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- नयी दिल्ली. देश में गोद लिये जाने की प्रतीक्षा कर रहे बच्चों में से करीब दो-तिहाई विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चे हैं, जबकि पिछले कुछ वर्षों में गोद लेने की कुल संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। सरकार के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 3,684 बच्चे गोद लेने के लिए कानूनी रूप से अनुमोदित थे और 2,177 बच्चे केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के माध्यम से गोद लेने के लिए उपलब्ध थे। इन 2,177 बच्चों में से 1,423 या 65 प्रतिशत विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चे थे। विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों को गोद लेने के लिए लगातार प्रयासों और जागरूकता अभियानों के बावजूद, आधिकारिक अभिलेख बताते हैं कि इन बच्चों को गोद लेने के मामले अपेक्षाकृत बहुत कम हैं।एक आरटीआई के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में ऐसे बच्चों के दत्तक ग्रहण के 401 मामले थे, लेकिन अगले वर्ष यह संख्या घटकर 166 रह गई। इसके बाद से यह संख्या हर साल 300 से 370 के बीच रही है। वर्ष 2024-25 में विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले 328 बच्चों को गोद लिया गया, जिनमें ‘‘अन्य लिंग'' श्रेणी में सूचीबद्ध एक बच्चा भी शामिल है। वर्ष 2014 के बाद यह पहली बार हुआ है। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, भारत में समग्र दत्तक ग्रहण व्यवस्था को 2024-25 में बड़ा प्रोत्साहन मिला और इस दौरान 4,515 दत्तक ग्रहण हुए और यह आंकड़ा 2015-16 के बाद से सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 में 4,266 गोद लेने की घटनाएं दर्ज की गईं।अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण में 93 बच्चों को भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (ओसीआई), 59 को अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और 306 बच्चों को विदेशी नागरिकों ने गोद लिया। रिपोर्ट में दत्तक ग्रहण प्रणाली में हुए अहम बदलावों का भी उल्लेख है।उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद कारा ने जुलाई 2024 में एक ‘‘पहचान प्रकोष्ठ'' स्थापित किया, ताकि सभी बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रह रहे बच्चों को 'केयरिंग्स पोर्टल' पर दर्ज किया जा सके। बढ़ते दत्तक ग्रहण तंत्र को समर्थन देने के लिए विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसियों की संख्या 495 से बढ़कर 698 हो गई, जो 588 जिलों को सम्मेलित करती हैं। बाल कल्याण समितियां 480 से बढ़कर 665 हो गईं और जिला बाल संरक्षण इकाइयों की संख्या 756 हो गई।कारा विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले और बड़े बच्चों के दत्तक ग्रहण को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहा है। वर्ष 2024 में विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले 364 बच्चों को भावी दत्तक माता-पिता द्वारा ‘‘आरक्षित'' किया गया, जिससे धीरे-धीरे रुचि बढ़ने का संकेत मिला है।
- मैसुरु. वर्ष का वह समय एक बार फिर आ गया है, जब यह ऐतिहासिक नगरी सालाना दशहरा उत्सव की तैयारियों में रंग-बिरंगी रोशनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सज उठती है। वर्ष 1610 में शुरू हुई नवरात्रि पर्व की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस बार भी शहर में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की शृंखला आरंभ हो गई है, जो न सिर्फ स्थानीय निवासियों बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। ‘नाडा हब्बा' (राज्य उत्सव) के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व में इस बार कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के साथ-साथ शाही वैभव की झलक भी देखने को मिलेगी । चंद्र पंचांग के अनुसार इस वर्ष का ग्यारह दिवसीय दशहरा उत्सव 22 सितंबर से शुरू होकर विजयादशमी यानी दो अक्टूबर को समाप्त होगा। दशहरा को इस क्षेत्र का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है।यह त्योहार तत्कालीन मैसूर राजवंश के शाही संरक्षण में मनाया जाता था। अब यह त्योहार कर्नाटक सरकार के तत्वावधान में मनाया जाता है। मुश्ताक 22 सितंबर को सुबह 10:10 से 10:40 के शुभ वृश्चिक लग्न में चामुंडी हिल्स स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर में वेद मंत्रोच्चार के बीच देवी चामुंडेश्वरी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दशहरा समारोह का उद्घाटन करेंगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, उनके कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
- श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि पिछले पांच वर्षों में किए गए संरक्षण प्रयासों के कारण यहां की प्रसिद्ध डल झील साफ हुई है। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरणीय संसाधनों के साथ आर्थिक विकास को समन्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि जलाशय के एक-तिहाई से ज़्यादा हिस्से का पुनरुद्धार हो चुका है और इसका खुला क्षेत्र पहली बार 20 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा हो गया है। ‘सेवा पर्व' के तहत सिन्हा डल झील सफ़ाई अभियान में शामिल हुए।उपराज्यपाल ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘सेवा पर्व के तहत, डल झील सफ़ाई अभियान में शामिल हुआ। पिछले पांच वर्षों के दौरान, डल-निगीन झील और इसके जलग्रहण क्षेत्र के संरक्षण का काम मिशन मोड में किया गया है। डल झील साफ हुई है और बड़ी संख्या में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।'' उन्होंने कहा कि झील के एक-तिहाई से ज़्यादा हिस्से का पुनरुद्धार किया जा चुका है।उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘बड़े क्षेत्रों से लिली के पौधों को हटा दिया गया है और डल झील का खुला क्षेत्र पहली बार 20.3 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा हो गया है।'' सिन्हा ने नागरिकों से सामुदायिक भागीदारी के ज़रिए झीलों, नदियों और अन्य जल निकायों के संरक्षण का आह्वान किया। सिन्हा ने नागरिकों से सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से झीलों, नदियों और अन्य जलाशयों के संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्राकृतिक संसाधन हमें अतीत में की गई गलतियों से सबक सीखने की याद दिला रहे हैं। हमें प्रकृति के नाज़ुक संतुलन का सम्मान करना चाहिए और अपनी झीलों और नदियों को साफ़ करने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।'' उपराज्यपाल ने आर्थिक विकास को पर्यावरणीय संसाधनों के साथ समन्वित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा, ‘‘विकास एकतरफ़ा नहीं हो सकता। अतिक्रमण, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक दोहन हमारी नदियों और झीलों के लिए एक बड़ा खतरा बन रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों के तेज़ी से घटते स्तर और हमारी पारिस्थितिकी के क्षरण जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।'' सिन्हा ने कहा कि आर्थिक विकास और पारिस्थितिक अखंडता को सरकारी नीति में शामिल किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि झीलें और नदियां मानवता के लिए आवश्यक जीवनरेखा हैं और नागरिकों को सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से इनका संरक्षण करना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) द्वारा शुरू की गई अनेक परियोजनाएं भी डल निवासियों के जीवन में बदलाव ला रही हैं।
