भगवान शिव के लोकप्रिय नाम
शिव हिंदू धर्म ग्रंथ पुराणों के अनुसार भगवान शिव ही समस्त सृष्टि के आदि कारण हैं। उन्हीं से ब्रह्मा, विष्णु सहित समस्त सृष्टि का उद्भव होता हैं। शिव के 1008 नाम हैं जिन्हें शिव सहस्त्रनाम कहा जाता है। इसका महत्व पुराणों में विशेष रूप से वर्णित है। विष्णु सहस्त्रनाम की तरह शिव सहस्त्र नाम भी अत्यंत पुण्यदायक है। महाशिवरात्रि, श्रावण मास, सोमवार और प्रदोष पर इनका पाठ हर तरह की परेशानियां दूर करता है।
शिव नके अनेक रूपों में उमा-महेश्वर, अद्र्धनारीश्वर, पशुपति, कृत्तिवासा, दक्षिणामूर्ति तथा योगीश्वर आदि अति प्रसिद्ध हैं। भगवान शिव की ईशान, तत्पुरुष, वामदेव, अघोर तथा अद्योजात पांच विशिष्ट मूर्तियां और शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव- ये अष्टमूर्तियां प्रसिद्ध हैं।
सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमशंकर, विश्वेश्वर, त्र्यंबक, वैद्यनाथ, नागेश, रामेश्वर तथा घुश्मेश्वर- ये प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंग हैं।
भगवान शिव के प्रमुख नाम
नाम अर्थ
शिव कल्याण स्वरुप
महेश्वर माया के अधीश्वर
शम्भु आंनद स्वरुप वाले
पिनाकी पिनाक धानुष धारण
शशिशेखर सिर पर चंद्र धारण करने वाले
वामदेव अत्यंत सुन्दर स्वरुप धारण करने वाले
विरूपाक्ष भौंडे आंख वाले
कपर्दी जटाजूट धारण करने वाले
नीललोहित नीले और लाल रंग वाले
शर सबका कल्याण करने वाले
शूलपाणि हाथ में त्रिशुल धारण करने वाले
खट्वी खटिया का एक पाया रखने वाला
विष्णुवल्लभ भगवान विष्णु के अतिप्रेमी
शिपिविष्ट सितुहा में प्रवेश करने वाले
अम्बिकानाथ भगवती के पति
श्रीकण्ठ सुन्दर कण्ठ वाले
भक्तवत्सल भक्तों को अत्यन्त स्नेह करने वाले
भव संसार के रूप में प्रकट होने वाले
शर्व कष्टों को नष्ट करने वाले
त्रिलोकेश तीनों लोकों के स्वामी
शितिकण्ठ सफेद कण्ठ वाले
शिवाप्रिय पार्वती के प्रिय
उग्र अत्यन्त उग्र रूप वाले
कपाली कपाल धारण करने वाले
कामारी कामदेव के शत्रु
अन्धकासुरसूदन अंधक दैत्य को मारने वाले
गङ्गाधर गंगा जी को धारण करने वाले
कालकाल काल के भी काल
कृपानिधि करुणा के खान
भीम भयंकर रूप वाले
परशुहस्त हाथ में फरसा धारण करने वाले
मृगपाणी हाथ में हिरण धारण करने वाले
जटाधर जटा रखने वाले
कैलाशवासी कैलास के निवासी
कवची कवच धारण करने वाले
कठोर अत्यन्त मजबूत देह वाले
त्रिपुरान्तक त्रिपुरासुर को मारने वाले
वृषांक बैल के चिन्ह वाली झ्ण्डा वाले
वृषभारूढ बैल की सवारी वाले
भस्मोद्धूलितविग्रह सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
सामप्रिय सामगान से प्रेम करने वाले
स्वरमय सातों स्वरों में निवास करने वाले
त्रयीमूर्ति वेदरूपी विग्रह वाले
अनीश्वर जिसका और कोई मालिक नहीं है
सर्वज्ञ सब कुछ जानने वाले
परमात्मा सबका अपना आपा
सोमसूर्याग्निलोचन चन्द्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले :
हवि आहुति रूपी द्रव्य वाले
यज्ञमय यज्ञस्वरूप वाले
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