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नई दिल्ली। देश के अग्रणी खगोल वैज्ञानिकों में से एक डॉ. जयंत नार्लीकर का 20 मई 2025 को महाराष्ट्र के पुणे में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। अपनी कहानियों के माध्यम से देश में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का काम करने वाले डॉ. जयंत नार्लीकर को ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बिग बैंग सिद्धांत के वैकल्पिक मॉडल का प्रस्ताव देने के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है।
डॉ. जयंत नार्लीकर के बारे मेंडॉ. जयंत नार्लीकर का जन्म 19 जुलाई 1939 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। उनके पिता विष्णु वासुदेव नार्लीकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में गणित विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख थे, और उनकी माँ संस्कृत की विद्वान थीं।उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और इंग्लैंड में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।हालाँकि उन्होंने गणित में पीएचडी की, लेकिन उनकी विशेषज्ञता खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में थी।कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपने प्रवास के दौरान, वे प्रसिद्ध ब्रिटिश खगोल भौतिक विज्ञानी फ्रेड हॉयल के छात्र बन गए। फ्रेड हॉयल और डॉ. जयंत नार्लीकर ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के लिए एक सिद्धांत विकसित किया जो बिग बैंग सिद्धांत का विकल्प था।भारत में डॉ. जयंत नार्लीकरडॉ. जयंत नार्लीकर 1972 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में शामिल हुए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निमंत्रण पर, डॉ. नार्लीकर ने पुणे में इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) की स्थापना की। वे इसके संस्थापक-निदेशक थे और 2003 तक इस पद पर रहे।उनके नेतृत्व में,आईयूसीएए ,खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता का केंद्र बन गया है।विज्ञान को लोकप्रिय बनाना-डॉ. जयंत नार्लीकर को भारत में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है।-वे विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए नियमित रूप से दूरदर्शन के सुरभि कार्यक्रम में दिखाई देते थे।-उन्होंने अंग्रेजी, हिंदी और मराठी भाषा में लेख, विज्ञान कथा पुस्तकें और रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रम भी लिखे।पुरस्कार और सम्मानडॉ. जयंत नार्लीकर को विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया।-पद्म विभूषण - 2004 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार-पद्म भूषण - 1965 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार जब वे 26 वर्ष के थे।-महाराष्ट्र भूषण - 2011 में महाराष्ट्र सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार।-विज्ञान के लोकप्रियकरण के लिए 1996 में यूनेस्को कलिंग पुरस्कार।-2004 में सोसाइटी एस्ट्रोनॉमिक डी फ्रांस का जैनसेन पदक-2012 में विश्व विज्ञान अकादमी संस्थान निर्माण पुरस्कार-साहित्य अकादमी पुरस्कार 2014 (मराठी भाषा) - उनकी आत्मकथा, "चार नगरान्तले माझे विश्व" (चार शहरों की कहानी) के लिए। -
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका का कार्यकाल एक साल और आगे बढ़ा दिया है। उनका कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने जा रहा था।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति ने उनके कार्यकाल विस्तार को मंजूरी प्रदान कीमंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति ने उनके कार्यकाल विस्तार को मंजूरी प्रदान की। इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी तपन डेका को कश्मीर में आतंक विरोधी ऑपरेशन का विशेष अनुभव है। वे 2022 से निदेशक पद पर कार्यरत हैं। डेका खुफिया विभाग में कई तरह की भूमिकाएं निभा चुके हैं।कश्मीर में आतंक विरोधी ऑपरेशन का विशेष अनुभवआईबी देश की आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-इंटेलिजेंस एजेंसी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो का काम देश में आंतरिक खतरों पर नजर रखना और सरकार को परामर्श देना है। आईबी भारत की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिनेवा में आयोजित 78वें विश्व स्वास्थ्य महासभा को संबोधित किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए इस वर्ष की थीम ‘One World for Health’ का स्वागत किया और कहा कि यह भारत की वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी सोच से मेल खाती है। इस दौरान उन्होंने 2023 की अपनी उस ऐतिहासिक भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने ‘One Earth, One Health’ का मंत्र दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेश, एकीकृत दृष्टिकोण और सहयोग पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत के स्वास्थ्य सुधारों की नींव सबको साथ लेकर चलने पर टिकी है। उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ योजना का उल्लेख किया, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है और 58 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। हाल ही में इसे 70 वर्ष से ऊपर के सभी भारतीय नागरिकों के लिए भी बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री ने भारत के हजारों स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों की चर्चा की, जो कैंसर, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की समय रहते जांच करने में मदद करते हैं। उन्होंने जन औषधि केंद्रों का भी जिक्र किया, जो उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध कराते हैं। तकनीक के उपयोग की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल स्वास्थ्य पहलों को भी उजागर किया जैसे कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म और यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी, जो बीमा, रिकॉर्ड्स और इलाज की जानकारी को जोड़ती है। उन्होंने बताया कि भारत की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा से अब तक 34 करोड़ से अधिक परामर्श हो चुके हैं। इन पहलों के चलते लोगों के अपने खर्च में कमी आई है और सरकार का स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ा है।प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम सबसे कमजोर वर्ग की कितनी अच्छी देखभाल करते हैं।” उन्होंने खासतौर से वैश्विक दक्षिण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह क्षेत्र स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से ज्यादा प्रभावित है। उन्होंने बताया कि भारत का मॉडल दोहराने योग्य, बढ़ाने योग्य और टिकाऊ है और भारत अपने अनुभव पूरी दुनिया, खासकर ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने को तैयार है। उन्होंने आगामी 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जो जून में मनाया जाएगा, का भी उल्लेख किया और बताया कि इस वर्ष की थीम ‘Yoga for One Earth, One Health’ है। उन्होंने सभी देशों से इसमें भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि योग भारत की देन है जो संपूर्ण मानवता के लिए लाभकारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सदस्य देशों को INB संधि की सफल वार्ता पर बधाई दी, जिसे भविष्य में महामारियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग का प्रतीक बताया। उन्होंने वेदों की एक प्राचीन प्रार्थना का उल्लेख किया-जिसमें हजारों साल पहले भारत के ऋषियों ने प्रार्थना की थी कि “सभी स्वस्थ रहें, सुखी रहें, और रोगमुक्त रहें।” उन्होंने उम्मीद जताई कि यही सोच आज पूरे विश्व को एकजुट करेगी। -