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नयी दिल्ली. जीएसटी दरों में कटौती लागू होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से 'जीएसटी बचत उत्सव' शुरू होगा और आयकर छूट के साथ यह ज्यादातर लोगों के लिए ''दोहरा लाभ'' होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि विकास की दौड़ में सभी राज्य समान हितधारक होंगे। उन्होंने राज्यों से 'आत्मनिर्भर भारत' और स्वदेशी अभियानों को ध्यान में रखते हुए विनिर्माण को गति देने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, ''नवरात्रि के पहले दिन, देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। कल सूर्योदय के साथ, अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। कल से 'जीएसटी बचत उत्सव' शुरू होगा।'' उन्होंने आगे कहा, ''आप अपनी पसंद की वस्तुएं ज्यादा आसानी से खरीद पाएंगे... इससे गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, व्यापारी और दुकानदार लाभान्वित होंगे।'' मोदी ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में सभी की खुशियां बढ़ेंगी।
उन्होंने अगली पीढ़ी के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों के लिए सभी को बधाई दी। मोदी ने कहा, ''ये सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत ने 2017 में जीएसटी सुधारों की ओर कदम बढ़ाया, तो इतिहास रचने की एक नई शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने 'एक राष्ट्र-एक कर' के सपने को साकार किया। मोदी ने इस बात का उल्लेख भी किया कि कैसे करों और टोल के जाल ने व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए कठिनाइयां पैदा की हैं। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर छूट और जीएसटी सुधारों का हवाला देते हुए कहा कि यह गरीबों, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए दोहरा लाभ है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों से छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों से स्वदेशी सामान बेचने और खरीदने में गर्व महसूस करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी आंदोलन की तरह, भारत की समृद्धि भी स्वदेशी के मंत्र से मजबूत होगी। जीएसटी सुधारों के लागू होने से रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, दवाओं और उपकरणों से लेकर ऑटोमोबाइल तक, लगभग 375 वस्तुओं पर दरें सोमवार से घट जाएंगी। उपभोक्ताओं को एक बड़ा तोहफा देते हुए, केंद्र और राज्यों की जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी की दरें कम करने का फैसला किया था। -
नयी दिल्ली. अमेरिका में अध्ययन करने के इच्छुक लोगों के पिछले एक वर्ष में पूछताछ करने में 46 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, जबकि पिछले दो वर्षों में कनाडा में अध्ययन से संबंधित पूछताछ में लगभग 75 प्रतिशत की कमी आई है। ‘आईडीपी एजुकेशन' के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वर्ष 1969 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा स्थापित, आईडीपी एजुकेशन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सेवाओं में एक वैश्विक अग्रणी संस्थान है जो छात्रों को विदेश में अध्ययन करने के उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। कंपनी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे गंतव्यों के लिए पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय चयन, आवेदन जमा करने, वीजा प्रक्रिया और प्रस्थान-पूर्व योजना बनाने पर निःशुल्क विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह अंग्रेजी भाषा दक्षता परीक्षा (आईईएलटीएस) भी आयोजित करती है। ‘आईडीपी एजुकेशन' के दक्षिण एशिया, कनाडा और लैटिन अमेरिका (एलएटीएएम) के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष कुमार के अनुसार, भू-राजनीतिक स्थिति ने छात्रों की अमेरिका और कनाडा जाने की योजनाओं को प्रभावित किया है। कुमार ने ‘ कहा, ‘‘अगर हम भू-राजनीतिक स्थिति की बात करें, तो मुझे लगता है कि यह मुख्य रूप से अमेरिका से संबंधित है और हमने देखा है कि पिछले छह से 12 महीनों में इस स्थिति ने अमेरिका जाने की योजना बना रहे छात्रों की योजनाओं को स्पष्ट रूप से प्रभावित किया है। यह वास्तव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले ही शुरू हो गया था, इसलिए हमने देखा कि जून के बाद से वीजा अनुमोदन दरों में गिरावट आई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर, चुनावी वर्ष के दौरान, हम देखते हैं कि हर बार किसी न किसी कारण से वीजा अनुमोदन दर कम हो जाती है। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के आने के बाद, मुझे लगता है कि वे कुछ बदलाव की योजना बना रहे हैं।'' आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि मई 2024 की तुलना में इस साल मई में अमेरिका के लिए पूछताछ में 46.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले दो वर्षों में कनाडा के लिए पूछताछ में भी लगभग 70 से 75 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा में पिछले दो वर्षों में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। इसकी शुरुआत तब हुई जब (पूर्व कनाडाई प्रधानमंत्री) जस्टिन ट्रूडो और भारत सरकार के बीच विवाद हुआ। लेकिन समय के साथ, हुआ यह है कि कनाडा भी अमेरिकी शुल्क (टैरिफ) से प्रभावित हुआ है और कनाडा का 80 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है, इसलिए वे बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘लोग सोचते हैं कि कनाडा जाने का यह सही समय नहीं है, क्योंकि उन्होंने अध्ययन के बाद के काम को भी केवल छह श्रेणियों तक सीमित कर दिया है और यहीं पर बहुत सारे छात्र सोचते हैं कि यदि वे कहीं और जाकर अध्ययन करेंगे, तो अध्ययन के बाद कोई काम नहीं होगा और उन्हें वापस आना पड़ेगा।'' कुमार ने कहा, कनाडा सरकार ने कहा है कि ये उपाय 2027 तक लागू रहेंगे और इसके बाद वे इस नीति पर पुनर्विचार करेंगे। उन्होंने बताया कि अगले दो साल कनाडा के लिए भी नरम रुख रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप अन्य बड़े गंतव्यों, जैसे ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया, पर नजर डालें, तो कुल मिलाकर मांग बरकरार है, वहां जाने वाले छात्रों की संख्या भी पूरी तरह बरकरार है।'' कुमार ने कहा, ‘‘वास्तव में ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि इस वर्ष वे छात्रों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में नौ प्रतिशत की वृद्धि करने जा रहे हैं, इसलिए वे प्रबंधित वृद्धि की बात कर रहे हैं, वे अधिक छात्रों को प्रवेश की अनुमति देंगे, लेकिन प्रबंधित तरीके से।'' हर साल, लगभग 1,00,000 आईडीपी छात्र दुनियाभर के 800 से अधिक विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। आईडीपी की ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड और न्यूजीलैंड के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों के साथ 800 से ज्यादा साझेदारियां हैं। आईडीपी के भारत में 63 शहरों में 73 कार्यालय हैं।
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नयी दिल्ली. वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान पर सभी राज्यों का खर्च वित्त वर्ष 2013-14 के 6,26,849 करोड़ रुपये से 2.49 गुना बढ़कर 2022-23 में 15,63,649 करोड़ रुपये हो गया। राज्यों के वित्त पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, राज्यों के राजस्व व्यय का एक बड़ा हिस्सा या तो प्रतिबद्ध व्यय है या पहले से तय है। वेतन, पेंशन और सार्वजनिक ऋण तथा देनदारियों पर ब्याज भुगतान को ‘प्रतिबद्ध व्यय' माना जाता है।
