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 कप्तान सूर्यकुमार के सामने एशिया कप फाइनल में बल्लेबाज के तौर पर चमक बिखेरने की चुनौती

दुबई.  कप्तान के तौर पर एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में अब तक शानदार परिणाम हासिल करने वाले सूर्यकुमार यादव बल्ले से अपनी ख्याति के मुताबिक चमक बिखेरने में नाकाम रहे हैं लेकिन रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले फाइनल में उनके पास शानदार मौका होगा। सूर्यकुमार का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच में नाबाद 47 रन रहा है। उन्होंने यह पारी तब खेली जब टीम जीत के लिए छोटे लक्ष्य का पीछा कर रही थी और आक्रामक सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने 31 रन की ताबड़तोड़ पारी से टीम के अन्य बल्लेबाजों से दबाव पूरी तरह से हटा दिया था। कप्तान बनने के बाद सूर्यकुमार की बल्लेबाजी में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसका एक कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव करना भी है। सूर्यकुमार युवा खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका देने के लिए अपने बल्लेबाजी क्रम को आगे पीछे करते रहे हैं। सूर्यकुमार ने 2024 में 15 पारियों में चार अर्धशतक की मदद से 420 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 271 गेंदें खेली और उनका स्ट्राइक-रेट 155 रहा। इन 15 पारियों में उन्होंने 40 चौके और 22 छक्के लगाए। उनकी डॉट गेंद का प्रतिशत 35 के आसपास का रहा। भारतीय कप्तान ने साल 10 पारियों में 90 गेंदों पर केवल 99 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक-रेट गिरकर 110 हो गया है। इसका मुख्य कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में खुद से किए गए बदलाव का भी योगदान है। इसमें से ज्यादातर मैचों में भारतीय टीम इतनी हावी रही है कि पहले गेंदबाजी करने पर उसे जीत के लिए छोटे लक्ष्य मिले। टीम ने जब पहले बल्लेबाजी की तो अभिषेक और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों की बड़ी पारियों के कारण सूर्यकुमार को क्रीज पर समय बिताने का बहुत कम समय मिला। इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि उन्होंने इन 10 पारियों में वह केवल 10 चौके और तीन छक्के ही लगाये हैं। उनकी डॉट बॉल का प्रतिशत लगभग 48 तक बढ़ गया है जिसका मतलब है कि वह लगभग हर दो गेंदों में एक डॉट बॉल खेल रहे हैं। भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि कप्तान सूर्यकुमार बल्लेबाज सूर्यकुमार की परवाह करे। वह जिस तरह तिलक (वर्मा), संजू या अभिषेक की परवाह करते हैं, उसी तरह उन्हें विश्व स्तरीय बल्लेबाज सूर्यकुमार की भी परवाह करनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘सूर्यकुमार को बल्लेबाजी करते समय यह भूल जाना चाहिये कि वह कप्तान हैं और बिंदास क्रिकेट खेलें, जैसा कि वह पिछले कई वर्षों से करते आये हैं।'' प्रतिद्वंद्वी टीमों के गेंदबाज सूर्यकुमार के खिलाफ बेहतर रणनीति के साथ आ रहे हैं। दुबई की पिचों पर पावरप्ले के बाद नये बल्लेबाज के लिए बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जा रहा है। सूर्यकुमार के पास हालांकि इन चुनौतियों से पार पाने का अनुभव और कौशल है। भारतीय टीम उनसे फाइनल में यादगार पारी की उम्मीद करेगी।

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