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सरकार ने एनटीपीसी की निवेश सीमा बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये की

नयी दिल्ली. हरित ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी की निवेश सीमा बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये कर दी। साथ ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की एक अन्य कंपनी एनएलसीआईएल को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की अनुमति दे दी। इस बढ़े अधिकार के साथ एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर सकेगी। महारत्न कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा के लिए मौजूदा निवेश सीमा 7,500 करोड़ रुपये है। एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की अनुमति दी गई है। इससे एनआईआरएल को पूर्व अनुमोदन की जरूरत के बिना सीधे या संयुक्त उद्यमों के गठन के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने की अनुमति मिल गई है।” ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिए गए। सीसीईए के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करके अपनी ऊर्जा रूपांतरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले है। एनटीपीसी अपनी अनुषंगी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश करेगी। इसके अलावा, एनजीईएल, एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और उसकी अन्य संयुक्त उद्यमों और अनुषंगी कंपनियों में भी निवेश करेगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, “एनटीपीसी और एनजीईएल को दिए गए विस्तारित अधिकार से देश में नवीकरणीय परियोजनाओं के त्वरित विकास में मदद मिलेगी। यह कदम बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पूरे देश में चौबीसों घंटे भरोसेमंद बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना है।

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) और देश की प्रमुख बिजली इकाई के तौर पर एनटीपीसी का लक्ष्य 2032 तक 60 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ना है। इससे देश को 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

एनएलसीआईएल के संबंध में एक अन्य बयान में कहा गया है कि बैठक में नवरत्न सीपीएसई पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से इसके लिए विशेष छूट को मंजूरी दी गई। इस निवेश को सीपीएसई द्वारा संयुक्त उद्यम और अनुषंगी कंपनियों में कुल निवेश के लिए लोक उपक्रम विभाग के 30 प्रतिशत की नेटवर्थ सीमा से भी छूट मिलेगी। इससे एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को अधिक परिचालन और वित्तीय लचीलापन मिलेगा।

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