नई दिल्ली। भारत की प्रथम महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी को इस बात का मलाल है कि उनके वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों सत्ता की बागडोर नहीं संभाल रहे थे। मल्लेश्वरी ने कहा, “मुझे पीएम मोदी से ईर्ष्या होती है। ईर्ष्या इस बात की कि आखिर वो हमारे समय में क्यों नहीं थे? काश! अगर वो हमारे समय में होते, तो जिन चुनौतियों का सामना हमें करना पड़ा था, वो शायद नहीं करना पड़ता।”
मल्लेश्वरी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ‘मोदी स्टोरी’ नाम का वीडियो साझा किया है, जिसमें ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी 2014 के बाद खेल जगत में आए सकारात्मक बदलावों का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देती हुई नजर आ रही हैं।वह बताती हैं कि आज की तारीख में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के परिणामस्वरूप खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। अगर कभी किसी कारणवश खिलाड़ी बेहतर परिणाम लाने में विफल रहते हैं या उन्हें कभी हार का सामना करना पड़ता है, तब वह ऐसे खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हैं और उन्हें आगे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री ऐसे खिलाड़ियों से यही कहते हैं कि कोई बात नहीं। अगर इस बार नहीं हो पाया, तो अगली बार हो जाएगा। उनका कहना है, “पीएम मोदी कहते हैं कि आप लोग चिंता मत कीजिए, हम आपके साथ हैं। प्रधानमंत्री का खेल के प्रति रवैया बहुत ही अच्छा है। वह खिलाड़ियों को हमेशा से ही सपोर्ट करते आए हैं।”कर्णम मल्लेश्वरी ने एक किस्से के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के समर्पण का खुलासा किया। वीडियो में वह कहती हैं कि यमुनागर में मेरी एक एकेडमी है, जिसमें बच्चे प्रशिक्षण लेते हैं। मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। मैंने उनसे आग्रह किया था कि वह एक बार जरा आएं और हमारे बच्चों को आशीर्वाद दें। मुझे पता नहीं क्यों लगा कि वह नहीं आएंगे, क्योंकि आमतौर पर प्रधानमंत्री का शेड्यूल थोड़ा बिजी रहता है। लेकिन, मुझे प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया, जिसमें मुझे यह जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री आपसे मिलेंगे। इसके बाद मेरी प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई।पूर्व ओलंपिक पदक विजेता अपनी बात को विराम देते हुए कहती हैं, “प्रधानमंत्री ने मेरा हौसला भी बढ़ाया। मेरी तारीफ करते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया। आपने देश का नाम रोशन किया। देश के लिए मेडल जीता। मुझे प्रधानमंत्री से मिलकर ऐसा लगा कि जैसे हमारे पीछे कोई बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मुझे आशीर्वाद भी दिया।” - मुंबई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई ने तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ सभी समझौतों को निलंबित कर दिया है। भारत एवं पाकिस्तान के मध्य बढ़े तनाव के बीच तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। संस्थान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर ‘पोस्ट' किया, ‘‘तुर्किये को लेकर मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए आईआईटी मुंबई तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ अपने समझौतों को अगला नोटिस जारी किए जाने तक निलंबित करने की प्रक्रिया में है।आईआईटी मुंबई और कुछ तुर्किये संस्थानों के बीच संकाय विनिमय कार्यक्रम (फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम) को लेकर समझौता था। यह घटनाक्रम 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को दिए गए समर्थन के मद्देनजर सामने आया है। इससे पहले, आईआईटी रुड़की ने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ किया गया एक समझौता औपचारिक रूप से रद्द कर दिया था। आईआईटी रूड़की ने ‘एक्स' पर लिखा था, ‘‘संस्थान वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो इसकी शैक्षणिक प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करता है और राष्ट्रीय हित को बनाए रखता है।'' निजी संस्थानों जैसे चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी तुर्किये और अजरबैजान के 23 विश्वविद्यालयों के साथ अपने अकादमिक सहयोग को समाप्त कर दिया है।
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नई दिल्ली। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों सहित नागरिक ठिकानों को निशाना बनाए जाने की आशंकाएं थीं, जिनमें अमृतसर का स्वर्ण मंदिर सबसे प्रमुख था। इसका मुकाबला भारत ने अपनी वायु रक्षा प्रणालियों से करके अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और पंजाब के शहरों को पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचाया।
निशाने पर था अमृतसर का स्वर्ण मंदिरइस संबंध में भारतीय सेना ने सोमवार को पंजाब के अमृतसर में एक डेमो दिखाया कि कैसे आकाश मिसाइल प्रणाली, एल-70 एयर डिफेंस गन सहित अन्य हथियारों के जरिए सेना के हवाई रक्षा गनर्स ने पाकिस्तान की सेना के नापाक इरादों को विफल करके स्वर्ण मंदिर पर लक्षित सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। इस प्रकार हमारे पवित्र स्वर्ण मंदिर पर एक खरोंच भी नहीं आने दी।पाकिस्तान ने लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर किया था हवाई हमला15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया कि हमने स्वर्ण मंदिर को एक समग्र हवाई रक्षा कवर देने के लिए अतिरिक्त आधुनिक वायु रक्षा संपत्ति जुटाई। 8 मई को तड़के अंधेरे में पाकिस्तान ने मानव रहित हवाई हथियारों में मुख्य रूप से ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। हम पूरी तरह से तैयार थे, क्योंकि हमें पहले से ही इसकी आशंका जताई गई थी।मेजर जनरल शेषाद्री ने कहा कि भारतीय सेना पेशेवर बल है, जिसने गंभीर उकसावे के बावजूद हमेशा एक संतुलित और मापा हुआ तरीके से जवाब दिया है। हमने सटीक हथियारों के साथ केवल आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया, ताकि कोई नागरिक क्षति न हो, इस तथ्य को पाकिस्तानी सेना ने भी ऑपरेशन के दौरान स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के पास भारत के अंदर हमला करने के लिए कोई वैध लक्ष्य नहीं है और न ही उसके पास भारतीय सशस्त्र बलों का सामना करने का साहस या क्षमता है। इसलिए, वह आतंकवाद को एक राष्ट्रीय नीति के रूप में इस्तेमाल करके अपनी धरती से लॉन्च किए गए मानव रहित हवाई हथियारों का सहारा लेता है।