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- नई दिल्ली। भारतीय सेना और चीन की फौज के बीच गतिरोध के मध्य केंद्र सरकार ने भारत चीन सीमा पर चल रही सड़क परियोजनाओं की सोमवार को समीक्षा की और उनमें से 32 परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का निर्णय लिया गया।गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में यह फैसला किया गया है। इस बैठक में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) समेत अन्य ने हिस्सा लिया। एक अधिकारी ने बताया, चीन के साथ सीमा पर 32 सड़क परियोजनाओं पर काम शीघ्र किया जाएगा और सभी संबंधित एजेंसियां अपना सहयोग फास्ट ट्रैक परियोजानाओं को देंगी। भारत सीमा पर कुल 73 सड़कें बनाई जा रही हैं। इनमें से 12 पर सीपीडब्ल्यूडी और 61 पर बीआरओ काम कर रहा है। यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय की सीधी निगरानी में किया जा रहा है जो सभी सीमा अवसंरचना परियोजनाओं के लिए नोडल प्राधिकार है। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच टकराव चल रहा है। लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून को पीएलए के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।दूसरे अधिकारी ने बताया कि लद्दाख में बीआरओ कम से कम तीन अहम सड़कों का निर्माण कर रहा है। सड़कों के अलावा, बिजली, स्वास्थ्य, दूरसंचार और शिक्षा जैसे सीमा बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित अन्य परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, हाल के सालों में भारत चीन सीमा से सटे इलाकों में सड़क निर्माण के कामों में तेजी आई है। अधिकारियों ने बताया कि 2017 से 2020 के बीच सीमा से सटे इलाकों में 470 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता बनाने (फॉरमेशन कटिंग) का काम पूरा किया गया जबकि 2008 से 2017 के बीच यह सिर्फ 230 किलोमीटर था। उन्होंने बता कि 2017-20 के बीच 380 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता साफ किया गया।उन्होंने बताया कि 2014-20 के बीच छह सुरंग सड़कों का निर्माण किया गया जबकि 2008 से 14 के बीच सिर्फ एक सुरंग सड़क का निर्माण किया गया था। इसके अलावा 19 सुरंग सड़कें योजना के चरण में हैं। 2014-20 के बीच कुल 4,764 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है जबकि 2008-14 के बीच 3,610 सड़क का निर्माण किया गया था। इसी तरह से हाल के सालों में सड़क परियोजनाओं के बजट में भी इजाफा किया गया है।2008 और 2016 के बीच प्रति वर्ष सड़क परियोजनाओं के लिए बजट 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये तक था। 2017-18 में सीमावर्ती इलाकों में सड़क परियोजनाओं के लिए 5450 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि 2018-19 में 6700 करोड़ रुपये, 2019-20 में 8050 करोड़ रुपये तथा 2020- 21 में 11, हजार 800 करोड़ रुपये दिए गए हैं।-
- जम्मू। जम्मू में एक कार के सड़क पर फिसल कर पलट जाने से दो व्यक्तियों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना सोमवार को नरवाल बाईपास के पास उस समय हुई जब चालक ने वाहन पर से अपना नियंत्रण खो दिया और वाहन डिवाइडर से टकरा गया। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। दोनों की आयु लगभग 24 वर्ष थी। अधिकारी ने बताया कि वाहन में सफर कर रहे तीन अन्य व्यक्तियों को राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- जम्मू। जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर लगने वाला वार्षिक बाबा चमलियाल मेला इस साल कोरोना वायरस महामारी के चलते रद्द कर दिया गया है।अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाबा चमलियाल धर्मस्थल के प्रबंधन को इस फैसले से अवगत करा दिया है। धर्मस्थल के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष बिल्लू चौधरी ने कहा, जिला प्रशासन ने इस साल कोविड-19 महामारी के चलते मेला आयोजित नहीं करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन गांववासियों की ओर से चादर चढ़ाएगा और कोविड-19 के खात्मे के लिये विशेष प्रार्थना करेगा। बाबा चमलियाल धर्मस्थल जम्मू-कश्मीर के रामगढ़ सेक्टर में शून्य रेखा के निकट स्थित है, लिहाजा इसमें देश के विभिन्न इलाकों के अलावा पाकिस्तान से भी श्रद्धालु आते हैं। तीन दिवसीय यह मेला इस सप्ताह के अंत में आयोजित होना था।----
- मेरठ। उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के भावनपुर थाना क्षेत्र में एक ट्रक बिजली की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया जिससे एक युवक समेत तीन लोगों की झुलसने से मौत हो गई जबकि तीन महिलाओं समेत चार लोग घायल हो गए।थाना भावनपुर प्रभारी संजय कुमार के अनुसार परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के बढ़ला गांव निवासी जयवीर (35) और जय भगवान (21) समेत छह लोग सोमवार को दो बाइक से सिखेड़ा गांव, अम्हेड़ा आदिपुर गंगानगर में गए थे। उन्होंने बताया कि दोनों बाइकों पर सवार तीन महिलाएं समेत ये सभी छह लोग अपने गांव लौट रहे थे। शेखपुरा रोड पर ही उनकी बाइक के आगे एक ट्रक जा रहा था। इसी दौरान ट्रक बिजली की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। तभी पीछे से बाइक ट्रक से टकरा गई। कुमार ने बताया कि इस हादसे में जयवीर और जय भगवान की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। वही ट्रक में सवार एक युवक की भी मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। थाना प्रभारी के अनुसार अभी यह पता नही चल सका है कि ट्रक से कूदकर भागने वाला ट्रक का चालक था या फिर परिचालक। उन्होंने बताया कि इस हादसे की जांच की जा रही है।
- नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना महामारी के संकट एवं सख्त लॉकडाउन के कारण पैदा हुए हालात के मद्देनजर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज देने की मियाद अगले तीन महीने के लिए बढ़ाई जाए।सोमवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने फिर से इस मांग पर जोर दिया कि उन गरीब परिवारों को अस्थायी राशन कार्ड मुहैया कराए जाएं जो पीडीएस योजना से बाहर हैं। सोनिया ने कहा, तीन महीने के सख्त लॉकडाउन के कारण करोड़ों भारतीय नागरिकों के गरीबी की गिरफ्त में आ जाने का खतरा है। इसके विपरीत प्रभाव के कारण शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा का संकट पैदा हो गया है। उनके मुताबिक सरकार ने कोरोना संकट की शुरुआत के बाद कहा था कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अप्रैल-जून की अवधि के दौरान हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जाएगा। किसी केंद्रीय अथवा राज्य पीडीएस योजना के तहत कवर नहीं होने वाले प्रवासी श्रमिकों को भी मई एवं जून में भी पांच-पांच किलोग्राम अनाज देने की घोषणा की गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, केंद्र सरकार को पीडीएस के तहत मुफ्त अनाज देने की अवधि को अगले तीन महीनों (जुलाई-सितंबर) के लिए बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। कई राज्यों ने भी यह आग्रह किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर जल्द से जल्द विचार कर निर्णय लेगी।
- - पुरी के राजा, पुरी के शंकराचार्य और सॉलिसिटर जनरल से व्यापक चर्चा कीनई दिल्ली। .केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आज का दिन हम सबके लिए, विशेषकर ओडिशा के हमारे भाइयों-बहनों और भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए एक शुभ दिन है। रथयात्रा को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने से पूरे देश में उत्साह और आनंद का माहौल है।अपने ट्वीट संदेश में श्री अमित शाह ने कहा कि यह मेरे साथ-साथ देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर्ष की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने न केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझा, बल्कि इस मामले का सकारात्मक हल निकले, इसके लिए तुरंत प्रयास शुरू किए, जिससे हमारी यह महान परंपरा कायम रही।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की सलाह पर उन्होंने गजपति महाराज जी (पुरी के राजा) और पुरी के शंकराचार्य जी से बात की और यात्रा को लेकर उनके विचारों को जानकर प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया। आज सुबह प्रधानमंत्री के निर्देश पर सॉलिसिटर जनरल से भी बातचीत की।गृह मंत्री ने कहा कि मामले की गंभीरता और महत्ता को देखते हुए केस को सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने रखा गया। दोपहर बाद इसकी सुनवाई हुई और यह सुखद फैसला हम सबके सामने आया। श्री अमित शाह ने कहा ओडिशा के लोगों को बहुत-बहुत बधाई। जय जगन्नाथ!---
- नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ कल से ओडिसा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा की अनुमति दे दी। न्यायालय ने कहा कि वह रीति-रिवाज का सूक्ष्म प्रबंधन नहीं कर सकता और इसलिए इस मुद्दे से कैसे निपटा जाए, यह राज्य सरकार, केंद्र और मंदिर प्रबंधन पर छोड़ा जाता है। न्यायालय ने कहा कि स्वास्थ्य के मुद्दे से कोई समझौता किए बिना मंदिर समिति, राज्य और केन्द्र सरकार के समन्वय से रथ यात्रा आयोजित की जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हालात बेकाबू होने पर ओडिसा सरकार यात्रा या सम्बंधित समारोहों को रोक सकती है।उच्चतम न्यायालय ने 18 जून को कहा था कि यह जनता के स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में है कि इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण पुरी रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती।प्रधान न्यायधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ को राज्य सरकार ने सूचना दी थी कि रथयात्रा के दौरान चीजों को सुगम बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन और केंद्र के साथ समन्वय किया जाएगा।इस पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और ए एस बोपन्ना भी शामिल हैं। पीठ को केंद्र ने सूचना दी कि नागरिकों के स्वास्थ्य से समझौता किए बिना और राज्य तथा मंदिर न्यास के साथ समन्वय से रथयात्रा आयोजित की जा सकती है।
