिल्म बनाने पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गाइड का काम पर्यटकों को सुरक्षित राफ्टिंग करना है और इसका उल्लंघन करने वालों गाइडों से पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा । उन्होंने बताया कि वैसे ‘फिल्मिंग' के लिए राफ्ट में अलग से सहायक को ले जाने का प्रावधान है ।
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नयी दिल्ली. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) इस समय “प्रभावों के संगम” का साक्षी बन रहा है, और ऐसे में सामूहिक प्रबंधन एवं स्थिरता की आवश्यकता समय की सबसे बड़ी मांग है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोलंबो में आयोजित 12वीं ‘गाले डायलॉग इंटरनेशनल मेरीटाइम कॉन्फ्रेंस' को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर नौसेना का नजरिया व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सहयोग, साझेदारी और समन्वय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नौसेना प्रमुख 22 से 25 सितंबर तक श्रीलंका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे।
नौसेना ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “प्रचुर संसाधन, फलते-फूलते व्यापार, विविध तटीय क्षेत्र, जटिल भूगोल, अनेक अवरोध बिंदु और प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या वाले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र के बारे में बोलते हुए नौसेना प्रमुख ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह क्षेत्र प्रभावों के संगम का साक्षी बन रहा है, और सामूहिक प्रबंधन एवं स्थिरता समय की मांग है।” नौसेना प्रमुख ने प्रारंभिक चेतावनी और समन्वित प्रतिक्रिया में सुधार के लिए अंतर-संचालनीय प्रणालियों और समावेशी समुद्री क्षेत्र जागरूकता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। -
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के चीफ एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने शुक्रवार को चंडीगढ़ एयरबेस पर प्रतिष्ठित फाइटर जेट MiG-21 की अंतिम उड़ान भरते हुए इसे सेवानिवृत्त कर दिया। 62 वर्षों तक भारतीय आकाश की रक्षा करते हुए इस विमान ने पाकिस्तान के विमानों को 1965 और 1971 के युद्धों में मार गिराने का गौरवपूर्ण इतिहास दर्ज किया है।
सोवियत काल के इस जेट MiG-21 बाइसन ने 2019 में खासा ध्यान खींचा था, जब ग्रुप कैप्टन (तत्कालीन विंग कमांडर) अभिनंदन वर्थमान ने बालाकोट स्ट्राइक के एक दिन बाद पाकिस्तान एयर फ़ोर्स के सबसे उन्नत F-16 fighter को मार गिराकर इतिहास रचा था।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चंडीगढ़ में इस सेवानिवृत्ति समारोह में उपस्थित रहे, जिसमें नीडल-नोज़ MiG-21 को भावभीनी विदाई दी गई। इस जेट ने 1999 के कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी।चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर 23 स्क्वाड्रन के अंतिम MiG-21 को एक विदाई समारोह में सम्मानित किया गया। इस स्क्वाड्रन को ‘पैंथर्स’ के उपनाम से जाना जाता है।पहली MiG-21 स्क्वाड्रन, नंबर 28, जिसका नेतृत्व विंग कमांडर दिलबाग सिंह ने किया था, को ‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ कहा जाता था। यह स्क्वाड्रन 2 मार्च 1963 को चंडीगढ़ में स्थापित की गई थी। बाद में विंग कमांडर दिलबाग सिंह एयर चीफ मार्शल और एयर चीफ स्टाफ बने।समारोह में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने MiG-21 उड़ाने के अपने अनुभव साझा किए। रक्षा मंत्री सिंह के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी उपस्थित थे।MiG-21 को अंतिम विदाई देने के दौरान एक भव्य फ्लायपास, सेवानिवृत्ति समारोह और विमान के उतरने पर वॉटर कैनन सल्यूट शामिल था। इस समारोह में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा, अंतिम महिला फाइटर पायलट जिन्होंने MiG-21 उड़ाया, भी शामिल थीं।भारतीय वायु सेना ने MiG-21 को “छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियाँ, और राष्ट्र के गर्व को आकाश में ले जाने वाला एक युद्धसैनिक” कहा।कई पायलटों के लिए यह सेवानिवृत्ति समारोह एक यादगार और भावुक पुनर्मिलन था। अधिकारियों ने कहा कि यह विदाई भारतीय वायु सेना के गौरवपूर्ण इतिहास में एक भावुक अध्याय का अंत है।MiG-21 लंबे समय तक वायु शक्ति का प्रतीक रहा है। इसका गड़गड़ाहट भरा शोर राष्ट्र के आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया था। यह कई फिल्मों में भी प्रदर्शित हुआ है और इसके साथ अनगिनत कहानियाँ जुड़ी हैं।MiG-21 ने 1965 और 1971 के युद्ध, 1999 के कारगिल संघर्ष और 2019 के बालाकोट हवाई हमले जैसी महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया। बालाकोट हमले में इसने एक F-16 विमान को मार गिराया था। यह विमान दशकों तक भारतीय फाइटर पायलटों के प्रशिक्षण का अहम हिस्सा रहा।सेवानिवृत्ति समारोह में दो फ्लायपास फॉर्मेशन — ‘बादल’ और ‘पैंथर’ — की अंतिम उड़ान शामिल थी। MiG-21 की जगह अब देशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA तेजस) को लेने की तैयारी है। -
नई दिल्ली। असम राइफल्स ने मणिपुर के काकचिंग जिले में एक बड़े खतरे को टाल दिया है। असम राइफल्स ने शुक्रवार को आईईडी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया है। उन्होंने इस ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से दी।
