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हैदराबाद. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए रविवार को कहा कि प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं को हथियार छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए और मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। तेलंगाना के निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ऑपरेशन के प्रभाव को समझने के लिए पाकिस्तान की कमजोर छवि देखनी चाहिए। शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस (केंद्र से) इन लोगों (माओवादियों) से बातचीत करने को कहती है। हमारी सरकार की हथियार रखने वालों से 'बात नहीं करने' की नीति है। हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों।'' उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 10,000 लोगों ने हथियार छोड़ दिए और मुख्यधारा में शामिल हो गए। शाह ने कहा कि इन लोगों ने तालुक स्तर से लेकर राज्य विधानसभाओं तक के पदों के लिए हुए चुनावों में भी हिस्सा लिया। इसी तरह पिछले डेढ़ साल में 2,000 से ज़्यादा माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। गृह मंत्री ने कहा, "हथियार छोड़ो और आत्मसमर्पण करो। अगर आप आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो हमने तय किया है कि 31 मार्च 2026 से पहले इस देश से नक्सलवाद को मिटा दिया जाएगा।
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इंदौर. मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने रविवार को दावा किया कि सूबे में केवल एक जिले में सीमित नक्सल समस्या भी अब खात्मे की ओर है और राज्य पुलिस ने पिछले छह महीने के भीतर मुठभेड़ों में 10 नक्सलियों का सफाया करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने देश भर में नक्सलवाद को मार्च 2026 तक पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है।
मकवाना ने इंदौर जोन के पुलिस अधिकारियों की बैठक के दौरान संवाददाताओं को बताया,‘‘नक्सल समस्या कई वर्षों से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, मध्यप्रदेश में मोटे तौर पर नक्सल समस्या से केवल बालाघाट जिला प्रभावित है।'' उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस ने पिछले छह महीने के दौरान मुठभेड़ों में 10 नक्सलियों का खात्मा किया है और यह एक 'रिकॉर्ड' है। मकवाना ने कहा,‘‘हमारे अनुमान के मुताबिक फिलहाल प्रदेश में 40-45 नक्सली होंगे। हम नक्सल समस्या के उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मानसून में भी हमारा नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा।'' उन्होंने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में हर महीने बैठक लेकर नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा की जा रही है और नक्सल समस्या के खात्मे के लिए पुलिस की विशेष इकाई ‘हॉक फोर्स' के 325 नये पद स्वीकृत किए गए हैं। बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम पड़ोसी उत्तर प्रदेश में गिरफ्तारी से पहले अपने गृहनगर इंदौर के एक फ्लैट में कई दिन तक छिपी थी। इससे स्थानीय पुलिस के खुफिया तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा,‘‘इंदौर बड़ा शहर है। व्यावहारिक रूप से पता लगाना काफी मुश्किल है कि शहर में कोई व्यक्ति अचानक कहां से आकर रात-बिरात कहां रुका। हालांकि, पुलिस को किसी व्यक्ति के बारे में कोई विशिष्ट सुराग या सूचना मिलती है, तो हम इस बारे में पता करने की कोशिश करते हैं।'' उन्होंने कहा,‘‘कई बार आप इस पर भी नजर नहीं रख पाते कि आपके खुद के घर के एक हिस्से में रहने वाले किरायेदार से मिलने कौन आ रहा है और कौन जा रहा है, तो इतने बड़े शहर पर नजर रखना कैसे संभव है?'' मकवाना ने माना कि सूबे के पुलिस विभाग में बड़ी तादाद में पद खाली पड़े हैं।
उन्होंने बताया,‘‘पूरे प्रदेश में करीब 25,000 का पुलिस बल स्वीकृत है। इनमें अलग-अलग वर्गों के खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस अधिकारियों की समयबद्ध पदोन्नति की प्रक्रिया भी जारी है। -
गुवाहाटी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि असम का बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) जो कभी संघर्षों के लिए जाना जाता था, अब वहां के युवाओं के फुटबॉल कौशल से पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवा फुटबॉल खिलाड़ी, जिन्होंने कठिनाइयों और चुनौतियों को हराकर मैदान पर चमक दिखाई है, देश भर में अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के दौरान बीटीआर में शांति बहाल होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बोडोलैंड देश के सामने एक नयी पहचान के साथ खड़ा है। युवाओं में ऊर्जा और उनका आत्मविश्वास सबसे ज्यादा फुटबॉल के मैदान पर दिखता है।" बीटीआर में बोडोलैंड सीईएम कप का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह महज एक टूर्नामेंट नहीं है "यह एकता और आशा का उत्सव बन गया है।" उन्होंने बताया कि इसमें 3,700 से अधिक टीम और लगभग 70,000 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लड़कियां हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये आंकड़े बोडोलैंड में आए बदलाव की कहानी बयां करते हैं। बोडोलैंड अब देश के खेल मानचित्र पर और भी चमक रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब संघर्ष ही बोडोलैंड की पहचान थी। तब यहां के युवाओं के लिए रास्ते सीमित थे। लेकिन आज उनकी आंखों में नए सपने हैं और दिलों में आत्मनिर्भरता का हौसला है।'' प्रधानमंत्री ने हालीचरण नारजारी, दुर्गा बोरो, अपूर्वा नारजारी, मनबीर बसुमतारी जैसे खिलाड़ियों का उल्लेख करते हुए कहा कि बोडोलैंड के फुटबॉल खिलाड़ी अब उच्च स्तर पर पहचान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ फुटबॉल खिलाड़ियों के नाम नहीं हैं- ये उस नयी पीढ़ी की पहचान है जिन्होंने बोडोलैंड को मैदान से राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया। मोदी ने कहा, ‘‘इनमें से कई ने सीमित संसाधनों में अभ्यास किया, कई ने कठिन परिस्थितियों में अपने रास्ते बनाए, और आज इनका नाम लेकर देश के कितने ही नन्हें बच्चे अपने सपनों की शुरुआत करते हैं।'' मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री के प्रसारित क्लिप को ‘एक्स' पर साझा करते हुए कहा, ‘‘बोडोलैंड सीईएम कप- जो इस क्षेत्र में पहले अकल्पनीय था - इस बात का उदाहरण है कि कैसे सही नेतृत्व के साथ, हमारे युवाओं की शक्ति का इस्तेमाल आतंक के बजाय प्रतिभाओं को उभारने के लिए किया जा सकता है।" मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वास्तव में, पिछले पांच वर्षों में उग्रवाद के केंद्र से बीटीआर का शांति के केंद्र में परिवर्तन, पूर्वोत्तर के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता का सबसे अच्छा उदाहरण है।" बोडोलैंड सीईएम कप 1.0 की शुरुआत 15 जून को बीटीआर के सभी पांच जिलों में हुई। इसमें 420 ग्राम परिषद विकास समितियां (वीसीडीसी) शामिल होंगी और यह चार चरणों में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का कुल बजट 6.44 करोड़ रुपये है, तथा कुल पुरस्कार राशि 72.55 लाख रुपये है।
