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- फिरोजाबाद (उप्र)। जनपद के थाना नसीरपुर क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एक कार के ट्रक से टकरा जाने से उसमें सवार दंपति और उनके बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई जबकि एक घायल महिला की हालत गंभीर बनी हुई है।पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह दिल्ली से इलाहाबाद जा रही कार पहले डिवाइडर से टकराई और फिर उसकी टक्कर ट्रक से हो गई। उन्होंने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। सहायक पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईराज राजा ने बताया कि इलाहाबाद के भेजा थाना क्षेत्र निवासी 40 वर्षीय रविनेश पांडे अपनी पत्नी रूबी पांडे (35) और तीन बच्चों- लक्ष्य (7), केशव (17) और नंदनी (5) के साथ कार से दिल्ली से इलाहाबाद जा रहे थे। उनके साथ एक महिला भी थी। उन्होंने बताया कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचने के बाद कार डिवाइडर से टकराकर असंतुलित हो गई और आगे जा रहे एक ट्रक से टकरा गई जिससे उसमें सवार रविनेश और उनकी पत्नी एवं तीनों बच्चों की मौके पर मौत हो गई जबकि प्रियंका पांडे नामक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे उपचार के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। राजा ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। परिजन को सूचना भेज दी गई है और ट्रक चालक की तलाश की जा रही है।
- हैदराबाद। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा है कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार तथा उपयुक्त जगह पर तैनात है।हैदराबाद में डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में कम्बाइंड ग्रैजुएशन परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी। उन्होंने कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि हम पूरी तरह तैयार हैं और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये उपयुक्त जगह पर तैनात हैं। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तथा गलवान के अपने शूरवीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।उनका यह बयान सोमवार रात को लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद आया है। श्री भदौरिया ने कहा, हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य हमारे सशस्त्र बलों को हर समय तैयार और सतर्क रहने को कहता है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति इस बात का छोटा सा नजारा है कि बेहद कम समय में स्थिति से निपटने के लिए हमें की क्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, सैन्य वार्ता के दौरान हुए समझौतों के बाद चीन की अस्वीकार्य कार्रवाई और उसके परिणामस्वरूप जान के नुकसान के बावजूद सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाए। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीनी बलों के साथ झड़प के दौरान हमारे सैनिकों की वीरता ने किसी भी कीमत पर अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प को दर्शाया है।
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मथुरा। यमुना एक्सप्रेस वे पर आगरा से दिल्ली की ओर जा रही इटियोस कार अनियंत्रित हो अज्ञात वाहन से टकरा गई। घटना में कार सवार दंपत्ति समेत तीन की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। शनिवार तड़के आगरा की तरफ से इटियोस कार दिल्ली की तरफ जा रही थी। थाना प्रभारी निरीक्षक एमपी चतुर्वेदी के अनुसार मृतक दंपति ग्राम शाहजहांपुर, सहारनपुर के रहने वाले थे।
पुलिस के अनुसार तड़के सुबह 4 बजे थाना जमुनापार क्षेत्र में माइलस्टोन 107 के समीप कार अनियंत्रित हो अज्ञात वाहन से टकरा गई। इससे कार सवारों की चीख पुकार सुनकर राहगीर वाहन चालक ने पुलिस को सूचना दी। हादसे की सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक जमुनापार एमपी चतुर्वेदी तत्काल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार में बुरी तरह फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान तीन की मौत हो गई थी। थाना प्रभारी निरीक्षक एमपी चतुर्वेदी ने बताया कि सुमेर चंद्र पुत्र वीर सिंह (42), जयश्री दीप पत्नी सुमेर चंद (40) निवासी ग्राम शाहजहांपुर थाना सरसावा जनपद सहारनपुर, चालक अमित कुमार पुत्र राकेश पाल निवासी दादरी, संजीव पाल पुत्र दर्जाराम निवासी दादरी कार से यमुना एक्सप्रेस वे पर होते हुए यमुनानगर हरियाणा जा रहे थे। थाना जमुना पार क्षेत्र में शनिवार तड़के माइलस्टोन 107 के पास कार अचानक अनियंत्रित होकर आगे चल रहे वाहन में टकरा गई। जिससे कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सुमेर चंद, जयश्री दीप, अमित कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। संजीव घायल हो गए। ड्राइवर अमित यमुनानगर का रहने वाला था। गंभीर रूप घायल संजीव को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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- नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर घर में पृथकवास संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने की दस तारीख़ को इस संबंध में संशोधित दिशा- निर्देश जारी किए थे। इसके अनुसार, कोरोना के बहुत मामूली और शुरुआती लक्षणों वाले व्यक्ति घर पर ही पृथकवास में रहने का विकल्प चुन सकते हैं, बशर्ते उसके लिए घर में शौचालययुक्त अलग कमरा हो। ऐसे रोगियों को अपने स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करनी होती है और जिला निगरानी अधिकारी को उसकी जानकारी देनी होती है ताकि निगरानी दल आगे की पहल कर सकें।संशोधित दिशा निर्देशों में यह व्यवस्था की गई है कि घरेलू पृथकवास में रहने का विकल्प चुनने वालों को यह वचनपत्र देना होता है कि वे सभी मानदंडों का पालन करेंगे। मंत्रालय के अऩुसार, घरेलू पृथकवास वाले सभी मामलों पर डॉक्टर लगातार नजऱ रखते हैं और उन्हें छुट्टी दिए जाते समय भी दिशा निर्देशों का पालन करना होता है। मंत्रालय ने कहा है कि कुछ राज्यों में, घर में ही पृथकवास में रहने की अऩुमति एक सामान्य प्रक्रिया के रुप में दी जा रही है और संशोधित दिशा निर्देशों का अक्षरश: पालन नहीं किया जा रहा है। मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए दिशा निर्देशों का सख्ती से अऩुपालन सुनिश्चित करें।----
