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- नयी दिल्ली. यूरोपीय देश आइसलैंड के एक नागरिक ने पिछले सप्ताह अपने घर पर मच्छर देखे और इसकी पुष्टि के लिए तस्वीरें भेजीं। एक वैज्ञानिक ने इसकी पुष्टि की है कि यह देश में मच्छरों के पाए जाने का पहला मामला है। हालांकि, यह निर्धारित करने के लिए कि क्या मच्छरों ने खुद को आइसलैंड में स्थापित कर लिया है, आगे की निगरानी की आवश्यकता है। आइसलैंड के राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के कीट विज्ञानी मैथियास अल्फ्रेडसन ने बताया कि मच्छरों की मौजूदगी से यह संकेत मिलता है कि वे हाल ही में यहां आए हैं, और संभवतः जहाजों या शिपिंग कंटेनरों के माध्यम से यहां पहुंचे हैं।अल्फ्रेडसन ने कहा कि ‘कुलीसेटा एन्युलाटा' नामक प्रजाति के मच्छरों को ठंडे मौसम की आदत हो सकती है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण गर्म परिस्थितियां मच्छरों के लिए यहां जीवित रहने और यहां स्थापित होना आसान बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि कुलीसेटा एन्युलाटा या सीएस. एन्युलाटा प्राकृतिक रूप से यूरोप के उत्तरी क्षेत्रों में पाया जाता है और यह शून्य से नीचे के तापमान को सहन कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि लगातार बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग के कारण, उच्च आर्द्रता और वर्षा जैसी स्थितियां मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण बना सकती हैं। इससे मच्छर जनित संक्रामक रोग उन क्षेत्रों में भी फैलने लगे हैं, जहां पहले बहुत कम मामले दर्ज किए जाते थे। आइसलैंड पृथ्वी पर मच्छरों से अछूते कुछ चुनिंदा स्थानों में से एक है, तथा अंटार्कटिका भी एक ऐसा ही स्थान है।अल्फ्रेडसन ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, ‘‘वर्ष 2019 से ब्योर्न हेजल्टासन (एक कीट उत्साही) वाइन रोपिंग नामक एक विधि के साथ प्रयोग कर रहे हैं, जो पतंगों को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है।'' इस विधि में एक लंबे कपड़े को लाल वाइन और चीनी के मीठे, किण्वित मिश्रण में भिगोया जाता है, जिसकी गंध से पतंगे आकर्षित होते हैं। कीट विज्ञानी अल्फ्रेडसन ने कहा, ‘‘16 अक्टूबर की शाम को, ब्योर्न को अपनी वाइन की रस्सियों पर एक अप्रत्याशित चीज मिली, एक कीड़ा जिसे उसने पहले मच्छर समझा। उन्होंने मुझे एक तस्वीर भेजी, और करीब से जांच करने पर पता चला कि यह एक मादा मच्छर था।''
- अहमदाबाद. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को राजधानी गांधीनगर में गुजरात के विधायकों के लिए नवनिर्मित आवासों का उद्घाटन किया और अहमदाबाद जिले के साणंद तालुका में एक सड़क परियोजना की आधारशिला रखी। गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले शाह दिवाली उत्सव के बीच अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन सेक्टर 17 में विधायकों के लिए आवासीय अपार्टमेंट का उद्घाटन करने के लिए राज्य की राजधानी पहुंचे थे। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 12 टॉवर में 216 अपार्टमेंट वाले इस परिसर का निर्माण अनुमानित 325 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। प्रत्येक फ्लैट में तीन शयनकक्ष हैं और यह 238.45 वर्ग मीटर (लगभग 2,500 वर्ग फुट) का है। इसमें कहा गया है कि कॉलोनी में एक बड़ा बगीचा, बहुउद्देशीय हॉल, सामुदायिक हॉल, स्विमिंग पूल, व्यायामशाला, कैंटीन, इनडोर खेल उपकरण, एक डिस्पेंसरी और एक स्टोर है। गुजरात विधानसभा में 182 विधायक हैं।वर्ष 1971 में, विधायकों के लिए राज्य की राजधानी के सेक्टर 17 में एक बीएचके वाले अपार्टमेंट बनाए गए थे। समय के साथ आवास की बढ़ती जरूरत के कारण, 1990-91 में सेक्टर 21 के 14 ब्लॉक में दो शयनकक्ष वाले 168 अपार्टमेंट बनाये गये थे। वर्तमान विधायक अभी भी इसी भवन में रह रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 2022 में राज्य सरकार ने 1971 में बने क्वार्टर को ध्वस्त करके तीन शयनकक्ष वाले अपार्टमेंट के निर्माण को मंजूरी दी। इससे पहले शाह ने साणंद तालुका में अहमदाबाद-मालिया रोड के शांतिपुरा-खोराज जीआईडीसी खंड पर छह लेन के निर्माण की परियोजना की आधारशिला रखी। साणंद तालुका गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन प्रशासनिक रूप से अहमदाबाद जिले में आता है। विज्ञप्ति में कहा गया कि इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी मौजूद थे।इसमें कहा गया है कि लगभग 43 हजार वाहनों के औसत दैनिक यातायात को देखते हुए यातायात जाम से निपटने और दुर्घटना की संख्या को कम करने के लिए मौजूदा चार लेन वाली सड़क को छह लेन में परिवर्तित करने की तत्काल आवश्यकता है। अनुमानित 805 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में कुल 28.8 किलोमीटर सड़क को छह लेन में परिवर्तित किया जायेगा।
- नयी दिल्ली. डेलॉयट इंडिया ने बढ़ती मांग एवं नीतिगत सुधारों के बीच चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.7-6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का बृहस्पतिवार को अनुमान लगाया। भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट ने कहा कि घरेलू मांग में तेजी, उदार मौद्रिक नीति तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 2.0 जैसे संरचनात्मक सुधारों से वृद्धि को बल मिलने की संभावना है। कम मुद्रास्फीति, क्रय शक्ति में सुधार के साथ खर्च बढ़ाने में योगदान देगी। डेलॉयट इंडिया की ‘भारत आर्थिक परिदृश्य' रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7 से 6.9 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है जो डेलॉयट के पिछले अनुमान से 0.3 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर औसतन 6.8 प्रतिशत बनी हुई है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग में वृद्धि उपभोग व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि से होने की संभावना है।इसके बाद मजबूत निजी निवेश की उम्मीद है क्योंकि व्यवसाय अनिश्चितताओं का सामना करने और बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए तैयारी कर रहे हैं। मजूमदार ने कहा, ‘‘ यह भी अनुमान है कि भारत साल के अंत तक अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ एक समझौता कर लेगा जिससे समग्र निवेश धारणा में सुधार होने की उम्मीद है। पहली एवं तीसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि से समग्र वार्षिक वृद्धि को बल मिलने की संभावना है।'' चालू वित्त वर्ष में हालांकि वृद्धि, वैश्विक चुनौतियों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है। बढ़ती व्यापार अनिश्चितताएं और अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में भारत की असमर्थता, ऐसे संभावित जोखिम हैं जो भारत की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच पर प्रतिबंध और पश्चिमी देशों में उच्च मुद्रास्फीति, भारत में मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा सकते हैं।
- अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर में रामलला के दर्शन के समय में बृहस्पतिवार को बदलाव कर दिया गया। अब आम श्रद्धालुओं को रात नौ बजे के बजाय साढ़े आठ बजे तक ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी अनिल मिश्रा द्वारा जारी निर्देश के अनुसार रामलला के दर्शन के समय में मामूली बदलाव शीत ऋतु को ध्यान में रखते हुए किया गया है। निर्देश के तहत दर्शन का समय आधा घंटा कम कर दिया गया है लिहाजा अब आम श्रद्धालु जन्मभूमि पथ से रात साढ़े आठ बजे तक प्रवेश कर सकेंगे।पहले यह समय रात नौ बजे तक था। इस बदलाव का उद्देश्य शयन आरती को उसके पूर्व निर्धारित समय रात 10 बजे से बदलकर साढ़े नौ बजे करना है। इसके अलावा बृहस्पतिवार को लागू की गई नयी व्यवस्था में सुबह के समय में भी बदलाव किया गया है। नयी व्यवस्था के मुताबिक भगवान श्रीराम की मंगला आरती अब सुबह चार बजे के बजाय साढ़े चार बजे शुरू होगी। इसके बाद भगवान श्रीराम की श्रृंगार आरती पहले की तरह सुबह छह बजे के बजाय साढ़े छह बजे होगी। इन बदलावों के बावजूद आम भक्तों के लिए सुबह के दर्शन पहले की तरह सुबह सात बजे से ही उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा दोपहर में राजभोग आरती दोपहर 12 बजे निर्धारित है। इसके बाद मंदिर के कपाट दोपहर साढ़े 12 बजे से एक बजे तक बंद रहेंगे और एक बजे फिर से खुलेंगे, जिसके बाद दर्शन भी शुरू होंगे। दूरदर्शन पर श्रृंगार आरती के प्रसारण कार्यक्रम में संशोधन किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और प्रसार भारती के बीच हुए समझौते के अनुसार पहले सुबह छह बजे से प्रसारित होने वाला सीधा प्रसारण अब छह बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा।
- हावेरी. कर्नाटक के हावेरी जिले में बृहस्पतिवार को बैलों को काबू करने के खेल के दौरान अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पहली मौत हावेरी तालुका में, दूसरी तिलावल्ली में, तीसरी देवीहोसुर गांव में और चौथी हंगल में हुई। उन्होंने बताया कि मृतकों में से दो की पहचान चंद्रशेखर कोडिहल्ली और गनीसाब के रूप में हुई है, जिनकी उम्र लगभग 70 साल थी। कर्नाटक में सांडों को काबू करने के खेल को ‘होरी हब्बा' के नाम से जाना जाता है। यह एक पारंपरिक ग्रामीण खेल है, जिसमें प्रतिभागी दिवाली के त्योहार के दौरान सजाए गए बैलों से बंधे पुरस्कारों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। पुलिस के अनुसार, मौतों के संबंध में अलग-अलग मामले दर्ज कर लिए गए हैं और इनकी जांच की जा रही है।
- औरंगाबाद. हाजीपुर. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विकास' और ‘इंडिया गठबंधन के विनाश' के बीच की लड़ाई है। औरंगाबाद जिले में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे ‘‘परजीवी पार्टी'' बताया, जो अपने छोटे सहयोगी दलों को समाप्त कर देती है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर हमला करते हुए कहा कि लालू प्रसाद की पार्टी ‘‘रंगदारी, जंगलराज और दबंगई'' की प्रतीक है। नड्डा ने महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के शासनकाल के इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ़ है।उन्होंने कहा, ‘‘वह दौर अराजकता, जंगलराज और विकास की राह में रुकावटों का दौर था, जिसने बिहार को दशकों पीछे धकेल दिया। आज ये दल फिर से सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता अब और भ्रमित होने वाली नहीं है। महागठबंधन सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए बनाया गया एक अपवित्र गठबंधन है, जो राज्य के लिए केवल विनाश लाएगा।'' तेजस्वी यादव द्वारा युवाओं को रोजगार देने और पलायन रोकने के वादे पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा कि राजद की ऐसी घोषणाएं ‘‘भूमि के बदले नौकरी'' घोटाले की याद दिलाती हैं। उन्होंने राजद के इस चुनावी वादे की आलोचना की कि बिहार के हर परिवार को सरकारी नौकरी दी जाएगी। नड्डा ने सवाल उठाया कि इसके लिए धन कहां से आएगा और वेतन कैसे दिया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने राजद द्वारा अपराधी से नेता बने दिवंगत मोहम्मद शाहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहाब को टिकट देने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘‘राजद ने शाहाबुद्दीन के बेटे को मैदान में उतारा है, ऐसी पार्टी बिहार की जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेगी? लालू का राजद रंगदारी, जंगलराज और दबंगई का प्रतीक है।'' राजद ने ओसामा शाहाब को सिवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।नड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में बिहार को ‘‘जंगलराज'' से मुक्त कराया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में मुकाबला ‘विकास' और ‘विनाश' के बीच है। बिहार की जनता जंगलराज को कभी नहीं भूल सकती। लालू प्रसाद के शासनकाल में लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था, जबकि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार प्रगति की राह पर है।'' उन्होंने कहा, ‘‘बहुत कम लोग जानते हैं कि मेरा जन्म पटना, बिहार में हुआ था। मैंने अपने बचपन के 20 साल बिहार में बिताए। मैं अंधकार के उस युग को जानता हूं और मैं प्रकाश के इस युग को भी देखता हूं... आज, यह चुनाव स्पष्ट रूप से राजग के साथ 'विकास' और महागठबंधन के साथ 'विनाश' दिखाता है।'' नड्डा ने दावा किया कि राजग सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विकास के लिए अनेक कार्य किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने बिहार के रेल बजट में लगभग 10 गुना वृद्धि की है। हाल में शुरू की गई 44 वंदे भारत ट्रेनों में से 26 बिहार के लिए हैं।''उन्होंने यह भी बताया कि छठ पर्व के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे मंत्रालय ने इस बार विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 12,000 कर दी है। वैशाली जिले के पातेपुर विधानसभा क्षेत्र में एक अन्य सभा में नड्डा ने कहा कि, ‘‘राज्य की राजग सरकार द्वारा महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजार रुपए की किश्त महिलाओं दी जा रही है। यह सुविधा 75 लाख महिलाओं को मिल चुकी है। नीतीश कुमार जी ने लड़कियों को साइकिल देने से लेकर छात्रवृत्ति और आरक्षण देने तक महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की जनता जंगलराज को कभी नहीं भूल सकती। लालू प्रसाद के शासन में लोग पलायन को मजबूर थे, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राजग सरकार बिहार के समग्र विकास के लिए कार्य कर रही है। राज्य में 10 नए हवाई अड्डे बनाए जा रहे हैं, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र द्वारा स्थापित मखाना बोर्ड किसानों की आय बढ़ाएगा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गठित युवा आयोग युवाओं के जीवन में परिवर्तन लाएगा।'' राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बिना नड्डा ने कहा, ‘‘बिहार के लोग भलीभांति जानते हैं कि अपहरण के मामलों में फिरौती की रकम तत्कालीन मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर तय होती थी।'' नड्डा ने मतदाताओं से अपील की कि वे विकास की गति को बनाए रखने के लिए राजग उम्मीदवारों को भारी मतों से विजयी बनाएं, ताकि बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करने का सपना पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि बिहार के समग्र विकास के लिए ‘डबल इंजन' की सरकार का रहना अपरिहार्य है।
- गोपेश्वर. उत्तराखंड के चमोली जिले में बृहस्पतिवार को देवखाल के समीप एक कार के गहरी खाई में गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी तथा एक अन्य घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गोपेश्वर-पोखरी मोटर मार्ग पर हुए इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा राहत और बचाव कार्य शुरू किया।हादसे के समय कार में चार लोग सवार थे। घायल को उपचार के लिए गोपेश्वर में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार हादसे का शिकार हुआ परिवार चमोली जिले की पोखरी तहसील के विशाल गांव का रहने वाला था। मृतकों की पहचान अरविंद त्रिपाठी, अनीता त्रिपाठी और अनंत स्वरूप त्रिपाठी शामिल हैं। घायल अंबुज त्रिपाठी, अरविंद त्रिपाठी का पुत्र है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
- बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख वी नारायणन ने बृहस्पतिवार को बताया कि संगठन ने अपने भारी-भरकम रॉकेट एलवीएम-3 के दो प्रक्षेपणों की योजना बनाई है, जो इस साल के अंत तक दो उपग्रहों सीएमएस-03 और निजी अमेरिकी संचार उपग्रह ब्लूबर्ड को कक्षा में स्थापित करेंगे। नारायणन ने कहा कि 30 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह अभी ‘कैलिब्रेशन' चरण में है और 10-15 दिनों के भीतर यह सक्रिय हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘उपग्रह बेहतर स्थिति में है और दोनों पेलोड अच्छी तरह काम कर रहे हैं।''इसरो प्रमुख ने ‘उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन 2025' की घोषणा के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अंतरिक्ष एजेंसी के भविष्य के मिशनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गगनयान परियोजना पर 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है।नारायणन ने कहा, ‘‘अगले महीने की शुरुआत में, हम सीएमएस-03 उपग्रह को स्थापित करने के लिए एलवीएम3-एम5 को प्रक्षेपित करेंगे।'' इसरो अधिकारियों के अनुसार, सीएमएस-03 जिसे जीसैट7-आर के नाम से भी जाना जाता है और इसे दो नवंबर को प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है। नारायणन ने कहा कि अमेरिकी कंपनी का 6.5 टन वजनी उपग्रह ब्लूबर्ड-6 इस वर्ष के अंत तक प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है। इसरो प्रमुख ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उपग्रह मिल गया है और हम प्रक्षेपण के लिए काम कर रहे हैं तथा प्रक्षेपण के लिए रॉकेट को तैयार किया जा रहा है।'' इसरो द्वारा प्रक्षेपित किये जाने वाले सबसे भारी वाणिज्यिक उपग्रहों में से एक, ब्लूबर्ड-6 को 19 अक्टूबर को अमेरिका से भारत लाया गया। इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-4 की प्रगति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि परियोजना अभी डिजाइन चरण में है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल हम डिज़ाइन चरण और इसकी स्वीकृत परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।साथ ही, मूलभूत मानकों के तहत बुनियादी ढांचा भी तैयार कर रहे हैं।'' चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्र सतह पर लैंडर और रोवर को उतार कर चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी के नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाना हैं। इसके तहत चंद्रमा से एक अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण करना, चंद्र कक्षा में उक्त लैंडर को यान से जोड़ने की क्षमता का प्रदर्शन करना और नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाना शामिल है। नारायणन ने भारत के स्वदेशी नेविगेशन उपग्रह प्रणाली ‘नाविक' के बारे में बताया, ‘‘हमारे पास चार उपग्रह हैं और हम तीन और उपग्रह बना रहे हैं। हां, कुछ रुकावटें जरूर आईं, लेकिन हम इस पर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘नाविक नेविगेशन प्रणाली भी तीन नए सैटेलाइट के साथ 18 महीनों में पूरी हो जाएगी।'' उन्होंने एनवीएस-02 उपग्रह में तकनीकी खराबी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘उपग्रह दीर्घवृत्ताकार कक्षा में चला गया है और वाल्व में खराबी के कारण हम इसे वृत्ताकार कक्षा में नहीं ले जा सके।'' उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए गठित विफलता विश्लेषण समिति ने जांच पूरी कर ली है और दोष का पता लगा लिया है। नारायणन ने कहा,‘‘समिति की सिफारिशें सरकार के समक्ष रखी जाएंगी।''इसरो प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष मिशन 2047 की स्पष्ट रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने कहा कि भारत के लगभग 56 उपग्रह कक्षा में हैं, जो देश के आम आदमी की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगले तीन से चार वर्षों में उपग्रहों की संख्या लगभग तीन गुना तक बढ़ा दी जाएगी और 2027 तक हम गगनयान कार्यक्रम पूरा कर लेंगे।' नारायणन ने कहा, ‘‘हम 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना केंद्र स्थापित करने जा रहे हैं और पहले मॉड्यूल के लिए हमें परियोजना की मंजूरी मिल गई है और अभी काम चल रहा है तथा इसे 2028 तक कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा।'' अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान के बारे में उन्होंने कहा कि पहले प्रक्षेपण की क्षमता केवल 35 किलोग्राम थी, जिसे वर्ष 1980 में सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘आज हम अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान के ज़रिए पृथ्वी की निचली कक्षा में लगभग 30,000 किलोग्राम वजन ले जाने की बात कर रहे हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने मानवयुक्त चंद्र मिशन को संभव बनाने के लिए रॉकेट बनाने के लिए दिशानिर्देश भी दिए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी अवधारणा के चरण में हैं। हमने डिजाइन पूरी नहीं की है, लेकिन इसे लगभग 75,000 से 80,000 किलोग्राम भार उठाना होगा। इस दिशा में काम जारी है।'' इसरो प्रमुख के मुताबिक, इसरो ने अब तक 34 देशों के लगभग 433 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजे हैं। इनमें से लगभग 95 उपग्रह पिछले दस वर्षों के दौरान भेजे गए हैं।
- नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को सावधान रहने के लिए ‘‘अच्छी खुराक'' दे दी है और वह अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले दो बार सोचेगा। रक्षा मंत्री ने राजस्थान के जैसलमेर में सशस्त्र बलों से भी कहा कि वे सतर्क रहें क्योंकि भारत के ‘‘दुश्मन कभी निष्क्रिय नहीं रहते।'' सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने कोई दुस्साहस किया तो भारतीय सेना उसे और कड़ा जवाब देगी। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान भारत के खिलाफ अब कोई भी दुस्साहस करने से पहले दो बार सोचेगा क्योंकि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्हें सावधान रहने के लिए अच्छी खुराक दे दी है।'' रक्षा मंत्री ने ‘बड़ा-खाना' (विशाल भोज) के दौरान सेना के जवानों के साथ बातचीत में दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है और इसे केवल रोका गया है।उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान कोई दुस्साहस करता है तो उसे और कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पायलट ने पाकिस्तान के सामने भारत की ताकत का केवल एक छोटा सा नमूना पेश किया। अगर उन्हें मौका मिला तो वे हमारी असली ताकत का प्रदर्शन करेंगे।'' पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था और पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकवादियो के बुनियादी ढांचों पर हवाई हमले किए थे। इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण झड़पें हुईं जो सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के साथ 10 मई को समाप्त हुईं। सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में सशस्त्र बलों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सैनिक न केवल सीमाओं के रक्षक हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। यह सदी हमारी है; भविष्य हमारा है और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमने जो प्रगति की है, उसे देखकर मुझे विश्वास है कि हमारी सेना दुनिया में निस्संदेह सर्वश्रेष्ठ बनेगी।''रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए सीमाओं पर विकास गतिविधियां की जा रही हैं। उन्होंने भारत की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों के प्रतीक के रूप में बड़ा-खाना के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों का घर हैं। यहां बहुत विविधता है, जो बड़ा-खाना के दौरान एक ही थाली में झलकती है और इसे किसी भी अन्य रात्रिभोज से बेहतर बनाती है।'' सिंह ने बड़ा-खाना से पहले जैसलमेर में अपनी तरह के अनूठे कैक्टस-सह-वनस्पति उद्यान-शौर्यवन का भी उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री ने जैसलमेर युद्ध स्मारक पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह और थल सेना के सभी कमांडर उपस्थित थे। सिंह शुक्रवार को जैसलमेर में सेना के कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
- पणजी. उत्तरी गोवा में अगुआडा खाड़ी के पास बृहस्पतिवार शाम एक ‘क्रूज बोट' और एक छोटी नौका के समुद्र में चट्टानों के बीच फंस जाने के बाद दोनों पर सवार 42 लोगों को बचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि राज्य द्वारा नियुक्त एजेंसी दृष्टि मरीन के बचावकर्मियों ने तूफान के बीच अशांत समुद्र में यह अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि क्रूज पर 38 पर्यटक सवार थे, जबकि चार लोग छोटी नौका में यात्रा कर रहे थे। दोनों नौका चट्टानी क्षेत्र में टकरा गए।दृष्टि मरीन ने बताया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गोवा तट पर खराब मौसम के लिए पहले ही ‘येलो अलर्ट' जारी कर दिया था। सूचना मिलने के बाद 12 बचावकर्मियों की एक टीम ने बचाव अभियान शुरू किया। हालांकि, चट्टानों और तेज़ धारा के कारण ‘क्रूज़ बोट' तक पहुंचना बहुत खतरनाक था। अभियान जारी रहने के बीच छोटी नौका से फंसे होने की सूचना मिली। बचावकर्मियों ने उन्हें भी बचा लिया। एजेंसी ने बताया कि निकटवर्ती अगुआडा जेल और बंदरगाह परिसर के कर्मचारियों ने ऑपरेशन में सहायता के लिए रस्सी, रोशनी और अन्य उपकरण उपलब्ध कराए।--
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नयी दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नाग मिसाइलों, युद्धक जहाजों और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया एवं निगरानी प्रणालियों सहित 79,000 करोड़ रुपये के हथियार और सैन्य साजो-सामान खरीदने के प्रस्तावों को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद खरीद पर यह दूसरा बड़ा फैसला है। पांच अगस्त को 67,000 करोड़ रुपये की खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने लगभग 79,000 करोड़ रुपये की कुल लागत के विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी। भारतीय नौसेना के लिए, लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक्स (एलपीडी), 30 मिमी नेवल सरफेस गन (एनएसजी), एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो (एएलडब्ल्यूटी), इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट के लिए गोला-बारूद की खरीद को मंजूरी दी गई। एलपीडी की खरीद से भारतीय नौसेना को भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ जल-थल अभियानों को अंजाम देने में मदद मिलेगी। भारतीय नौसेना कम से कम चार एलपीडी खरीदने पर विचार कर रही है। एलपीडी द्वारा प्रदान की गई एकीकृत समुद्री क्षमता भारतीय नौसेना को शांति अभियानों, मानवीय सहायता और आपदा राहत में भी मदद करेगी। बयान में कहा गया, ‘‘डीआरडीओ की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एएलडब्ल्यूटी को शामिल करने से पारंपरिक, परमाणु और छोटी पनडुब्बियों को निशाना बनाया जा सकेगा।'' इसमें कहा गया कि 30 मिमी एनएसजी की खरीद से भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों और समुद्री डकैती विरोधी भूमिकाओं को निभाने की क्षमता में वृद्धि होगी। भारतीय सेना के लिए, नाग मिसाइल सिस्टम (ट्रैक्ड) एमके-दो (एनएएमआईएस), ग्राउंड बेस्ड मोबाइल ईएलआईएनटी सिस्टम (जीबीएमईएस) और मैटेरियल हैंडलिंग क्रेन सहित हाई मोबिलिटी व्हीकल्स (एचएमवी) की खरीद को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई। एनएएमआईएस (ट्रैक्ड) की खरीद से भारतीय सेना की दुश्मन के लड़ाकू वाहनों, बंकरों और अन्य क्षेत्रीय किलेबंदी को निष्क्रिय करने की क्षमता बढ़ेगी, जबकि जीबीएमईएस दुश्मन के उत्सर्जकों की चौबीसों घंटे इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी प्रदान करेगा। एचएमवी के शामिल होने से विविध भौगोलिक क्षेत्रों में सेनाओं की रसद सहायता में उल्लेखनीय सुधार होगा। वायु सेना के लिए, समन्वित लंबी दूरी लक्ष्य संतृप्ति/विनाश प्रणाली (सीएलआरटीएस/डीएस) और अन्य प्रस्तावों के लिए मंजूरी दी गई। सीएलआरटीएस/डीएस में मिशन क्षेत्र में स्वचालित टेक-ऑफ, लैंडिंग, नेविगेशन, पता लगाने और पेलोड पहुंचाने की क्षमता है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिहार में ‘जंगलराज' पर अगले 100 साल तक चर्चा होगी और विपक्ष अपने कुकृत्यों को छिपाने की कितनी भी कोशिश कर ले, जनता उसे माफ नहीं करेगी। तेजस्वी यादव को बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने के बीच राजद-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘गठबंधन' नहीं, बल्कि ‘लठबंधन' (अपराधियों का गठबंधन) है क्योंकि दिल्ली और बिहार के इसके सभी नेता जमानत पर बाहर हैं। मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बुजुर्ग लोग युवाओं को ‘‘जंगलराज'' के दौरान हुए अत्याचारों के बारे में जानकारी दें। मोदी का इशारा उस समय की ओर था जब बिहार में राजद प्रमुख लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे।
ऑडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत: युवा संवाद' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में ‘जंगलराज' को लोग अगले 100 साल तक नहीं भूलेंगे और विपक्ष अपनी करतूतों को छिपाने की कितनी भी कोशिश कर ले, जनता उसे माफ नहीं करेगी। मोदी ने कहा, ‘‘मैं बिहार के सभी युवाओं से कहूंगा कि वे हर बूथ पर युवाओं को इकट्ठा करें और उस क्षेत्र के बुजुर्गों को बुलाकर ‘जंगलराज' की पुरानी कहानियां सबको बताएं।'' उन्होंने एक भाजपा कार्यकर्ता से बातचीत करते हुए कहा कि देश में विकास का एक ‘महायज्ञ' चल रहा है, तथा केंद्र और बिहार में स्थिर सरकार के कारण चौतरफा काम हो रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘बिहार में हर क्षेत्र में, हर दिशा में काम हो रहा है। अस्पताल बन रहे हैं, अच्छे स्कूल स्थापित हो रहे हैं और नए रेल मार्ग विकसित किए जा रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि देश और बिहार में एक स्थिर सरकार है। जब स्थिरता होती है, तो विकास तेज होता है। यही बिहार की राजग सरकार की ताकत भी है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यही कारण है कि बिहार के युवा उत्साह से कह रहे हैं - ‘रफ्तार पकड़ चुका बिहार, फिर से एनडीए सरकार'।'' उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव राज्य के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने के लिए है और युवा इसमें अहम भूमिका निभाएंगे। मोदी ने कहा कि बिहार के भाइयों और बहनों से बेहतर जनता के वोट की ताकत कोई नहीं समझता। उन्होंने राज्य के युवाओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अनुरोध करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि 14 नवंबर को बिहार में महिला सशक्तीकरण का एक नया युग शुरू होगा, जब भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) फिर से सत्ता में आएगा। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से उन महिलाओं की सूची बनाने को कहा जिन्हें अभी तक ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' का लाभ नहीं मिला है और उन्हें योजना में शामिल करने का आश्वासन दिया। मोदी ने कहा कि राजग के सभी घटक दलों के कार्यकर्ताओं को मिलकर मतदाताओं में सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता केवल आपस में लड़ना और अपने हित साधना जानते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार बिहार में नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद के उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मोदी ने कहा कि बिहार को प्रौद्योगिकी और ‘स्टार्ट-अप' हब बनाने की जरूरत है, ताकि युवा अन्य राज्यों का रुख न करें और राज्य में ही अपनी आजीविका कमा सकें। मोदी ने कहा, ‘‘नीतीश जी और राजग ने बिहार को ‘जंगलराज' से बाहर निकालने और कानून का राज स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की।'' उन्होंने कहा कि बिहारवासियों को अब अपनी पहचान पर गर्व है।
कार्यकर्ताओं से प्रचार अभियान तेज करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को अगले 20 दिन तक चौबीसों घंटे लोगों के बीच रहना होगा।'' मोदी ने युवा भाजपा कार्यकर्ताओं से बिहार के पहली बार के मतदाताओं से जुड़ने और उन्हें उनके वोट की ताकत के बारे में बताने को कहा। बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी। - रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी । उत्तराखंड में स्थित विश्वप्रसिद्ध उच्च गढ़वाल हिमालयी धामों केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बृहस्पतिवार को भैयादूज के पावन पर्व पर परंपरागत पूजा पाठ और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए । रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के धाम और ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे बंद किए गए । बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने बताया कि विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदार के कपाट कार्तिक शुक्ल सप्तमी में अनुराधा नक्षत्र में सुबह साढ़े आठ बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए । ठंड के बावजूद कपाट बंद होने के मौके पर लगभग दस हजार श्रद्धालु मौजूद थे जो ‘हर हर महादेव', 'जय बाबा केदार' और ‘बम बम भोले' का जयघोष कर रहे थे । इस पल का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे । इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित भी उपस्थित थे। अब सर्दियों में अगले छह माह तक भगवान केदारनाथ की पूजा उनके शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में की जाएगी। कपाट बंद होने के मौके पर मंदिर को पुष्पों से भव्य रूप में सजाया गया था । सेना के बैंड की भक्ति धुनों और श्रद्धालुओं के जयकारे के बीच जब भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली बाहर लायी गयी तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा । उत्सव डोली बृहस्पतिवार को रात्रि प्रवास रामपुर में करेगी जबकि शुक्रवार को यह गुप्तकाशी पहुंचेगी जहां से 25 अक्टूबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। केदारनाथ मंदिर के कपाट अब अगले वर्ष अप्रैल–मई में श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुलेंगे। इसकी तिथि और मुहूर्त महाशिवरात्रि के पर्व पर तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश—विदेश से आए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप केदारपुरी का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण कार्य हुआ है । उन्होंने कहा कि सरकार शीतकालीन चारधाम यात्रा को भी प्रोत्साहित कर रही है । उन्होंने श्रद्धालुओं से शीतकाल के दौरान भी चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में पूजा—अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लेने का आग्रह किया । मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कुल 17,68,795 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए जो पिछले साल आए श्रद्धालुओं की संख्या से करीब सवा लाख अधिक है । इस वर्ष मानसून के दौरान आपदाओं के कारण यात्रा के बार—बार बाधित होने के बावजूद चारधाम तथा हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए करीब 50 लाख श्रद्धालु आ चुके हैं । गढ़वाल हिमालय के चार धामों में शामिल एक अन्य धाम यमुनोत्री के कपाट भी बृहस्पतिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा अर्चना के बाद विशाखा नक्षत्र में दोपहर 12:30 पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए । यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया कि अब सर्दियों के दौरान छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खुशीमठ (खरसाली) गांव में होंगे। इस वर्ष की चारधाम यात्रा अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुकी है जहां गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं । अब बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होना शेष हैं जो 25 नवंबर को होंगे और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा । सर्दियों में बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिए जाते हैं ।
- नयी दिल्ली ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अगले सप्ताह मलेशिया में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भाग लेंगे। मोदी ने बृहस्पतिवार को फोन पर मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को यह सूचना दी।प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे प्रिय मित्र, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। उन्हें मलेशिया की आसियान की अध्यक्षता के लिए बधाई दी और आगामी शिखर सम्मेलनों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से शामिल होने और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए उत्सुक हूं।'' दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) की बैठकें 26 से 28 अक्टूबर को होनी है।मलेशिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ आसियान समूह के वार्ता साझेदार कई देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। ट्रंप 26 अक्टूबर को दो दिवसीय यात्रा पर कुआलालंपुर जाएंगे।