सीएपीएफ के आधुनिकीकरण और कल्याण के लिए 1523 करोड़ रुपये की योजना लागू , साइबर अपराध से निपटने में तेजी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs)-असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के लिए आधुनिकीकरण प्लान-IV योजना शुरू की है। यह केंद्रीय क्षेत्र योजना 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2026 तक लागू होगी और इसके लिए 1523 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित है। इसका उद्देश्य हथियार, संचार, सुरक्षात्मक उपकरण, निगरानी और सीमा प्रबंधन प्रणाली, प्रशिक्षण सामग्री, बख्तरबंद वाहन और विशेष परिवहन वाहनों जैसे अत्याधुनिक उपकरणों को शामिल कर प्रत्येक CAPF की दक्षता और प्रदर्शन को बढ़ाना है।
इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने और साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की स्थापना की है और राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया है। वर्ष 2021 में सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) भी शुरू किया गया, जिससे अब तक 5,489 करोड़ रुपये से अधिक की राशि 17.82 लाख से अधिक शिकायतों में बचाई जा चुकी है। साथ ही, हेल्पलाइन 1930 भी चालू है। साइबर अपराध से तुरंत निपटने के लिए साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC) स्थापित किया गया है, जहां बैंकों, वित्तीय संस्थानों, टेलीकॉम कंपनियों और राज्यों की पुलिस के प्रतिनिधि मिलकर काम करते हैं। अब तक 9.42 लाख से अधिक SIM कार्ड और 2,63,348 IMEI ब्लॉक किए जा चुके हैं। नेशनल साइबर फॉरेंसिक लैबोरेट्री (इंवेस्टिगेशन) ने 12,460 मामलों में जांच में मदद की है। देश में 605 मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट/लैब भी संचालित हो रही हैं।
इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) के तहत CCTNS, e-Forensics, e-Prosecution, e-Courts और e-Prisons सिस्टम का इंटीग्रेशन किया गया है। जून 2025 तक, 17,712 पुलिस स्टेशन, 117 फॉरेंसिक लैब, 751 अभियोजन जिला, 3,637 कोर्ट कॉम्प्लेक्स और 1,373 जेल इसमें शामिल हैं। CAPFs के कल्याण के लिए भी बड़े कदम उठाए गए हैं। 2019 से अब तक 16,364 नए मकान बनाए गए हैं, जिससे कुल मकानों की संख्या 1,33,845 और आवास संतुष्टि स्तर 48.80% हो गया है। CAPFs eAwas पोर्टल के जरिए अब तक 6,59,155 कर्मियों ने पंजीकरण कराया है और 1,31,519 को मकान आवंटित हुए हैं।
भत्तों में अतिरिक्त रेलवे वारंट/LTC, जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग पर अतिरिक्त HRA (16%), हवाई यात्रा सुविधा, ड्रेस भत्ता, हाउसिंग मुआवजा, शिक्षा रियायतें आदि शामिल हैं। कल्याण योजनाओं में 25 लाख रुपये दुर्घटनात्मक मृत्यु पर और 35 लाख रुपये आतंकवादी हमले या दुश्मन कार्रवाई में शहीदी पर एक्स-ग्रेशिया भुगतान शामिल है। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत हर साल 2,000 छात्रवृत्तियां दी जाती हैं (1,000 लड़कों और 1,000 लड़कियों के लिए), जिनमें लड़कियों को 3,000 रुपये और लड़कों को 2,500 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। वहीं 26 MBBS और 3 BDS सीटें CAPF कर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। CAPF पुनर्वास योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों में पुनर्नियोजन की सुविधा है।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आयुष्मान CAPF योजना 23 जनवरी 2021 को शुरू की गई थी। आज यह देशभर में लागू है और 41 लाख से अधिक आयुष्मान CAPF कार्ड जारी हो चुके हैं। CAPF, AR और NSG कर्मियों व उनके परिवारों को 2,006 CGHS और 32,100 AB-PMJAY अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिल रहा है। यह अहम जानकारी आज मंगलवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।
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