- नई दिल्ली। मधुमेह के निदान के लिए अनुवांशिकी के उपयोग का एक नया तरीका भारतीयों में बेहतर निदान और उपचार का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी), हैदराबाद, केईएम अस्पताल, पुणेऔर एक्सेटर विश्वविद्यालय, यू.के. के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक ताजा अध्ययन में यह बात उभरकर आयी है।अध्ययन में स्पष्ट किया गया है कि भारतीयों में टाइप-1 मधुमेह के निदान के लिए जेनेटिक रिस्क स्कोर प्रभावी हो सकता है।एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित जेनेटिक रिस्क स्कोरटाइप-1 मधुमेह की संभावना को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ज्ञात विस्तृत आनुवांशिक जानकारी पर आधारित है। किसी व्यक्ति में टाइप-1 मधुमेहका पता लगाने के लिए निदान करते समय इस स्कोर का इस्तेमाल किया जा सकता है।मधुमेह के मामले में यूरोपीय आबादी के परिप्रेक्ष्य में अधिकतर अनुसंधान किए गए हैं। इस नये अध्ययन में पता चला है कि भारतीयों में टाइप-1 मधुमेह के निदान के लिए यूरोपीय रिस्क स्कोर कितना प्रभावी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पुणे में रह रहे मधुमेह रोगियों पर अध्ययन किया है।अध्ययन मेंटाइप-1मधुमेह के 262, टाइप-2 मधुमेह के 352 और बिना मधुमेह के 334लोगों को शामिल किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है किये सभी भारतीय (इंडो-यूरोपियन) वंश के थे। भारतीय आबादी के परिणामों की तुलना वेलकम ट्रस्ट केस कंट्रोल कंसोर्टियम के अध्ययन में शामिल यूरोपियन आबादी के साथ की गई है।इस शोध में पाया गया है कि यूरोपीय आंकड़ों पर आधारित अपने वर्तमान स्वरूप में भी यह परीक्षण भारतीयों में मधुमेह के सही प्रकार का निदान करने में प्रभावी है। शोधकर्ताओं को आबादी के बीच आनुवांशिक अंतर भी देखने को मिला है, जो भारतीय आबादी में बेहतर परिणामों के लिए परीक्षण में संभावित और उन्नत सुधार की ओर संकेत करते हैं। यह अध्ययन शोध पत्रिका साइंटिफिक रिपोट्र्स में प्रकाशित किया गया है।यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल के शोधकर्ता डॉ रिचर्ड ओराम के अनुसार - मधुमेह के सही टाइप का पता लगाना चिकित्सकों के लिए एक कठिन चुनौती है, क्योंकि अब हम यह जानते हैं कि टाइप-1 मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकती है। यह कार्य भारत में और भी कठिन है, क्योंकि टाइप-2 मधुमेह के अधिकतर मामले कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले लोगों में पाये जाते हैं। अब हम जानते हैं कि हमारा आनुवांशिक रिस्क स्कोर भारतीयों के लिए एक प्रभावी उपकरण है, और लोगों को मधुमेह केटोएसिडोसिस जैसी खतरनाक और जानलेवा जटिलताओं से बचने के लिए उपचार की आवश्यकता और सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभ की पूर्ति कर सकता है।केईएम अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, पुणे के डॉ. चितरंजन याज्ञिक ने कहाकि - युवा भारतीयों में मधुमेह की बढ़ती महामारी को देखते हुए यह अनिवार्य हो जाता है कि हम गलत व्यवहार और उसके दीर्घकालिक जैविक, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव से बचने के लिए मधुमेह के प्रकार का सही निदान करें। नया जेनेटिक टूल इसमें काफी मदद करेगा। उन्होंने कहा, हम भारत के विभिन्न हिस्सों से मधुमेह के रोगियों में इस परीक्षण का उपयोग करना चाहते हैं जहां मधुमेह के रोगियों की शारीरिक विशेषताएं मानक विवरण से भिन्न हैं।शोधकर्ताओं ने नौ आनुवंशिक क्षेत्रों (जिसे एसएनपी कहा जाता है) का पता लगाया है, जो भारतीय और यूरोपीय दोनों आबादियों में टाइप-1 मधुमेह से संबंधित हैं,और भारतीयों में टाइप-1 मधुमेह के आरंभ का पूर्वानुमान कर सकते हैं। सीएसआईआर-सीसीएमबी में इस अध्ययन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. जी.आर. चांडक ने कहा - यह जानना काफी दिलचस्प रहा कि भारतीय और यूरोपीय रोगियों में विभिन्न प्रकार के एसएनपी की प्रचुरता है। यह इस संभावना की पुष्टि करता है कि पर्यावरणीय कारकएसएनपी के साथ मिलकर रोग का कारण बन सकते हैं।शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत की जनसंख्या की आनुवांशिक विविधता को देखते हुएअध्ययन के परिणामों का परीक्षण देश के अन्य जातीय समूहों पर भी किया जा सकता है। सीएसआईआर-सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश के मिश्रा ने कहा - चूंकि भारत में टाइप-1 मधुमेह से ग्रसित 15 वर्ष से कम आयु के 20 प्रतिशत से अधिक लोग हैं, उनके लिए टाइप-1 मधुमेह और टाइप-2मधुमेह का विश्वसनीय तरीके से स्पष्ट निदान करनेमें सक्षम एक आनुवांशिक टेस्ट किट विकसित करना देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।कुछ समय पहले तकव्यापक रूप से माना जाता था कि टाइप-1 मधुमेह बच्चों और किशोरों में दिखाई देती है, और टाइप-2 मधुमेह मोटे और वयस्कों को (आमतौर पर 45 साल की उम्र के बाद) होती है।लेकिन, हाल के निष्कर्षों से पता चला है कि टाइप-1 मधुमेहउम्र के बाद के वर्षों में हो सकती है और टाइप-2 मधुमेह युवाओं और पतले भारतीयों में तेजी से बढ़ रहा है। इसीलिए, मधुमेह के दो प्रकारों की पहचान करना अधिक जटिल हो गया है। टाइप-1 मधुमेह के साथ दो प्रकार के उपचार नियमों का पालन करना होता हैं, जीवन भर इंसुलिन इंजेक्शन का प्रयोग करना अनिवार्य होता है, लेकिन टाइप-2 मधुमेह को अक्सर आहार या टैबलेट के उपचार के साथ संतुलित किया जा सकता है। मधुमेह के प्रकारों के गलत वर्गीकरण के कारण मधुमेह का सही उपचार न मिल पाने और अन्य संभावित परेशानियां उत्पन्न होने का खतरा रहता है।