आसियान-भारत वार्ता संबंध 1992 में क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए। यह दिसंबर 1995 में पूर्ण वार्ता साझेदारी और 2002 में शिखर सम्मेलन स्तरीय साझेदारी में परिवर्तित हो गया। दोनों देशों के बीच संबंध 2012 में रणनीतिक साझेदारी स्तर तक बढ़ गए। आसियान के 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत और आसियान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें व्यापार और निवेश के साथ-साथ सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- नयी दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों की आपूर्ति शृंखला को जुझारू बनाने के लिए काम कर रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त खर्च करने के लिए भी तैयार है। गोयल ने यह बात ‘संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन' (अंकटाड) की मंत्री-स्तरीय बैठक में कही। इस बैठक में ‘जुझारू, टिकाऊ और समावेशी आपूर्ति शृंखला और व्यापार लॉजिस्टिक' पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की खुदरा और औद्योगिक क्षमता बढ़ाने के इरादे से ‘आत्मनिर्भर भारत' पहल शुरू की है। गोयल ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक आपूर्ति शृंखला को उद्योग के हिसाब से देख रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि हम कहां कमजोर हैं और हमें कहां क्षमता विस्तार की जरूरत है। हम अपनी आपूर्ति शृंखलाओं में जुझारू बनाने के लिए अतिरिक्त खर्च करने को तैयार हैं।'' उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना और सेमीकंडक्टर उत्पादन बढ़ाने की नीति शुरू की है। साथ ही, ढांचागत विकास के लिए एक लाख करोड़ डॉलर का राष्ट्रीय मास्टर प्लान भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भारत ने बंदरगाह क्षमता दोगुनी की है। इसके साथ हवाई अड्डों की संख्या 74 से 158 तक बढ़ाई और अगले 7-8 साल में इसे 225 तक ले जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि रेल, सड़क और अंतर्देशीय जलमार्ग नेटवर्क के विकास में भी बड़े निवेश किए जा रहे हैं।गोयल ने कहा कि किसी भी क्षेत्र से उत्पादन या आपूर्ति पर निर्भरता ज्यादा होने पर आत्मनिर्भरता की तरफ ध्यान दिया जाता है। मसलन, इजराइल-हमास संघर्ष ने लाल सागर मार्ग से समुद्री व्यापार को प्रभावित किया, जिससे विविध स्रोतों की जरूरत महसूस हुई। गोयल ने कहा कि जब भी भारत दुनिया के बाकी देशों के साथ व्यापार करता है, तो वह विश्वसनीय और भरोसेमंद साझेदारों की तलाश करता है। उन्होंने बताया कि भारत को उपकरण और विभिन्न कलपुर्जों की जरूरत अभी भी विदेशों से पड़ती है। इसलिए सरकार ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और मित्र देशों के साथ व्यापार संबंधों का विस्तार किया है। इनका उद्देश्य केवल सस्ता सौदा करना नहीं, बल्कि भरोसा और भरोसेमंद आपूर्ति सुनिश्चित करना है। गोयल ने यह भी कहा कि कम विकसित और विकासशील देशों को मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत यूपीआई जैसी भुगतान प्रणाली अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है, जिससे लेन-देन एवं भुगतान की लागत कम हो सकती है।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र का यूको बैंक अपनी उपस्थिति और कारोबार का विस्तार करने के लिए अगले पांच माह में 150 और शाखाएं खोलने की योजना बना रहा है। वर्तमान में, कोलकाता स्थित इस ऋणदाता की देश भर में 3,322 शाखाएं हैं और 150 शाखाओं के जुड़ने से, चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसका नेटवर्क बढ़कर 3,472 हो जाएगा। यूको बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अश्विनी कुमार ने दूसरी तिमाही के आंकड़ों की मंजूरी के बाद एक कॉल के दौरान कहा कि बोर्ड ने मार्च तक 150 और शाखाएं खोलने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि बैंक, शाखाओं के माहौल को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी, डिजिटल और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में और अधिक कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। सितंबर, 2025 तक, बैंक के कुल कर्मचारियों की संख्या 21,266 है।30 सितंबर, 2025 को समाप्त दूसरी तिमाही में, यूको बैंक ने शुद्ध लाभ में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो एक वर्ष पहले की समान तिमाही के 603 करोड़ रुपये के मुकाबले 620 करोड़ रुपये रहा। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की कुल आय 7,071 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,421 करोड़ रुपये हो गई। बैंक की ब्याज आय भी बढ़कर 6,537 करोड़ रुपये हो गई, जो एक वर्ष पहले इसी तिमाही में 6,078 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली. मुधोल हाउंड और रामपुर हाउंड जैसे भारतीय नस्ल के कुत्तों को पहली बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रशिक्षकों द्वारा हेलीकॉप्टर से नीचे उतरने और ‘रिवर राफ्टिंग' जैसे उच्च जोखिम वाले कमांडो अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह पहला अभ्यास सीमा बल के टेकनपुर (मध्यप्रदेश) स्थित ‘नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स' (एनटीसीडी) द्वारा शुरू किया गया। पिछले कुछ वर्ष में सूंघने और चीजों का पता लगाने के काम में इन कुत्तों की उपयोगिता को लेकर ‘बहुत सकारात्मक' प्रतिक्रिया और परिणाम मिले हैं, जिसके बाद यह अभ्यास किया गया।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “भारतीय नस्ल के लगभग एक दर्जन कुत्तों को पहली बार उनके संचालकों के साथ खतरनाक कमांडो अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। जब कमांडो हवाई मार्ग से युद्ध क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे, तो वे हेलीकॉप्टर से नीचे उतरेंगे।” उन्होंने बताया, “इन कुत्तों को रिवर राफ्टिंग और विशेष अभियान इकाई के जवानों के साथ आतंकवादियों को ठिकाने से खदेड़ने के लिए हमले करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।” अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के देहरादून में बीएसएफ का एक विशेष संस्थान राज्य से होकर बहने वाली गंगा नदी के उफनते पानी में ‘रिवर राफ्टिंग' के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित कर रहा है जबकि एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को भी इस अभियान के लिए तैनात किया गया है, जहां कमांडो एक मजबूत रस्सी के सहारे हेलीकॉप्टर से नीचे जमीन पर उतरते हैं। कुत्ते को सुरक्षा उपकरणों की मदद से कमांडो की पीठ पर सुरक्षित रूप से बांधा जाता है और जैसे ही ‘हैंडलर' उसे हमला करने का निर्देश देता है, कुत्ता तुरंत हरकत में आ जाता है। अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) एकमात्र ऐसा सुरक्षा संगठन है, जिसने हेलीकॉप्टर से उतरने वाले कुत्तों को प्रशिक्षित किया है लेकिन ये भारतीय नस्ल के नहीं बल्कि बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के हैं।
- मुंबई. सीमा शुल्क अधिकारियों ने यहां छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो अलग-अलग मामलों में लगभग 20 करोड़ रुपये मूल्य का हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त कर तीन यात्रियों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि ये बरामदगी सोमवार और मंगलवार को की गई।अधिकारी ने बताया कि बैंकॉक से आए एक यात्री को 11.922 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक गांजे के साथ गिरफ्तार किया गया, जिसकी कीमत लगभग 11.92 करोड़ रुपये है। एक अन्य अभियान में, सीमा शुल्क अधिकारियों ने हांगकांग से आ रहे दो यात्रियों को रोका। उनके सामान की जांच के दौरान, उनके पास से 7.864 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक गांजा बरामद हुआ, जिसकी कीमत लगभग 7.86 करोड़ रुपये आंकी गई। हाइड्रोपोनिक गांजा उस गांजे को कहते हैं जिसे मिट्टी की बजाय पोषक घोल वाले जल में, हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाया गया हो।