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हैदराबाद. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र ने 2030 तक एक अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हल्दी निर्यात का लक्ष्य रखा है। निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय के उद्घाटन के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बोर्ड पैकिंग, ब्रांडिंग, विपणन और हल्दी के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि हल्दी बोर्ड किसानों के लिये लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, उनके उत्पाद के निर्यात, साथ ही अनुसंधान और विकास के लिए कार्य करेगा। शाह ने कहा, ‘‘आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत सरकार ने 2030 तक एक अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हल्दी निर्यात करने का लक्ष्य रखा है। हमने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के (हल्दी) निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तैयारी भी कर ली है। जो (हल्दी) बोर्ड बनेगा, वह यह सुनिश्चित करने के लिये कार्य करेगा कि हल्दी का उच्चतम मूल्य किसानों तक पहुंचे।'' शाह ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना में हल्दी बोर्ड स्थापित करने का वादा किया था और इस संबंध में आदेश बाद में जारी किए गए थे। इससे पहले, हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर अमित शाह के पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी और अन्य नेताओं ने उनकी अगवानी की। भाजपा की तेलंगाना इकाई ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले हल्दी बोर्ड की स्थापना की घोषणा की थी और अब उन्होंने किसानों के सपने को पूरा किया है। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हल्दी की फसल की गुणवत्ता में सुधार, अनुसंधान और किसानों की आय में सुधार के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। हल्दी बोर्ड की स्थापना निजामाबाद के हल्दी किसानों की एक प्रमुख मांग रही है और यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा भी था। निजामाबाद से भाजपा के लोकसभा सदस्य डी. अरविंद ने हल्दी बोर्ड स्थापित करने का वादा किया था। अरविंद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधानपरिषद सदस्य (एमएलसी) और तत्कालीन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को हराया था। वह 2024 में फिर से चुने गए।
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पिडुगुराल्ला/ सिकंदराबाद से भुवनेश्वर के बीच चलने वाली विशाखा एक्सप्रेस में रविवार तड़के पालनाडु जिले के तुम्माला चेरुवु के पास डकैती की कोशिश नाकाम कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, रविवार को तड़के 3:30 से 3:45 बजे के बीच दो अज्ञात संदिग्धों ने अलार्म चेन खींची। मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सुरक्षा पुलिस जांच के लिए ट्रेन से उतरी लेकिन तब तक अपराधी खेतों की तरफ भाग गए। चेतावनी के बावजूद उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंके। उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने 9 एमएम पिस्तौल से पांच राउंड और .303 राइफल से चार राउंड गोलियां हवा में चलायीं। गुंटूर रेलवे डीएसपी बी अक्केश्वर राव ने बताया, "घटना के दौरान कोई घायल नहीं हुआ और न ही किसी यात्री को कोई नुकसान पहुंचा।" उन्होंने कहा कि ट्रेन 10 मिनट रुकने के बाद फिर से रवाना हो गई। संदेह है कि नाडिकुडी के निकट हुई चोरियों की पिछली घटनाओं में भी यही गिरोह शामिल था।
पुलिस को संदेह है कि बिहार-महाराष्ट्र का सात सदस्यीय समूह इस संवेदनशील क्षेत्र में गतिविधियां चलाता है। राव ने कहा, "हम अपराधियों को जल्द ही पकड़ लेंगे। घटना के संबंध में भारतीय न्याय संहिता 126(2), रेलवे अधिनियम 141 और पुलिस फायरिंग प्रोटोकॉल के तहत मामला दर्ज किया गया। -
पुरी. ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में कम से कम तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथयात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्रित हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और छह लोगों की हालत गंभीर है।
मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू और बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती व प्रवती दास के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
स्थिति का जायजा लेने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई. बी. खुरानिया और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। इस बीच, ओडिशा के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को घटना से अवगत करा दिया है। हरिचंदन ने कहा, ‘‘हम हर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।'' पुरी में रथयात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचे। श्री गुंडिचा मंदिर को देवताओं का मौसी का घर माना जाता है, यह मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर साल भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं। भगवान की वापसी की यात्रा को ‘बहुदा यात्रा' के नाम से जाना जाता है जो इस साल पांच जुलाई को होगी। -
नई दिल्ली। भारत में हर साल एक जुलाई को ‘जीएसटी डे’ मानाया जाता है। इसी दिन आठ साल पहले 2017 में देश के सबसे बड़े टैक्स सुधारों में एक गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू किया गया था।
