जून में 15-29 आयु वर्ग के युवाओं की बेरोजगारी दर बढ़कर 15.3% हुई, शहरी क्षेत्र में आंकड़ा 18% के पार
नई दिल्ली। युवा (15-29 आयु समूह) में बेरोजगारी दर जून में लगातार दूसरे महीने बढ़ी। यह मई के 15 प्रतिशत से बढ़कर जून में 15.3 प्रतिशत हो गई। हालांकि जून में युवाओं में काम करने के प्रति कम उत्साह था। यह जानकारी राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी नवीन मासिक आवधिक श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) के आंकड़ो़ं में दी गई।
शहरी क्षेत्र के युवाओं में बेरोजगारी दर जून में तेजी से बढ़ी (मई के 17.9 प्रतिशत से बढ़कर 18.8 प्रतिशत) जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम (मई के 13.7 प्रतिशत से बढ़कर 13.8 प्रतिशत) बढ़ी। एनएसओ हालिया सप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के आधार पर बेरोजगारी दर को मापता है। इसके तहत सर्वेक्षण की तारीख के सात दिनों की अवधि पर गतिविधि की स्थिति निर्धारित की जाती है। इसके तहत किसी व्यक्ति को एक हफ्ते में तब बेरोजगार माना जाता है जब वह कम से कम एक घंटे या किसी एक दिन काम करना चाहता हो लेकिन उसे सप्ताह में एक घंटे या किसी भी दिन कोई कार्य नहीं मिला हो। युवाओं में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) काम करने के इच्छुक लोगों या काम की तलाश कर रहे युवाओं की संख्या का आकलन करती है। एलएफपीआर दर जून में गिरकर 41 प्रतिशत हो गई जबकि यह मई में 42.1 प्रतिशत थी। एलएफपीआर दर ग्रामीण क्षेत्रों में 42.7 प्रतिशत से गिरकर 41.1 प्रतिश हो गई जबकि यह दर शहरी क्षेत्रों में 40.8 प्रतिशत पर यथावत रही।
सर्वेक्षण के अनुसार जून में ’15 वर्ष और उससे अधिक’ आयु वर्ग में बेरोजगारी दर यथावत रही। हालांकि इस अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर मई के 5.1 प्रतिशत से गिरकर 4.9 प्रतिशत हो गई जबकि यह शहरी क्षेत्र में मई के 6.9 प्रतिशत से बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गई।
महिलाओं की बेरोजगारी दर मई के 5.8 प्रतिशत से मामूली रूप से गिरकर 5.6 प्रतिशत हो गई। हालांकि पुरुषों की बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत पर यथावत रही। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘ मई 2025 की तुलना में जून 2025 में ग्रामीण क्षेत्रों के पुरुषों और महिलाओं में बेरोजगारी दर घटने का कारण उनकी अपने कार्य में बढ़ती भागीदारी है। इसके अलावा बेरोजगार युवकों की संख्या में भी गिरावट हुई है।’ एलएफपीआर में ’15 वर्ष और उससे अधिक’ की श्रेणी की हिस्सेदारी जून में 54.2 प्रतिशत थी जबकि यह मई में 54.8 प्रतिशत थी।
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