अब फ्लिपकार्ट से सीधे मिलेगा लोन, रिजर्व बैंक ने लेंडिंग लाइसेंस किया मंजूर
नई दिल्ली। वॉलमार्ट की स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से लेंडिंग लाइसेंस मिल गया है, जिससे अब कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद ग्राहकों और विक्रेताओं को सीधे लोन दे सकेगी। यह पहली बार है जब RBI ने किसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) का लाइसेंस जारी किया है। इस लाइसेंस के तहत फ्लिपकार्ट कर्ज (loan) दे सकती है, हालांकि वह ग्राहकों से जमा (डिपॉजिट) नहीं ले सकेगी।
Flipkart को 13 मार्च को मिला लाइसेंस
अधिकांश ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फिलहाल बैंकों और एनबीएफसी के साथ साझेदारी में लोन की सुविधा देते हैं, लेकिन लेंडिंग लाइसेंस मिलने से फ्लिपकार्ट अब सीधे लोन दे सकेगी। यह मॉडल कंपनी के लिए अधिक फायदेमंद माना जा रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने फ्लिपकार्ट फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड को 13 मार्च को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया, जो किसी कंपनी को आधिकारिक रूप से NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) के रूप में मान्यता देने वाला दस्तावेज होता है। रॉयटर्स ने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और 13 मार्च को जारी अप्रूवल लेटर की एक-एक कॉपी की समीक्षा की है। इस मंजूरी की जानकारी अब तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई थी।
Flipkart ने 2022 में किया था आवेदन
केंद्रीय बैंक के अप्रूवल लेटर के अनुसार, फ्लिपकार्ट ने 2022 में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। न तो फ्लिपकार्ट और न ही भारतीय रिजर्व बैंक ने रॉयटर्स के टिप्पणी के अनुरोध पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया दी।
मामले से वाकिफ एक सूत्र के अनुसार, ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट अगले “कुछ महीनों में” अपना लेंडिंग ऑपरेशन शुरू कर सकती है। हालांकि, बातचीत निजी होने के कारण सूत्र ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की।
Flipkart कब से शुरू करेगा लोन देना?
रिपोर्ट में बताया गया कि लोन सेवा की शुरुआत को लेकर अंतिम फैसला कई आंतरिक प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा। इनमें प्रमुख प्रबंधन पदों पर नियुक्तियां, बोर्ड सदस्यों की चयन प्रक्रिया और व्यावसायिक योजना को अंतिम रूप देना शामिल है। फ्लिपकार्ट की योजना अपने लोकप्रिय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और फिनटेक ऐप super.money के जरिए ग्राहकों को सीधे लोन देने की है। इसके अलावा, कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद विक्रेताओं को भी फाइनेंसिंग की सुविधा दे सकती है।
फिलहाल, यह ई-कॉमर्स दिग्गज एक्सिस बैंक, IDFC बैंक और क्रेडिट साइसॉन जैसे लेंडर्स के साथ साझेदारी के जरिए ग्राहकों को पर्सनल लोन की सुविधा देता है।
IPO लाने की तैयारी में फ्लिपकार्ट
फ्लिपकार्ट की वैल्यूएशन 2024 में तब 37 अरब डॉलर आंकी गई थी, जब वॉलमार्ट की अगुवाई में इसे 1 अरब डॉलर की फंडिंग मिली थी। अब कंपनी अपनी होल्डिंग कंपनी को सिंगापुर से भारत में शिफ्ट कर रही है। वॉलमार्ट की योजना 17 साल पुरानी इस कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कराने की भी है। वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदी थी, जिसके साथ उसे फिनटेक कंपनी फोनपे का स्वामित्व भी मिला था। फोनपे भी फिलहाल IPO की तैयारी में है।
इस साल की शुरुआत में फ्लिपकार्ट की प्रतिद्वंद्वी कंपनी अमेजन ने बेंगलुरु स्थित नॉन-बैंक लेंडर Axio का अधिग्रहण किया था। हालांकि, यह डील अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी का इंतजार कर रही है।
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