जीएसटी को मोदी सरकार ने देश में व्यापार करने में सुविधा हो इसके तहत लागू किया थाजीएसटी को मोदी सरकार ने देश में व्यापार करने में सुविधा हो इसके तहत लागू किया था। इसमें राज्य सरकारों और केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने विभिन्न टैक्सों को जीएसटी के तहत लगाया गया, जिससे कि नियमों का अनुपालन आसानी से हो और व्यापारी अलग-अलग टैक्स की जगह एक टैक्स चुकाकर आसानी से अपने बिजनेस को चला पाए।जीएसटी लागू तो 2017 में हुआ था, लेकिन इसे लाने का विचार पहली बार वर्ष 2000 में आया थाजीएसटी लागू तो 2017 में हुआ था, लेकिन इसे लाने का विचार पहली बार वर्ष 2000 में आया था। उस समय एक समिति का गठन जीएसटी कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए किया गया था। 2004 में समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इसके दो साल बाद 2006 के अपने बजट भाषण में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2010 में जीएसटी को देश भर में लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन इसके प्रावधानों को लेकर राज्यों और केंद्र सरकार के बीच मतभेदों के कारण यह लागू नहीं हो पाया था।फिर 2014 में मोदी सरकार आने के बाद इस बिल पर तेजी से काम हुआ और मई 2015 में जीएसटी बिल को संसद से मंजूरी मिल गईफिर 2014 में मोदी सरकार आने के बाद इस बिल पर तेजी से काम हुआ और मई 2015 में जीएसटी बिल को संसद से मंजूरी मिल गई। इसके बाद सितंबर 2016 में जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक हुई है और 1 जुलाई 2017 में इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया।जीएसटी लागू करने का उद्देश्य देश में ‘एक देश-एक मार्केट-एक टैक्स’ के विचार को अमली जामा पहनाना थाजीएसटी लागू करने का उद्देश्य देश में ‘एक देश-एक मार्केट-एक टैक्स’ के विचार को अमली जामा पहनाना था। जीएसटी लागू होने से सर्विस टैक्स, वैट, परचेस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, एंटरटेनमेंट टैक्स जैसे अन्य कई टैक्स समाप्त हो गए। हालांकि, अभी भी शराब, पेट्रोलियम पदार्थ और स्टाम्प ड्यूटी को जीएसटी से मुक्त रखा गया है और इन पर पुरानी टैक्स व्यवस्था ही लागू होती है।जीएसटी लागू होने के बाद देश का टैक्स कलेक्शन भी तेजी से आगे बढ़ा हैजीएसटी लागू होने के बाद देश का टैक्स कलेक्शन भी तेजी से आगे बढ़ा है। वित्त वर्ष 24 में कुल 20.18 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्ट किया गया था और इस दौरान औसत जीएसटी कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपए था। वहीं, वित्त वर्ष 21 में यह आंकड़ा 11.37 लाख करोड़ रुपए था और इस दौरान औसत जीएसटी कलेक्शन 0.94 लाख करोड़ रुपए रहा था। मई 2025 में जीएसटी कलेक्शन 2.01 लाख करोड़ रुपए रहा था, जो मई 2024 के 1.72 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 16.4 प्रतिशत अधिक था। - अवैध प्लाटिंगकर्त्ता डेवलपर के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने नामजद एफआईआर दर्ज करवाने कार्यवाहीरायपुर/ शनिवार को रायपुर जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार और रायपुर नगर पालिक निगम के आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देशानुसार रायपुर नगर पालिक निगम जोन 8 जोन कमिश्नर श्रीमती राजेश्वरी पटेल और कार्यपालन अभियंता श्री अभिषेक गुप्ता सहित रायपुर नगर निगम जोन 8 के नगर निवेश विभाग के अन्य सम्बंधित निगम अधिकारियों की उपस्थिति में नगर निगम जोन 8 क्षेत्र अंतर्गत वीर सावरकर नगर वार्ड क्रमांक 1 हीरापुर जरवाय क्षेत्र अंतर्गत बिना कॉलोनी विकास अनुज्ञा लिए तथा बिना नगर पालिक निगम रायपुर से कॉलोनी विकास अनुमति के लगभग 60 एकड़ भूमि में खसरा नंबर 2/24-39-45-46-66-74, 4/3, 5/2, 6/4, 7/4, 10/2-3-4, 12/1-3, 15/6-11, 16/2 पर अवैध प्लाटिंग की गयी थी, जिसे रायपुर नगर पालिक निगम जोन क्रमांक 8 की नगर निवेश विभाग की टीम ने जेसीबी ,पोकलेन मशीन की सहायता से स्थल पर किये गए अवैध सी सी रोड को तोड़ने की कार्यवाही की गयी एवं अवैध मुरूम रोड को काटा एवं एवं बिना अनुमति के निर्मित 10 बॉउंड्रीवाल सहित अवैध प्लॉटिंग कर बना रहे अवैध भवनो को हटाने की कार्यवाही की गयी गया। अवैध प्लॉटिंग करने वाले के विरुद्ध प्रक्रिया के अंतर्गत नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्यवाही करने सम्बंधित क्षेत्र के पुलिस थाना में नामजद एफआईआर दर्ज करने हेतु निर्देशानुसार पत्र लिखा गया है।
- नयी दिल्ली. आतंकवाद से निपटने में देश के ‘न्यू नॉर्मल' को रेखांकित करते हुए रक्षा सचिव आर के सिंह ने शनिवार को कहा कि ‘‘दशकों से चली आ रही सहनशीलता की नीति' समाप्त हो चुकी है और भारत द्वारा तय किए गए समय और स्थान पर आतंकवादियों पर कड़ा प्रहार किया जाएगा। यहां एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ‘उन्हें (आतंकवादियों को) अपनी संपत्ति मानता है' और जब उन पर हमला हो गया तो उनके लिए शोक मना रहा है। वह ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ढांचे पर हमलों में मारे गए कुछ लोगों के अंतिम संस्कार में कई पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों की उपस्थिति का हवाला दे रहे थे। सिंह ने कहा, ‘‘इससे हमारे इस आकलन की पुष्टि पुष्टि होती है कि इन लोगों को जानबूझकर भारत में सीमा पार आतंकवाद के लिए देश नीति के एक साधन के रूप में तैयार किया जा रहा है।'' रक्षा सचिव से भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में चार दिनों तक चले सैन्य टकराव के दौरान घटनाक्रम के बारे में पूछा गया था, जिसे अंततः 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सहमति होने के बाद रोक दिया गया था। एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य पक्ष नौ मई को आगे आया और उसने ‘‘डीजीएमओ से बात करने की मांग की, जबकि उसने पहले इससे इनकार कर दिया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘और उस समय यह स्पष्ट था कि वे अनिवार्य रूप से आत्मसमर्पण करने की प्रक्रिया में थे। और यह नौ मई की सुबह की बात थी। इसलिए घोषणा (10 मई को) किये जाने से पहले ही हम सभी जानते थे कि ऐसा होने वाला है। और यही हुआ। डीजीएमओ ने बात की और उन्होंने अनिवार्य रूप से संघर्षविराम की मांग की।'' रक्षा सचिव ‘सीएनएन न्यूज 18 टाउन हॉल: द डिफेंस एडिशन' में आयोजित एक सत्र में बोल रहे थे।भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में छह मई की देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया तथा पाकिस्तान एवं उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी-बुनियादी ढांचे वाले स्थलों पर सटीक हमले किए। पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिसके बाद भारत ने भी उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की और नूर खान तथा रहीम यार खान ठिकानों सहित पड़ोसी देश के कई प्रमुख हवाई ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि लोग अब उन्हें (आतंकवादियों को) ‘समय और स्थान चुनने की अनुमति नहीं देंगे।'' रक्षा सचिव ने कहा, ‘‘हां, उनके पास हमेशा आश्चर्यचकित कर देने की गुजाइंश होगी - हमला करने, कुछ निर्दोष लक्ष्यों, आसान लक्ष्यों को खोजने के मामले में। इरादा यह है कि उसके बाद, उन्हें पता होना चाहिए कि हम जवाब देंगे, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होना चाहिए कि (जवाबी कार्रवाई) कैसे (होगी) और (उसका) समय और स्थान क्या होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘और परमाणु छत्र हमें रोकने वाला नहीं है।''