ऑपरेशन ‘सिंदूर’ केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ हैमेजर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलें लॉन्च और फायर की गईं। भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों, नागरिक आबादी केंद्रों को भी नहीं बख्शा गया। भारतीय सशस्त्र बल और सेना के वायु रक्षा गनर पाकिस्तान के सभी हवाई खतरों को विफल करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान ने फिर से आतंकवादियों का सहारा लिया तो उसका अवश्य ही नाश होगा। याद रहे कि ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ है। उसका विकराल रूप अभी बाकी है। - कोलकाता. पश्चिम बंगाल के पुरी में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। इन विदेशी पर्यटकों में इस्कॉन के भक्त प्रमुख हैं, जो जल्द ही मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। कोलकाता-इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि दीघा मंदिर उन विदेशियों के लिए वरदान बन कर आया है, जिन्हें पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) दीघा मंदिर का प्रबंधन कर रहा है, जो पड़ोसी राज्य ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है। इस्कॉन-कोलकाता के प्रवक्ता दास ने कहा, विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु आ रहे हैं। मंदिर के उद्घाटन के दौरान दुनिया भर से करीब 150 देशों के लोग मौजूद थे।'' उन्होंने कहा कि इनमें से कई आगंतुकों ने 30 अप्रैल के उद्घाटन कार्यक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिससे विभिन्न देशों के लोग हमसे जानकारी के लिए संपर्क कर रहे हैं। दास ने कहा कि विदेशी पर्यटक बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित अत्यंत लोकप्रिय पर्यटन स्थल दीघा में ठहरने के विकल्पों के बारे में जानकारी मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दीघा में हर बजट के लिए अच्छे होटल उपलब्ध हैं, लेकिन ऐसी और भी सुविधाएं उपलब्ध होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, क्योंकि मंदिर के उद्घाटन के बाद पर्यटन में तेजी आने की उम्मीद है।'' आमतौर पर सप्ताहांत के दौरान दीघा और पड़ोसी समुद्र तटीय रिसॉर्ट्स में होटल पूरी तरह बुक हो जाते हैं। दीघा शंकरपुर होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशांत पात्रा ने कहा कि मंदिर के उद्घाटन के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद अधिक है। पात्रा ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि इससे दीघा में आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल होंगे।'' दास ने कहा कि अमेरिकी उद्योगपति हेनरी फोर्ड के परपोते और इस्कॉन के भक्त अल्फ्रेड फोर्ड के जल्द ही दीघा मंदिर आने की उम्मीद है। इस्कॉन प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ मैंने उन्हें आमंत्रित किया है, मुझे पूरा विश्वास है कि वे अपने परिवार के साथ आएंगे। '' दास ने कहा, ‘‘ विदेशी इस नए मंदिर को एक वरदान के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि यहां उन्हें जगन्नाथ के दर्शन हो सकेंगे और चूंकि इसकी वास्तुकला पुरी के समान है, इसलिए वे दीघा के मंदिर में जाकर यह अनुभव कर सकेंगे कि अंदर से यह कैसा दिखता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया भर से कई लोग दीघा आने के लिए उत्सुक हैं।
- गंगटोक. सिक्किम सरकार ने नाथू ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में प्रयास तेज कर दिये हैं। नाथू ला हिमालय में एक पहाड़ी दर्रा है, जो राज्य को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से जोड़ता है।पांच वर्ष के अंतराल के बाद फिर से शुरू होने जा रही कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा हिंदुओं के साथ-साथ जैन व बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है। विधायक थिनले शेरिंग भूटिया ने कहा कि राज्य की राजधानी गंगटोक और नाथू ला के बीच दो केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं और तीर्थयात्रियों के लिए शौचालय व यात्रा से संबंधित अन्य बुनियादी ढांचे का भी विकास किया जा रहा है। यह दर्रा भूटिया के काबी-लुंगचोक निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है और विधायक ने संवाददाताओं से कहा कि वह मानसरोवर यात्रियों के लिए सुविधाओं को और बढ़ाने के वास्ते जमीनी स्थिति का आकलन कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने बताया था कि यात्रा जून से अगस्त तक दो मार्गों उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला के माध्यम से होगी। भूटिया ने वन, पर्यटन एवं ग्रामीण विकास विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में कहा, “सिक्किम एक शांतिपूर्ण राज्य है और नाथू ला सीमा के माध्यम से यात्रा करने की यही मुख्य खासियत है।” उन्होंने बताया कि अच्छी सड़कों की उपलब्धता के साथ नाथू ला मार्ग तीर्थयात्रियों को फिर से सुरक्षित और बेहतर यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के कारण 2020 में यात्रा को स्थगित कर दिया था।
- हैदराबाद. छाया पत्रकार एवं ‘द हिंदू' तथा ‘बिजनेसलाइन' के पूर्व वरिष्ठ विशेष समाचार छायाकार पी.वी. शिवकुमार का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। अविभाजित आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित शिवकुमार बंजारा हिल्स की ‘फोटोग्राफर्स कॉलोनी' में अपने घर के शौचालय में अचानक गिर गए। उन्हें पास के एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उनका उपचार किया। उनके मित्रों और सहकर्मियों ने बताया कि अपराह्न तीन बजे उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है।शिवकुमार 1985 में ‘इंडियन एक्सप्रेस' में शामिल हुए और 1993 में ‘द हिंदू' के विशाखापत्तनम संस्करण में चले गए। बाद में उनका तबादला हैदराबाद कर दिया गया। उन्होंने ‘द हिंदू' और ‘बिजनेसलाइन' के साथ काम किया और 2015 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।
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नयी दिल्ली. रेल मंत्रालय ने उन्नयन योजना में संशोधन करके ‘विस्टाडोम नॉन-एसी', ‘विस्टाडोम कोच', ‘एग्जीक्यूटिव अनुभूति' और ‘थर्ड एसी इकॉनमी' (3ई) समेत नयी शुरू की गई ट्रेन श्रेणियों को इस योजना में शामिल किया है। मंत्रालय के 13 मई के एक परिपत्र में कहा गया है कि ट्रेन में उपलब्ध सीटों का इष्टतम उपयोग करने के लिए 2006 में एक योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत यदि किसी ट्रेन में कोई सीट खाली है तो पूरा किराया देने वाले यात्रियों का बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अगली उच्च श्रेणी में उन्नयन कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, यह योजना सभी प्रकार की ट्रेनों में उपलब्ध है।''