वित्त वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक 10 साल के दौरान राज्यों का राजस्व व्यय, उनके कुल व्यय का 80-87 प्रतिशत था। संयुक्त जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में यह लगभग 13-15 प्रतिशत था। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने राज्य वित्त 2022-23 पर अपनी तरह के पहले प्रकाशन में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में राजस्व व्यय, कुल व्यय का 84.73 प्रतिशत और संयुक्त जीएसडीपी का 13.85 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2022-23 में, 35,95,736 करोड़ रुपये के कुल राजस्व व्यय में प्रतिबद्ध व्यय 15,63,649 करोड़ रुपये था। इसके अलावा सब्सिडी पर 3,09,625 करोड़ रुपये और अनुदान सहायता पर 11,26,486 करोड़ रुपये खर्च हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, वेतन सबसे बड़ा घटक था, उसके बाद पेंशन व्यय और ब्याज भुगतान का स्थान था।
हालांकि, नौ राज्यों (आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल) में ब्याज भुगतान पेंशन व्यय से अधिक था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 में 17 राज्यों ने राजस्व अधिशेष, पांच राज्यों ने राजस्व घाटे और छह ने शून्य राजस्व घाटे का लक्ष्य रखा है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को दुर्गा पूजा शुरू होने से पहले मनाए जाने वाले महालया के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आप सभी को महालया की शुभकामनाएं। जैसे-जैसे दुर्गा पूजा के पवित्र दिन नजदीक आ रहे हैं, हमारा जीवन प्रकाश और उद्देश्य से भर जाए। मां दुर्गा का दिव्य आशीर्वाद अटूट शक्ति, स्थायी आनंद और अद्भुत स्वास्थ्य प्रदान करे।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, “महालया के पावन अवसर पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मां दुर्गा का अपार स्नेह हर घर में आनंद, शक्ति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य के सभी दिव्य आशीर्वाद प्रदान करे।”वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सोशल मीडिया पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। महालया के मौके पर ममता बनर्जी ने एक गीत भी शेयर किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “जागो दुर्गा, जागो, दस शस्त्रों की धारक। महालया के पावन अवसर पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।”महालया देवी पक्ष की शुरुआत करता है, जो देवी दुर्गा का दस दिवसीय उत्सव है और दुर्गा पूजा के साथ समाप्त होता है। यह राक्षस राजा महिषासुर का वध करने के लिए देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का संकेत देता है। यह एक शुभ दिन है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।पश्चिम बंगाल में, इस दिन को भोर से पहले ‘महिषासुर मर्दिनी’ के प्रसारण के लिए जाना जाता है, जो देवी का आह्वान करने वाले भजनों और मंत्रों का एक कार्यक्रम है, और इसे सुनना सभी के लिए एक प्रिय परंपरा है। महालया के दिन मूर्तिकार आमतौर पर ‘चोखू दान’ नामक अनुष्ठान में देवी दुर्गा की आंखों का चित्र बनाते हैं।पश्चिम बंगाल में हजारों लोग ‘तर्पण’ करते हैं, जो दुर्गा पूजा के साथ त्योहारों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन की शुरुआत हुगली नदी और राज्य भर के अन्य जलाशयों के तट पर लोगों ने अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की।- -
नई दिल्ली। स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री के "स्वच्छता ही सेवा" (एसएचएस) आह्वान के अंतर्गत भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी ) ने 20 सितंबर 2025 को देश भर में अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस 2025 मनाया। एनसीसी कैडेटों, एनएसएस सदस्यों, स्कूल और कॉलेज के छात्रों सहित 26,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने तटीय स्वच्छता को बहाल करने के लिए समुद्र तट सफाई अभियान में शामिल हुए और कूड़ा-कचरा तथा समुद्री मलबा हटाया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सतत कार्यों के प्रति जागरूक करना और नाजुक तटीय इकोसिस्टम की रक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना भी था।संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम (एसएसीईपी) के तत्वावधान में सितंबर के तीसरे शनिवार को विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला यह अभियान व्यापक सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से समुद्री प्रदूषण का मुकाबला करता है। आईसीजी 2006 से इसका राष्ट्रीय समन्वयक रहा है और लगातार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है। इस अभियान ने 11,000 किलोमीटर लंबे समुद्र तट की सुरक्षा और स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए देश की प्रतिबद्धता को उजागर किया।
- -अरुणाचल प्रदेश की विशाल जलविद्युत क्षमता के उपयोग के लिए, प्रधानमंत्री ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे-प्रधानमंत्री जीवन स्तर में सुधार के लिए कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और अन्य विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे- प्रधानमंत्री त्रिपुरा में, माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर के विकास कार्यों का दौरा और उद्घाटन करेंगेनई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 22 सितम्बर को अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा का दौरा करेंगे। वे ईटानगर में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अनेक विकास परियोजनाओं की अधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।इसके बाद, वे त्रिपुरा का दौरा करेंगे और पूजा-अर्चना करेंगे तथा माताबाड़ी में 'माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर' के विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे।अरुणाचल प्रदेश में प्रधानमंत्रीक्षेत्र में विशाल जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने और निरन्तर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और तातो-I जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट) अरुणाचल प्रदेश के सियोम उप-बेसिन में बनाई जाएंगी।प्रधानमंत्री तवांग में एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखेंगे। सीमावर्ती जिले तवांग में 9,820 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह केन्द्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक उत्सवों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए एक ऐतिहासिक इमारत के रूप में कार्य करेगा। 1,500 से अधिक प्रतिनिधियों की मेजबानी करने की क्षमता के साथ, यह केन्द्र वैश्विक मानकों को पूरा करेगा और क्षेत्र की पर्यटन और सांस्कृतिक संभावना में सहयोग करेगा।प्रधानमंत्री 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अनेक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे, जो कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी। इन पहलों से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने, जीवन स्तर में सुधार और कनेक्टिविटी में सुधार होने की उम्मीद है।व्यापार में सुगमता सुनिश्चित करने और एक जीवंत उद्यमशीलता इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की अपनी कल्पना के अनुरूप, प्रधानमंत्री स्थानीय करदाताओं, व्यापारियों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ हाल ही में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के प्रभाव पर भी चर्चा करेंगे।त्रिपुरा में प्रधानमंत्रीभारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत माताबाड़ी में 'माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर' के विकास कार्य का उद्घाटन करेंगे। यह त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर शहर में स्थित प्राचीन 51 शक्तिपीठों में से एक है।