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष पुरी में आयोजित होने वाली रथ यात्रा को बिना लोगों की भागीदारी के अनुमति दी जा सकती है। ओडि़शा सरकार ने भी न्यायालय में केंद्र के इस रवैये का समर्थन किया है।केंद्र सरकार की तरफ से महाधिवक्ता तुषार मेहता ने न्यायालय से कहा कि राज्य सरकार एहतियाती उपायों के अंतर्गत एक दिन के लिए शहर में कफ्र्यू भी लगा सकती है। रथ यात्रा का आयोजन कल होना है। इस महीने की 18 तारीख को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष पुरी की रथ यात्रा को अनुमति नहीं दी जा सकती।
- नई दिल्ली। राजस्थान के जैसलमेर जिले का एक छोटा सा शहर, पोखरण, जहां भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था, मिट्टी के बर्तन बनाने की अपनी प्राचीन कला के लिए भी जाना जाता है।अब इस कला को पुनर्जीवित करने की तैयारी की जा रही है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने पोखरण में 80 कुम्हारों के परिवारों को 80 इलेक्ट्रिक पॉटर चाकों का वितरण किया है, जिनके पास टेराकोटा उत्पादों की समृद्ध विरासत मौजूद है। पोखरण में 300 से ज्यादा कुम्हार परिवार रहते हैं जो कई दशकों से मिट्टी के बर्तनों के निर्माण के कार्य से जुड़े हुए हैं, लेकिन कुम्हारों ने काम में कठिन परिश्रम और बाजार का समर्थन नहीं मिलने के कारण अन्य रास्तों को तलाश करना शुरू कर दिया था।इलेक्ट्रिक चाकों के अलावा, केवीआईसी ने 10 कुम्हारों के समूह में 8 अनुमिश्रक मशीनों का भी वितरण किया है, जिनका इस्तेमाल मिट्टी को मिलाने के लिए किया जाता है जो सिर्फ 8 घंटे में 800 किलो मिट्टी को कीचड़ में बदल सकती हैं। व्यक्तिगत रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 800 किलो मिट्टी तैयार करने में 5 दिन लगते हैं। केवीआईसी ने गांव में 350 प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया है। केवीआईसी द्वारा 15 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए सभी 80 कुम्हार, कुछ उत्कृष्ट मिट्टी के बर्तनों के साथ आए हैं। इन उत्पादों में कुल्हड़ से लेकर सजावटी वस्तुएं जैसे फूलों के गुलदस्ते, मूर्तियां और दिलचस्प पारंपरिक बर्तन जैसे कि संकीर्ण मुंह वाली गोलाकार बोतलें, लंबी टोंटी वाले लोटस और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य गोलाकार बर्तन शामिल हैं।कुम्हारों द्वारा शानदार तरीके से स्वच्छ भारत अभियान और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनी मिट्टी के बर्तनों की कला के माध्यम से दर्शाया गया है।वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इलेक्ट्रिक चाकों और अन्य उपकरणों का वितरण करने के बाद, केवीआईसी के अध्यक्ष, विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि इस अभ्यास को प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के साथ जोड़ लिया है और इसका उद्देश्य कुम्हारों को मजबूती प्रदान करना, स्व-रोजगार उत्पन्न करना और मृतप्राय हो रही मिट्टी के बर्तनों की कला को पुनर्जीवित करना है।श्री सक्सेना ने कहा कि, पोखरण को अब तक केवल परमाणु परीक्षणों के स्थल के रूप में जाना जाता था, लेकिन बहुत जल्द ही इसकी पहचान उत्कृष्ट मिट्टी के बर्तनों के रूप में की जाएगी। केवीआईसी अध्यक्ष द्वारा राजस्थान में केवीआईसी के राज्य निदेशक को बाड़मेर और जैसलमेर रेलवे स्टेशनों पर मिट्टी के बर्तनों के उत्पादों का विपणन करने और उसकी बिक्री के लिए सुविधा प्रदान करने का निर्देश भी जारी किया गया है, जिससे कुम्हारों को विपणन में सहायता प्रदान की जा सके। पोखरण, नीति अयोग द्वारा पहचाने गए आकांक्षी जिलों में से एक है।उल्लेखनीय है कि केवीआईसी द्वारा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, असम, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों के कई दूरदराज इलाकों में कुम्हार सशक्तिकरण योजना की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम से राजस्थान के कई जिलों जैसे जयपुर, कोटा, झालावाड़ और श्री गंगानगर सहित एक दर्जन से ज्यादा जिलों को लाभ प्राप्त हुआ है। इस योजना के अंतर्गत, केवीआईसी द्वारा बर्तनों के उत्पाद का निर्माण करने के लिए उपयुक्त मिट्टी को मिलाने के लिए ब्लिंगर और पग मिल्स जैसे उपकरणों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इन मशीनों ने मिट्टी के बर्तनों के निर्माण की प्रक्रिया में लगने वाले कठिन परिश्रम को भी समाप्त कर दिया है और इसके कारण कुम्हारों की आय 7 से 8 गुना ज्यादा बढ़ गई है।---