असम राइफल्स ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर मणिपुर के काकचिंग जिले में स्थित वांगू लमखाई रोड के पास एक 8.467 किलोग्राम का इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को बरामद किया, जिसके बाद उसे सुरक्षित रूप से तुरंत ही निष्क्रिय कर दिया गया। असम राइफल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस ऑपरेशन की कुछ फोटो भी शेयर कीं।उन्होंने लिखा, “असम राइफल्स ने वांगू पुलिस के साथ मिलकर मणिपुर के काकचिंग जिले में स्थित वांगू लमखाई रोड के पास 8.467 किलो की आईईडी को बरामद कर सुरक्षित रूप से निष्क्रिय किया। इस डिवाइस में टीएनटी, स्प्लिंटर्स, स्क्रू और एक डेटोनेटर शामिल था, जिसे असम राइफल्स के बम निरोधक (बम डिस्पोजल) विशेषज्ञों ने कुशलता से निष्क्रिय किया, जिससे नागरिकों की जान को बड़ा खतरा टल गया।”इससे पहले, 23 सितंबर को मणिपुर के विभिन्न जिलों में संयुक्त अभियानों की एक श्रृंखला के तहत सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने नौ कट्टर उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 36 हथियार, कुछ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), ड्रग्स और अन्य युद्ध संबंधी सामान बरामद किया गया था।वहीं, मणिपुर में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक भारतीय सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, चंदेल, थौबल, काकचिंग, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में संयुक्त अभियान चलाए थे। इन अभियानों में 11 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से पांच हथियार, 6.9 करोड़ रुपए की अफीम, 690 लीटर नकली शराब और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की गई थी।उससे पहले, 3 सितंबर को इंफाल पश्चिम के लामशांग और लैरेनकाबी क्षेत्रों से कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) के चार कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया था। उसी दिन बिष्णुपुर के बासीखोंग लाई लाम्पक में भारतीय सेना और लिरलबुंग पुलिस ने पीएलए के एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया था। - नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जयंती पर शुक्रवार को देश के विकास में उनके योगदान को याद किया और कहा कि उनकी विनम्रता एवं ईमानदारी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनके साहसिक निर्णय, और मज़बूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में उनका ऐतिहासिक योगदान हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब के गाह गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। सिंह ने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवाएं दीं। 26 दिसंबर, 2024 को उनका निधन हो गया।खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘हम राष्ट्र निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हैं। वे भारत के आर्थिक परिवर्तन के एक सूत्रधार थे। वह विनम्रता और बुद्धिमत्ता के धनी थे तथा सबके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार करते थे और अपने कार्यों से अपनी बातों को ज़्यादा प्रभावशाली बनाते थे। ‘उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों के दृष्टिकोण ने अवसरों के नए द्वार खोले, एक समृद्ध मध्यम वर्ग का निर्माण किया और अनगिनत परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला।खरगे ने कहा, ‘वह निष्पक्षता और समावेशिता में गहराई से विश्वास करते थे और यह सुनिश्चित करते थे कि लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले कल्याणकारी उपायों के माध्यम से विकास और करुणा साथ-साथ चलें। उनके नेतृत्व ने हमें दिखाया कि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी न केवल संभव है, बल्कि शक्तिशाली भी है।’उनके मुताबिक, भारत की पीढ़ियों के लिए वह ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ सेवा के एक चिरस्थायी प्रतीक बने रहेंगे तथा एक मज़बूत और अधिक समावेशी भारत की आकांक्षाओं वाली उनकी विरासत जीवित रहेगी।राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की जयंती पर उन्हें मेरा सादर नमन। राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी अटूट निष्ठा, गरीबों और वंचितों के लिए उनके साहसिक निर्णय, और मज़बूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में उनका ऐतिहासिक योगदान हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।’उन्होंने कहा कि सिंह की सादगी, विनम्रता और ईमानदारी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी मनमोहन सिंह को याद किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। अपनी दूरदर्शिता से डॉ. मनमोहन सिंह जी देश को असाधारण प्रगति के रास्ते पर लाए और एक समावेशी आर्थिक मजबूती के जरिये गरीब, दलित, वंचित समेत सभी तबकों को समृद्ध किया। ‘ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘ उनकी विनम्रता, सादगी, मेहनत, ईमानदारी और देश के प्रति अटूट समर्पण हम सबकी प्रेरणा का स्रोत हैं। नमन। ‘
- नयी दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा के दौरान किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि मधुमेह से पीड़ित अंतरिक्ष यात्री भविष्य में सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष मिशन पर जा सकते हैं।संयुक्त अरब अमीरात स्थित स्वास्थ्य देखभाल कंपनी बुरजील होल्डिंग्स ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के दौरान किए ‘सूट राइड’ प्रयोग में यह पाया कि पृथ्वी पर लाखों लोगों द्वारा प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले मधुमेह उपकरणों का उपयोग अंतरिक्ष से धरती तक और वापस अंतरिक्ष तक मधुमेह की संपूर्ण निगरानी के लिए व्यापक रूप से किया जा सकता है।अध्ययन के मुख्य बिंदु:सुइट राइड परियोजना: यह एक विशेष प्रयोग है जो अंतरिक्ष यात्रियों के रक्त शर्करा के स्तर की निरंतर निगरानी करेगा.एक्सिओम-4 मिशन: इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं.लक्ष्य: मुख्य लक्ष्य यह दिखाना है कि मधुमेह से पीड़ित लोग, विशेष रूप से इंसुलिन पर निर्भर व्यक्ति, अंतरिक्ष में सुरक्षित रूप से रह सकते हैं और काम कर सकते हैं.क्यों महत्वपूर्ण है: दशकों से, मधुमेह रोगियों को अंतरिक्ष यात्रा के अयोग्य माना जाता रहा है क्योंकि अंतरिक्ष में ब्लड शुगर नियंत्रण करना एक बड़ी चुनौती है. यह अध्ययन इस स्थिति को बदलने की क्षमता रखता है.माइक्रोग्रैविटी और इंसुलिन: यह प्रयोग यह जांच करेगा कि अंतरिक्ष के शून्य गुरुत्वाकर्षण वातावरण में इंसुलिन और ग्लूकोज का व्यवहार कैसे होता है.