- जम्मू। दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे आतंकरोधी अभियान में दो अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में आठ आतंकवादी मारे गए।मीज पम्पोर और शोपियां के बंदपावा में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने कल शाम संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, राष्ट्रीय राइफल्स और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान शामिल थे। सुरक्षाबलों के इलाके में पहुंचते ही छुपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही यह अभियान आज सवेरे समाप्त हो गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि तीन आतंकी मीज पम्पोर में, जबकि पांच शोपियां के बंदपावा में मारे गए थे। आतंकवादियों की पहचान की जा रही है।इससे पहले मीज पम्पोर में कल एक आतंकवादी मारा गया, जबकि दो आतंकवादी नजदीक की एक मस्जिद में छिप गए। प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतकवादियों को विफल करने के लिए संयम का परिचय देते हुए कोई गोली नहीं चलाई। मस्जिद की पवित्रता बनाए रखने के लिए केवल आंसू गैस के गोले दागे।
- - झारखंड में 1-1 सीट पर एनडीए और जेएमएम- मेघालय में डेमोक्रेटिक एलांयस की जीत हुईनई दिल्ली। कर्नाटक में चार सीटों के लिए सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये। ये हैं- पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े, भाजपा उम्मीदवार इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती।झारखंड में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबु सोरेन ने राज्यसभा चुनाव जीत लिया है। 81 सदस्यों की झारखंड विधानसभा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए आज वोट डाले गए। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार शाजादा अनवर चुनाव हार गए।मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस- एम डी ए गठबंधन के उम्मीदवार और एनपीपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर डब्ल्यू आर खारलुखी राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। डॉक्टर डब्ल्यू आर खारलुखी ने मेघालय से राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव में कांग्रेस के केनेडी खीरीएम को 20 वोट से पराजित किया।चुनाव में कुल 59 वोट डाले गए जिनमें से 39 डॉक्टर डब्ल्यू आर खारलुखी को मिले। कांग्रेस के उम्मीदवार केनेडी खीरीएम को 19 वोट मिले। एक वोट अवैध घोषित किया गया। खुन हाइन्यूट्रेप नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट - केएचएनएएम के विधायक आदेलबर्ट नोंगरुम ने मतदान में भाग नहीं लिया। यह पहली बार है जब एनपीपी प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा में मेघालय का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सहित दस से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने गरीबों व प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न तथा दाल वितरण योजना की अवधि तीन महीने बढ़ाये जाने की मांग की है।केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत, सरकार राशन दुकानों के जरिये अप्रैल-जून के लिये प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न और प्रति परिवार एक किलोग्राम दाल मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही आठ करोड़ वैसे प्रवासियों को भी मुफ्त अनाज और दाल उपलब्ध कराई जा रही है, जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है। यह कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है।श्री पासवान ने संवाददाताओं से कहा, हमें इन दो योजनाओं के विस्तार के लिये 10 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध प्राप्त हुए हैं। हम मामले पर विचार कर रहे हैं और उसके आधार पर ही मंत्रिमंडल को प्रस्ताव आगे बढ़ाने का निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि असम, कर्नाटक, पुडुचेरी, तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, केरल, मिजोरम, छत्तीसगढ़ उन राज्यों में हैं, जिन्होंने योजना अवधि विस्तार की मांग की है। पासवान ने कहा कि केंद्रीय भंडार में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। उन्होंने राज्य सरकारों से मानसून से पहले अग्रिम में अनाज उठाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को समय पर वितरण सुनिश्चित करने की अपील की है।भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डी वी प्रसाद ने कहा कि पीएमजीएवाई के तहत प्रवासियों को मुफ्त अनाज का वितरण अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि वितरण सभी राज्यों में जारी है, लेकिन बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में थोड़ा धीमा है। इससे पहले, पासवान ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष गेहूं खरीद रिकॉर्ड स्तर पर है। उन्होंने कहा कि भंडारण के बारे में भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी भंडारण क्षमता आठ करोड़ टन से अधिक अनाज रखने की है, जबकि वार्षिक आवश्यकता छह करोड़ टन की है। उन्होंने कहा कि भंडारण की चिंता केवल पंजाब और हरियाणा में है, जहां से अधिकतम अनाज की खरीद की जाती है, लेकिन यह एक छोटी अवधि की समस्या है।--बरसाती नाले में नहाने के दौरान तीन भाइयों की डूबने से मौतसिंगरौल। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर चितरंगी थाना क्षेत्र के गांव सुदा में गुरुवार को घर के पास बारिश से भरे नाले में नहाने के दौरान तीन भाइयों की डूबने से मौत हो गयी।चितरंगी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक जबर सिंह ने बताया कि आज पूर्वाह्न 11 बजे गांव सुदा निवासी रामविलास बैगा के तीन बेटे मुकेश (7), नीलेश (5) और सुरेश (3) घर के सामने बारिश से भरे नाले में खेलते-खेलते नहाने चले गए जहां नहाने के दौरान सभी का पैर कीचड़ में फंस गए, जिस वजह से तीनों की एक साथ वहीं पर मौत हो गयी। सिंह ने बताया कि जब बच्चे काफी समय तक घर मे नहीं दिखे तो परिजन उन्हें ढूंढऩे निकले और शंका होने पर नाले में तलाश किया तो वहां तीनों के शव मिले। उन्होंने बताया कि शवों को निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस मामला दर्ज कर विस्तृत जांच कर रही है।
