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कलेक्टर ने  बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, मॉनिटरिंग कमेटी , टॉस्क फोर्स व सखी संचालन समिति की ली बैठक

 - पॉक्सो के केस को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता से निराकरण करने की जरूरत
- बाल विवाह की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता एवं संवेदीकरण की आवश्यकता
- शासकीय बालक एवं बालिका संपे्रक्षण गृह में बच्चों की देखरेख एवं सुरक्षा के संबंध में ली जानकारी
राजनांदगांव  ।  कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने सोमवार को  कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी तथा जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स व सखी संचालन समिति की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग उपस्थित थे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि संपे्रक्षण गृह में बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड होना चाहिए। उन्होंने शासकीय बालक एवं बालिका संपे्रक्षण गृह में बच्चों की देखरेख एवं सुरक्षा के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पॉक्सो के केस को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता से निराकरण करने की जरूरत है। किशोर न्याय बोर्ड, दत्तक ग्रहण एजेंसी, बाल विवाह मुक्त पंचायतों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता एवं संवेदीकरण की जरूरत है। उन्होंने चाईल्ड हेल्पलाईन के लिए विभिन्न स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाने के लिए कहा। उन्होंने सखी वन स्टॉप सेंटर के संबंध में जानकारी ली तथा प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शासकीय मेडिकल कालेज के समीप कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए पालना घर, बाल तस्करी, गुमशुदा बच्चे, एक युद्ध नशे के विरूद्ध के संबंध में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने नाबालिग बच्चों से जुड़े छोटे प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए।
पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने कहा कि बाल विवाह को कम करने के लिए विशेष तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए जनसामान्य में व्यवहार परिवर्तन एवं जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नशा खोरी, हिंसा एवं बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बाल तस्करी, एक युद्ध नशे के विरूद्ध एवं अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि छोटे अपराधिक प्रकरणों में विवेचक एवं गवाही महत्वपूर्ण है। ऐसे प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने की जरूरत है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक हास्पिटल में पालना शिशु केन्द्र स्थापित किया जाना है और इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने एक युद्ध नशे के विरूद्ध अभिान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए प्रहरी क्लब का गठन किया जाना है तथा इस क्लब को सक्रिय करते हुए बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता लाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बालिका सुरक्षा माह, किशोर न्याय बोर्ड में दर्ज प्रकरण, चाईल्ड लाईन के प्रकरण, शासकीय बाल संप्रेक्षण के भवन निर्माण हेतु भूमि आबंटन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर बाल सुरक्षा अधिकारी श्री चंद्र किशोर लाड़े एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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