- जयपुर. राजस्थान के दौसा जिले में एक कार और ट्रक के बीच टक्कर हो जाने से एक लड़की समेत परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार देर रात ट्रक अचानक राजमार्ग पर रुका और उसके पीछे चल रही एक कार उससे टकरा गई। कार का नंबर हरियाणा में पंजीकृत है। पुलिस ने कहा, ‘‘चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। शवों को जिला अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया गया है।'' पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान राजबाला (60), प्रमिला (40), उनके बेटे दीपांशु (20) और बेटी साक्षी (16) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक कार में सवार लोग हरियाणा के रोहतक से दौसा के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जा रहे थे। वे शुक्रवार सुबह रोहतक स्थित अपने घर से निकले थे। उनके परिवार के बाकी सदस्य दो अन्य कारों में सवार होकर आगे बढ़ रहे थे। पुलिस ने बताया कि कार दीपांशु चला रहा था।
- लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने तकनीकी शिक्षा को एक नयी दिशा देने की पहल करते हुए प्रदेश के पांच राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम देश के महापुरुषों और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के नाम पर रखे हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। यह निर्णय केवल एक औपचारिक नामकरण नहीं, बल्कि एक सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक उद्देश्य से प्रेरित बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग शिक्षा को सिर्फ तकनीकी दक्षता तक सीमित न रखते हुए छात्रों को सामाजिक चेतना, न्याय, समरसता और प्रेरणा से भी जोड़ना है। बयान के मुताबिक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रतापगढ़ अब भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रतापगढ़ कहलायेगा। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मिर्जापुर अब सम्राट अशोक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मिर्जापुर के नाम से जाना जायेगा। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बस्ती का नाम अब भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बस्ती होगा। इसी तरह राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा अब मां पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा होगा और राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनपुरी अब लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनपुरी के नाम से जाना जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया गया यह निर्णय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद अब औपचारिक रूप से लागू हो गया है। प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने इस पहल को ‘नयी पीढ़ी को मूल्यों से जोड़ने वाली ऐतिहासिक पहल' बताते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को तकनीकी विशेषज्ञता के साथ सामाजिक नेतृत्व की भी प्रेरणा मिलेगी।
- नयी दिल्ली. शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपने 14 दिन के प्रवास की शुरुआत करते हुए 'गाजर का हलवा', 'मूंग दाल का हलवा' और 'आम रस' का लुत्फ उठाया। शुक्ला ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 18 मिनट की बातचीत में ये विवरण साझा किए। यह बातचीत 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से की गई। शुक्ला ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘हां, मैं गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस लेकर आया हूं। मैं चाहता था कि दूसरे देशों से मेरे साथ आए सभी लोग स्वादिष्ट भारतीय व्यंजनों का आनंद लें। हम सभी ने इसे एक साथ खाया और सभी को यह पसंद आया।'' मोदी ने शुक्ला से पूछा था क्या उन्होंने अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ कोई भारतीय व्यंजन साझा किया है। शुक्ला वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4' मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे, जहां वे 14 दिन तक रुकेंगे और इस दौरान अंतरिक्ष यात्री कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। बृहस्पतिवार को ‘ऑर्बिटल लैब' पहुंचने के बाद, शुक्ला और तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने पूरा दिन अपने शयन कक्षों को व्यवस्थित करने में बिताया। कमांडर पैगी व्हिटसन एयरलॉक में, शुक्ला ड्रैगन में, स्लावोज़ ‘‘सुवे'' उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की कोलंबस में और टिबोर कापू जापानी प्रयोग मॉड्यूल (जेईएम) में हैं। उन्होंने ‘एक्सपीडिशन 73' के चालक दल के साथ हैंडओवर गतिविधियां पूरी कीं और ‘माइक्रोग्रैविटी' में ठहरने के लिए खुद को उस अनुरूप ढालना शुरू कर दिया। ड्रैगन में आपातकालीन प्रोटोकॉल की समीक्षा करने सहित प्रमुख संचालन कार्य भी पूरे किए गए। बातचीत के दौरान, शुक्ला ने प्रधानमंत्री को अंतरिक्ष में किए जा रहे विभिन्न प्रयोगों के बारे में जानकारी दी। अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच किस तरह का अंतर है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष में सब कुछ जमीन पर मिले प्रशिक्षण से अलग लगता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से बात करते समय उनके पैर बंधे हुए थे, अन्यथा वह तैरने लगते। उन्होंने कहा कि पानी पीने या सोने जैसे सरल कार्य अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण चुनौतियां बन जाती हैं। शुक्ला ने बताया कि कोई व्यक्ति छत पर, दीवारों पर या कहीं भी सो सकता है, क्योंकि वातावरण ही कुछ ऐसा होता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बदले हुए वातावरण में समायोजन करने में एक या दो दिन लगते हैं, लेकिन यह अनुभव विज्ञान और आश्चर्य का एक सुंदर सामंजस्य है।