इस परियोजना को ऊपर से कछुए के आकार का आकार दिया गया है, जिसमें मंदिर परिसर में सुधार, नए रास्ते, पुनर्निर्मित प्रवेश द्वार और बाड़, जल निकासी व्यवस्था, स्टालों, ध्यान कक्ष, अतिथि आवास, कार्यालय कक्षों सहित एक नये तीन मंजिले परिसर का निर्माण आदि शामिल हैं। यह पर्यटन को बढ़ावा देने, रोजगार और व्यापार के अवसर पैदा करने और क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- जम्मू. नवरात्र से पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी)परमवीर सिंह ने कटरा में सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसमें सेना, सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होगी और एक अक्टूबर को इसका अंतिम दिन होगा। इस दौरान देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के वैष्णो देवी मंदिर आने की संभावना है। बैठक को संबोधित करते हुए एसएसपी ने कहा कि तैनात सुरक्षा बलों की प्राथमिक जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालुओं को त्योहार के दौरान सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण मिले। उन्होंने भवन तक जाने वाले पूरे रास्ते पर पुख्ता सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए।पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि गहन तलाशी और गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई असामाजिक या राष्ट्रविरोधी तत्व शांतिपूर्ण माहौल को बाधित न कर सके। उन्होंने बताया कि पहचान पत्र की सख्त जांच और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि कोई व्यक्ति किसी दूसरे का रूप धारण करके परिसर में प्रवेश न कर सके। एसएसपी ने कटरा कस्बे में प्रवासियों का सत्यापन और जनगणना कराने, टट्टू मालिकों और कामगारों की प्राथमिकता से जांच, होटलों और आवासीय स्थलों की नियमित जांच कर आगंतुकों का सत्यापन करने और सभी थानों में आतंकवादियों के सहयोगियों की सूची को अघतन करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने उग्रवाद के नये चलन पर रोक लगाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सख्त निगरानी पर भी जोर दिया।
- पुणे. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के प्रमुख सदानंद दाते ने शनिवार को कहा कि छद्म युद्ध और आईएसआईएस भारत के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नयी बाधाओं से निपटने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थानों के भीतर भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा। वह एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पुणे में थे, जहां उन्होंने “भारत की आंतरिक सुरक्षा और इसकी चुनौतियां” विषय पर व्याख्यान दिया। देश की प्रमुख आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि नक्सलवाद, खालिस्तानी तत्व और अलगाववाद आंतरिक चुनौतियां बने हुए हैं, लेकिन छद्म युद्ध और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) देश के लिए बड़ा खतरा हैं। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, “पहला, कुछ देश छद्म युद्धों के जरिए हमारी प्रगति में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं, और दूसरा है आईएसआईएस। अगर हमें नयी चुनौतियों का सामना करना है, तो हमें लोकतंत्र को मजबूत करना होगा। अगर हम चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थाओं में भ्रष्टाचार भी खत्म होना चाहिए।” एनआईए प्रमुख ने कहा कि भारत को आतंकवाद, नक्सलवाद, खालिस्तानी तत्वों, कश्मीर में अलगाववाद और पूर्वोत्तर में बांग्लादेश और म्यांमा से घुसपैठ सहित कई आंतरिक खतरों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “अब तक, हमने इनमें से कई मुद्दों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है। हमारा संविधान और लोकतंत्र, साथ ही स्वतंत्र न्यायपालिका, हमारी सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं, क्योंकि इन्हीं ने हमें सफल होने में सक्षम बनाया है।” एनआईए प्रमुख ने महाराष्ट्र की विशिष्ट आतंकवाद निरोधी एजेंसी फोर्स वन की स्थापना के दौरान के अपने अनुभव को भी याद किया। दाते ने कहा, “26/11 हमले के बाद, पुलिस बल में व्यापक बदलाव किए गए। सरकार ने महाराष्ट्र में एक कमांडो यूनिट बनाने का फैसला किया और मुझे फोर्स वन का आईजी (महानिरीक्षक) नियुक्त किया गया। मैं रोज सुबह छह बजे उनके साथ शारीरिक प्रशिक्षण के लिए जाता था।” उन्होंने कहा, “हमने फोर्स वन के मूल्यों को सीधे अपने कर्मचारियों से समझा। यहां, हमें एहसास हुआ कि कर्तव्य जीवन से भी बड़ा है। हमने एक मूल्य-आधारित संगठन बनाया। काम की गुणवत्ता आपके पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमने यह विश्वास स्थापित किया कि प्रतिभा पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
- बहराइच . उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के कोडरी गांव में बरसात के पानी से भरे गड्ढे में शनिवार शाम डूबने से करीब छह-सात साल की तीन चचेरी बहनों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि चित्तौरा झील के पास नये निर्माणाधीन पुल के निकट जेसीबी से गहरा गड्ढा खोदा गया था और उसमें बारिश का पानी भर जाने से वह तालाब जैसा हो गया था। चित्तौरा मसीहाबाद गांव निवासी प्रियांशी, दिव्या और लक्ष्मी (उम्र करीब छह-सात वर्ष) घर से खेलने निकली थीं और गड्ढे के किनारे खेलते समय उसमें डूब गईं। उन्होंने बताया कि स्थानीय गोताखोरों की मदद से बच्चियों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सदर क्षेत्र की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) पूजा चौधरी ने बताया कि तीनों बच्चियों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और उनके परिजनों को अनुमन्य सरकारी सहायता दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
- नयी दिल्ली. केंद्र ने संशोधित जीएसटी दरों से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण और उनके निवारण के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के 'इनग्राम' पोर्टल पर एक समर्पित श्रेणी बनाई है। जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरें कम कर दी हैं।शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में अनुमोदित जीएसटी सुधार के अनुरूप बनाने के लिए कदम उठाए हैं। बयान में कहा गया कि 22 सितंबर से प्रभावी होने वाले संशोधित जीएसटी शुल्कों, दरों और छूटों से संबंधित उपभोक्ताओं के सवालों और शिकायतों को संभालने के लिए 'इनग्राम' (इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म) पोर्टल पर एक नई, समर्पित श्रेणी शुरू की गई है। इस श्रेणी में कई प्रमुख उप-श्रेणियां शामिल हैं, जैसे वाहन, बैंकिंग, ई-कॉमर्स, एफएमसीजी (रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं) और अन्य, जिनमें जीएसटीा से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकेंगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों द्वारा 11 सितंबर को एक उद्घाटन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य एनसीएच परामर्शदाताओं को जीएसटी से संबंधित प्रश्नों और शिकायतों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम बनाना था।