मंत्रालय ने नयी ट्रेन श्रेणियों - ‘विस्टाडोम नॉन-एसी' (वीएस), ‘विस्टाडोम कोच' (ईवी), ‘एग्जीक्यूटिव अनुभूति' (ईए) और ‘3ई' - को उन्नयन के दायरे के तहत लाने के लिए मौजूदा योजना की समीक्षा की है क्योंकि इन श्रेणियों को 2014 के बाद पेश किया गया था जब उन्नयन योजना में अंतिम बार संशोधन हुआ था। परिपत्र के अनुसार, निम्न श्रेणी से उच्च श्रेणी में बैठने की व्यवस्था के उन्नयन का क्रम 2एस (द्वितीय श्रेणी), वीएस, सीसी (चेयर कार), ईसी (एग्जीक्यूटिव श्रेणी), ईवी और ईए है। इसी प्रकार, शयन उन्नयन के लिए क्रम ‘स्लीपर क्लास' (एसएल), 3ई, ‘एसी' तृतीय श्रेणी (3ए), एसी द्वितीय श्रेणी (2ए) और एसी प्रथम श्रेणी (1ए) है। -
मुंबई. भारत में बीमा कराने वाले 80 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य बीमा कवर की प्रभावशीलता के बारे में अनिश्चित रहते हैं। फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस ने एक सर्वेक्षण में यह बात कही। सर्वेक्षण में हेल्थ अनलिमिटेड ने पाया कि जब कोई दावा किया जाता है, तो हर तीन में से दो व्यक्ति असुरक्षित महसूस करते हैं और उन्हें अप्रत्याशित बिलों का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें अपर्याप्त कवरेज मिलता है। सर्वेक्षण में कहा गया है, “दस में से नौ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को लगता है कि बीमा राशि का पुनर्भरण एक प्रमुख लाभ है।” इसके तहत बीमा राशि खत्म होने के बाद भी बीमा लाभ मिलना जारी रहता है। फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनूप राव ने कहा कि यह बढ़ती चिंता व्यापक स्वास्थ्य सेवा समाधानों की आवश्यकता को उजागर करती है। राव ने कहा, “स्वास्थ्य बीमा होने के बावजूद, भारत में अधिकांश लोगों के लिए चिकित्सा उपचार की बढ़ती लागत चिंता का विषय है।” यह सर्वेक्षण 25 वर्ष से अधिक आयु के 800 बीमित व्यक्तियों के बीच किया गया था। इसमें दावा किया गया कि 2021 में अन्य एशियाई देशों के बीच भारत में चिकित्सा मुद्रास्फीति की दर सबसे अधिक थी।
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नयी दिल्ली. दुनिया भर के 15 से अधिक देशों के 20 ग्रैंडमास्टर्स सहित ढाई हजार से अधिक खिलाड़ी सात से 14 जून तक यहां होने वाले दिल्ली इंटरनेशनल ओपन ग्रैंडमास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट के 21वें सत्र में तीन रेटिंग आधारित वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगे। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के तत्वावधान में दिल्ली शतरंज संघ द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि रिकॉर्ड 1.21 करोड़ रुपये है। यह फिडे विश्व चैंपियनशिप सर्किट की एक प्रमुख प्रतियोगता है। श्रेणी ए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेटिंग हासिल करने वाले सभी खिलाड़ियों के लिए खुली है जिसकी इनामी राशि 51 लाख रुपये है। श्रेणी बी और सी क्रमशः 1900 और 1700 से कम रेटिंग वाले खिलाड़ियों के लिए है और प्रत्येक वर्ग की इनामी राशि 35 लाख रुपये है। सभी मैच स्विस सिस्टम प्रारूप के तहत फिडे नियमों के अनुसार खेले जाएंगे।
दिल्ली शतरंज संघ के अध्यक्ष भरत सिंह चौहान ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले दो दशक में दिल्ली ग्रैंडमास्टर ओपन ने ना केवल भारत में शतरंज की प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखा है बल्कि इसे आगे बढ़ाने में भी मदद की है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने खेल को हाशिये से मुख्यधारा में आते देखा है और यह टूर्नामेंट भागीदारी के पैमाने से लेकर प्रतिस्पर्धा की गहराई और इसे समर्थन देने वाले बुनियादी ढांचे तक, हर मायने में उस बदलाव को दर्शाता है। हर टूर्नामेंट के साथ हम देश में एक स्थायी, उच्च प्रदर्शन वाली शतरंज संस्कृति की नींव को मजबूत कर रहे हैं।'' श्रेणी ए के मुकाबलों में क्लासिकल टाइम कंट्रोल का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें शुरुआती 90 मिनट और हर चाल के बाद 30 सेकेंड का इजाफा होगा। शीर्ष तीन खिलाड़ियों को क्रमश: सात लाख, छह लाख और पांच लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी जबकि सभी शीर्ष दस खिलाड़ियों को एक लाख रुपये या उससे अधिक का पुरस्कार दिया जाएगा। श्रेणी ए में सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी और सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ी को एक लाख रुपये का विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। -
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि पड़ोसी देश में ऐसा कुछ भी नहीं है जो भारतीय सशस्त्र बलों की पहुंच से बाहर हो। सिन्हा ने यह टिप्पणी उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात सैन्य कर्मियों को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी देखी है और फिर दुश्मन ने संघर्षविराम के लिए पूरी दुनिया से गुहार लगानी शुरू कर दी। पाकिस्तान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो भारतीय सेना की पहुंच से बाहर हो।'' उपराज्यपाल ने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा पर प्रकाश डाला और यह भी कहा कि दुश्मन कर्ज के दम पर मानवता को नष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पड़ोसी कर्ज के दम पर मानवता को नष्ट करने पर तुला हुआ है। मुझे लगता है कि हमारे वीर सैनिकों द्वारा दिए गए जवाब से उन्हें सबक मिला होगा। मैं आपकी वीरता, पराक्रम और मां भारती के प्रति आपकी भक्ति को नमन करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जब भी ऐसा संकट आए, तो लोगों को पता चले कि हमारा देश आप जैसे वीरों के सुरक्षित हाथों में है।'' सिन्हा ने सेना और पुलिस कर्मियों के साथ जमीनी स्तर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि देश सतर्कता, समर्पण, बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान के साथ जीवन की रक्षा करने और हमारी सीमाओं की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों का आभारी है। सिन्हा ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे जवान दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का डटकर सामना करेंगे।'' बाद में सिन्हा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सेना और पुलिस अधिकारियों के साथ जमीनी स्तर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। तंगधार में हमारे बहादुर जवानों से बातचीत की। वे देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरे आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ डटे हुए हैं।'' सिन्हा ने तंगधार सेक्टर में सीमा क्षेत्र का दौरा किया और पाकिस्तान द्वारा भारी गोलाबारी से हुए नुकसान का आकलन किया। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने राजनीतिक और कूटनीतिक, दोनों तरह से भारत की सोच बदल दी है और पूरी दुनिया इसकी गवाह है। जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य एवं केंद्रीय मंत्री सिंह ने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि जल्दबाजी में की गई थी, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पाकिस्तान को खुश करना चाहते थे। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने विजय के. सजावल द्वारा लिखी पुस्तक "कश्मीर क्रॉनिकल्स" का यहां कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में विमोचन करने के बाद कहा कि यह संधि दोनों देशों के लिए न्याय करने में असफल रही। उन्होंने कहा कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक के पश्चात, भारत ने अपनी रक्षा रणनीतियों में बदलाव की शुरुआत की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बलों को परिस्थितियों के अनुसार तथा पेशेवर ज्ञान एवं विवेक के आधार पर कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता दी थी। उन्होंने कहा कि यह 2014 से पहले की प्रथा के बिल्कुल विपरीत है, जब सेनाओं को केवल सीमित स्वतंत्रता थी और बड़े हमले के लिए उन्हें नयी दिल्ली से राजनीतिक मंजूरी का इंतजार करना पड़ता था। मंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर, अब तक की प्रचलित पद्धति में बदलाव का परिणाम है। सिंह ने कहा कि अब भारत का रक्षा विभाग सक्रिय रहेगा, न कि दुश्मन के हमले के बाद प्रतिक्रियात्मक।
सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने तीन स्तरों पर महत्वपूर्ण संदेश दिया है - घरेलू स्तर पर इसने देश के लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि भारत अब वैश्विक गुरु की भूमिका निभाने के लिए तैयार है, पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से संदेश दिया है कि आज का भारत अब 1965 या 1971 वाला भारत नहीं है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह जोरदार तरीके से संदेश दिया है कि भारत एक ताकत के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अगला लक्ष्य 2047 का विकसित भारत होगा और भारत का अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर को वापस लेना होगा, जो केवल मोदी के नेतृत्व में ही संभव है। इससे पहले, पुस्तक के लेखक ने एक कश्मीरी पंडित के रूप में अपने व्यक्तिगत अनुभव तथा पिछले कई वर्षों के दौरान जम्मू कश्मीर के प्रति अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बात की। -
नयी दिल्ली. दिल्ली मास्टर प्लान 2041 जल्द ही लागू किया जाएगा और राष्ट्रीय राजधानी के 48 गांवों का शहरीकरण किया जाएगा। दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि लाल डोरा श्रेणी में आने वाली संपत्तियों की पहली रजिस्ट्री पूरी तरह से निःशुल्क होगी। इस कदम से लंबे समय से लंबित संपत्ति विवादों का समाधान होने तथा लोगों को वित्तीय बोझ के बिना कानूनी स्वामित्व दस्तावेज प्राप्त करने में मदद मिलने की उम्मीद है। वर्मा के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मंत्री ने यह टिप्पणी दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के दौलतपुर गांव के दौरे के दौरान की। वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, "लंबे समय से प्रतीक्षित मास्टर प्लान 2041 अपने अंतिम चरण में है और इसे बहुत जल्द लागू किया जाएगा। हमारा लक्ष्य सिर्फ नीतियां बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें जवाबदेही के साथ पारदर्शी तरीके से जमीन पर लागू करना है।" उन्होंने कहा, "मास्टर प्लान 2041 दिल्ली के गांवों की सूरत बदल देगा और ग्रामीण आबादी को शहरी क्षेत्रों के बराबर सुविधाएं प्रदान करेगा।" मंत्री ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत दिल्ली के लगभग 48 गांवों का शहरीकरण किया जाएगा।
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पुरी. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने शनिवार को श्रद्धालुओं से अपील की कि वे भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले पवित्र प्रसाद 'महाप्रसाद' के प्रति सर्वोच्च सम्मान दिखाएं तथा 'डाइनिंग टेबल' पर इसे खाने से परहेज करें। यह अपील उन खबरों और सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों जिनमें पुरी के एक होटल में लोगों को डाइनिंग टेबल (भोजन की मेज) पर जूते पहनकर 'महाप्रसाद' खाते हुए देखा जा सकता है, के बाद की गई है। एसजेटीए ने इसे "श्री मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के खिलाफ" करार दिया था। एसजेटीए ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का 'महाप्रसाद' अत्यंत पवित्र है और इसे "अन्न ब्रह्म" माना जाता है। परंपरा के अनुसार भक्तों को कृतज्ञता के साथ फर्श पर बैठकर 'भोग' को ग्रहण करना चाहिए। प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि, "महाप्रसाद का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और इसे अत्यंत श्रद्धा के साथ ग्रहण किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "डाइनिंग टेबल पर इसे खाना ईश्वरीय प्रसाद के प्रति अनादर माना जाता है और इससे जुड़ी आध्यात्मिक परंपराओं के विपरीत है।" अपने परामर्श में एसजेटीए ने पुरी के होटलों, रेस्तरां और भोजनालयों से ऐसी प्रथाओं को हतोत्साहित करने तथा आगंतुकों को 'महाप्रसाद' ग्रहण करने के उचित तरीके के बारे में शिक्षित करने का भी आह्वान किया।
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गया जी .बिहार के गया जी जिले में शनिवार को कथित तौर पर जमीन विवाद को लेकर पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। मृतकों की पहचान अशोक सिंह (65) और उनके बेटे कुणाल (32) के रूप में हुई है।
सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) (गया जी ग्रामीण) अनवर जावेद ने बताया, ‘‘यह घटना वजीरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत दखिनगांव इलाके में हुई, जब उसी इलाके के रहने वाले लोगों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी।'' उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हत्या का कारण जमीन विवाद हो सकता है। उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एएसपी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। -
इटावा.उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के पछांयगांव थाना क्षेत्र में कथित तौर पर पत्नी से विवाद के चलते एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। थाना पछांयगांव के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अलमा अहिरवार ने बताया कि ग्राम मडैय्या करीलगढ़ में शुक्रवार देर शाम पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद के कारण पति जितेन्द्र कुमार (38) ने घर के अंदर उस समय फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जब उसकी पत्नी खाने-पीने का सामान लेने घर से बाहर गई हुई थी। दंपति के बच्चे भी घर के बाहर गांव में अन्य बच्चों के साथ खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि घर लौटने पर पति को फांसी पर लटका देख पत्नी चीख पुकार करने लगी, तब गांव वाले एकत्र हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा। एसएचओ ने बताया कि जितेन्द्र शराब की लत होने के कारण आए दिन पत्नी से झगड़ा करता था क्योंकि पत्नी उसे शराब पीने से रोकती थी।