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नई दिल्ली। पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए डिजिटल सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है। इन सुधारों का उद्देश्य शासन को तेज, अधिक पारदर्शी और अधिक समावेशी बनाना है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मीटिंग समराइज से लेकर भू-स्थानिक मानचित्रण प्लेटफॉर्म, डिजिटल लेखा प्रणाली और नागरिक-उन्मुख मोबाइल ऐप तक कई उपकरण उपलब्ध हैं। यह बदलाव डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार के व्यापक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।
डिजिटल शासन में प्रमुख पहलग्राम सभा की कार्यवाही को रिकॉर्ड करने और समराइज करने के लिए एआई-संचालित उपकरण सभासार, डिजिटल भूमि मानचित्रण और संपत्ति अधिकारों के लिए स्वामित्व, एकीकृत ऑनलाइन योजना, लेखा और निगरानी के लिए ई-ग्राम स्वराज, स्थानीय डेटा तक नागरिकों की पहुंच के लिए मेरी पंचायत मोबाइल ऐप और भू-स्थानिक नियोजन के लिए ग्राम मंच जैसी पहल पंचायतों के कामकाज के तरीके को बदल रही हैं। ये प्लेटफॉर्म न केवल पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करते हैं बल्कि नागरिकों को स्थानीय शासन में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त भी बनाते हैं। ये सभी मिलकर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।सभासार: ग्राम सभा बैठकों के लिए AIपंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने अगस्त 2025 में सभासार लॉन्च किया। सभासार एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल है जो ग्राम सभा और अन्य पंचायत सभाओं के ऑडियो या वीडियो से बैठकों का व्यवस्थित ब्योरा (मिनट्स) तैयार करता है। अब तक, मिनट्स तैयार करना एक धीमा, मैन्युअल और अक्सर असंगत कार्य था। सभासार वास्तविक समय में सटीक सारांश (समराइज) तैयार करके इसमें बदलाव लाता है। यह राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन भाषिनी से जुड़ा है, जो इसे 14 भारतीय भाषाओं में काम करने की अनुमति देता है। इससे यह विभिन्न क्षेत्रों के समुदायों के लिए सुलभ हो जाता है। सभासार की मदद से, ग्राम पंचायत अधिकारी अब शासन और सेवा वितरण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जबकि यह टूल दस्तावेजीकरण का काम संभालता है, जिससे वास्तविक समय में, निष्पक्ष रिकॉर्ड और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।स्वामित्व: ग्रामीण भारत का मानचित्रणस्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक से गांवों का सर्वेक्षण और मानचित्रण) योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर किया गया था। यह योजना ग्रामीण परिवारों को उनके घरों और जमीन के कानूनी स्वामित्व के दस्तावेज प्रदान करती है। ड्रोन और उन्नत मानचित्रण उपकरणों का उपयोग करके, यह संपत्ति की सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिह्नित करता है। इन दस्तावेजों के साथ, परिवार बैंक कर्ज प्राप्त कर सकते हैं, विवादों का समाधान कर सकते हैं और अपनी संपत्ति का बेहतर उपयोग कर सकते हैं, जबकि ग्राम पंचायतें संपत्ति कर संग्रह में सुधार और बेहतर संसाधन नियोजन के माध्यम से लाभान्वित होती हैं।यह योजना पंचायती राज मंत्रालय द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा निगम (एनआईसीएसआई) प्रौद्योगिकी भागीदार है। इसकी स्वीकृत लागत वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक ₹566.23 करोड़ है, जिसे वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाया जा सकता है।स्वामित्व ने भूमि स्वामित्व के सीमांकन के लिए राजस्व अधिकारियों और पटवारियों पर दशकों से चली आ रही निर्भरता को समाप्त कर दिया है। यह कार्यक्रम नागरिक-केंद्रित शासन के वैश्विक मॉडल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह ग्रामीणों को आधुनिक उपकरणों से अपनी भूमि का मानचित्रण करने में सक्षम बनाता है, जिससे उन्हें अधिकार और सुरक्षा मिलती है। इसकी सफलता ने दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया है और अन्य देशों को भी इसी तरह के दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया है।भारतनेट: ग्रामीण कनेक्टिविटी की रीढ़भारत सरकार ने डिजिटल खाई को पाटने के लिए अक्टूबर 2011 में भारतनेट की शुरुआत की। इस परियोजना का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत तक किफायती, उच्च गति वाला इंटरनेट पहुंचाना है। संचार मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित, भारतनेट का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना और गांवों को कनेक्टिविटी के शहरी मानकों के करीब लाना है। यह न केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना है, बल्कि एक डिजिटल राष्ट्र की ओर भारत के कदम का आधार भी है।डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत वित्त पोषण के माध्यम से, सरकार ग्रामीण, दूरस्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों में तेज गति का इंटरनेट, उच्च गुणवत्ता वाली मोबाइल और डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए योजनाएं शुरू कर रही है। भारतनेट को सभी ग्राम पंचायतों को कवर करने के लिए चरणों में लागू किया जा रहा है। यह परियोजना वाई-फाई हॉटस्पॉट, फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन और अन्य सेवाओं के माध्यम से ब्रॉडबैंड प्रदान करती है।