- जम्मू. कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के कटरा क्षेत्र में माता वैष्णो देवी मंदिर का दौरा किया तथा बोर्ड की सुविधाओं, लोक शिकायत एवं निवारण प्रणाली की समीक्षा की। सांसद बृजलाल की अगुआई में समिति इस समय जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर है।बृजलाल ने कटरा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यहां माता जी के दर्शन के लिए आया हूं। मेरे दौरे का मुख्य उद्देश्य यहां की सुविधाओं और शिकायत निवारण व्यवस्था के बारे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य अधिकारियों से बात करना है। इस दौरे के बाद हम संसद को एक रिपोर्ट सौंपेंगे, लेकिन इसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।'' श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरा यहां बहुत अच्छा अनुभव रहा है। 2023 में अपनी पिछली यात्रा के बाद से मैंने महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं।'' बृजलाल ने कहा कि मंदिर की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह जम्मू में पंजाब एंड सिंध बैंक, पावर ग्रिड और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सांसद ने कहा, ‘‘जम्मू दौरे के बाद हम श्रीनगर जाएंगे और वहां मुख्य सचिव और सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे। उसके बाद हम संसद को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।'' उन्होंने कहा कि यहां मुख्य मुद्दा था, लोगों की समस्याओं को समझना और यह जानना था कि बोर्ड तथा अधिकारी उनका समाधान कैसे करते हैं। बृजलाल ने कहा, ‘‘यह हमारी यात्रा का मुख्य उद्देश्य था।
- गोधरा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को युवाओं से 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में विश्व गुरु बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। वर्ष 2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होंगे।शाह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नेता गोविंद गुरु के योगदान को भी याद किया और कहा कि उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान क्षेत्र के लोगों की अंतरात्मा को जगाया। शाह, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।इस कार्यक्रम में गुजरात के पंचमहल जिले में गोधरा के पास विंजोल में श्री गोविंद गुरु विश्वविद्यालय के लिए 125 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया गया। शाह ने गोविंद गुरु को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नायक बताते हुए कहा, “अंग्रेजों के खिलाफ उस संघर्ष में करीब 1,512 आदिवासी भाई-बहन शहीद हुए और गुजरात में मानगढ़ भारत की आजादी की लड़ाई के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोविंद गुरु की वीरता से प्रेरणा लेते हुए 2047 तक भारत को एक महान राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। शाह ने कहा, “यह हम सभी के लिए महत्वपूर्ण बात है। हमारे युवाओं और बच्चों को एक ऐसा भारत बनाने का संकल्प लेना चाहिए, जहां देश अपनी आजादी की शताब्दी मनाए जाने पर दुनिया के हर क्षेत्र में प्रथम स्थान पर हो।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गोविंद गुरु विश्वविद्यालय की स्थापना की कल्पना की थी। शाह ने अपने संबोधन में कहा, “आज पंचमहल (जिले) के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई ने गोविंद गुरु को समर्पित एक विश्वविद्यालय और स्मारक की कल्पना की थी, जो देश भर के आदिवासियों के लिए प्रेरणा का स्थान बन सके।” शाह, खराब मौसम की वजह से इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना 2015 में हुई थी और आज 125 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया जा रहा है। दिन में बाद में, शाह ने अहमदाबाद जिले के साणंद और बावला तालुका में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने बावला तालुका के अडारोदा में नवनिर्मित सहकारी परिसर का उद्घाटन किया, जिससे यह गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का पहला आदर्श सहकारी गांव बन गया। सहकारी समिति, सहकारी बैंक, सामुदायिक भवन और स्वास्थ्य केंद्र वाले इस परिसर में ग्रामीणों को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने साणंद तालुका के जुवाल गांव में नवनिर्मित प्राथमिक विद्यालय भवन तथा फंगडी में पंचायत भवन का भी उद्घाटन किया।
- नयी दिल्ली. हवाईअड्डा सुरक्षा एवं प्रशासनिक अधिकारी यात्रियों की सुरक्षा जांच में लगने वाले समय को कम करने के उद्देश्य से कर्मियों के लिए चेहरा पहचान तकनीक और सीसीटीवी को एकीकृत करने पर विचार कर रहे हैं। दिल्ली में 27 जून को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा आयोजित ‘‘हवाई अड्डा क्षेत्र की कार्यात्मक कार्यशाला'' के दौरान वाहनों के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान और फास्टैग को समन्वित करने के साथ-साथ इन उपायों पर चर्चा की गई। सीआईएसएफ राष्ट्रीय नागरिक विमानन सुरक्षा बल है और वर्तमान में देश के 69 हवाई अड्डे इसके अंतर्गत आते हैं। प्रवक्ता ने बताया कि नागरिक विमानन मंत्रालय, नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), आव्रजन ब्यूरो (बीओआई), दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डीआईएएल), विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एसपीजी), दिल्ली पुलिस, एअर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो एयरलाइंस के अधिकारियों के अलावा सीआईएसएफ द्वारा संरक्षित 69 नागरिक हवाईअड्डों के मुख्य सुरक्षा अधिकारी भी दिन भर चले इस कार्यशाला में शामिल हुए।
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अहमदाबाद। अहमदाबाद विमान दुर्घटना के दो सप्ताह से अधिक समय बाद डीएनए मिलान से अंतिम पीड़ित की पहचान कर ली गयी है तथा इस दुर्घटना में मृतकों की संख्या अब 260 हो गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंतिम पीड़ित का पार्थिव शरीर उसके परिवार को सौंप दिया गया है। चिकित्सा अधिकारियों ने पहले मृतकों की संख्या 270 बताई थी।
अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लंदन जाने वाला एअर इंडिया विमान अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में एक छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोगों और जमीन पर मौजूद कई अन्य लोगों की मौत हो गई। एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया। अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने कहा, "एअर इंडिया विमान दुर्घटना के अंतिम मृत व्यक्ति के शव का डीएनए मिलान कर लिया गया है। मृतक के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।" उन्होंने कहा, "इसके साथ ही विमान दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 260 हो गई है।" उन्होंने कहा कि विमान दुर्घटना में घायल हुए तीन लोगों का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अब तक सभी 260 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मरने वाले 241 लोगों (जिनमें यात्री और चालक दल के सदस्यों शामिल हैं) में से 240 के शवों की पहचान पहले ही हो चुकी थी, जबकि एक शव का डीएनए मिलान होना बाकी था। शुक्रवार को डीएनए नमूनों के मिलान से पीड़ित की पहचान की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के अलावा जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई। ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश (40) इस विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति हैं। -
नयी दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि संविधान की प्रस्तावना ‘‘परिवर्तनशील नहीं'' है, लेकिन भारत में आपातकाल के दौरान इसे बदल दिया गया जो संविधान निर्माताओं की ‘‘बुद्धिमत्ता के साथ विश्वासघात का संकेत है।'' उन्होंने कहा कि 1976 में आपातकाल के दौरान प्रस्तावना में जो शब्द जोड़े गए, वे ‘‘नासूर'' थे और उथल-पुथल पैदा कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा, ‘‘यह हजारों वर्षों से इस देश की सभ्यतागत संपदा और ज्ञान को कमतर आंकने के अलावा और कुछ नहीं है। यह सनातन की भावना का अपमान है।'' धनखड़ ने प्रस्तावना को एक ‘‘बीज'' बताया जिस पर संविधान विकसित होता है। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा किसी दूसरे देश में संविधान की प्रस्तावना में बदलाव नहीं किया गया। धनखड़ ने कहा, ‘‘इस प्रस्तावना में 1976 के 42वें संविधान (संशोधन) अधिनियम के जरिये बदलाव किया गया था। संशोधन के माध्यम से इसमें ‘समाजवादी', ‘धर्मनिरपेक्ष' और ‘अखंडता' शब्द जोड़े गए थे।'' उन्होंने कहा कि यह न्याय का उपहास है कि जिस चीज को बदला नहीं जा सकता, उसे ‘‘आसान ढंग से, हास्यास्पद तरीके से और बिना किसी औचित्य के'' बदल दिया गया और वह भी आपातकाल के दौरान जब कई विपक्षी नेता जेल में थे। धनखड़ ने आगाह करते हुए कहा, ‘‘और इस प्रक्रिया में, यदि आप गहराई से सोचें, तो पाएंगे कि हम अस्तित्वगत चुनौतियों को पंख दे रहे हैं। इन शब्दों को ‘नासूर' (घाव) की तरह जोड़ दिया गया है। ये शब्द उथल-पुथल पैदा करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस पर विचार करना चाहिए।''
उपराष्ट्रपति ने कहा कि बी. आर. आंबेडकर ने संविधान पर कड़ी मेहनत की थी और उन्होंने ‘‘निश्चित रूप से इस पर ध्यान केंद्रित किया होगा।'' धनखड़ ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बृहस्पतिवार को संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी' और ‘धर्मनिरपेक्ष' शब्दों की समीक्षा करने का आह्वान किया था। आरएसएस ने कहा था कि इन शब्दों को आपातकाल के दौरान शामिल किया गया था और ये कभी भी आंबेडकर द्वारा तैयार संविधान का हिस्सा नहीं थे। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के इस आह्वान की आलोचना की है कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए कि ‘धर्मनिरपेक्ष' व ‘समाजवादी' शब्दों को संविधान की प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं। विपक्ष ने इसे ‘राजनीतिक अवसरवाद' और संविधान की आत्मा पर ‘‘जानबूझकर किया गया हमला'' करार दिया है। होसबाले के बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
इस बीच, आरएसएस से संबद्ध एक पत्रिका में शुक्रवार को प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी' और ‘पंथनिरपेक्ष' शब्दों की समीक्षा करने का आह्वान, इसे तहस-नहस करने के लिए नहीं है, बल्कि आपातकाल के दौर की नीतियों की विकृतियों से मुक्त होकर इसकी ‘‘मूल भावना'' को बहाल करने के बारे में है।
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मुंबई। महाराष्ट्र के गृह विभाग ने 51 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों और राज्य पुलिस सेवा के 81 अधिकारियों का तबादला किया है, जिनमें मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में तैनात अधिकारी भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे में हथियार निरीक्षण शाखा में पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपुते को राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) ग्रुप 1, पुणे के कमांडर के रूप में स्थानांतरित किया गया है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) महेंद्र पंडित को ठाणे शहर से मुंबई स्थानांतरित किया गया है।
पुलिस उपायुक्त स्मार्तना पाटिल को पुणे से पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, खंडाला में स्थानांतरित किया गया है, जबकि डीसीपी (यातायात) अमोल जेंडे को भी एसआरपीएफ, दौंड के कमांडर के रूप में स्थानांतरित किया गया है। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक तुषार पाटिल को मुंबई में डीसीपी नियुक्त किया गया है। साथ ही, विजय पवार, सुनील लोखंडे, नम्रता पाटिल और स्मिता पाटिल को मुंबई में पुलिस उपायुक्त नियुक्त किया गया है। अधिकारी ने कहा कि पांच आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नत कर पुलिस उपायुक्त के रूप में मुंबई में स्थानांतरित किया गया है। -
नयी दिल्ली। केंद्र देश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने पर चर्चा के लिए 30 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की बैठक करेगा। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह यहां भारत मंडपम में 'मंथन बैठक' की अध्यक्षता करेंगे।
बैठक में सरकार की सभी प्रमुख पहलों पर चर्चा होगी, जिसमें अंतिम छोर तक ग्रामीण सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए दो लाख नई बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस), डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों की स्थापना शामिल है। इसके अलावा सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना पर विचार-विमर्श भी होगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक प्रगति की समीक्षा करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और देश में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। इस आयोजन का मकसद आपसी तालमेल के जरिये प्रधानमंत्री के 'सहकार से समृद्धि' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए एक साझा समझ को बढ़ावा देना है। तीन नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी समितियों, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल), राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (एनसीओएल) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) की गतिविधियों में राज्यों की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी। -