- सिंगरौल। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर चितरंगी थाना क्षेत्र के गांव सुदा में गुरुवार को घर के पास बारिश से भरे नाले में नहाने के दौरान तीन भाइयों की डूबने से मौत हो गयी।चितरंगी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक जबर सिंह ने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे गांव सुदा निवासी रामविलास बैगा के तीन बेटे मुकेश (7), नीलेश (5) और सुरेश (3) घर के सामने बारिश से भरे नाले में खेलते-खेलते नहाने चले गए जहां नहाने के दौरान सभी का पैर कीचड़ में फंस गए, जिस वजह से तीनों की एक साथ वहीं पर मौत हो गयी। सिंह ने बताया कि जब बच्चे काफी समय तक घर मे नहीं दिखे तो परिजन उन्हें ढूंढऩे निकले और शंका होने पर नाले में तलाश किया तो वहां तीनों के शव मिले। उन्होंने बताया कि शवों को निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस मामला दर्ज कर विस्तृत जांच कर रही है।
- भुवनेश्वर। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सांस्कृतिक मंत्रालय से अपील की है कि वे महानदी नदी में डूब गए एक प्राचीन मंदिर का पुनरूद्धार करनें और उसे दूसरे स्थान पर स्थापित करने के संबंध में कदम उठाएं।केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को लिखे गए पत्र में प्रधान ने कहा कि गैर लाभकारी भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत न्यास (आईएनटीएसीएच) ने 500 साल पुराने मंदिर का निरीक्षण किया और पाया कि यह ऐतिहासिक महत्व का है और संरक्षित करने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं इस्पात मंत्री ने यह कहा कि यह मंदिर भगवान गोपीनाथ (भगवान विष्णु का रूप) को समर्पित है और यह ओडिशा के नयागढ़ जिले में महानदी नदी से निकला है। 55-60 फुट तक पानी में समाहित रह चुके इस मंदिर की बनावट और इसे बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री से यह मंदिर 15वीं या 16वीं शताब्दी का लगता है। ऐसा कहा गया है कि यह मंदिर इस क्षेत्र में बाढ़ आने के बाद 1933 में पानी में डूब गया था। प्रधान का ताल्लुक ओडिशा से है।प्रधान ने संस्कृति मंत्री से इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को निर्देश देने में निजी हस्तक्षेप की मांग की है ताकि मंदिर का पुनरूद्धार हो सके और इसे उचित स्थान पर स्थापित किया जा सके।
- नई दिल्ली। सरकार ने मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के निर्यात पर लगी रोक को गुरुवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। सरकार ने 25 मार्च को कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर इस दवा के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी।यह दवा कोरोना वायरस महामारी के संक्रमित मरीजों का इलाज करने में भी कारगर मानी जा रही हे। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीएफएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन एपीआई (सक्रिय दवा सामग्री) और इसके फार्मूलेशंस की निर्यात नीति को तुरंत प्रभाव से निषेध से बदलकर मुक्त किया जाता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के इलाज के लिये हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन के इस्तेमाल की भी सिफारिश की थी। इसके अलावा संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों के लिये भी इस दवा के इस्तेमाल की सिफारिश की थी।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन को पासा पलटने वाला बताया था। हालांकि, इस दवा के निर्यात पर रोक लगाई गई थी, लेकिन भारत ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता के साथ कई देशों को इस दवा की आपूर्ति की थी। भारत ने घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए पिछले दो महीनों में 120 से अधिक देशों को पैरासिटामोल और हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन की आपूर्ति की। पैरासिटामोल एक दर्द निवारक दवा है, जबकि हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन एक पुरानी और सस्ती दवा है, जिसका उपयोग मलेरिया के इलाज में किया जाता है। भारत वैश्विक स्तर पर इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत अकेले हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन की पूरी दुनिया की आपूर्ति का 70 फीसदी उत्पादन करता है। भारत ने अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 के दौरान 1.22 अरब डॉलर मूल्य के हाइड्रॉक्सि क्लोरोक्विन एपीआई का निर्यात किया। इसी अवधि के दौरान हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन से बनी अन्य फार्मुलेशंस का निर्यात 5.50 अरब डॉलर का रहा।-----