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रिंग टोपोलॉजी में नेटवर्क को मजबूत करने, मौजूदा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और मांग पर लगभग 3.8 लाख गैर-जीपी गांवों तक सेवाओं का विस्तार करने के लिए एक संशोधित कार्यक्रम को मंजूरी दी है। भारत के महापंजीयक (आरजीआई) के अनुसार, 30 जून 2025 तक, 6,44,131 गांवों में से लगभग 6,26,055 गांवों में पहले से ही 3जी या 4जी मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा है।अब तक, भारतनेट के तहत 13 लाख से ज्यादा फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन चालू किए जा चुके हैं। ये कनेक्शन ई-शिक्षा, ई-स्वास्थ्य, ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स जैसी ऑनलाइन सेवाओं का समर्थन करते हैं। किसान भी कृषि संबंधी अपने ज्ञान का विस्तार करने और नवीनतम तकनीकों से अपडेट रहने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों में भारतनेट कनेक्टिविटी के साथ, ग्राम संवाद, मेरी पंचायत, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) और पीएम किसान जैसे ऐप शासन, कल्याण और कृषि सेवाओं को सीधे ग्रामीणों के फ़ोन पर लाते हैं। इससे पारदर्शिता, सहभागिता और ग्रामीण सशक्तिकरण को बल मिलता है।ई-ग्राम स्वराज: कार्य-आधारित लेखा और योजनाडिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत, पंचायती राज मंत्रालय पंचायतों को स्थानीय स्वशासन के रूप में अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाने के लिए ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) का क्रियान्वयन कर रहा है। पूर्व की उपलब्धियों को आगे बढ़ाते हुए, और देश भर के पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में ई-गवर्नेंस को सुदृढ़ करने के लिए, मंत्रालय ने 24 अप्रैल 2020 को ई-पंचायत एमएमपी के अंतर्गत ई-ग्राम स्वराज नामक एक उपयोगकर्ताओं के अनुकूल वेब-आधारित पोर्टल लॉन्च किया।यह एक कार्य-आधारित, व्यापक एप्लिकेशन है जो पंचायतों के सभी मुख्य कार्यों को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाता है। यह विकेंद्रीकृत योजना, बजट, लेखा, निगरानी, प्रगति रिपोर्टिंग, परिसंपत्ति प्रबंधन को कवर करता है और ऑनलाइन भुगतान को भी सक्षम बनाता है। इस एप्लिकेशन का उपयोतगकर्ता आधार 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 2.7 लाख से अधिक पंचायती राज संस्थानों का है।मेरी पंचायत ऐप: नागरिकों के हाथों में पारदर्शितामेरी पंचायत ऐप राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा डिजाइन और विकसित एक एकीकृत मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। यह पंचायती मामलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाता है। यह पहल स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने और 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह ऐप ई-ग्रामस्वराज द्वारा संचालित है और पंचायती राज मंत्रालय और भारत सरकार के अन्य पोर्टलों से जुड़ा हुआ है।यह ऐप 2.65 लाख ग्राम पंचायतों के 25 लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों और लगभग 95 करोड़ ग्रामीण निवासियों को सशक्त बनाता है। यह प्लेटफॉर्म ग्रामीण शासन में डिजिटल समावेशन, पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देता है।मेरी पंचायत ऐप के माध्यम से, नागरिक अपने मोबाइल उपकरणों पर आसानी से निम्नलिखित तक पहुंच सकते हैं:रीयल-टाइम पंचायत बजट, प्राप्तियां, भुगतान और विकास योजनाएं।निर्वाचित प्रतिनिधियों और स्थानीय पदाधिकारियों का विवरण।पंचायत के अंतर्गत सार्वजनिक अवसंरचना और नागरिक सेवाओं की जानकारी।परियोजना ट्रैकिंग के साथ ग्राम पंचायत विकास योजनाएं (जीपीडीपी)।पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान।सामाजिक लेखा परीक्षा टूल्स, निधि उपयोग डेटा और जियो-टैग्ड और जियो-फेंस्ड सुविधाओं के साथ शिकायत निवारण।समावेशिता के लिए 12 से अधिक भारतीय भाषाओं के समर्थन के साथ बहुभाषी इंटरफेस।पंचायत निर्णय (एनआईआरएनएवाई): डिजिटल बैठकें और फैसलेपंचायत निर्णय पोर्टल ग्राम सभा की बैठकों के लिए एक रीयल टाइम निगरानी प्रणाली है। यह ग्रामीण भारत में स्थानीय स्वशासन के प्रमुख स्तंभों में से एक है। यह पोर्टल बैठकों का समय निर्धारित करने, नागरिकों को एजेंडा के बारे में पहले से सूचित करने और व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह ग्राम सभाओं के निर्णयों को रिकॉर्ड करता है और उन्हें तत्काल संदर्भ के लिए उपलब्ध कराता है। इससे पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।यह प्रणाली कागज-आधारित प्रक्रियाओं की जगह पूरी तरह से स्वचालित कार्यप्रवाह लाती है। यह पंचायतों को देश भर में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और बैठकों का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में सक्षम बनाती है। पंचायत निर्णय का प्राथमिक लक्ष्य ग्राम सभा की बैठकों को सहभागी, पारदर्शी और जीवंत बनाना है।ग्राम मानचित्र: भू-स्थानिक नियोजन टूलपंचायती राज मंत्रालय ने ग्राम मानचित्र भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) एप्लिकेशन (https://grammanchitra.gov.in) लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म ग्राम पंचायतों को भू-स्थानिक तकनीक का उपयोग करके योजनाएं तैयार करने में मदद करता है। यह एक एकीकृत डिजिटल मानचित्र प्रदान करता है, जहां अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों की कल्पना कर सकते हैं और उन्हें ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के साथ संरेखित कर सकते हैं।