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अपने संतों और ऋषियों के अमर विचारों व दर्शन के कारण दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत सभ्यता है। जैन आध्यात्मिक गुरु आचार्य विद्यानंद महाराज की जयंती के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं आचार्य विद्यानंद महाराज के विचारों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि चाहे घर उपलब्ध कराना हो, पेयजल उपलब्ध कराना हो या स्वास्थ्य बीमा, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उसकी कल्याणकारी योजनाएं हर व्यक्ति तक पहुंचे ताकि कोई भी इससे वंचित न रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन से पहले दिए गए एक जैन संत के संबोधन का भी उल्लेख किया और कहा कि वह ऑपरेशन सिंदूर को आशीर्वाद दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए जैसे ही ये कहा कि ‘‘जो हमें छेड़ेगा...'', तो वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तरीके तालियां बजानी शुरू कर दीं। हालांकि मोदी ने इस बारे में और अधिक बात नहीं की। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले जब दुनिया ने हिंसा का जवाब हिंसा से देने का मार्ग चुना था तब भारत ने दुनिया को ‘‘अहिंसा'' की ताकत से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश को ‘‘गुलामी की मानसिकता'' से मुक्त करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने अपने नौ संकल्पों को दोहराया और लोगों से उनका पालन करने का आग्रह किया। ये संकल्प हैं: पानी बचाना, मां की याद में एक पेड़ लगाना, स्वच्छता, स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, देश के विभिन्न स्थानों की यात्रा करना, प्राकृतिक खेती को अपनाना, स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, खेल और योग अपनाना और गरीबों की मदद करना। - पुरी ।पुरी में रथ यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ अपने गंतव्य गुंडिचा मंदिर पहुंच गए। गुंडिचा मंदिर को देवताओं की ‘मौसी' का घर माना जाता है जो हर साल जगन्नाथ मंदिर से निकलकर अपनी ‘मौसी' के घर जाते हैं। गुंडिचा मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवता नौ दिन बाद मुख्य मंदिर चले जाएंगे। वापसी की रथ यात्रा को ‘बहुदा यात्रा' कहा जाता है जो इस साल पांच जुलाई को होगी। इससे पहले दिन में ‘‘जय जगन्नाथ'' और ‘‘हरि बोल'' के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने शनिवार सुबह लगभग 10 बजे तीनों रथों को फिर से खींचना शुरू किया। पुरी में 27 जून की रात रथयात्रा रोक दी गई थी। रथों को शुक्रवार शाम तक गुंडिचा मंदिर पहुंचना था, लेकिन भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ के एक मोड़ पर फंस जाने के कारण श्रद्धालुओं को ग्रैंड रोड पर रुकना पड़ा, जिससे अन्य दो रथ भी आगे नहीं बढ़ सके। परंपरा के अनुसार, सबसे आगे ‘तालध्वज' रहता है, उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ ‘दर्पदलन' और भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष' रहता है। विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, पुलिस महानिदेशक वाई. बी. खुरानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी को भगवान जगन्नाथ के ‘नंदीघोष' रथ को खींचते दिखे। रथों के अपने गंतव्य पहुंचने पर इन्हें गुंडिचा मंदिर के बाहर रखा गया।औपचारिक शोभायात्रा के बाद देवताओं को रविवार को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा।श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा, ‘‘हम रथ यात्रा के संचालन के लिए श्रद्धालुओं समेत सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हैं।'' इस बीच, डीजीपी वाई. बी. खुरानिया ने कहा कि रथों की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रबंध किए गए । शनिवार को रथ यात्रा के दौरान बीमार पड़े 600 से अधिक श्रद्धालुओं का पुरी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया गया। कई लोग धक्का-मुक्की के कारण घायल हो गए जबकि 200 से अधिक लोग गर्मी और उमस भरे मौसम के कारण बेहोश हो गए। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को वार्षिक रथ यात्रा में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था और लगभग पांच लाख श्रद्धालु शनिवार को पुरी में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि शनिवार को हल्की बारिश हुई। ओडिशा पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के लगभग 10,000 जवानों की तैनाती के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वार्षिक रथ यात्रा आयोजित की जा रही है। पुलिस ने रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। पुलिस महानिदेशक खुरानिया ने बताया कि भीड़ पर नजर रखने के लिए 275 से अधिक एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए ।
- पुरी। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके परिवार के सदस्य शनिवार को यहां रथ यात्रा में शामिल हुए और पूजा-अर्चना की। पत्नी प्रीति, बेटे करण और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अदाणी ने गुंडिचा मंदिर के पास भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों के सामने खड़े होकर पूजा-अर्चना की। गुंडिचा मंदिर को देवताओं की मौसी का घर माना जाता है। अदाणी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, “भगवान श्री जगन्नाथ जी की कृपा से हमें पुरी धाम की पवित्र रथ यात्रा में सेवा करने का अवसर मिला है। आज से शुरू हो रही यह दिव्य यात्रा वह क्षण है जब भगवान स्वयं अपने भक्तों के बीच आकर उन्हें अपने दिव्य दर्शन देते हैं।” उन्होंने कहा, “मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान श्री जगन्नाथ जी की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे। मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, और सेवा ही आध्यात्मिक साधना है। जय जगन्नाथ!” प्रशासन और सेवादारों ने उद्योगपति का स्वागत किया और उन्हें ‘पट्टा वस्त्र' और फूल भेंट किए।
