भारत विकास परिषद् ने 63 साल तक बिना किसी प्रसिद्धि की चाहत के जरूरतमंद लोगों की सेवा की : अमित शाह
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में भारत विकास परिषद् के 63वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अपनी स्थापना के छह दशक बाद भी भारत विकास परिषद उपयुक्तता और प्रासंगिकता के साथ काम कर रही है। इस संस्था ने सेवा को संगठन, संगठन को संस्कार और संस्कार को राष्ट्र निर्माण के साथ जोड़ने की अद्भुत कार्य-संस्कृति विकसित की है। उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद् ने 63 साल तक बिना किसी प्रसिद्धि की चाहत के जरूरतमंद लोगों की सेवा की है और विश्व को आज ऐसे ही संगठन की ज़रूरत है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने औपनिवेशिक विरासत (Colonial Legacy) से मुक्ति के लिए ढेर सारे काम किए। राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करने से यह करोड़ो नागरिकों को संविधान में बताए गए कर्तव्यों की याद दिलाता है। अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र में अधिकार को अपनी राजनीति का जरिया बनाने वालों के बीच यदि कोई व्यक्ति कर्तव्य की याद दिलाता है तो संविधान की भावना (Spirit) जमीन पर उतरती है।
उन्होंने कहा कि जब देश की नौसेना अंग्रेजों की सेना का चिह्न बदलकर शिवाजी महाराज का चिह्न अपनाती है तो हर भारतीय को गर्व होता है। आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में समर स्मारक बनाया गया। संसद में सेंगोल की स्थापना के जरिये एक परिकल्पना रखी है कि भारत किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। गृह मंत्री शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी के हाथों से संसद में सेंगोल स्थापित किया जा रहा था, तब करोड़ों भारतीयों के मन में आया कि हमारे मनीषियों ने जिस भारत की कल्पना की थी, हम उस रास्ते पर आगे निकल चुके हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत विकास परिषद् का 63वां स्थापना दिवस भारत का विकास भारतीय दृष्टिकोण से चाहने वाले लोगों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था अगर 63 साल तक निर्विवाद चलती है तो यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है, परंतु सेवा और सृजन शक्ति का संगठन करने वाली संस्था जब 63 साल चलती है तो इसके पीछे काफी तपस्वियों का तप होता है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों के सामने भारत को वर्ष 2047 तक पूर्ण विकसित और विश्व में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम राष्ट्र बनाने का संकल्प रखा है। इस संकल्प में कल्पना और संकल्प के साथ संकल्प को सिद्ध करने की कार्ययोजना भी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने पांच लक्ष्य सबके सामने रखे हैं, जिनमें विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी के हर अंश से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता एवं एकजुटता का भाव और नागरिकों में कर्तव्य की भावना का निर्माण शामिल है। अमित शाह ने कहा कि भारत विकास परिषद लंबे समय से इन पांचों लक्ष्यों पर एक सेवक की भांति काम कर रही है।
अपने संबोधन के दौरान, अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के 11 साल के कार्यकाल को इतिहासकार स्वर्ण अक्षरों से अंकित करेंगे। उन्होंने कहा कि बीते 11 साल में 55 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक अकाउंट खोले गए, 15 करोड़ घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया, 12 करोड़ से अधिक मकानों में शौचालय का निर्माण किया। श्री शाह ने कहा कि 10 करोड़ से अधिक घरों में गैस सिलिंडर और 4 करोड़ से अधिक लोगों को खुद का घर दिया। मुद्रा योजना के तहत करोड़ो की संख्या में ऋण दिए गए, जिनमें से दो-तिहाई ऋण मातृ शक्ति को देकर उन्हें देश के विकास से जोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि ‘लखपति दीदी’ के माध्यम से मातृशक्ति को आगे बढाया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि विरासत को भूले बगैर, विकास के आधार पर हम आगे बढ़ें और हमारे सभी स्वतंत्रता सेनानियों की कल्पना के भारत का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि अकेले सरकारें सारी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती, जब तक सेवा से जुड़े संगठन इसी रास्ते पर एक ही लक्ष्य के साथ न चलें।
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