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने से संबद्ध विद्यालयों को बच्चों के चीनी सेवन पर नजर रखने और उसे कम करने के लिए ‘शुगर बोर्ड' लगाने का निर्देश दिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सीबीएसई ने उल्लेख किया है कि पिछले दशक में बच्चों में टाइप 2 मधुमेह के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पहले मुख्य रूप से वयस्कों में देखा जाता था। बोर्ड ने स्कूल प्रधानाचार्यों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह खतरनाक प्रवृत्ति मुख्य रूप से चीनी के अधिक सेवन के कारण है, जो अकसर स्कूल के वातावरण में मीठे स्नैक्स, पेय पदार्थ और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की आसानी से उपलब्धता के कारण होता है। चीनी के अत्यधिक सेवन से न केवल मधुमेह का खतरा बढ़ता है, बल्कि मोटापा, दांत की समस्याएं और अन्य चयापचय संबंधी विकार भी होते हैं, जो अंततः बच्चों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं।'' अध्ययनों से पता चलता है कि 4 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दैनिक कैलोरी सेवन में चीनी का हिस्सा 13 प्रतिशत है, तथा 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यह 15 प्रतिशत है, जो अनुशंसित 5 प्रतिशत की सीमा से काफी अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इस अत्यधिक सेवन के लिए स्कूल में आसानी से उपलब्ध होने वाले मीठे स्नैक्स, पेय पदार्थ और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अत्यधिक उपयोग जिम्मेदार है।'' यह निर्देश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के कहने पर जारी किया गया। एनसीपीसीआर एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन बच्चों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने लिए किया गया था, खासकर उन बच्चों के जो सबसे कमजोर और हाशिए पर हैं। विद्यालयों को ‘शुगर बोर्ड' (चीनी पट्टिका) लगाने के लिए कहा गया है, जिस पर छात्रों को चीनी के अत्यधिक सेवन के जोखिमों के बारे में शिक्षित करने के लिए जानकारी प्रदर्शित की जाए। इसने कहा, ‘‘इस पट्टिका पर आवश्यक जानकारी प्रदान की जानी चाहिए, जिसमें अनुशंसित दैनिक चीनी का सेवन, आम तौर पर खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ (जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स आदि जैसे अस्वास्थ्यकर भोजन) में चीनी की मात्रा, उच्च चीनी के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम और स्वस्थ आहार विकल्प शामिल हैं। यह छात्रों को सूचित भोजन विकल्पों के बारे में शिक्षित करेगा और छात्रों के बीच दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देगा।'' विद्यालयों को इस संबंध में जागरूकता सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करने के लिए भी कहा गया है। बोर्ड ने कहा, ‘‘15 जुलाई से पहले विद्यालयों द्वारा एक संक्षिप्त रिपोर्ट और कुछ तस्वीरें अपलोड की जा सकती हैं।'
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देहरादून. उत्तराखंड सरकार ने चार धाम और आदि कैलाश यात्रा जैसे तीर्थस्थलों का अधिक व्यवस्थित ढंग से प्रबंधन करने के लिए एक परिषद के गठन का निर्णय किया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बघौली ने कहा कि हर साल तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ के कारण विभिन्न हिमालयी मंदिरों की तीर्थयात्राओं के बेहतर प्रबंधन के लिए उत्तराखंड धर्मस्व और तीर्थाटन परिषद नामक एक अलग परिषद की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि परिषद का काम तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर ढांचागत सुविधाओं का निर्माण, सुदृढ़ीकरण और रखरखाव करना तथा मंदिरों तक उनकी यात्रा को अधिक आरामदायक, आसान, सुरक्षित और सुखद बनाना होगा। बघौली ने कहा कि परिषद के लिए अलग से बजटीय प्रावधान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में अब बेहतर सड़क और हवाई संपर्क उपलब्ध होने से हर साल अधिक से अधिक श्रद्धालु राज्य में आ रहे हैं। बघौली ने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में चार धाम यात्रा, नंदा देवी राज जात यात्रा, पूर्णागिरि यात्रा और आदि कैलाश यात्रा के लिए राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इसलिए इनके प्रबंधन और व्यवस्थित संचालन के लिए एक अलग इकाई-उत्तराखंड धर्मस्व और तीर्थाटन परिषद बनाने का निर्णय लिया गया।'' पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे के तीव्र विकास के लिए राज्य निकाय का गठन तथा एकल महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना लागू करना कैबिनेट द्वारा लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय थे। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का उद्देश्य निराश्रित, परित्यक्त या विधवा महिलाओं को उनके गांव या उनके निवास क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराना तथा उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना तथा उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाना है। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने उत्तराखंड पोल्ट्री विकास नीति-2025 को मंजूरी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में प्रति वर्ष 15,444 लाख अंडों तथा 395 लाख किलोग्राम पोल्ट्री मीट की कमी है, जिसे देखते हुए राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा कुक्कुट क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस नीति को मंजूरी दी गई है। -
नयी दिल्ली/ ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे, जिनमें से कुछ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ दलों के नेता जबकि कुछ की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे। सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए जिन नेताओं का चयन किया है, उनमें सत्तारूढ़ दलों से भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद व बैजयंत पांडा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा, विपक्षी दलों में कांग्रेस के शशि थरूर, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राकांपा-एसपी की सुप्रिया सुले शामिल हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने लेकर जाएंगे।'' सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के ऐसे नेताओं का सोच समझकर चयन किया है, जिन्हें मुखर माना जाता है। इन नेताओं में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चार और विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के तीन नेता शामिल हैं, जो सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहने वाले वरिष्ठ सांसद हैं। विपक्ष ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के मामले पर सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर भारत के हमलों का बचाव और भारत-पाक संघर्ष पर सत्तारूढ़ गठबंधन के सख्त रुख का समर्थन किया है। संभावना है कि उन्हें अमेरिका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिया जा सकता है। मंत्रालय के बयान में कहा गया कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के हमारे साझा संदेश को लेकर जाएंगे।'' मंत्रालय के बयान को साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब है।'' बयान में कहा गया कि सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की प्रस्तावित यात्राएं ‘ऑपरेशन सिंदूर' और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई से संबंधित हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा करने की