- फरीदाबाद. राष्ट्रीय राजधानी से सटे फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में साइबर ठगों द्वारा प्रवर्तन अधिकारी बनकर 68 वर्षीय एक बुजुर्ग को पांच दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रखे जाने और फिर 81 लाख रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि सेक्टर 7डी निवासी विष्णुपद चटर्जी द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक, ठगों ने उन पर धनशोधन और मानव तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया और उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट' कर ठगी की। चटर्जी ने पांच दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रखने का ब्योरा देते हुए दावा किया कि 14 अक्टूबर को अपराह्न 2.29 बजे उन्हें एक फोन आया जिसमें फोन करने वाले ने खुद को पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताते हुए कहा कि कुछ अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।शिकायतकर्ता ने कहा, ‘‘फोन करने वालों ने दावा किया कि मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और मुझे डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने मुझे पांच दिन तक वीडियो कॉल पर रखा, धमकाया और भुगतान करने के लिए मजबूर किया। 16 अक्टूबर को 51 लाख रुपये का भुगतान कराया गया जबकि 17 अक्टूबर को आरटीजीएस के माध्यम से 30 लाख रुपये का एक और भुगतान कराया गया।'' फरीदाबाद पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद बल्लभगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
- नयी दिल्ली. दिल्ली में 27 वर्षीय सुमित के परिवार को बुधवार तड़के एक अजनबी के फोन कॉल ने झकझोर कर रख दिया। इस अजनबी व्यक्ति ने फोन पर सुमित के परिवार को उसकी मौत की सूचना दी। दिल्ली के लिबासपुर फ्लाईओवर पर एक क्षतिग्रस्त रॉयल एनफील्ड (बुलेट) मोटरसाइकिल के पास सुमित अपने दो दोस्तों के साथ खून से लथपथ पड़ा था। पुलिस के अनुसार तीनों दोस्त अक्सर साथ में बाहर जाते थे और रात का खाना खाकर हरियाणा के मुरथल से लौट रहे थे, तभी उनकी मोटरसाइकिल एक अचिह्नित कंक्रीट के अवरोधक से टकरा गई। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था।''अन्य दो मृतकों की पहचान मोहित (26) और उसके चचेरे भाई अनुराग (23) के रूप में हुई है। सुमित की जल्द ही शादी होने वाली थी और वह अपने परिवार का मुख्य कमाने वाला था। सुमित के चाचा अंकित शर्मा (37) ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि बुधवार तड़के एक अजनबी के फोन से उनकी नींद खुल गई। अंकित शर्मा ने कहा, ‘‘ उस व्यक्ति ने उन्हें सड़क पर पड़ा देखा और अपने फोन से हमें फोन करके बताया कि वह (सुमित) खून से लथपथ सड़क पर पड़ा है। एक पल के लिए तो उसके माता-पिता को लगा कि यह कोई बुरा सपना है। लेकिन जल्द ही हम सबको एहसास हुआ कि हमारी जिंदगी में एक तूफान आ गया है।'' उन्होंने बताया कि सुमित ने बी.कॉम की पढ़ाई की थी और वह प्राइवेट नौकरी करता था, उसकी जल्द ही शादी होने वाली थी। सब कुछ करीब-करीब तय हो चुका था। सुमित के चाचा ने कहा, ‘‘हमें क्या पता था कि वह हमें इतनी जल्दी छोड़ कर चला जाएगा।''सुमित के परिवार में उसकी मां, पिता और दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई है। सुमित के रिश्तेदार ने कहा, ‘‘वह परिवार का मुख्य कमाने वाला था और उनके पालन-पोषण के लिए कड़ी मेहनत करता था। परिवार आर्थिक रूप से उस पर निर्भर था, और उसका छोटा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है। अब परिवार का भविष्य बहुत अनिश्चित लग रहा है।'' पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) हरेश्वर स्वामी ने एक बयान में कहा, ‘‘ प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पीड़ित हरियाणा के मुरथल से रात्रि भोजन के बाद लौट रहे थे, तभी उनकी तेज रफ्तार मोटरसाइकिल फ्लाईओवर पर रखे कंक्रीट के अवरोधक से टकरा गई। दुर्घटना के समय तीनों में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। '' पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दुर्घटना के संबंध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (तेज गति से वाहन चलाना) और 106(1) (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- मुंबई. देश में कृत्रिम मेधा (एआई) कौशल से जुड़ी नौकरियों की लगातार बढ़ती मांग के बीच सितंबर महीने में एआई-संबंधित नौकरियों में 11.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 8.2 प्रतिशत थी। वैश्विक ऑनलाइन भर्ती मंच ‘इनडीड' ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन महीने पहले एआई कौशल वाली नौकरियों में 10.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। इनडीड के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के वरिष्ठ अर्थशास्त्री कैलम पिकरिंग ने कहा, “भारत अन्य बाजारों की तुलना में ऐसी नौकरियों के मामले में उच्च स्थान पर है। भारत को छोड़कर केवल सिंगापुर में ही एआई से जुड़ी नौकरियों की मांग का प्रतिशत इतना अधिक है। यह साफ है कि भारत में कई नियोक्ता एआई पर पूरी तरह ध्यान दे रहे हैं।” यह रिपोर्ट इनडीड के मंच पर पोस्ट की गई भर्तियों के ब्योरे पर आधारित है।रिपोर्ट कहती है कि एआई से जुड़ी नौकरियां मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में केंद्रित हैं लेकिन अब इनका विस्तार धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है। डेटा और एनालिटिक्स क्षेत्र में लगभग 39 प्रतिशत, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में 23 प्रतिशत, बीमा क्षेत्र में 18 प्रतिशत और वैज्ञानिक अनुसंधान में 17 प्रतिशत नौकरियों के आवेदनों में एआई का उल्लेख है। एआई कौशल की मांग इंजीनियरिंग के सभी क्षेत्रों में देखी जा रही है। इनमें औद्योगिक इंजीनियरिंग (17 प्रतिशत), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (11 प्रतिशत) और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (9.2 प्रतिशत) का स्थान प्रमुख है। रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में भर्ती के कुल विज्ञापनों में 0.8 प्रतिशत गिरावट आई, जो भर्तियां कम होने का लगातार छठा महीना है। हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि देश में संगठित क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और पर्याप्त नौकरियां भी उपलब्ध हैं। इनडीड ने कहा कि एआई के बढ़ते प्रभाव के कारण नियोक्ताओं को विशेषज्ञ और उच्च-कुशल कर्मचारियों की तलाश है, जो डेटा एनालिटिक्स और स्वचालन जैसे एआई कौशल में दक्ष हों। हालांकि, मौजूदा समय में ऐसे कुशल कर्मचारियों की संख्या कम है।
- वाराणसी (उप्र). वाराणसी के रामनगर इलाके में बुधवार को एक तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दम्पति और उनकी एक साल की बेटी की मौत हो गयी। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि यह हादसा दोपहर करीब 12 बजे रामनगर थाना क्षेत्र के भीटी इलाके के पास हुआ। उन्होंने बताया कि ओम प्रकाश सिंह (31) अपनी पत्नी ममता (27) और एक साल की बच्ची को साथ लेकर मोटरसाइकिल से जा रहे थे और रास्ते में भीटी क्षेत्र में एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी और वे सड़क पर गिर गये तथा ट्रक की चपेट में आ गये। तीनों की मौके पर ही मौत हो गयी। त्रिपाठी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। ट्रक के चालक को हिरासत में ले लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है।
- नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक का स्वर्ण भंडार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में 880 टन के स्तर को पार कर गया। इस भंडार में केंद्रीय बैंक ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में 0.2 टन सोना जोड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 26 सितंबर, 2025 तक सोने का कुल मूल्य 95 अरब डॉलर था। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, हाल के महीनों में सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की मांग में वृद्धि हुई है। सितंबर में समाप्त छमाही में, रिजर्व बैंक ने 0.6 टन (600 किलोग्राम) सोना खरीदा। रिजर्व बैंक के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, सितंबर और जून में क्रमशः कुल 0.2 टन (200 किलोग्राम) और 0.4 टन (400 किलोग्राम) सोना खरीदा गया। रिजर्व बैंक के पास कुल स्वर्ण भंडार सितंबर के अंत तक बढ़कर 880.18 टन हो गया, जो वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक 879.58 टन था। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, रिजर्व बैंक ने 54.13 टन सोना जोड़ा था।बुलेटिन में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिसने सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी को प्रोत्साहित किया और केंद्रीय बैंकों और निवेशकों द्वारा वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में सोने की निरंतर मांग ने घरेलू कीमतों में वृद्धि को बढ़ावा दिया। बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर, केंद्रीय बैंकों ने आधिकारिक भंडार में 166 टन सोना जोड़ा, जिससे इसकी मांग में और वृद्धि हुई। तीसरी तिमाही में सोने की कीमतें ऊंची रहीं, सितंबर में सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं।
- नयी दिल्ली. खाद्य सुरक्षा से जुड़े अहम क्षेत्र खाद्य तेल उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार ने बुधवार को कहा कि वह नए नियामकीय आदेशों के अनुपालन की जांच के लिए देशभर में निरीक्षण अभियान शुरू करेगी। खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि ये निरीक्षण जांच हाल ही में संशोधित एक आदेश के तहत की जाएंगी, जिसमें खाद्य तेल बनाने, प्रसंस्करण करने और बेचने वाली सभी इकाइयों को पंजीकरण कराना और हर महीने उत्पादन का ब्योरा देना अनिवार्य किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम नियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों पर कार्रवाई के लिए है। इसका उद्देश्य अनुपालन की गंभीरता को सुदृढ़ करना और खाद्य तेल क्षेत्र के राष्ट्रीय डेटा तंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखना है।संशोधित ‘वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन एवं उपलब्धता (नियमन) आदेश, 2025' के तहत खाद्य तेल कंपनियों को राष्ट्रीय एकल खिड़की व्यवस्था (एनएसडब्ल्यूएस) पर अपना पंजीकरण कराना होगा और उन्हें एडिबलऑयलइंडिया.इन के पोर्टल पर मासिक रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि इन प्रावधानों का पालन नहीं करने वाली खाद्य तेल कंपनियों के खिलाफ संशोधित आदेश और सांख्यिकी संकलन अधिनियम, 2008 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम ऐसे समय आया है जब भारत खाद्य तेल की अपनी घरेलू मांग पूरी करने के लिए आयात पर बहुत निर्भर है। देश हर साल 1.4 करोड़ टन से अधिक खाद्य तेल का आयात करता है, जिनमें प्रमुख रूप से इंडोनेशिया एवं मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना एवं ब्राजील से सोया तेल मंगाया जाता है। मंत्रालय ने बताया कि बड़ी संख्या में खाद्य तेल इकाइयों ने पहले ही पोर्टल पर पंजीकरण करा लिया है जिससे यह संकेत मिलता है कि उद्योग इस नियामकीय बदलाव में सहयोग कर रहा है। सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था खाद्य तेल क्षेत्र में वास्तविक समय में निगरानी सुनिश्चित करेगी और नीतिगत हस्तक्षेप की क्षमता को बेहतर बनाएगी। मंत्रालय ने इसे भारत की खाद्य सुरक्षा अवसंरचना में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
- भोपाल. मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को इन दावों को खारिज कर दिया कि वह राजनीति में हाशिए पर हैं और एक बार फिर दोहराया कि वह साल 2029 के लोकसभा चुनाव में झांसी संसदीय सीट से ही चुनाव लड़ना चाहती हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मैं राजनीति में हाशिए पर रत्ती बराबर भी नहीं हूं...मैंने पार्टी को सूचना दे दी है कि मैं 2029 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। पार्टी अगर चाहेगी तो मैं 2029 का चुनाव जरूर लडूंगी। लेकिन मैं लोकसभा का चुनाव सिर्फ झांसी से लडूंगी। अगर पार्टी कहेगी तो मैं ना नहीं कहूंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘बाकी मुझे और किसी प्रकार की राजनीति में रुचि नहीं है।''भारती ने कहा कि उनकी राजनीति में मुख्य रुचि गाय और गंगा से जुड़े कार्यों में है और इस सिलसिले में वह 29 अक्टूबर को गोपाष्टमी के अवसर पर 'गौ-संवर्धन अभियान' शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान डेढ़ साल तक चलेगा और इसमें ग्राम पंचायतों के सहयोग से किसानों को जोड़ा जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को लाडली बहना योजना की लाभार्थियों को दो गायें देनी चाहिए, जिससे वह उन्हें पाल भी सकेंगी और आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी। भारती ने पिछले दिनों सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा था कि यदि पार्टी कहेगी तो वह सिर्फ झांसी लोकसभा सीट से 2029 में चुनाव जरूर लड़ेंगी। भारती 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई थीं। उन्होंने इसी साल अगस्त में कहा था कि वह अभी राजनीति से दूर नहीं हुई हैं और समय आने पर चुनावी मैदान में उतरेंगी। भाजपा पिछले तीन लोकसभा चुनावों से लगातार झांसी सीट से विजयी रही है। वर्तमान में भाजपा के अनुराग शर्मा इस सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं।भारती ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' की परिकल्पना की पुरजोर वकालत की और कहा कि इससे विकास से जुड़ी कई सारी अड़चनें दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इच्छा है कि 45 दिन में लोकसभा, विधानसभा, नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत के चुनाव सब निपटा दिए जाएं।'' भाजपा की वरिष्ठ नेता ने भगवान कृष्ण को ‘गोपाल' बोलने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा जताई गई आपत्ति के बारे में कहा कि राजनीतिक नेताओं को धर्मशास्त्र का ‘मर्मज्ञ' नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान का गोपाल नाम हजारों साल पहले रखा गया है और उनका नाम गोपाल है तथा यह सभी की जुबान पर है। भारती ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘नेताओं को धर्मशास्त्र के सवाल से परहेज करना चाहिए। गोपाल नाम बहुत पुराना है।... और मोहन (मुख्यमंत्री मोहन यादव) तो गोपाल ही है एक प्रकार से। वह सहज भाव से बोलने वाला व्यक्ति है। बहुत सरल व्यक्ति है। यह तो... लोगों का काम है कि भगवान को कौन किस नाम से पुकारता है।'' मुख्यमंत्री यादव ने पिछले दिनों गोवर्धन पूजा के कार्यक्रम के मौके पर कहा था कि ‘उन्हें (भगवान कृष्ण को) गलती से गोपाल बोलते हैं, ये उनसे थोड़ी जुड़ता है, जो गाय पाले वो गोपाल होता है।' भारती ने कहा कि राजनीतिक नेता शास्त्र के विशेषज्ञ नहीं हैं और उन्हें अपने मनोभाव सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘संतों पर छोड़ दो। भगवान कृष्ण, गोपाल हैं या माखन चोर हैं यह लोगों के व्यक्तिगत आनंद और भक्ति का विषय है। मुझे लगता है कि थोड़ा भोला भंडारी है हमारा मुख्यमंत्री मोहन यादव।'' भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के मुंह से यह बात निकल गई होगी और जब उनको बताया जाएगा तो उनको लगेगा कि उन्हें यह नहीं बोलना चाहिए था।













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