सीतारमण को भरोसा, उद्योग जगत देश के विकास लक्ष्यों के अनुरूप काम करेगा
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भरोसा जताया कि भारतीय उद्योग जगत आजादी की 100वीं वर्षगांठ पर 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र या ‘विकसित भारत' बनाने के उद्देश्य से देश के विकासात्मक लक्ष्यों के साथ खुद को जोड़ लेगा। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भारत प्रदान करने के लिए ‘विकसित भारत' का लक्ष्य हासिल करना है। उद्योग निकाय फिक्की द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत@2047: विकसित भारत और उद्योग' पर एक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में उद्योग जगत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सीतारमण ने कहा, “स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आप भारत के साथ थे, आपने औपनिवेशिक दबाव के बावजूद उद्योग और क्षमता का निर्माण किया... इसलिए भारतीय उद्योग ने हमेशा उस भावना को बनाए रखा है और बाधाओं के बावजूद राष्ट्रीय हित में आगे बढ़ता रहा।” उन्होंने कहा, “मैं नहीं समझ पा रही हूं कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के इस खेल में उन्हें कैसे छोड़ा जाएगा। इसलिए भारत के उद्योग के लिए यह स्वाभाविक होना चाहिए कि वह खुद को भारत के विकासात्मक हितों के साथ जोड़ ले, और आखिरकार उद्योग ही पहला योगदानकर्ता और प्रथम लाभार्थी होगा।” वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को यह आश्वासन भी दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी सुधार जारी रहेंगे। अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव के बाद नई सरकार का गठन होगा।
सीतारमण ने कहा कि भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल के दौरान सरकार द्वारा कई सुधार किए गए हैं और यह सिलसिला जारी रहेगा।
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