उम्मीद है, जबकि सुले की अगुवाई वाली सांसदों की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र की यात्रा करेगी। उन्होंने कहा कि झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया (सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश) का दौरा करने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि छह-सात सांसदों वाला प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल चार से पांच देशों का दौरा कर सकता है। अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृजलाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा और भुवनेश्वर कलिता समेत विभिन्न दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे। झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी शामिल किया गया है। खुर्शीद सांसद नहीं हैं। सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इनकार कर दिया। इस व्यापक कूटनीतिक प्रयास का उद्देश्य विभिन्न देशों में पहलगाम हमले पर भारत के रुख को रेखांकित करना है। थरूर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वह देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख देशों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए सरकार के निमंत्रण से ‘‘सम्मानित'' महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की आवश्यकता होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा। जय हिंद!'' शिंदे ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दृढ़ता से बताएंगे कि भारत में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, और पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवाद को पाल रहा है। जब राष्ट्रीय हित के मामलों की बात आती है, तो कोई मतभेद नहीं होता, केवल कर्तव्य होता है।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी कृत्य को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इससे यह संकेत मिलता है कि यदि पाकिस्तान भारतीय क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखता है तो भारत उसे निशाना बनाएगा। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के साथ कई दिनों तक चले संघर्ष के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर' को केवल रोका गया है और अगली कार्रवाई पड़ोसी देश के आचरण पर निर्भर करेगी। -
नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मई के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख साझेदार देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का दौरा करेंगे। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई को दर्शाता है। ये प्रतिनिधिमंडल भारत की एकजुटता और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने रखेंगे।
इन सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सात सांसद करेंगे, जिनमें कांग्रेस से शशि थरूर, भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू से संजय कुमार झा, द्रमुक से कनिमोझी करुणानिधि, राकांपा से सुप्रिया सुले और शिवसेना से एकनाथ शिंदे शामिल हैं। सरकार ने इन नेताओं को उनके प्रभावी और स्पष्ट प्रतिनिधित्व के लिए चुना है। इनमें से चार सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडिया गठबंधन से हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा करेगा। इन दौरों में प्रतिनिधिमंडलों के साथ अनुभवी राजनयिक भी होंगे, जो भारत के संदेश को और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करेंगे।संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, “ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ दृढ़ रुख को दर्शाएंगे। वे दुनिया के सामने भारत के आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का स्पष्ट संदेश लेकर जाएंगे।”संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जब बात सबसे अहम होती है, भारत एकजुट होकर खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और हमारा साझा संदेश लेकर जाएंगे।”राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने इस जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय का आभार जताया। उन्होंने कहा, “मुझे वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है।” यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। -
नई दिल्ली। अब रोजगार, ट्रेनिंग, कोर्स और नजदीकी स्किल सेंटर्स से जुड़ी जानकारी लोगों को व्हाट्सऐप पर तुरंत मिल सकेगी। इसके लिए भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) ने मेटा के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत नया AI-पावर्ड टूल “स्किल इंडिया असिस्टेंट (SIA)” लॉन्च किया गया है। इस टूल को व्हाट्सऐप पर इस्तेमाल किया जा सकता है। लोग 8448684032 नंबर पर मैसेज भेजकर स्किल कोर्स, ट्रेनिंग सेंटर्स और नौकरी के मौकों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यह सेवा स्किल इंडिया डिजिटल हब पर भी उपलब्ध है। यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी और पहली पहल है, जिसमें ओपन-सोर्स AI को व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है।
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस लॉन्च पर कहा कि यह टूल देश के हर नागरिक को सीखने और नौकरी की जानकारी पाने का नया और आसान तरीका देगा। AI और व्हाट्सऐप की मदद से लोग अब घर बैठे ही पर्सनल गाइडेंस ले सकेंगे, जिससे खासतौर पर गांव और दूरदराज के इलाकों के लोगों को बहुत फायदा मिलेगा। मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने कहा कि यह पहल दिखाती है कि ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी के जरिए समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया असिस्टेंट भारत के डिजिटल और समावेशी विकास के विजन को मजबूती देगा।यह टूल फिलहाल हिंदी, अंग्रेजी और हिंग्लिश में उपलब्ध है। आने वाले समय में इसे अन्य भारतीय भाषाओं में भी शुरू किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें। खास बात यह है कि यह टूल लोगों के फीडबैक के आधार पर समय-समय पर अपडेट होता रहेगा, ताकि उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिल सके। सर्वम एआई द्वारा विकसित इस टूल का मकसद डिजिटल खाई को खत्म करना और देश के हर नागरिक को सही कौशल और नौकरी से जोड़ना है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत “दुनिया की स्किल कैपिटल” बनने की राह पर है, और यह टूल इस दिशा में बड़ा कदम है।- - -ऑपरेशन सिन्दूर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, असूचना एजेंसियों की सटीक सूचना और हमारी तीनों सशस्त्र सेनाओं की अचूक मारक क्षमता का अद्वितीय प्रतीक-भारत को अपनी तीनों सशस्त्र सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल और सभी सुरक्षा एजेंसियों पर गर्व है--छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के Korragattalu Hills (KGH) में किये गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स हमारी सुरक्षा बलों के बेहतरीन समन्वय को दर्शाते हैं-नया MAC, जटिल और परस्पर रूप से जुड़ी मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को synergise करेगा और एक निर्बाध तथा integrated platform प्रदान करेगा-नया नेटवर्क, आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगानई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में नए Multi Agency Centre (MAC) का उदघाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, आसूचना एजेंसियों की सटीक सूचना और हमारी तीनों सशस्त्र सेनाओं की अचूक मारक क्षमता का अद्वितीय प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी तीनों सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल और सभी सुरक्षा एजेंसियों पर गर्व है।