- अयोध्या,। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण में है और निर्माण से संबंधित सभी प्रमुख कार्यों के जुलाई के अंत तक पूरा होने की संभावना है। मंदिर निर्माण समिति की बैठक में भाग लेने शनिवार को अयोध्या पहुंचे मिश्र ने संवाददाताओं को बताया कि मंदिर और उसके परकोटे के लिए 14 लाख घन फुट बंसी पहाड़पुर पत्थर की जरूरत थी, जिसमें से 13 लाख घन फुट पत्थर लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल एक लाख घन फुट पत्थर ही लगने शेष हैं।मिश्र ने कहा कि मंदिर के लगभग 800 फुट लंबे निचले चबूतरे के 500 फुट हिस्से पर राम कथा को दर्शाने वाले भित्ति चित्र तैयार हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि आस-पास के घेरे में प्रस्तावित 80 में से 45 कांस्य भित्ति चित्र स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा, "भारत में पहली बार किसी मंदिर की खिड़कियों में टाइटेनियम धातु का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अपने आप में अनूठी बात है।" मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि इस धातु की असाधारण मजबूती 1,000 साल से भी ज्यादा समय तक टिकी रह सकती है। उन्होंने कहा, "राम मंदिर निर्माण समिति को उम्मीद है कि जुलाई के अंत तक सभी बड़े निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे।"
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नई दिल्ली। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने आधुनिक तकनीक की ओर एक और कदम बढ़ाया है। अब मतदान और भी स्मार्ट, सुरक्षित और सुलभ होगा। बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां मोबाइल के जरिए ऑनलाइन वोटिंग होगी।
यह ई-वोटिंग शनिवार 28 जून को बिहार की नगरपालिका आम और उप-निर्वाचन 2025 के लिए होगीयह ई-वोटिंग शनिवार 28 जून को बिहार की नगरपालिका आम और उप-निर्वाचन 2025 के लिए होगी। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, “नगरपालिका आम और उप निर्वाचन 2025 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया में उन्नयन नवाचारों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए ई-वोटिंग प्रणाली की नींव रखी है, जिसके माध्यम से पहली बार मतदाता ई-वोटिंग से मतदान करने का गौरव प्राप्त करेंगे।”पंजीकृत मतदाता 28 जून को मोबाइल ऐप से घर बैठे ही मतदान कर सकेंगेआयोग ने बताया कि ई-वोटिंग से मतदान करने वाले पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या 51,157 है, जिसमें प्राथमिक रूप से वरिष्ठ नागरिक, शारीरिक रूप से दिव्यांग, असाध्य रोग से ग्रसित, गर्भवती महिलाएं एवं प्रवासी मजदूर मतदाता शामिल हैं। ये पंजीकृत मतदाता 28 जून को मोबाइल ऐप से घर बैठे ही मतदान कर सकेंगे।माना जा रहा है कि यह मौका राज्य निर्वाचन आयोग और बिहार की निर्वाचन प्रक्रिया में नवाचार आधारित मतदान के लिए ऐतिहासिक क्षण होगामाना जा रहा है कि यह मौका राज्य निर्वाचन आयोग और बिहार की निर्वाचन प्रक्रिया में नवाचार आधारित मतदान के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा। पटना, पूर्वी चंपारण, रोहतास, गया, बक्सर, बांका, सारण और सिवान की नगरपालिकाओं में होने वाले इन चुनावों में सबसे ज्यादा पंजीकरण बक्सर से हुआ है।आयोग का मानना है कि ई-वोटिंग स्मार्ट, पारदर्शी और सुलभ चुनाव प्रक्रिया हैई-वोटिंग के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तीन दिन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ रणनीति और तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की थी। आयोग का मानना है कि ई-वोटिंग स्मार्ट, पारदर्शी और सुलभ चुनाव प्रक्रिया है। मतदाता अब मोबाइल के जरिये घर बैठे वोट डाल सकेंगे, जो सुरक्षित और भरोसेमंद है।राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि आयोग का सदैव प्रयास रहा है कि प्रत्येक मतदाता को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, उत्तरदायित्वपूर्ण और सुलभ मतदान प्रक्रिया उपलब्ध कराई जाएराज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि आयोग का सदैव प्रयास रहा है कि प्रत्येक मतदाता को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, उत्तरदायित्वपूर्ण और सुलभ मतदान प्रक्रिया उपलब्ध कराई जाए। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ई-वोटिंग का प्रयोग किया जा रहा है। देश में बिहार में पहली बार ई-वोटिंग अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह ऐच्छिक सुविधा है, जो इसे लेना चाहते हैं वही लेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक नई पहल शुरू की है, जिससे मतदाता अब अपने मोबाइल फोन के जरिए भी वोट डाल सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल करने से पहले पंजीकरण कराना होता है। -
नई दिल्ली। देशभर में आज शनिवार को भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय और राज्य स्तरीय नेताओं ने उन्हें याद करते हुए उनके दूरदर्शी नेतृत्व, विद्वता और आर्थिक सुधारों में किए गए योगदान की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “विकास पथ के महत्वपूर्ण चरण के दौरान उनके प्रभावी नेतृत्व के लिए भारत उनका आभारी है। उनकी बुद्धि, ज्ञान और विद्वत्तापूर्ण स्वभाव की भी व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है।” उन्होंने राव को भारत के आर्थिक और राजनीतिक इतिहास में एक प्रेरणास्रोत बताया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उन्हें “देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला नेतृत्वकर्ता” बताते हुए लिखा, “लोकप्रिय राजनेता एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ पी.वी. नरसिम्हा राव की जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दिखाने के अभिनव प्रयासों के लिए आपको सदैव याद किया जाएगा।”
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पी.वी. नरसिम्हा राव को सच्चा राष्ट्रभक्त बताते हुए कहा कि “वह आधुनिक अर्थशास्त्र की गहरी समझ रखने वाले, राष्ट्रभक्त, विद्वान और युगद्रष्टा थे। उनकी नीतियां और विचार आज भी राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा हैं।” हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राव को “आर्थिक सुधारों का शिल्पकार” बताते हुए कहा कि “उनके नेतृत्व में भारत ने एक नई आर्थिक दिशा की ओर कदम बढ़ाया। वह दूरदर्शी राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासक और प्रशासनिक दक्षता के प्रतीक थे। वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को सुदृढ़ करने में उनका योगदान अमूल्य रहा है। उनके विचार भारत के युवाओं को सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।” गौरतलब है कि पी.वी. नरसिम्हा राव 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में भारत ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प हुआ।