ग्राम मानचित्र कई प्रकार के नियोजन टूल्स प्रदान करता है। इनमें नई परियोजनाओं के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान, स्थानीय परिसंपत्तियों पर नजर रखना, परियोजना लागत का अनुमान लगाना और संभावित प्रभावों का आकलन शामिल है। जीआईएस का उपयोग करके, पंचायतें स्पष्ट आंकड़ों और साक्ष्यों के आधार पर व्यावहारिक और साध्य विकास योजनाएं तैयार कर सकती हैं।मान्यता और पुरस्कारई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (एनएईजी) 2025 ने ग्राम पंचायतों में सेवा वितरण को गहन बनाने के लिए जमीनी स्तर की पहलों को सम्मानित करने हेतु एक नई श्रेणी की शुरुआत की। यह पुरस्कार इस बात पर प्रकाश डालता है कि पंचायतें पारदर्शिता और नागरिक सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल उपकरणों का कैसे उपयोग कर रही हैं। इस वर्ष, 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1.45 लाख से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जो ग्राम स्तर पर बढ़ती डिजिटल गति को दर्शाती हैं। महाराष्ट्र के धुले की रोहिणी ग्राम पंचायत को स्वर्ण पुरस्कार मिला, जबकि त्रिपुरा की पश्चिम मजलिसपुर ग्राम पंचायत को रजत पुरस्कार मिला। गुजरात की पलसाना ग्राम पंचायत और ओडिशा की सुआकाटी ग्राम पंचायत को भी जूरी पुरस्कार प्रदान किए गए। मान्यता के साथ-साथ विजेताओं को स्वर्ण पुरस्कार के लिए 10 लाख रुपये और रजत पुरस्कार के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। इन पुरस्कारों का उद्देश्य कल्याण और सेवा वितरण पहलों को और अधिक मजबूत करना और यह दर्शाना है कि किस प्रकार जमीनी स्तर पर नवाचार एक अधिक डिजिटल और उत्तरदायी पंचायती राज प्रणाली को आकार दे रहा है।ग्राम पंचायतों की डिजिटल यात्रा भारत के ग्रामीण शासन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। एआई-संचालित बैठक रिकॉर्ड से लेकर भू-स्थानिक नियोजन और नागरिक-केंद्रित मोबाइल ऐप तक, तकनीक गांवों की योजना बनाने, निर्णय लेने और क्रियान्वयन के तरीके को नया रूप दे रही है। ये सुधार न केवल पंचायतों को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाते हैं, बल्कि नागरिकों को निर्णय लेने के और भी करीब लाते हैं। भाषा, दूरी और सूचना की बाधाओं को तोड़कर, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जमीनी लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं और समुदायों को सशक्त बना रहे हैं। जैसे-जैसे इन पहलों का विस्तार होगा, भारत के गांव डिजिटल भारत के निर्माण में सच्चे भागीदार बनकर उभरेंगे। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों की नीलामी प्रधानमंत्री मोमेंटो ई-ऑक्शन 2025 की शुरुआत हो गई है। इस बार नीलामी में 1,300 से अधिक अनोखी वस्तुएं शामिल की गई हैं, जिनमें पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत की झलक भी देखने को मिल रही है। नीलामी की प्रक्रिया 2 अक्टूबर तक ऑनलाइन पोर्टल pmmementos.gov.in पर चलेगी। खास बात यह है कि इस नीलामी से प्राप्त राशि नमामि गंगे परियोजना को दी जाएगी, जिसका उद्देश्य गंगा नदी का संरक्षण है।
इस नीलामी में नगालैंड, मेघालय, असम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से आए कई विशेष उपहार आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। नगालैंड की ओर से एक लकड़ी की मिथुन मूर्ति और पारंपरिक नागा शॉल शामिल है, जिसमें लाल पैनल और भाले-ढाल के पारंपरिक डिजाइन हैं, जो सम्मान और साहस का प्रतीक माने जाते हैं। मेघालय से गन्ने और बांस से बनी एक जहाज की कलात्मक प्रतिकृति नीलामी में रखी गई है, जो स्थानीय शिल्पकारों की रचनात्मकता को दर्शाती है।
वहीं असम की झलक एकदम अलग है। यहां से माजुली का गरुड़ मुखौटा, पारंपरिक असमिया जपी (टोपी) और सुनहरी मुगा सिल्क अंगवस्त्र नीलामी का हिस्सा हैं। ये सभी वस्तुएं असम की कृषि और हस्तशिल्प परंपरा की गहरी जड़ों को दर्शाती हैं। सिक्किम से भगवान बुद्ध की एक सुंदर पीतल की मूर्ति शामिल की गई है, जो बौद्ध कला और धातु शिल्प की बारीकी को प्रदर्शित करती है। वहीं अरुणाचल प्रदेश से वान्चो जनजाति की लकड़ी की मूर्ति नीलामी में रखी गई है, जिसमें एक आदिवासी दंपति को दर्शाया गया है और यह उनकी परंपरागत कहानी कहने और शिल्पकला की अनूठी पहचान है।अधिकारियों ने देशवासियों से इस नीलामी में भाग लेने की अपील की है। उनका कहना है कि यह न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का अवसर है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास में योगदान देने का भी मौका है। -
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज गुरुवार को डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन के लिए ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म फ्रेमवर्क पर नई गाइडलाइन जारी की। यह नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। आरबीआई ने कहा कि दिशा-निर्देश तैयार करते समय आम जनता से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य तकनीकी प्रगति का उपयोग कर डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए नए और सुरक्षित ऑथेंटिकेशन तरीके बढ़ाना है। हालांकि, इस फ्रेमवर्क में एसएमएस-आधारित वन टाइम पासवर्ड (OTP) को ऑथेंटिकेशन फैक्टर के रूप में बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, भारत में सभी डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन में न्यूनतम दो ऑथेंटिकेशन फैक्टर का पालन अनिवार्य होगा। जारीकर्ता (जैसे बैंक या पेमेंट सेवा प्रदाता) ट्रांजैक्शन के फ्रॉड जोखिम के आधार पर अतिरिक्त जोखिम-आधारित जांच भी लागू कर सकते हैं। जारीकर्ताओं को यह भी अधिकार होगा कि वे ग्राहकों को ऑथेंटिकेशन फैक्टर चुनने का विकल्प दें।