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला खदानों के नीलामी प्रक्रिया शुरू की। सरकार के इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा। श्री मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश ने कोयला और खनन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, पूंजी, भागीदारी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए इसे पूरी तरह खोलने का एक बड़ा फैसला लिया है। आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 41 कोयला खदानों की वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी की शुरूआत के अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार न केवल वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी की शुरूआत कर रही है, बल्कि कोयला क्षेत्र के लिए दशकों का लॉकडाउन भी खत्म कर रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र को कोयले के लिए वाणिज्यिक खनन की अनुमति देकर दुनिया के चौथे सबसे बड़े कोयला भंडार वाले देश के संसाधनों को नियंत्रण मुक्त किया जा रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र के लिए पिछली नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत के विशाल कोयला भंडारों के कारण इसे दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि यह विडम्बना है कि भारत कोयला भंडार की दृष्टि से दुनिया का चौथा और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश होने के बावजूद कोयले का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दशकों से बनी हुई है और यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धा से बाहर है तथा पारदर्शिता भी एक बड़ी समस्या रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी तथा मध्य भारत और इस जनजातीय क्षेत्र को विकास का आधारभूत ढांचा बनाने के लिए कोयला क्षेत्र में सुधार, एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि देश में 16 ऐसे जिले हैं, जहां कोयले के विशाल भंडार हैं, लेकिन स्थानीय लोगों को इनसे इतना फायदा नहीं हुआ है, जितना की होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में सुधार और निवेश से गरीबों और जनजातीय लोगों का जीवन सुगम बनाने में बड़ी भूमिका होगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खंड नीलामी से उद्योगों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे नये संसाधन खुलेंगे और राज्यों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने 2030 तक लगभग दस करोड़ टन कोयले को गैस में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए चार परियोजनाओं की पहचान की गई है। इसमें लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी से निपटने और इस संकट को अवसर में बदलने में कामयाब रहेगा। उन्होंने कहा कि इस महामारी ने भारत को आत्मनिर्भर बनने का सबक सिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब है, आयात पर निर्भरता कम करना और देश की विदेशी मुद्रा को बचाना। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अपने संसाधन बढ़ाएगा ताकि उसे आयात पर निर्भर न रहना पड़े। श्री मोदी ने कहा कि सभी संकेत दर्शाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से तेजी से आगे बढऩे के लिए तैयार हैं।वहीं इस अवसर पर मौजूद कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश के कोयला उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाने के लिए क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। कोयला क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला मंत्रालय ने फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। यह नीलामी कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत की गयी है।सरकार के मुताबिक इन कोयला खदानों से होने वाला उत्पादन देश के 2025-26 तक अनुमानित कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करेगा। साथ ही इससे 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें करीब 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 2.10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
- - 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों का यह अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50 हजार करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगेनई दिल्ली। वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक व्यापक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 को सुबह 11 बजे बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में इस अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान बिहार के खगडिय़ा जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से लॉन्च किया जाएगा। आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में भाग लेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे।125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा। 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन होगा, तो दूसरी तरफ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6 राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं। इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है।यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा।--
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हैं।उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हूं। भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में भारत को भारी समर्थन हासिल हुआ है। सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े, जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे।भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा। भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है। सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं।----
- अमरावती। आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के वेदाद्री गांव के पास बुधवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के 12 लोगों की मौत हो गई जिसमें नौ महिलाएं और छह साल की एक बच्ची शामिल है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में 15 अन्य लोग घायल हो गए।उन्होंने कहा कि वेदाद्री स्थित प्रसिद्ध लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में दर्शन करने के बाद परिवार के सदस्य ट्रेक्टर ट्रेलर में सवार होकर लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि रास्ते में ट्रेक्टर ट्रेलर और तेज गति से आती हुई लॉरी में भिड़ंत हो गई जिसके कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर ट्रेलर में कुल 27 लोग यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी मृतक नजदीकी रिश्तेदार थे और मन्नत मांगने मंदिर गए थे। उन्होंने कहा कि सात लोग दुर्घटनास्थल पर ही मारे गए जबकि पांच अन्य लोगों की अस्पताल में मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया है।---