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के चलते इस साल कमाई में हुए भारी नुकसान के मद्देनजर रेलवे खर्चों में कटौती करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत नए पद सृजित करने पर रोक, कर्मचारियों को अधिक क्षमतावान बनाने, डिजिटल प्लेटफॉर्मों के जरिये कार्यक्रम आयोजित करने जैसे उपाय शामिल हैं।रेलवे के वित्तीय आयुक्त ने 19 जून को लिखे एक पत्र में सभी जोन के महाप्रबंधकों को बताया कि रेलवे की यातायात से होने वाली कमाई में मई के अंत में, पिछले साल की इस अवधि की तुलना में 58 प्रतिशत की गिरावट आई है। पत्र में कहा गया है, खर्चों पर नियंत्रण और कमाई बढ़ाने के लिये नए रास्ते तलाशने होंगे।पत्र के अनुसार 2017 में तत्कालीन आयुक्त और 2018 में रेलवे बोर्ड ने भी ऐसे कदम उठाने की घोषणा की थी। आयुक्त के पत्र में कहा गया है, जैसा कि आप जानते हैं कि सरकार का आदेश है कि रेलवे को पेंशन समेत अपने राजस्व खर्च खुद ही वहन करने होंगे। कोविड-19 के चलते इस साल की लक्षित कमाई पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की संभावना है। आयुक्त ने रेलवे के सभी जोन को कर्मचारियों पर होने वाले खर्चों में कटौती और उन्हें कई कार्यों में दक्ष बनाने, अनुबंधों की समीक्षा करने, बिजली उपभोग कम करने और प्रशासनिक तथा अन्य क्षेत्रों में खर्चों में कटौती का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा नए पद सृजित करने पर रोक लगाने का भी सुझाव दिया गया है। पत्र में कहा गया है, बीते दो साल के दौरान सृजित किये गए पदों की समीक्षा की जानी चाहिये और अगर इन पर नियुक्तियां नहीं हुई हैं तो उनकी समीक्षा कर भर्ती रोकी जा सकती है। इसके अलावा कार्यशालाओं में कर्मचारियों को क्षमतावान बनाया जा सकता है।
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अनधिकृत रूप से भूजल का दोहन करने पर नोएडा की दो इकाइयों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा है कि भूजल के गिरते स्तर के चलते पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होने का जोखिम है जिसका परिणाम पेयजल के कमी के रूप में निकलेगा।एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उल्लेख किया कि जहां तक नोएडा गोल्फ कोर्स और एडवांट नाविस बिजनेस पार्क का सवाल है तो कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं है। अधिकरण ने कहा कि नोएडा गोल्फ कोर्स और एडवांट नाविस बिजनेस पार्क 25 लाख रुपये का अंतरिम जुर्माना जमा करें जो एक महीने के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास जमा किया जा सकता है। एनजीटी सीपीसीबी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की समिति द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि भूजल का अवैध रूप से दोहन किया जा रहा है और बागवानी उद्देश्य के लिए भूजल के दुरुपयोग का आरोप विवादित नहीं है। इसने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या एनओसी की शर्तों का पालन किया जा रहा है।अधिकरण ने अपने पूर्व के निर्देशों का हवाला दिया कि भूजल का इस्तेमाल क्रिकेट ग्राउंड जैसे किसी खेल मैदान के लिए नहीं किया जा सकता जो गोल्फ कोर्स पर भी लागू होता है। पीठ ने कहा कि भूजल के गिरते स्तर के चलते पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होने का जोखिम है जिसका परिणाम पेयजल के कमी के रूप में निकलेगा। एनजीटी का आदेश पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड की याचिका पर आया।
- नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पूर्व स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 24 घंटे में 57 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। पोर्टल पर पंजीकरण कराने की प्रक्रिया शनिवार शाम पांच बजे शुरू हुई और चार जुलाई तक जारी रहेगी।डीयू अधिकारियों की ओर से साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रविवार शाम साढ़े पांच बजे तक पूर्व स्नातक पाठ्यक्रमों में 57 हजार 312 छात्रों ने पंजीकरण कराया है जबकि परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 18 हजार 837 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। वहीं पीएचडी में दाखिले के लिए 2,071 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। डीयू दाखिला प्रक्रिया के संबंध में संदेह को दूर करने के लिए 23 जून को वेबीनार (ऑनलाइन संगोष्ठी) का आयोजन करेगा। इस साल पंजीकरण से लेकर सत्यापन तक की प्रक्रिया ऑनलाइन एवं संपर्क रहित होगी। इस साल विश्वविद्यालय की दाखिले के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में कोरोना वायरस महामारी के कारण देरी हुई है। पिछले साल पंजीकरण प्रक्रिया 30 मई को शुरू हुई थी।
- इंफाल। मणिपुर में रविवार को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया। मणिपुर विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग के अनुसार राज्य में चार बजकर 16 मिनट पर भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.1 थी। उसका केंद्र पड़ोसी राज्य मिजोरम के नगोपा से करीब नौ किलोमीटर दूर था। पुलिस महानिदेशक (डीजी) नियंत्रण कक्ष के अनुसार जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