RBI ने कहा कि कार्ड प्रेजेंट ट्रांजैक्शन को छोड़कर, सभी डिजिटल ट्रांजैक्शन में कम से कम एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर प्रमाणित किया जाएगा। इसका मतलब है कि हर ट्रांजैक्शन के लिए भेजा गया फैक्टर यूनिक होगा और एक फैक्टर में गड़बड़ी दूसरे फैक्टर की विश्वसनीयता को प्रभावित नहीं करेगी। साथ ही, सिस्टम प्रोवाइडर और सिस्टम पार्टिसिपेंट ऑथेंटिकेशन या टोकनलाइजेशन सेवाएं प्रदान करेंगे, जो सभी एप्लिकेशन, चैनल और टोकन स्टोरेज मैकेनिज्म के लिए सुलभ होंगी। इससे डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनेगा। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 सितंबर को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के पहले चरण में प्रधानमंत्री मोदी सीधे बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10,000-10,000 रुपए की राशि ट्रांसफर करेंगे। इस तरह कुल 7,500 करोड़ रुपए की धनराशि एक साथ वितरित की जाएगी। यह अब तक का बिहार का सबसे बड़ा महिला-केंद्रित कार्यक्रम माना जा रहा है।
इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने और अपनी पसंद के आजीविका कार्यों के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक लाभार्थी को प्रारंभिक अनुदान 10,000 रुपए डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दिया जाएगा। आगे चलकर योजना में अधिकतम 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता का प्रावधान भी रखा गया है। महिलाएं इस राशि का उपयोग कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई और छोटे उद्योग जैसे क्षेत्रों में कर सकेंगी। साथ ही, स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की सामुदायिक संसाधन कर्मी महिलाओं को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देंगी। इसके अलावा ग्रामीण हाट-बाजारों को मजबूत किया जाएगा ताकि महिलाओं के उत्पादों को बेहतर बाजार मिल सके। कार्यक्रम के लॉन्च के दौरान राज्यभर में जिला, प्रखंड, क्लस्टर और गांव स्तर पर भी आयोजन होंगे। अनुमान है कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को बिहार की 1 करोड़ से अधिक महिलाएं एक साथ देखेंगी। - मथुरा (उप्र) ।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार को वृन्दावन के एक दिवसीय दौरे पर पहुंची और विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। राष्ट्रपति ने अपने दौरे के दौरान ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन किये और निधिवन पहुंच राधारानी की प्राकट्य स्थली निहारी एवं स्वामी हरिदास की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया। मुर्मू ने सुदामा कुटी में संस्थापक स्वामी सुदामा दास महाराज की जन्मशती पर उनकी भजन स्थली का लोकार्पण किया। इस दौरान राष्ट्रपति के साथ आयीं उनकी पुत्री इतिश्री मुर्मु, दामाद और दोनों नाती भी मौजूद रहे।राष्ट्रपति विशेष ट्रेन से अपराह्न 10 बजे मथुरा के वृन्दावन रोड स्टेशन पहुंची। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण की अगुवाई में एक दल ने उनका स्वागत किया । राष्ट्रपति सबसे पहले ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर पहुंचीं, जहां मंदिर की समिति की ओर से अध्यक्ष अशोक कुमार एवं सदस्य दिनेश गोस्वामी ने उनका स्वागत किया। यहां राजभोग सेवाधिकारी शैलेंद्र गोस्वामी, गौरव गोस्वामी एवं फ्रैंकी गोस्वामी ने उन्हें देहरी पूजन एवं अष्टक पूजन कराया। राष्ट्रपति ने मंदिर में भेंट स्वरूप एक लिफाफा चढाया। इस मौके पर मंदिर को देश-विदेश से मंगाए गए विशेष फूलों से सजाया गया था और प्रांगण में कन्नौज से मंगाए गए गुलाब के इत्र का छिड़काव किया गया था, जिसकी खुशबू से सम्पूर्ण मंदिर परिसर महक उठा था। इस बीच, पिछले अनुभवों को देखते हुए जिला प्रशासन ने राष्ट्रपति एवं उनके प्रियजनों को बंदरों की चपेट में आने से बचाने के लिए मंदिर एवं आसपास की छतों पर वन विभाग के लोगों को गुलेल तथा ‘एयरगन' देकर तैनात किया था, जिससे कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। राष्ट्रपति इसके बाद निधिवन पहुंचीं। निधिवन में ही राधारानी की सुंदर प्रतिमा उनके भक्त स्वामी हरिदास जी को प्राप्त हुई थी। इसी वन में उनकी समाधि भी स्थित है। राष्ट्रपति ने दोनों स्थलों के दर्शन किये और श्रृंगार सामग्री भेंट की। उन्होंने निधिवन में करीब 500 मीटर पैदल चलकर राधारानी की प्राकट्य स्थली की परिक्रमा भी की। बाद में राष्ट्रपति ने परिक्रमा मार्ग पर संत सुदामा दास महाराज की भजन कुटी का लोकार्पण किया। सुदामा कुटी से निकलने से पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी स्वर्गीय माता की स्मृति में पौधारोपण भी किया। इसके बाद राष्ट्रपति वृन्दावन में ही एक होटल में दोपहर का भोजन एवं कुछ समय विश्राम करके मथुरा में तिलकद्वार के निकट आर्यनगर (अंतापाड़ा) स्थित श्रीकुब्जा-कृष्ण मंदिर के दर्शन करने गयीं। इस दौरान प्रोटोकॉल के तहत सरकार की ओर से गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, आगरा मण्डल में जिले के सभी वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी राष्ट्रपति के साथ रहे। राष्ट्रपति के दौरे के समय पूरे जनपद में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किये गये। इससे पहले, राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को अपनी एक दिवसीय यात्रा पर महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन से नयी दिल्ली से मथुरा स्थित वृंदावन पहुंचीं। राष्ट्रपति पूर्वाह्न 10 बजे 18 डिब्बों वाली आलीशान विशेष ट्रेन में सवार होकर वृंदावन रोड स्टेशन पहुंचीं। इस ट्रेन में महाराजा एक्सप्रेस के 12 डिब्बे शामिल थे जिनमें राष्ट्रपति और उनके कर्मचारियों के लिए एक प्रेसिडेंशियल सुइट, डीलक्स सुइट, रेस्टोरेंट और लाउंज शामिल थे।
- हापुड़ (उप्र)। हापुड़ के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने नशे की लत का इलाज करा रहे एक व्यक्ति के पेट से दो पेन, 19 टूथब्रश और 29 चम्मच निकाले हैं, जिससे उसकी जान बच गई। एक अस्पताल ने यह जानकारी दी। देवनंदनी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बुलंदशहर निवासी और वहां एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती सचिन नामक मरीज को पेट में तेज दर्द की शिकायत पर इस अस्पताल में लाया गया था। अस्पताल के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि अल्ट्रासाउंड के बाद डॉक्टरों ने उसके पेट में कुछ असामान्य चीजें देखीं। अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. श्याम कुमार और डॉ. संजय राय ने हाल में ऑपरेशन करने वाली सर्जिकल टीम का नेतृत्व किया। डॉ. कुमार ने कहा,‘‘ शल्य प्रक्रिया के दौरान, हमें दो पेन, 19 टूथब्रश और 29 चम्मच मिले। मरीज की जान बच गई।'' अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के दौरान सचिन ने नशे में ये चीजें निगल ली थीं। असामान्य बरामदगी ने चिकित्सा कर्मचारियों और स्थानीय लोगों दोनों को स्तब्ध कर दिया है।
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मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया 2.0' पहल उन उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित होगी जो अगले 25 साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा होंगे। शाह ने यहां फाइनेंशियल एक्सप्रेस बेस्ट बैंक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विश्लेषक अब भारत की विकास गाथा को स्वीकार कर रहे हैं। शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी से ग्रस्त रहे बैंकिंग क्षेत्र में सुधार शुरू किए। पिछले 10 वर्षों में सबसे गरीब लोगों को बैंकों तक पहुंच प्रदान करने के लिए कुल 53 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं।'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) से संबंधित आंकड़ों में पारदर्शिता लेकर आई है और सरकार ने बैंकों में 3.10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाली है। उन्होंने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया 2.0 पहल उन उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित होगी जो अगले 25 वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा होंगे।''
- नयी दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) की शुरुआत की। यह कंपनियों और कर विभाग के बीच विवादों के त्वरित निपटारे का मार्ग प्रशस्त करेगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटीएटी के सक्रिय होने के साथ ही कंपनियां इसके पोर्टल पर अपने मामले दायर कर पाएंगे और दिसंबर से अपीलीय न्यायाधिकरण में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने जीएसटीएटी को 'करदाताओं के लिए न्याय का सच्चा प्रतीक' बताते हुए कहा, “2017 में जीएसटी की शुरुआत के साथ ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार' की जो परिकल्पना की गई थी, अब उसमें एक और आयाम जुड़ गया है। यह मंच व्यवसायों के लिए भरोसे का स्तंभ और भारत की निरंतर आर्थिक वृद्धि का उत्प्रेरक बनेगा।”जीएसटी से संबंधित करीब 4.83 लाख लंबित मामलों को इस पोर्टल पर स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार ने अपील दाखिल करने की समय-सीमा 30 जून, 2026 तक बढ़ा दी है। पुराने विवादों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा ताकि मामलों का बोझ नियंत्रित ढंग से निपटाया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा, "जीएसटीएटी केवल अपीलीय मंच ही नहीं, बल्कि अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) की भूमिका भी निभाएगा। इससे करदाताओं को कार्यवाही शुरू होने से पहले और बाद दोनों स्तरों पर व्यापक समाधान उपलब्ध होंगे” इस अवसर पर राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि यह न्यायाधिकरण कर विवादों में एकरूपता, अनुमान-योग्य परिणाम और अपील प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा, "जीएसटी परिषद ने समय-समय पर जटिल मुद्दों पर स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन अब एक औपचारिक अपीलीय संस्था सभी पक्षों को समान अवसर देगी और विवादों का स्थायी समाधान संभव बनाएगी।”सरकार ने हाल ही में जीएसटीएटी के विभिन्न खंडपीठों के लिए न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की है। मई 2024 में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को प्रधान पीठ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अगस्त, 2025 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मयंक कुमार जैन को जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण की प्रधान पीठ का न्यायिक सदस्य बनाया गया। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ए. वेणु प्रसाद और सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता को तकनीकी सदस्य नियुक्त किया गया था। सीतारमण ने कहा कि जीएसटीएटी की स्थापना करदाताओं के लिए न केवल अनुपालन और रिफंड को सरल बनाने का हिस्सा है, बल्कि यह निष्पक्ष और कुशल विवाद निवारण की गारंटी भी है। उन्होंने कहा, "यह सुधारों का एक स्वाभाविक विस्तार है। जब कोई करदाता विवाद की स्थिति में आता है तो वह कर प्रशासन के समक्ष पहली अपील कर सकता है। दूसरे स्तर पर वह केंद्र या राज्य के आदेशों के खिलाफ जीएसटीएटी में अपील कर सकेगा।"
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और भारत की विचारधारा और विकास यात्रा में उनके योगदान को याद किया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद का दर्शन और अंत्योदय का दृष्टिकोण – यानी समाज के अंतिम व्यक्ति को ऊपर उठाना – आज भी भारत के विकास मॉडल को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत समावेशी विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए सरकार के दृष्टिकोण में गहराई से समाए हुए हैं।सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में कहा, “भारत माता के महान सपूत और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटिश: नमन। देश को समृद्धि की राह दिखाने वाले उनके राष्ट्रवादी विचार और अंत्योदय के सिद्धांत विकसित भारत के निर्माण में बहुत काम आने वाले हैं।”
- कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में वर्षाजनित घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की बुधवार को घोषणा की। कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से निपटने को लेकर अपनी सरकार के उपायों का बचाव करते हुए बनर्जी ने गंगा नदी की सफाई (गाद निकालने) नहीं करने के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और मेट्रो रेलवे पर आरोप लगाया कि वह अपनी निर्माण गतिविधियों के माध्यम से साल्ट लेक में बाढ़ की स्थिति को और बदतर बना रही है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से नौ लोगों की मौत कोलकाता में जलभराव के बीच खुले पड़े बिजली के तारों के संपर्क में आने से करंट लगकर हुई है। मुख्यमंत्री ने कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में बिजली प्रदाता - कलकत्ता बिजली आपूर्ति निगम (सीईएससी) से महानगर में बिजली का करंट लगने के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की अपील की। दक्षिण कोलकाता में एकदलिया दुर्गा पूजा के उद्घाटन के अवसर पर बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवार के सदस्यों को रोजगार भी दिलाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘कल जो लोग बिजली के करंट से मारे गए उनके परिजनों को राज्य सरकार द्वारा दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी हालांकि पैसा उनके जीवन की कीमत नहीं चुका सकता। अगर सीईएससी नौकरी नहीं भी देती है तो भी हम यह सुनिश्चित करेंगे कि परिवार के सदस्यों को विशेष रोजगार दिया जाए।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि सीईएससी को बिजली का करंट लगने के कारण हुई इन मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीईएससी से आग्रह करूंगी कि वह मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करें क्योंकि मौतें उनकी लापरवाही के कारण हुईं।'' कोलकाता और आसपास के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति की समीक्षा कर रहीं बनर्जी ने कहा कि शहर के अधिकतर हिस्सों से पानी घट गया है। उन्होंने कहा, ‘‘सात घंटे के भीतर हम पानी निकालने में कामयाब रहे। यह लोगों के सहयोग से संभव हुआ है। रात दो बजे तक मैं निगरानी कर रही थी कि शहर में अब भी पानी आ रहा है या नहीं। कोलकाता के ज़्यादातर इलाकों से पानी निकाल दिया गया है।'' हालांकि मुख्यमंत्री ने माना कि थंथनिया, कॉलेज स्ट्रीट और बल्लीगंज जैसे इलाकों में मंगलवार सुबह तक जलभराव रहा। बनर्जी ने इस बाढ़ की तुलना 1978 की बाढ़ से करते हुए कहा, ‘‘यह बादल फटने जैसी बारिश थी। हमने कई वर्षों से ऐसी बारिश नहीं देखी... यह 1978 से भी अधिक थी।'' उन्होंने केंद्र पर गंगा नदी में गाद हटाने के कार्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, ‘‘प्रकृति हमारे हाथ में नहीं है। कोलकाता बंदरगाह, फरक्का बैराज, डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के मैथन में पिछले 20 सालों से जल निकासी व्यवस्था नहीं हुई है। जब भी बिहार या उत्तर प्रदेश में बारिश होती है पानी बहकर पश्चिम बंगाल में आ जाता है। हमें सब कुछ खुद ही संभालना पड़ता है।'' मुख्यमंत्री ने मेट्रो रेलवे के अधिकारियों पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जारी निर्माण गतिविधियों के कारण शहर के व्यस्त क्षेत्र साल्ट लेक में जलभराव की समस्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मेट्रो के लिए निर्माण कार्य जारी है और रेत के कट्टे, पाइप और अन्य सामग्री बिना देखभाल के छोड़ दी गई है। कल मैं साल्ट लेक गई थी और वहां भारी मात्रा में पानी था।''







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