- जम्मू। जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले में नियंत्रण रेखा से सटे विभिन्न अग्रिम इलाकों में पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को गोलाबारी की, इसके बाद भारतीय सेना को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी । रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि करीब सवा बात बजे शाम पाकिस्तान की सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर उकसावे वाली कार्रवाई करते हुये राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा से सटे अग्रिम चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की एवं मोर्टार दागे। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।
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नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय 18 जून से वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिये प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप इस पहल का मकसद ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भरता हासिल करना और औद्योगिक विकास को गति देना है।
प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करेंगे और खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखेंगे। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन कोयला ब्लॉक के वाणज्यिक खनन में अगले पांच से सात साल में करीब 33 हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। ये ब्लाक राज्य सरकारों को सालाना 20 हजार करोड़ रुपये का राजस्व देंगे।मंत्रालय ने कहा कि कोयला खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का हिस्सा है। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और और खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखेंगे। खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात, एल्युमीनियम, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का मुख्य स्रोत है। इस मौके पर कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहेंगे।बयान के अनुसार, कोयेला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिये कोयला मंत्रालय उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानें की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर रहा है...। ये खदान 22.5 करोड़ टन उत्पादन की क्षमता रखते हैं। इसके आधार पर सरकार का कहना है कि ये खदान देश में 2025-26 तक अनुमानित कुल कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान देंगे। इससे सीधे एवं परोक्ष रूप से 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसमें सीधे तौर पर करीब 70 हजार लोगों को रोजगाार मिलने की उम्मीद है।मंत्रालय ने कहा, यह नीलामी प्रक्रिया कोयला क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की एक शुरूआत है। इससे देश ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्म निर्भर होगा और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी संबोधित करेंगे। सरकार ने पिछले महीने राजस्व हिस्सेदारी आधार पर वाणिज्यिक खनन के तौर-तरीकों को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया था। सीसीईए द्वारा मंजूर तौर-तरीके के अनुसार बोली मानदंड राजस्व हिस्सेदारी पर आधारित होगा। बोलीदाताओं को सरकार को देय राजस्व में प्रतिशत हिस्सेदारी के भुगतान के आधार पर बोली लगानी होगी।-- - भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये ओडिशा में जून अंत तक ट्रेन और हवाई यात्राओं पर पाबंदी जारी रखने का अनुरोध किया।उन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेस के दूसरे चरण के दौरान यह अनुरोध किया। श्री पटनायक ने कहा, ओडिशा के लिये जून मुश्किल महीना है क्योंकि इस महीने बड़ी संख्या में प्रवासी लौटे हैं और मानसून भी शुरू हो गया है। लिहाजा, भारत सरकार को ओडिशा में ट्रेन और हवाई यात्राओं पर रोक जारी रखनी चाहिये।---
- कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन के मुद्दे पर बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल को वक्ताओं में शामिल न किए जाने पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार के किसी प्रतिनिधि ने भी हिस्सा नहीं लिया। बनर्जी ने प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल होने की बजाय राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक के बाद बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, हो सकता है कि केंद्र सरकार की हमें बुलाने की इच्छा ही न रही हो इसीलिए उन्होंने हमें बैठक में बोलने का आमंत्रण नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य में महामारी से निपटने के लिए उनकी समीक्षा बैठक ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बड़ी बैठकें कर रही है लेकिन वह (बनर्जी) लोगों की जरूरतों को समझने के लिए जमीनी स्तर पर बैठक कर रही हैं।