- नई दिल्ली। वलयाकार सूर्य ग्रहण ने देश के विभिन्न हिस्सों में खगोलीय घटना देखने की चाहत रखने वाले लोगों को रविवार को रोमांचित कर दिया। वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के उत्तरी हिस्से में स्थित कुछ राज्यों में ही देखा जा सका, जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं।देश के शेष हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया। कई स्थानों पर सूर्यग्रहण देखे जाने में मौसम ने खलल डाला । इस बार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना साल के सबसे बड़े दिन 21 जून को हुई। वलयाकार सूर्यग्रहण में सूर्य अग्नि वलय जैसा नजर आता है। दिल्ली में सूर्यग्रहण सुबह 10 बज कर 19 मिनट पर शुरू होकर दोपहर एक बजकर 58 मिनट तक रहा। भौगोलिक स्थिति के कारण देश के अन्य राज्यों में इसके समय में थोड़ा अंतर रहा। दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन. रत्नाश्री ने कहा कि यहां बादलों के कारण सूर्यग्रहण की दृश्यता बाधित हुई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में वैज्ञानिक अरविंद रानाडे भी दिल्ली से 150 किलोमीटर दूर कुरुक्षेत्र गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्पष्ट रूप से सूर्य ग्रहण देखा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूर्य ग्रहण देखने के लिए लोगों ने तरह-तरह के इंतजाम किए थे, लेकिन राज्य के अनेक हिस्सों में कल रात से शुरू हुई बारिश और दिन भर बादल छाए रहने की वजह से ज्यादातर लोग यह दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं देख सके। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के मौके पर रविवार को ब्रह्म सरोवर के तट पर सिर्फ सामान्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तराखंड में कई जगह लोगों ने सूर्यग्रहण देखा, जबकि देहरादून और टिहरी में लोगों ने वलयाकार ग्रहण देखने का भी दावा किया। सूर्यग्रहण के दौरान चारधाम सहित समस्त मंदिरों के कपाट बंद रहे। चारों धाम, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, सहित प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट सूर्यग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल लगते ही शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे बंद कर दिये गये, जिन्हें रविवार को ढाई बजे दोबारा खोला गया। करीब 16 घंटे बाद खुले इन मंदिरों में पहले साफ-सफाई की गयी और फिर नियमित पूजा- अर्चना की गयी। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में रविवार को लगभग 39 सेकंड तक सूर्य ग्रहण वलयाकार रूप में देखा गया, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में शौकिया और पेशेवर लोग दुर्लभ खगोलीय घटना देखने के लिए एकत्र हुए। अमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स सोसाइटी जयपुर के खगोलविद गोविंद दाधीच ने बताया कि यहां सूर्यग्रहण की शुरुआत सुबह 10:15 बजे हुई। दोपहर 11:48 बजे सूर्य ग्रहण ने अपनी अधिकतम अवस्था प्राप्त की। मात्र 39 सेकंड तक वलयाकार रूप में दिखाई दिया। बेंगलुरु में जारी एक बयान में अधिकारियों ने कहा कि सूर्यग्रहण ऑनलाइन दिखाने के इंतजाम किये थे। अहमदाबाद में एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात में सूर्यग्रहण 72 प्रतिशत दिखा। हालांकि, आसमान में बादल छा जाने और बारिश ने राज्य के कुछ हिस्सों में इस खगोलीय घटना को देखे जाने में खलल डाला। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर गुजरात परिषद ने इस अवसर पर छात्रों एवं अन्य के लिये विशेष इंतजाम किये थे। परिषद के सलाहकार नरोत्तम साहू ने कहा, कोविड-19 महामारी के कारण कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया। सीमित कार्यक्रम ही आयोजित किये गये। गोवा में मॉनसून के घने बादलों के कारण कई स्थानों पर लोग स्पष्ट रूप से सूर्यग्रहण नहीं देख पाए।
- नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ऑनलाइन योग क्विज प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।इसका आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद-एनसीईआरटी द्वारा किया जा रहा है और यह देशभर के छठी से 12वीं तक की कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों के लिए खुली है। इस अवसर पर श्री निशंक ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में योग के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्हें योगाभ्यास के बारे में प्रामाणिक स्रोतों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से बच्चों में अच्छी आदतों और स्वस्थ जीवनशैली के विकास में मदद मिलेगी।मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता में दिव्यांग विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। प्रतियोगिता में प्रश्न बहु-विकल्प वाले प्रश्न पूछे जाएंगे जो हिंदी तथा अंग्रेजी में होंगे। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले एक सौ बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। अॅानलाइन प्रतियोगिता रविवार 21 जून से एक महीने के लिए खुली रहेगी और बीस जुलाई को सम्पन्न होगी।---
- नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज शिक्षण संस्थाओं से अपने ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम में योग को भी सम्मिलित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोविड 19 संक्रमण के दौर में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग एक बेहतरीन साधन है।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्पिक मैके द्वारा आयोजित डिजिटल योग और ध्यान शिविर का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग अखिल मानवता को भारत की अमूल्य भेंट है जिसने विश्व भर में करोड़ों ज़िंदगियों को संवारा है। उन्होंने कहा योग तो बचपन से ही सिखाया जाना चाहिए। उन्होंने यूनिसेफ किड पॉवर के तहत बच्चों के लिए 13 योग अभ्यास और मुद्राएं सिखाए जाने की सराहना की।उपराष्ट्रपति कहा कि 5 हजार साल पुरानी योग परम्परा मात्र शारीरिक अभ्यास ही नहीं है बल्कि यह एक विज्ञान है जो संतुलन, मुद्रा, सौष्ठव, समभाव, शांति तथा समन्वय पर बल देता है। योग के तमाम अंग जैसे मुद्रा, श्वसन क्रिया का अभ्यास, ध्यान सम्मिलित रूप से मन और शरीर में अनेक प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग की असीम संभावनाओं पर व्यापक वैज्ञानिक शोध होना चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि योग चिकित्सा बहुत तेज़ी से प्रचलित हो रही है। उन्होंने कहा कि अनेक वैज्ञानिक अध्ययनों से प्राप्त प्रमाणों से ज्ञात होता है कि योग अनेक व्याधियों के उपचार में कारगर सिद्ध हुआ है।लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड संक्रमण के प्रभाव की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यद्यपि विश्व इस चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है, हम इस चुनौती को खुद पर हावी नहीं होने दे सकते। हमें एक हो कर सम्मिलित रूप से इस महामारी के विरुद्ध संघर्ष करना होगा और अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि महामारी के कारण हमारी ज़िन्दगी में आए तनाव का कारगर निदान भी योग प्रदान करता है। योग सम्पूर्ण स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में एक सक्षम प्रणाली है और उसका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि सिर्फ यह महामारी ही हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर रही है बल्कि जीवनशैली के कारण भी व्याधियां बढ़ रही हैं। ङ्ख॥ह्र के अध्ययन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2016 में भारत में हुई कुल मौतों में से 63 प्रतिशत असंक्रामक रोगों के कारण हुई। उन्होंने कहा कि जीवनशैली के कारण हुई ऐसी व्याधियों के प्रतिकार और उपचार के लिए योग एक सरल और सक्षम प्रणाली है। आधुनिक जीवन के दबाव और तनाव के कारण युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बिल्कुल टाली जा सकती हैं। योग ऐसे दबाव, तनाव, अवसाद और चिंता का समाधान करने में सहायक हो सकता है। भारत की युवा जनसंख्या के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे युवा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ और सुरक्षित रहें।योग प्रोफेशनल्स के लिए स्व प्रमाणीकरण की सरकार योजना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से अधिकाधिक प्रामाणिक योग प्रशिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे जिससे योग का प्रसार करने में सहायता मिलेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा योग विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान है और इसे आगे बढ़ाने का दायित्व हमारा है। उन्होंने कहा योग प्राचीन भारतीय धरोहर है, जिसकी निर्बाध परंपरा रही है और इस बहुमूल्य परंपरा को जीवित रखना हमारा दायित्व है।
- नई दिल्ली। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 4 आतंकवादी मारे गए। आज श्रीनगर जिले के ज़ादीबल क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। क्षेत्र में आतंकवादियों के छिपे होने के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरु किया। संयुक्त टीम जैसे ही संदिग्ध जगह पहुंची वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरु कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकवादी मारे गए। अभी तक आतंकवादियों की पहचान नहीं हो पाई है। ऐहतियात के तौर पर श्रीनगर जिले में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हंै।उधर, कुलगाम जिले में नेहामा के लिखड़ीपोरा में मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। सुरक्षा बलों ने एक एके-47, मैगजीन और एक पिस्तौल बरामद की है।
- लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष श्रावण मास में कांवड़ यात्रा स्थगित रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार देर रात बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ वार्ता हुई।प्रवक्ता ने बताया कि तीनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनके-उनके राज्य में धर्मगुरुओं तथा कांवड़ संघों ने कोविड-19 के चलते इस साल श्रावण मास में कांवड़ यात्रा को स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया है। इन प्रस्तावों पर विचार करते हुए तीनों मुख्यमंत्रियों ने व्यापक जनहित में इस वर्ष कांवड़ यात्रा को स्थगित रखे जाने का निर्णय लिया । उन्होंने बताया कि हरियाणा एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता के बाद योगी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी अपर पुलिस महानिदेशक जोन तथा मण्डलायुक्तों से बातचीत की।मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों, शांति समितियों आदि से संवाद स्थापित कर लें। महामारी के चलते कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्णत: पालन करते हुए किसी भी जगह पर पांच से अधिक लोग एकत्रित न होने पाएं । दो गज की दूरी, मास्क जरूरी का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों से वार्ता के बाद उनकी अपील को जनता तक पहुंचाने और प्रचारित-प्रसारित करने के भी कार्य किए जाएं । स्थानीय स्तर पर शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पांच या उससे कम की संख्या में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सावधानी के लिए व्यवस्था की जाए।गौरतलब है कि एक अगस्त को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) है । मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस पर्व पर कोई भीड़भाड़ न हो। सभी जनपदों में धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि बकरीद पर किसी भी धार्मिक स्थल पर पांच से अधिक व्यक्ति एकत्र न होने पाएं । योगी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में आने वाले सभी त्योहारों के दौरान सभी समुदायों के लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर पर संक्रमण के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए। प्रमुख स्थानों, बाजारों तथा चौराहों आदि पर लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस से बचाव की जानकारी दी जाए ।
- ब्रह्मपुर (ओडिशा)। ओडिशा के गंजाम जिले में दो बेटों ने कथित रूप से पीट-पीट कर अपने 65 वर्षीय पिता की हत्या कर दी।प्रभारी पुलिस निरीक्षक जीतेन्द्र कुमार मल्लिक ने शनिवार को बताया कि यह घटना शुक्रवार की रात पोलासारा थाना क्षेत्र के कालाम्बा गांव में हुई। मृतक की पहचान अभिमन्यु प्रधान के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि दोनों बेटों ने प्रधान को बचाने का प्रयास कर रही अपनी मां को भी पीटा। महिला को पोलासारा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। मल्लिक ने बताया कि आरोपियों सुशांत प्रधान (30) और मनगुलु प्रधान (27) को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि हत्या के पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है, लेकिन ऐसा लगता है कि पारिवारिक झगड़े के कारण यह घटना हुयी। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।मल्लिक ने बताया कि जांच जारी है, दोनों भाइयों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि दोनों भाई अक्सर शराब के नशे में अपने पिता से लड़ते-झगड़ते रहते थे।----
- नई दिल्ली। अंतराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के करीब डेढ़ लाख जवान योग वेबिनार में शामिल हुए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।वेबिनार को स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एसवीवाईएएसए) विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.एचआर नगेंद्र ने संबोधित किया। बेंगलुरु स्थित विश्वविद्यालय की स्थापना नगेंद्र ने वर्ष 2002 में की थी और यह दुनिया का पहला विश्वविद्यालय है जो योग से जुड़े शोधों को समर्पित है।सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया, वेबिनार का सजीव प्रसारण फेसबुक, यूट्यूब और उपग्रह आधारित बल के मंचों से किया गया। एक अनुमान के मुताबिक बल के डेढ़ लाख जवानों के साथ उनके परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि एक घंटे के सत्र के दौरान योग के विभिन्न तरीकों का भी प्रदर्शन किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि इस सत्र को रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी के चलते इस बार यह खुले में आयोजित किया नहीं जा रहा है।उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है जिसमें 3.25 लाख जवान कार्यरत है। बल में 1,100 योग के प्रशिक्षक तैनात हैं और बल ने चार साल पहले विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में शारीरिक गतिविधियों को अनिवार्य बना दिया था।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी विभिन्न पहलों के जरिए लगभग 96 हजार 196 लोगों को योग शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। कौशल विकास पर सरकार के अन्य कार्यक्रमों में छोटी अवधि के प्रशिक्षण और विशेष परियोजनाएं शामिल हैं।कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कहा कि प्रशिक्षण के लिहाज से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, केरल और पश्चिम बंगाल सबसे आगे हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि सरकार योग के क्षेत्र में विभिन्न करियर संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को योग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि इस समय योग का महत्व और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि दुनिया भर में लोग कोरोना वायरस के प्रकोप से उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों से निपटने की राह तलाश रहे हैं।
- भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र 20 जुलाई से शुरु होगा। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने बताया कि इस संबंध में राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है।उन्होंने कहा कि यह सत्र 20 जुलाई से 24 जुलाई तक होगा। सिंह ने बताया कि इस पांच दिवसीय सत्र में सदन की कुल पांच बैठकें होंगी, जिसमें महत्वपूर्ण शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य संपादित किये जाएंगे।