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भावनगर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अन्य देशों पर भारत की निर्भरता को उसका मुख्य दुश्मन बताया और आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र पर जोर देते हुए कहा कि “चिप हो या शिप...हमें भारत में ही बनाने होंगे”। वह गुजरात में भावनगर के गांधी मैदान में ‘समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने कुल 34,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। मोदी ने कहा कि भारत की सभी समस्याओं का एक ही समाधान है और वह है आत्मनिर्भरता। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत वैश्विक बंधुत्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है और आज दुनिया में भारत का कोई बड़ा दुश्मन नहीं है, लेकिन सही मायनों में भारत का सबसे बड़ा दुश्मन अन्य देशों पर निर्भरता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस निर्भरता को सामूहिक रूप से पराजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी निर्भरता बढ़ने से राष्ट्रीय विफलता बढ़ती है। मोदी ने कहा, “वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना होगा।” उन्होंने आगाह किया कि दूसरों पर निर्भरता राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, “140 करोड़ भारतीयों का भविष्य बाहरी ताकतों पर नहीं छोड़ा जा सकता, न ही राष्ट्रीय विकास का संकल्प विदेशी निर्भरता पर आधारित हो सकता है। आने वाली पीढ़ियों का भविष्य दूसरों पर नहीं छोड़ा जा सकता। 140 करोड़ की आबादी वाला देश अगर दूसरों पर निर्भर है, तो यह राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ समझौता है।” मोदी ने कहा कि एक लोकप्रिय कहावत के अनुसार, 100 दुखों का एक ही इलाज है, इसी तरह, भारत की सभी समस्याओं का एक ही समाधान है, और वह है आत्मनिर्भरता। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी ने युवाओं की प्रतिभा को दबा दिया और ‘लाइसेंस राज' जैसे प्रतिबंध लगा दिए। मोदी ने कहा, “भारत की अंतर्निहित शक्तियों को लगातार नजरअंदाज करने के परिणामस्वरूप, देश आजादी के छह-सात दशक बाद भी वह सफलता हासिल नहीं कर सका, जिसका वह वास्तव में हकदार था।” उन्होंने “लाइसेंस-कोटा व्यवस्था में लंबे समय तक उलझे रहने और वैश्विक बाजारों से अलगाव” को मुख्य कारक बताया। मोदी ने कहा कि जब वैश्वीकरण का युग शुरू हुआ, तो तत्कालीन सरकारों ने केवल आयात पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके कारण हजारों करोड़ रुपये के घोटाले हुए। भारत के नौवहन क्षेत्र को दोषपूर्ण नीतियों के कारण हुए नुकसान का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक बहुत ही जीवंत जहाज निर्माण उद्योग रहा है। उन्होंने कहा, “भारत के तटीय राज्यों में निर्मित जहाज कभी घरेलू और वैश्विक व्यापार को गति प्रदान करते थे। पचास साल पहले भी, भारत घरेलू स्तर पर निर्मित जहाजों का इस्तेमाल करता था, और उसका 40 प्रतिशत से ज्यादा आयात-निर्यात इन्हीं के जरिए होता था।” मोदी ने कहा, “50 साल पहले तक हमारा व्यापार 40 प्रतिशत भारत में बने जहाजों से होता था, लेकिन अब यह घटकर मात्र पांच प्रतिशत रह गया है।” उन्होंने कहा कि भारत विदेशी नौवहन कंपनियों को उनकी सेवाओं के लिए हर साल 75 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “क्या लोग कल्पना कर सकते हैं कि पिछले सात दशकों में दूसरे देशों को माल ढुलाई के रूप में कितना पैसा दिया गया है? धन के इस बहिर्वाह ने विदेश में लाखों नौकरियां पैदा की हैं। यदि इस व्यय का एक छोटा सा हिस्सा भी पिछली सरकारों ने घरेलू नौवहन उद्योग में लगाया होता, तो आज दुनिया भारतीय जहाजों का उपयोग कर रही होती, और भारत नौवहन सेवाओं से लाखों करोड़ रुपये कमा रहा होता।” मोदी ने कहा, “चिप (सेमीकंडक्टर चिप) या शिप (जहाज), हमें भारत में ही बनाने होंगे।” उन्होंने कहा कि घरेलू बंदरगाह वैश्विक समुद्री महाशक्ति के रूप में भारत के उदय की रीढ़ हैं। मोदी ने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र अब अगली पीढ़ी के सुधारों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने घोषणा की कि आज से देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों को बहुविध दस्तावेज़ों और खंडित प्रक्रियाओं से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा, “ ‘एक राष्ट्र, एक दस्तावेज' और ‘एक राष्ट्र, एक बंदरगाह' प्रक्रिया के कार्यान्वयन से व्यापार-कारोबार और सरल हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में कई सुधार शुरू किए गए हैं और पांच समुद्री कानूनों को नए रूप में पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि ये कानून नौवहन और बंदरगाह प्रशासन में बड़े बदलाव लाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि नौवहन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है और अब बड़े जहाजों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया गया है। मोदी ने कहा, “जहाज निर्माण कंपनियों को अब बैंकों से ऋण प्राप्त करना आसान हो जाएगा और उन्हें कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा। बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण से जुड़े सभी लाभ अब इन जहाज निर्माण उद्यमों को मिलेंगे।” उन्होंने कहा कि सरकार भारत को एक प्रमुख समुद्री शक्ति बनाने के लिए तीन प्रमुख योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “इन पहलों से जहाज निर्माण क्षेत्र के लिए वित्तीय सहायता आसान हो जाएगी, शिपयार्डों को आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद मिलेगी और डिजाइन तथा गुणवत्ता मानकों में सुधार होगा। आने वाले वर्षों में 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।” उन्होंने समुद्री क्षेत्र से संबंधित 7,870 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों के लिए 26,354 करोड़ रुपये से अधिक लागत की केंद्र और राज्य सरकार की कई परियोजनाओं का अनावरण और शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित ग्रीनफील्ड औद्योगिक केंद्र, धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी किया। बाद में, उन्होंने अहमदाबाद जिले के लोथल में निर्माणाधीन राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर की प्रगति की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य भारत की समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना है। इससे पहले सुबह भावनगर पहुंचने पर उन्होंने एक रोड शो में भाग लिया।
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मुंबई. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए शिलफाटा और घनसोली के बीच 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई का कार्य रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में शनिवार सुबह पूरा हो गया। वैष्णव ने इसे ‘‘ऐतिहासिक उपलब्धि'' बताते हुए कहा कि सूरत-बिलिमोरा खंड पर हाई-स्पीड कॉरिडोर का पहला चरण दिसंबर 2027 में शुरू हो जाएगा। मुंबई के पास घनसोली में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन ‘‘मध्यम वर्ग के लिए परिवहन'' का साधन होगी और किराया ‘‘उचित'' होगा। रेल मंत्री ने कहा कि ‘गूगल मैप' ऐप मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय नौ घंटे दिखाता है, लेकिन बुलेट ट्रेन से लोग यह दूरी दो घंटे सात मिनट में तय कर सकेंगे। वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना का पहला चरण 2027 में सूरत-बिलिमोरा खंड पर शुरू किया जाएगा। यह 2028 में ठाणे और 2029 में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक हो जाएगा। उन्होंने कहा, "ट्रेनों के परिचालन की इस तरह से योजना बनाई गई है कि सुबह और शाम के व्यस्त समय में हर आधे घंटे में एक ट्रेन रवाना होगी। पूरा नेटवर्क व्यवस्थित हो जाने पर, व्यस्त समय में हर 10 मिनट में एक ट्रेन उपलब्ध होगी।" मंत्री ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा के लिए टिकट आरक्षित कराने की आवश्यकता नहीं होगी और यात्री स्टेशन पर टिकट ले सकेंगे। सुरंग के एक छोर पर खड़े होकर, वैष्णव ने बटन दबाया और नियंत्रित डायनामाइट विस्फोट से इसकी अंतिम परत को तोड़ दिया, जिससे पांच किलोमीटर तक की खुदाई पूरी हो गई। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने कहा कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करके खोदी गई यह सुरंग, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और शिलपाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड का हिस्सा है। इसमें ठाणे क्रीक के नीचे 7 किलोमीटर का खंड भी शामिल है। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (508 किमी) भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री के जीवन पर आधारित एक संगीतमय कार्यक्रम ‘मेरा देश पहले- श्री नरेंद्र मोदी जी की अनकही कहानी' बृहस्पतिवार शाम इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया गया। दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा सहित अन्य लोग शामिल हुए। इस संगीतमय कार्यक्रम की परिकल्पना बॉलीवुड गीतकार मनोज मुंतशिर ने की थी। एक बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के बचपन से लेकर उनके ‘चुनौतीपूर्ण' राजनीतिक जीवन और ‘असाधारण' नेतृत्व तक के सफर को दर्शाया गया है। यह संगीतमय प्रस्तुतियों, भावपूर्ण कहानियों और मंच प्रस्तुतियों का एक मिश्रण था। प्रसिद्ध गायक बी प्राक और अन्य कलाकारों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में ओलंपिक पदक विजेता, पद्म पुरस्कार विजेता, साहित्य और कला जगत की प्रमुख हस्तियां, न्यायपालिका के गणमान्य व्यक्ति और खेल एवं मनोरंजन जगत के प्रमुख सदस्य भी शामिल हुए। नड्डा ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए इसे ‘अनूठा' अनुभव बताया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के जीवन के अनकहे और अनसुने प्रसंगों को संगीतमय रूप में प्रस्तुत किया गया। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री का जीवन सदैव ‘सेवा ही संकल्प' के सिद्धांत पर आधारित रहा है और वे न केवल भाजपा, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव और सम्मान का संचार करते हैं। मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘आज का यह भव्य आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के जीवन की प्रेरक यात्रा को समझने का एक अद्भुत अवसर लेकर आया है। इसके माध्यम से दिल्ली के लोगों को उनकी यात्रा के विभिन्न पहलुओं को करीब से देखने और जानने का अवसर मिला।''
- कोलकाता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में हालिया कटौती से राजस्व में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र किसी तरह का मुआवजा देने पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह में कमी का बोझ केंद्र और राज्यों दोनों को समान रूप से उठाना होगा। उन्होंने कहा कि करों का बंटवारा होने के बाद इसका असर केंद्र पर राज्यों की तुलना में और भी ज्यादा होगा। सीतारमण ने जीएसटी पर आयोजित चर्चा में कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में कई राज्यों, विशेषकर विपक्ष-शासित राज्यों ने दर कटौती के प्रस्ताव पर आशंका जताते हुए पूछा था कि यदि इससे राजस्व में गिरावट आती है तो उस कमी की भरपाई किस तरह होगी। उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत है। इसमें भी केंद्र के हिस्से का 41 प्रतिशत राज्यों को ही वापस चला जाता है। केंद्र के पास आखिर में केवल 23 प्रतिशत हिस्सा रह जाता है।ऐसे में राजस्व गिरावट का असर केंद्र पर भी उतना ही पड़ेगा जितना राज्यों पर। जीएसटी परिषद में दाता-ग्राही का कोई रिश्ता नहीं है।'' जीएसटी परिषद की महीने की शुरुआत में हुई बैठक में कर दरों को चार के बजाय दो स्लैब में ही रखने का फैसला किया गया। अब सिर्फ पांच और 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। हालांकि, विलासिता एवं अहितकर उत्पादों पर 40 प्रतिशत की एक विशेष दर रखी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अतीत में कई वस्तुओं के गलत वर्गीकरण और कर संरचना का लाभ उठाने से राजस्व का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘पॉपकॉर्न जैसी वस्तुओं में नमकीन एवं मीठे संस्करणों पर अलग-अलग दरें थीं। नयी व्यवस्था से ऐसी खामियों को दूर किया गया है।'' सीतारमण ने भरोसा जताया कि ‘नयी पीढ़ी के जीएसटी सुधार' से दो लाख करोड़ रुपये अर्थव्यवस्था में जाएंगे, जिससे मांग बढ़ेगी और 140 करोड़ लोगों को फायदा होगा। जीएसटी दरों में कटौती 22 सितंबर से लागू होगी।
- नई दिल्ली। फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी ल्यूपिन ने घोषणा की है कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कैंसर रोगियों के लिए 2.5 मिलीग्राम से 25 मिलीग्राम की क्षमता वाले लेनालिडोमाइड कैप्सूल के लिए उसके नए दवा आवेदन को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि लेनालिडोमाइड को मल्टीपल मायलोमा (एक घातक रक्त कैंसर) वाले वयस्क रोगियों के उपचार के लिए स्वीकृति मिली है। खासतौर पर जब ऑटोलॉगस हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन के बाद मेनटेनेंस थैरेपी के रूप में डेक्सामेथासोन के साथ इसका उपयोग किया जाता है।लेनालिडोमाइड कैप्सूल अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी ब्रिस्टल-मायर्स स्क्विब कंपनी द्वारा विकसित रेव्लिमिड कैप्सूल का एक जेनेरिक वर्जन है। बयान में कहा गया है कि इस उत्पाद का निर्माण ल्यूपिन के मध्य प्रदेश स्थित पीथमपुर प्लांट में किया जाएगा। ल्यूपिन ने घोषणा की है कि कंपनी का जेनेरिक प्रोडक्ट रेवलिमिड का एक किफायती विकल्प होगा।कंपनी ने बताया कि 2.5 मिलीग्राम, 5 मिलीग्राम, 10 मिलीग्राम, 15 मिलीग्राम, 20 मिलीग्राम और 25 मिलीग्राम (आरएलडी रेवलिमिड) के लेनलिडोमाइड कैप्सूल की अमेरिका में अनुमानित वार्षिक बिक्री 7,511 मिलियन डॉलर है। ल्यूपिन का मुख्यालय मुंबई में है। यह 100 से अधिक बाजारों में ग्लोबल फार्मास्युटिकल्स कंपनी के रूप में काम करती है। कंपनी ब्रांडेड एंड जेनेरिक फॉर्मूलेशन, कॉम्प्लेक्स जेनेरिक्स, बायोटेक्नोलॉजी प्रोडक्ट और एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रीडिएंट्स पर ध्यान केंद्रित करती है। कंपनी के दुनिया भर में 15 मैन्युफैक्चरिंग साइट्स और सात रिसर्च सेंटर हैं, जिनमें 24,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। ल्यूपिन को हाल ही में अमेरिकी प्रशासन से जेनेरिक कॉन्ट्रासेप्टिव टैबलेट मिंजोया के लिए भी मंजूरी मिली है।यह दवा यूएस बेस्ड एवियन फार्मास्युटिकल्स एलएलसी द्वारा विकसित बाल्कोल्ट्रा का जेनेरिक इक्विवेलेंट है। मिंजोया का निर्माण भी ल्यूपिन के पीथमपुर स्थित प्लांट में किया जाएगा। इस बीच, गुरुवार को ल्यूपिन के शेयर पिछले दिन के बंद भाव से 0.70 रुपए या 0.03 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 2,030.50 रुपए पर आ गए। कंपनी के शेयर में पिछले पांच कारोबारी दिनों में 5.30 रुपए या 0.26 प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि, पिछले एक महीने में दवा कंपनी के शेयरों में 62.30 रुपए या 3.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
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कोलकाता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में हालिया कटौती से राजस्व में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र किसी तरह का मुआवजा देने पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह में कमी का बोझ केंद्र और राज्यों दोनों को समान रूप से उठाना होगा। उन्होंने कहा कि करों का बंटवारा होने के बाद इसका असर केंद्र पर राज्यों की तुलना में और भी ज्यादा होगा। सीतारमण ने जीएसटी पर आयोजित चर्चा में कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में कई राज्यों, विशेषकर विपक्ष-शासित राज्यों ने दर कटौती के प्रस्ताव पर आशंका जताते हुए पूछा था कि यदि इससे राजस्व में गिरावट आती है तो उस कमी की भरपाई किस तरह होगी। उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत है। इसमें भी केंद्र के हिस्से का 41 प्रतिशत राज्यों को ही वापस चला जाता है। केंद्र के पास आखिर में केवल 23 प्रतिशत हिस्सा रह जाता है। ऐसे में राजस्व गिरावट का असर केंद्र पर भी उतना ही पड़ेगा जितना राज्यों पर। जीएसटी परिषद में दाता-ग्राही का कोई रिश्ता नहीं है।'' जीएसटी परिषद की महीने की शुरुआत में हुई बैठक में कर दरों को चार के बजाय दो स्लैब में ही रखने का फैसला किया गया। अब सिर्फ पांच और 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। हालांकि, विलासिता एवं अहितकर उत्पादों पर 40 प्रतिशत की एक विशेष दर रखी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अतीत में कई वस्तुओं के गलत वर्गीकरण और कर संरचना का लाभ उठाने से राजस्व का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘पॉपकॉर्न जैसी वस्तुओं में नमकीन एवं मीठे संस्करणों पर अलग-अलग दरें थीं। नयी व्यवस्था से ऐसी खामियों को दूर किया गया है।'' सीतारमण ने भरोसा जताया कि ‘नयी पीढ़ी के जीएसटी सुधार' से दो लाख करोड़ रुपये अर्थव्यवस्था में जाएंगे, जिससे मांग बढ़ेगी और 140 करोड़ लोगों को फायदा होगा। जीएसटी दरों में कटौती 22 सितंबर से लागू होगी।