हाल ही में, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के Korragattalu Hills (KGH) में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPFs) द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी ऑपरेशनों के बारे में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ ये ऐतिहासिक अभियान हमारे सुरक्षाबलों के बेहतरीन समन्वय को दर्शाते हैं। श्री शाह ने कहा कि इसी प्रकार का समन्वय ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखने को मिला जिससे पता चलता है कि हमारी खुफिया एजेंसियों तथा तीनों सशस्त्र सेनाओं द्वारा कार्य को अंजाम देने की प्रक्रिया और सोच में काफी बेहतर समन्वय है।केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि नया MAC, जटिल और परस्पर रूप से जुड़ी मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को synergise करेगा और एक निर्बाध तथा integrated platform प्रदान करेगा। उन्होंने आशा जताई कि नया नेटवर्क, आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगा।श्री अमित शाह ने नए MAC नेटवर्क की प्रशंसा की और इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से जुड़े कार्यों को रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक पूरा करने पर संतोष व्यक्त किया। इसमें AI/ML जैसे futuristic capabilities हैं ताकि MAC और GIS services की विशाल डाटाबेस क्षमता का उपयोग किया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के पास जो महत्वपूर्ण डाटाबेस एकाकीपन में काम कर रहे हैं, उन्हें भी इस प्लेटफ़ार्म पर जोड़ा जाना चाहिए जिससे नए MAC के पास उपलब्ध advanced data analytics का फायदा उठाया जा सके। श्री शाह ने कहा कि इससे MAC नेटवर्क पर generate की गई data analytics की गुणवत्ता और बेहतर होगी; trend analysis बिलकुल accurate होगा, hotspot की मैपिंग की जा सकेगी और timeline analysis भी हो सकेगा जो predictive और operational outcome प्रदान करेगा। नया MAC प्लैटफ़ार्म, terror ecosystem से लड़ने में बहुत दूरगामी साबित होगा जो संगठित अपराध से काफी गहराई से जुड़ा हुआ है।भारत के सबसे अग्रणी intelligence fusion centre के रूप में Multi Agency Centre (MAC), वर्ष 2001 से अस्तित्व में है और केन्द्रीय गृह मंत्री निरंतर MAC के तकनीकी उन्नयन का सक्रियता से मार्गदर्शन कर रहे हैं। आसूचना ब्यूरो (Intelligence Bureau) में स्थित नए MAC ने intelligence, security, law enforcement और जांच एजेंसियों को आपस में जोने का काम किया है। 500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार नए MAC नेटवर्क में qualitative और quantitative, दोनों तरह के बदलाव किए गए हैं। नया MAC नेटवर्क देश के length और breadth में फैला है जिसमें देश के द्वीपीय हिस्से, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र भी शामिल हैं। इसमें standalone secure network के साथ दूरदराज के क्षेत्रों के जिला SP तक last mile connectivity दी गई है।
- पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे बड़ा निर्णय गया शहर का नाम बदलने को लेकर रहा। अब इस धार्मिक और ऐतिहासिक शहर को ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा। कैबिनेट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए जवानों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंजूरी दी है। यह निर्णय सरकार की शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी को दर्शाता है। वहीं राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की घोषणा भी की है, जिससे लाखों कर्मचारियों को आर्थिक फायदा होगा। प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था अब जीविका दीदियों को सौंपी जाएगी। इससे न सिर्फ स्वच्छता व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।कैबिनेट ने प्रशासनिक ढांचे के विस्तार के तहत छपरा जिले के सोनपुर को नगर परिषद और औरंगाबाद जिले के मदनपुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया है। महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन हरियाली योजना’ की अवधि बढ़ा दी गई है। साथ ही, दरभंगा जिले की जलापूर्ति योजना के लिए 186 करोड़ रुपये और औरंगाबाद की योजना के लिए 72 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। बोधगया के लिए भी नई जल परियोजना को हरी झंडी मिली है और सोनपुर मेला क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। वहीं राज्य के 900 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत भवन बनाए जाएंगे ताकि प्रशासनिक कार्य बेहतर तरीके से हो सकें। शिक्षा क्षेत्र में, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के तहत बिहार के कई जिलों में नए विद्यालय खोलने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार 58,193 करोड़ रुपये का ऋण लेकर विकास कार्यों को गति देगी। सहकारिता विभाग के तहत 498 नए पदों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, मुख्य जांच आयुक्त कार्यालय में 125 पदों को भी मंजूरी दी गई है, जिससे जांच प्रक्रिया तेज होगी।इसके अलावा बिहार सरकार की नौकरियों में अब केवल बिहार के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को ही क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई ‘कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसायटी’ बनाई जाएगी, जो कैंसर की रोकथाम, इलाज और अनुसंधान में काम करेगी। अनुपस्थित रहने के कारण पांच डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। राज्य के अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में अब शिक्षा विभाग के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति होगी। इसके साथ ही, भागलपुर, अररिया और गोपालगंज में नए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके साथ ही कैबिनेट ने पटना मेट्रो परियोजना को गति देने के लिए दो करोड़ 56लाख नौ हजार करोड़ रुपये के भुगतान की मंजूरी दी है। अब जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों से संबंधित आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर ही निपटाए जाएंगे, जिससे आम लोगों को सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा, भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय इमामगंज, समस्तीपुर और भोजपुर में भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, और उद्यान प्रशिक्षण निदेशालय के गैर-तकनीकी पदों की नियमावली में बदलाव किया गया है।-(