दुश्मन के रडार से दूर, टॉरपीडो और एंटीशिप मिसाइलों से लैस खंडेरी
नौसेना में शामिल हुआ आईएनएस खंडेरी
मुंबई। आईएनएस खंडेरी को मझगांव बंदरगाह शिपबिल्डर्स लिमिटेड में शनिवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र में शांति बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ नौसेना कड़ी कार्रवाई करेगी। खंडेरी पनडुब्बी के नौसेना में शामिल किए जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा, यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो अपनी पनडुब्बी खुद बनाते हैं।
देश में निर्मित यह पनडुब्बी एक घंटे में करीब 35 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है। खंडेरी 67 मीटर लंबी और 6.2 मीटर चौड़ी है। इसकी ऊंचाई 12.3 मीटर है, जिसका कुल वजन 1550 टन है। एक बार पानी में जाने के बाद यह 12 हजार किमी तक का सफर तय कर सकती है। रडार, सोनार, इंजन समेत इसमें छोटे बड़े 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं। इसके बावजूद बगैर आवाज किए यह पानी में चलने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है। इस वजह से रडार आसानी से इसका पता नहीं लगा सकते हैं, शायद इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जा रहा है।
2017 में समुद्र में उतरी
खंडेरी पहली बार एक जून, 2017 को समुद्र में उतारी गई थी। यह तब से लेकर अपनी तैरने, आगे बढऩे और संघर्ष करने की काबिलियत को कई बार समुद्री परीक्षण में दिखा चुकी है। समुद्र में सभी परीक्षण पूरे होने के बाद 19 सितंबर, 2019 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (एमडीएल) ने इसे नौसेना के सुपुर्द कर दिया।
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