- नई दिल्ली। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि योग से न सिर्फ माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है बल्कि इसके इलाज पर आने वाले खर्च में भी कमी आ सकती है। एम्स द्वारा किया गया यह अध्ययन अमेरिकी न्यूरोलॉजी अकादमी की पत्रिका न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। एम्स के एक बयान में यह जानकारी दी गई है।इस नए अध्ययन में कहा गया है कि योग माइग्रेन से पीडि़त लोगों की मदद कर सकता है और इससे होने वाले सिरदर्द में आराम पहुंचाता है। अध्ययन के अनुसार, माइग्रेन का इलाज दवाओं से किया जाता है, लेकिन दवाइयां लगभग आधे रोगियों पर ही असर कर पाती हैं। कई दवाइओं के नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं, जिनके चलते लगभग 10 प्रतिशत रोगी उनका सेवन बंद कर देते हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बयान में कहा गया है, इसके (अध्ययन के) नतीजे बताते हैं कि योग न केवल माइग्रेन के दर्द को कम कर सकता है बल्कि इससे इसके इलाज पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है। यह माइग्रेन के इलाज के लिये योग के मूल्यांकन का अब तक का इस प्रकार का सबसे बड़ा परीक्षण है।'' अध्ययन के दौरान ऐसे 114 लोगों के दो समूह बनाए गए, जो आकस्मिक माइग्रेन से पीडि़त थे।अध्ययन में कहा गया है कि पहले समूह ने अपने डॉक्टरों की सलाह के अनुसार पारंपरिक चिकित्सा पद्धति अपनाई जबकि दूसरे समूह ने पारंपरिक इलाज के साथ-साथ योगाभ्यास भी किया, जिसमें व्यायाम, ध्यान और योगासन शामिल हैं। योग करने के नियम एम्स के सेंटर फॉर इंटिग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च (सीआईएमआर) में योग चिकित्सकों ने तैयार किए थे। इस दौरान रोगियों को सीआईएमआर के योग चिकित्सकों की निगरानी में एक महीने हर सप्ताह तीन दिन एक-एक घंटे योग सिखाया गया। इसके बाद उन्होंने अपने घरों में दो महीने तक सप्ताह में पांच दिन इसका अभ्यास किया। अध्ययन में पाया गया कि दोनों समूहों के लोगों के सिरदर्द की आवृति और तीव्रता में कमी आई। इस दौरान योग करने वाले समूह को ज्यादा आराम मिला। अध्ययन में कहा गया है, योग करने वाले समूह में अध्ययन से पहले सिरदर्द की मासिक औसत आवृति 9.1 थी, जो अध्ययन के अंत में घटकर 4.7 प्रतिमाह रह गई । इस तरह उनके सिरदर्द की मासिक औसत आवृति में 48 प्रतिशत की गिरावट आई। एम्स के बयान में कहा गया है, केवल दवाओं का सेवन करने वाले समूह के बीच अध्ययन से पहले सिरदर्द की मासिक औसत आवृति 7.7 प्रतिशत थी, जो तीन महीने बाद घटकर 6.8 रह गई। इस तरह इसमें केवल 12 प्रतिशत की कमी आई।
- नई दिल्ली। छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कल मनाया जाएगा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के साथ शुरू होगा।इससे पहले श्री मोदी ने लोगों से अपने घरों में अपने परिजनों के साथ परस्पर सुरक्षित दूरी के मानकों का पालन करते हुए योग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मस्तिष्क तथा शरीर को मजबूत बनाता है।पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक योग कार्यक्रम होते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण मुख्य ध्यान लोगों को अपने घरों में परिजनों के साथ योग कराने पर है।
- नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि वंदे भारत मिशन के चरण-3 और 4 के अंतर्गत एयर इंडिया एक्सप्रेस ने तीन सौ उड़ानों के संचालन की योजना बनाई है।नई दिल्ली में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए श्री पुरी ने कहा कि करीब सात सौ पचास उड़ानों के संचालन की पेशकश घरेलू निजी विमान कम्पनियों के लिए की गई है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट आपरेटरों ने करीब चालीस उड़ानों का कार्यक्रम बनाया है। उड्डयन मंत्री ने बताया कि इस महीने की 18 तारीख तक वंदे भारत मिशन के अंतर्गत एयर इंडिया ग्रुप ने देश में आने वाली 581 और विदेश जाने वाली 589 उड़ानें भरीं। उन्होंने कहा कि लाइफलाइन उड़ान के अंतर्गत अब तक 588 फेरे लगाए गए हैं, जिनसे 940 टन से अधिक सामान गंतव्यों तक पहुंचाया गया।श्री पुरी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विदेशों में फंसे करीब दो लाख 75 हजार भारतीय नागरिक उड़ानों और जलपोतों के जरिए स्वदेश लाए गए। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बारे में पत्रकारों के सवाल पर श्री पुरी ने कहा कि जब तक ये उड़ानें बहाल नहीं हो जातीं, तब तक सरकार के पास प्रबंधित और नियंत्रित स्थितियों के अंतर्गत यात्रियों की वापसी के लिए उड़़ानें संचालित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान परिवहन शुरू करने का निर्णय अन्य देशों पर निर्भर करता है। श्री पुरी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बहाल होने का सही समय इस बात पर निर्भर करेगा कि अन्य देश अपने यहां बाहरी विमानों को उतरने की अनुमति कब देते हैं।---