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भुवनेश्वर/ भुवनेश्वर महानगर पालिका (बीएमसी) ने बृहस्पतिवार को शहर भर में आवारा कुत्तों की गणना शुरू की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि आवारा कुत्तों की गणना शहर की हर गली और वार्ड में रोजाना सुबह पांच से सात बजे के बीच की जाएगी। बीएमसी की महापौर सुलोचना दास ने बताया कि श्वान गणना दो चरणों में होगी। पहला चरण 25 सितंबर तक चलेगा जबकि दूसरे चरण में यह जांच की जाएगी कि गिने गए कुत्तों की संख्या सही है या नहीं। उन्होंने बताया कि कुल 410 दल गठित किये गए हैं, जिनमें सफाई कर्मचारी, सफाई पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक और अन्य अधिकारी शामिल हैं, जो योग्य पशु चिकित्सकों की देखरेख में गणना का कार्य करेंगे। बीएमसी आयुक्त चंचल राणा ने बताया कि शहर के सभी 67 वार्डों में आवारा कुत्तों की गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर में श्वान गणना जरूरी है ताकि उनकी आबादी को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि श्वान गणना पूरी होने के बाद, पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) अभियान के तहत आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक विस्तृत प्रबंधन योजना तैयार की जाएगी।
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कोलकाता. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि ऊंचे शुल्क को लेकर अमेरिका के साथ पैदा हुए विवाद का समाधान अगले आठ से दस सप्ताह में निकल सकता है। अमेरिका ने रूस से तेल खरीद को लेकर 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। नागेश्वरन ने यहां उद्योग मंडल की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पर्दे के पीछे दोनों सरकारों के बीच शुल्क विवाद को लेकर बातचीत जारी है। मेरा अनुमान है कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क का अगले आठ से दस सप्ताह में समाधान निकल आएगा।'' हालांकि, उन्होंने इस बात को लेकर आगाह किया कि शुल्क जारी रहने की स्थिति में अमेरिका को भारतीय वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क वृद्धि फैसले के बाद दोनों देशों के संबंध कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर अनुकूल संकेत मिलने के बाद हाल ही में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चा फिर शुरू हुई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भारत को निम्न-मध्य आय वाली आकांक्षी अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा। कोविड महामारी के बाद भारत ने कई देशों की तुलना में तेज वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्रों की प्रगति के साथ ग्रामीण मांग में मजबूती और शहरी मांग में सुधार अगले दो वर्षों में आर्थिक वृद्धि को आधार देंगे। नागेश्वरन ने कहा कि हाल में जीएसटी दरों में दी गई राहत से उपभोक्ताओं के हाथ में अतिरिक्त आय बढ़ेगी। एमएसएमई क्षेत्र को ऋण में वृद्धि हुई है और बड़ी उद्योग इकाइयों को कर्ज वितरण में संरचनात्मक बदलाव आ रहा है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 0.2 प्रतिशत रह गया और विदेशी मुद्रा भंडार भी स्वस्थ है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है लेकिन अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुए मुझे यकीन है कि दीर्घावधि में रुपया अपने मूल्य को बनाए रखेगा और उसमें मजबूती भी आएगी।'' नागेश्वरन ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में पूंजीगत खर्च, निजी निवेश को प्रोत्साहन और विनियामक ढांचे में सुधार शामिल हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र से नवाचार और शोध पर अधिक खर्च करने का आह्वान किया। अर्थव्यवस्था पर कृत्रिम मेधा (एआई) के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि इसका असर फिलहाल सीमित है लेकिन कोडिंग संबंधी नौकरियों पर दबाव रहेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में लोगों को अपना कौशल बढ़ाना होगा।
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नयी दिल्ली/काठमांडू. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को नेपाल की अपनी समकक्ष सुशीला कार्की से बात की और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों के प्रति भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि कार्की के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने पड़ोसी देश में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई जनहानि पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री श्रीमती सुशीला कार्की के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। हाल ही में हुई जनहानि पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों के प्रति भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।'' उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही मैंने उन्हें और नेपाल की जनता को कल उनके राष्ट्रीय दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।'' काठमांडू में नेपाल के विदेश मंत्रालय के अनुसार बातचीत के दौरान कार्की (73) ने कहा, “अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता चुनाव ही रहेंगे, तथा जवाबदेह, उत्तरदायी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए दृढ़ संकल्प युवाओं की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा।” कार्की की किसी विदेशी शासनाध्यक्ष से यह पहली टेलीफोनिक वार्ता थी।
कार्की ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंध बहुआयामी लोगों के स्तर पर संबंधों से और मजबूत होते रहेंगे। इसमें कहा गया, “दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए द्विपक्षीय सहयोग और साझेदारी की मजबूत गति को जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।” गौरतलब है कि पिछले हफ़्ते नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे जिसके कारण के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।। ‘जेन-जेड' पीढ़ी के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के घरों, संसद समेत महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आग लगा दी थी। ‘जेन जेड' पीढ़ी से तात्पर्य 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए युवाओं से है। कार्की ने 12 सितंबर को अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। -
तिरुवनंतपुरम. केरल में एक नौ वर्षीय बच्ची तथाकथित "दिमाग खाने वाले अमीबा" से संक्रमित होने के बाद मर गई। लड़की की मां का कहना है कि वह अभी भी अपनी बेटी की मौत को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। रोती हुई मां ने कहा, "मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरी बेटी चली गई।" उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि बच्ची कैसे संक्रमित हुई। कोझिकोड की रहने वाली यह लड़की उन लोगों में शामिल है, जो हाल के महीनों में प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस से पीड़ित हुई। यह एक दुर्लभ लेकिन लगभग घातक मस्तिष्क संक्रमण है, जो नेगलेरिया फाउलेरी(दिमाग खाने वाले अमीबा) के कारण होता है। केरल एक दुर्लभ लेकिन घातक बीमारी से जूझ रहा है। इस बीमारी से हाल के महीनों में 19 लोगों की जान गई है। इसका कारण एक सूक्ष्म परजीवी है जिसे नेगलेरिया फाउलेरी के नाम से जाना जाता है। इसे सामान्यतः "दिमाग खाने वाला अमीबा" कहा जाता है, जो प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस या पीएएम नामक स्थिति उत्पन्न करता है। यह संक्रमण अमूमन जानलेवा होता है, और इससे संक्रमित होने वाले 98 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। इस साल राज्य में इसके 70 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अमीबा गर्म मीठे पानी जैसे तालाबों, झीलों, नदियों और खराब रखरखाव वाले स्विमिंग पूलों में पाया जाता है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इसे निगलने पर यह बीमारी का कारण नहीं बनता है, लेकिन जब पानी नाक में चला जाता है तो परजीवी नाक के रास्ते मस्तिष्क में प्रवेश कर सकता है। इससे यह मस्तिष्क में विनाशकारी सूजन और ऊतकों के विनाश का कारण बनता है। यह रोग बहुत तेजी से बढ़ता है।