- जयपुर। जयपुर में बुधवार को शुक्र ग्रह को दिन के समय देखा गया। एक विशेषज्ञ के अनुसार यह एक अद्भुत दृश्य था और साफ मौसम होने के कारण शुक्र ग्रह स्पष्ट दिखाई दिया।बिड़ला तारा मंडल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि 21 जून को सूर्य ग्रहण देखने के लिये वैज्ञानिक यंत्रों की जांच के दौरान उन्होंने दिन में लगभग दो बजे सूर्य के पास शुक्र ग्रह को देखा। उन्होंने कहा, मैं ऐसे समय में शुक्र ग्रह को देखकर उत्साहित था। यह अद्भुत और प्यारा नजारा था। नक्षत्रों और आकाशीय पिंडों के बारे में अध्ययन की लंबी अवधि में यह पहला अवसर था जब मैंने दिन में शुक्र ग्रह को देखा।उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह ग्रह हिमालय क्षेत्रों में दिन के समय में देखा जा सकता है और वो भी जब मौसम साफ हो। सूर्य से दूसरा ग्रह शुक्र है जो तेज चमकता है जिसे सुबह का तारा और शाम का तारा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी अगर मौसम साफ रहा तो शुक्र ग्रह को दिन में देखा जा सकता है। (फाइल फोटो)---
- - मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठकनई दिल्ली। लॉकडाउन से संबंधित तमाम अफवाहों को दूर करते हुए लॉकडाउन समाप्ति के देश में दूसरे राष्ट्रव्यापी चरण की योजना बनाने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के संघर्ष को और सुदृढ़ करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात कही।उन्होंने कहा कि राष्ट्र को लॉकडाउन समाप्ति के दूसरे चरण और लोगों को नुकसान पहुंचने की आशंकाओं को कम से कम करने के बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने फिर कहा कि सरकार द्वारा समय पर लिए गये निर्णयों से देश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप को कम करने में काफी हद तक मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने देश में निजी सुरक्षा उपकरणों, मास्क, बीमारी का पता लगाने वाली किट, वेंटिलेटर आदि के स्वदेश में निर्माण की क्षमता बढ़ाई है। महामारी की परीक्षण की सुविधाओं का विकास किया गया है। अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए बिस्?तर बढ़ाए गये हैं और क्वारंटीन केन्द्र स्थापित किए गये हैं। परीक्षण के जरिए कोविड-19 से निपटने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी भी तैयार किए गये हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के दौर में बुनियादी ढांचे, सूचना प्रणाली, भावनात्मक सहायता और जनता की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है।प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि समय रहते तैयारियां सुनिश्चित कर लिए जाने से देश में रोगियों के स्वस्थ होने की दर काफी ऊंची है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों के अनुशासन के उच्च स्तर का जिक्र करते हुए कहा कि इसी की वजह से महामारी की बेहतर ढंग से रोकथाम संभव हो पाई है। श्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना संक्रमण को कलंक की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। महामारी की रोकथाम में परीक्षण और रोगी के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे और अधिक संख्या में परीक्षण केन्द्र बनाने के प्रयास करें। श्री मोदी ने देश में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप के कारगर इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर दिया।प्रधानमंत्री ने मॉनसून के साथ होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सावधान रहने का भी आह्वान किया। उन्होंने कोरोना वायरस से संघर्ष में भावनात्मक पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के भय और महामारी से जुड़े कलंक को लेकर लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमारी से पीडि़त ज्यादातर लोग ठीक हुए हैं।प्रधानमंत्री ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों का आह्वान किया कि वे बड़ी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टेली मेडिसिन सुविधा के बुनियादी ढांचे का विकास करें। उन्होंने भारत को कोरोना वायरस के बाद सामान्य स्थिति में लाने के लिए एनजीओ और निजी क्षेत्र समेत सभी संगठनों से एकजुट होकर और अधिक प्रयास करने का भी आग्रह किया। आज की बातचीत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ दो दिन के विचार-विमर्श के दूसरे चरण के अंतर्गत की गई इसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और ओडिसा मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को कोविड-19 से निपटने में उनके नेतृत्व के धन्यवाद दिया और अपने-अपने राज्यों में जमीनी हालात और महामारी से निपटने की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने चुनौती से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और इसे सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में भी प्रधानमंत्री को बताया। महामारी से निपटने में लगे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, कंटेनमेंट क्षेत्रों की निगरानी, मास्क पहनने के लिए अभियान चलाने, परीक्षण सुविधाओं के विकास और घरों को वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया।श्री मोदी ने इन जानकारियों के लिए मुख्यमंत्रियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के सामूहिक संकल्प से ही यह लड़ाई जीत ली जा सकती है। उन्होंने तमाम सावधानियां बरतते हुए आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। विश्व व्यापी कोरोना महामारी से राष्ट्र के संघर्ष को और सशक्त बनाने की रूपरेखा तय करने के लिए राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरी वर्चुअल बैठक से पहले यह टिप्पणी की।उन्होंने कहा- भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। दु:ख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हंू। आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।श्री मोदी ने आगे कहा- भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोका: समस्ता: सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है। हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक cooperative और friendly तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, differences disputes में न बदलें। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा।श्री मोदी और वर्चुअल बैठक में शामिल मुख्यमंत्रियों ने गलवान घाटी के शहीदों के सम्मान में खडे होकर दो मिनट का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- नई दिल्ली। सामाजिक अभियान के तहत देशभर में 6300 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों में सैनिटरी नैपकीन एक रूपए की न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है। ये सैनेटरी नैपकीन जन औषधि सुविधा सैनटरी नैपकीन के नाम से बेचे जा रहे हैं। बाजार में ऐसे नैपकीन की कीमत 3 से 8 रूपए प्रति पैड है।विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर 4 जून 2018 को भारत सरकार ने महिलाओं के लिए जन औषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन लॉन्च करने की घोषणा की थी। तब से लेकर 10 जून 2020 तक जनऔषधि केन्द्रों के माध्यम से 4.61 करोड़ से अधिक सैनिटरी नैपकिन बेचे जा चुके हैं। इनकी कीमतों में 27 अगस्त 2019 को संशोधन किया गया और दाम घटाए गए। इसके बाद से 10 जून, 2020 तक इन केन्द्रों के जरिए 3.43 करोड़ से अधिक पैड बेचे जा चुके हैं।मासिक धर्म और इससे जुड़ी प्रथाओं को अभी भी कई तरह के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक उपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है जो मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई और स्वास्थ्य देखभाल के रास्ते में बड़ी अड़चनें पैदा करते हैं। देश के कई हिस्सों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों और महिलाओं की सैनिटरी उत्पादों तक पहुंच नहीं है या वे इनका विकल्प नहीं चुन पातीं क्योंकि बाजार में उपलब्ध ज्यादातर ऐसे नैपकीन महंगे हैं।वर्तमान परिदृश्य में जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से सस्ती और पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी नैपकीन उपलब्ध करा कर भारत में वंचित वर्ग की महिलाओं के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और बेहतर सुविधा सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभी के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की सोच को मूर्त रूप देने के लिए केंद्रीय औषधि विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है।सैनिटरी नैपकिन पर्यावरण के अनुकूल हैं, क्योंकि ये जैविक रूप से नष्ट हो जाने वाली ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनाए जाते हैं। इनका परीक्षण एएसटीएम डी-6954 मानकों पर किया जाता है। प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र कोविड-19 के प्रकोप के इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और लोगों को सस्ती दरों पर जरुरी दवाओं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं। जनऔषधि सुविधा सैनिटरी नैपकिन सभी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। देश भर में मार्च, अप्रैल और मई, 2020 के महीने में 1.42 करोड़ से अधिक ऐसे पैड बेचे गए हैं।---
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज साउथ ब्लॉक में बैठक कर लद्दाख सीमा पर स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ और सैन्य मामलों के सचिव जनरल बिपिन रावत,थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवणे,नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने भाग लिया।बैठक के बाद एक ट्वीट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा संघर्ष में जवानों की शहादत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि गलवान घाटी में हमारे जवानों की शहादत काफी परेशान करने वाला और दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने सीमा पर तैनाती के दौरान अपने कर्तव्य पालन में अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को कायम रखते हुए देश की सीमा की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मैं अपने शहीद जवानों के परिवारों के साथ हूं। राष्ट्र इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमें भारत के रणबांकुरों की वीरता और साहस पर गर्व है।
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) जुलाई - 2020 को लेकर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए)ने बेहद जरूरी नोटिस जारी किया है। एनटीए ने इसके जरिए उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को परीक्षा के बारे में एक नए फर्जीवाड़े के संबंध में आगाह किया है।एनटीए ने कहा है कि उसके संज्ञान में आया है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट -यूजी ) जुलाई 2020 स्थगित शीर्षक से 15 जून को जारी किया गया एक फर्जी सार्वजनिक नोटिस विभिन्न स्रोतों के माध्यम से और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है।एनटीए ने कहा है कि उसने इसे गंभीरता से लिया है और उम्मीदवारों, अभिभावकों तथा आम जनता को गुमराह करने के इरादे से जारी किये गए इस फर्जी नोटिस के स्रोत की जांच कर रहा है। ऐसे जनविरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।एनटीए ने कहा है कि सभी उम्मीदवारों, अभिभावकों और जनता को सूचित किया जाता है कि एनटीए या संबंधित अधिकारियों द्वारा आज तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए सार्वजनिक रूप जारी ऐसी भ्रामक खबरों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। एनटीए ने परीक्षा के बारे में केवल उसकी आधिकारिक वेबसाइट www.nta.ac.in और ntaneet.nic.in पर उपलब्ध सूचनाओं पर ही भरोसा करने की सलाह दी है।इस संबंध में एनटीए द्वारा 11 मई 2020 को जारी नवीनतम जानकारी उसकी आधिकारिक वेबसाइट https://data.nta.ac.in/Download/Notice/Notice 20200511063520.pdf पर उपलब्ध है।एनटीए नेएक बार फिर से उम्मीदवारों, उनके अभिभावकों और आम जनता को www.nta.ac.inand ntaneet.nic.in उपलब्ध ताजा जानकारी और सूचनाओं को देखने की सलाह दी है।