बासमती को मिले विशिष्ट भौगोलिक पहचान- चौहान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से की चर्चा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और राज्य में उत्पादित बासमती के लिए विशिष्ट भौगोलिक संकेत (जी-आई) टैग दिलाने में सहयोग की मांग की। भौगोलिक संकेत (जी-आई) टैग किसी उत्पाद के विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति स्थल को दर्शाता है।
श्री चौहान ने सोमवार को कहा कि बासमती चावल का उत्पादन मध्य प्रदेश के 13 जिलों - मुरैना, भिंड, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, जबलपुर और नरसिंहपुर में लगभग 80 हजार किसानों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा, ऐतिहासिक साक्ष्यों को देखते हुए, राज्य में उत्पादित बासमती को जीआई टैग देना उचित होगा, जो राज्य के किसानों के हितों को सुरक्षित बनाए रखेगा। राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक बयान के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उत्पादित बासमती चावल का विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है जिससे प्रदेश के राजकोष में 3 हजार करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा, इन 13 जिलों में उत्पादित चावल को जीआई टैग से इनकार करना राज्य के किसानों और उनकी आजीविका के साथ अन्याय होगा। बयान में कहा गया है कि तोमर ने उन्हें केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
इससे पहले दिन में, चौहान ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से भी मुलाकात की।
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