एक स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, ‘‘बुखार, सिरदर्द, मतली और गर्दन में अकड़न से शुरू होने वाली स्थिति जल्द ही दौरे और कोमा में बदल जाती है। आमतौर पर एक से दो सप्ताह के भीतर मृत्यु हो जाती है।'' डॉक्टर का कहना है कि इसे अक्सर बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस समझ लिया जाता है, और जब वास्तविक कारण का पता चलता है, तब तक मरीज को बचाने में बहुत देर हो चुकी होती है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को राज्य विधानसभा को बताया कि अधिकांश जल स्रोतों में अमीबा मौजूद हैं। हालांकि, इसके केवल कुछ प्रकार ही खतरनाक हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में पीएएम का पहला मामला साल 2016 में सामने आया था। तब से सरकार डॉक्टरों को अधिक तेजी से प्रतिक्रिया देने में मदद करने के लिए दिशानिर्देशों पर काम कर रही है। अभी तक, इस रोग की पुष्टि के लिए आवश्यक परीक्षण केवल चंडीगढ़ और पुडुचेरी की प्रयोगशालाओं में ही उपलब्ध थे, लेकिन अब केरल ने अपनी स्वयं की नैदानिक सुविधाएं स्थापित कर ली हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे किसी भी मरीज में पीएएम का संदेह करें जिसमें अचानक मैनेंजाइटिस जैसै लक्षण दिखाई दें और जो हाल फिलहाल में ताजा पानी के संपर्क में आया हो। सूक्ष्म जीव विज्ञानियों को तुरंत सतर्क किया जाना चाहिए ताकि मस्तिष्कमेरु द्रव के नमूनों की माइक्रोस्कोप से जांच की जा सके या पीसीआर परीक्षण द्वारा पुष्टि की जा सके। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इसका इलाज बेहद मुश्किल है। ऐसी कोई एक दवा नहीं है जो पीएएम का इलाज कर सके और दुनिया भर में इससे बचने वाले लोग बहुत कम हैं। जो मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं, उनका इलाज शक्तिशाली दवाओं जैसे एम्फोटेरिसिन बी, मिल्टेफोसिन और रिफाम्पिसिन के संयोजन से किया गया, साथ ही इस बीमारी के साथ होने वाली खतरनाक मस्तिष्क सूजन को कम करने के लिए उपचार भी किया गया। केरल में डॉक्टर अब पुष्ट मामलों को संभालने के लिए बहु-विषयक टीम बनाते हैं, जिनमें न्यूरोलॉजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ, संक्रामक रोग विशेषज्ञ और गहन देखभाल विशेषज्ञ शामिल होते हैं। यह रोग अत्यंत दुर्लभ है, फिर भी इसकी उच्च मृत्यु दर ने चिंता पैदा कर दी है। विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि रोकथाम ही सबसे अच्छा बचाव है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मी के मौसम में स्थिर या खराब रखरखाव वाले मीठे पानी के स्रोतों में न तैरें और न ही गोता लगाएं। अगर तैरना जरूरी हो तो नाक में क्लिप लगाएं जिससे पानी के नाक में जाने का खतरा कम हो सकता है। डाक्टरों का कहना है कि बच्चों को होज या स्प्रिंकलर से नहीं खेलना चाहिए, इससे पानी नाक में जाने का खतरा है। बगीचे की होज को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह धोना चाहिए। पैडलिंग पूल की रोजाना सफाई, स्विमिंग पूल का उचित क्लोरीनीकरण और नाक धोने के लिए केवल उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी इस्तेमाल करने की भी सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन से पीएएम का खतरा बढ़ सकता है।
अमीबा गर्म पानी में पनपता है और उच्च तापमान पर पनपने वाले बैक्टीरिया पर निर्भर करता है। गर्मियां बढ़ने से परजीवी का दायरा बढ़ सकता है और ज्यादा लोग राहत की तलाश में झीलों और नदियों की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे बीमारी के संपर्क में आने की आशंका बढ़ जाती है। 2023 में कोझिकोड में निपाह प्रकोप के बाद, केरल ने मस्तिष्क ज्वर के हर मामले की रिपोर्ट करने और जांच करने की नीति बनाई, जिसमें अमीबा के कारण होने वाले दुर्लभ संक्रमण भी शामिल हैं।
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दावा किया कि एनडीए जितना मजबूत होगा, बिहार उतना ही समृद्ध होगा। लालू परिवार पर जुबानी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव बिहार का विकास नहीं कर सकते हैं।
अन्य दलों में नेता चुनाव जीतते हैं, लेकिन भाजपा ऐसी पार्टी है जहां कार्यकर्ता ही चुनाव जीतते हैंरोहतास जिले के डेहरी में 10 जिलों के चयनित कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अन्य दलों में नेता चुनाव जीतते हैं, लेकिन भाजपा ऐसी पार्टी है जहां कार्यकर्ता ही चुनाव जीतते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने राजद और उनके सहयोगियों को सरकार चलाने का मौका दिया, लेकिन वहां फिरौती और हत्या जैसी घटनाएं होने लगीं। इससे राज्य की समृद्धि नहीं हो सकती। अगर युवाओं को आगे बढ़ना है और बिहार को विकास की राह पर ले जाना है तो आने वाले चुनाव में एनडीए की सरकार को वोट देकर मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस क्षेत्र की 80 प्रतिशत सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों को जीत दिलाएं।अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा को ‘घुसपैठिये बचाओ यात्रा’ बतायाअमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा को ‘घुसपैठिये बचाओ यात्रा’ बताया। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार होना चाहिए, क्या उन्हें राशन या आयुष्मान कार्ड मिलना चाहिए? उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के लिए जो काम किए हैं, उनकी जानकारी हर घर तक पहुंचाएं।भ्रष्टाचार करने वाले बिहार की भलाई नहीं कर सकते हैं; बिहार का भविष्य एनडीए हैअमित शाह ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए आगे कहा कि ये लोग अगर सत्ता में आते हैं तो घुसपैठिये बढ़ेंगे। बिहार सरकार की ओर से हाल ही में की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है। सामाजिक पेंशन की राशि बढ़ाई गई है। भ्रष्टाचार करने वाले बिहार की भलाई नहीं कर सकते हैं; बिहार का भविष्य एनडीए है।एनडीए की सरकार ने जो विकास काम किए हैं, लालू यादव पूरे जीवन में नहीं कर सकते हैंउन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने जो काम किए, लालू यादव पूरे जीवन में उतना नहीं कर सकते हैं। इन्होंने चारा घोटाला किया, लैंड फॉर जॉब स्कैम किया और जेल में घोटाला किया। एक ओर भ्रष्टाचार वाली सरकार है और दूसरी तरफ मोदी सरकार है, जिस पर एक भी भ्रष्टाचार के दाग नहीं हैं -
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन – ईपीएफओ के सदस्य अब मेम्बर पोर्टल पर एक ही लॉगिन के ज़रिए अपनी सभी प्रमुख सेवाओं का लाभ आसानी से उठा सकेंगे। श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि इस पहल से शिकायतों में कमी, पारदर्शिता में सुधार और सदस्यों की संतुष्टि में वृद्धि होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि पहले, दोहरी लॉगिन प्रणाली के कारण देरी, पासवर्ड संबंधी समस्याएं और सदस्यों की शिकायतों का समाधान करने में कठिनाई होती थी। श्री मांडविया ने आगे बताया कि पोर्टल पर अब पासबुक लाइट सुविधा उपलब्ध है, जहां सदस्य अंशदान, निकासी और वर्तमान शेष राशि दर्शाने वाली संक्षिप्त पासबुक देख सकते हैं।
















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