क्या दिन में 24 की जगह होंगे 25 घंटे? पिघलते ग्लेशियरों की वजह से धरती की चाल हुई धीमी
न्यूयार्क। जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर ब्रायन ट्रेसी ने कहा है कि आपके पास जो समय है, वही सबसे मूल्यवान संसाधन है, उसका सम्मान करें. आपने भी कई बार अपने आस पास लोगों को समय की कमी का रोना रोते देखा होगा। लोगों को कहते सुना होगा कि दिन में 24 घंटे ही हैं, कहां से वक्त निकालें? ऐसे लोगों के लिए आज हम एक रोचक खबर बताने जा रहे हैं। आप भी सोचकर देखिए कि अगर दिन में 24 घंटे के बजाय 25 घंटे हो जाएं तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।आप ये सोचकर हैरान हो सकते हैं कि दिन में 24 के बजाय 25 घंटे कैसे हो सकते हैं? लेकिन, पृथ्वी पर एक वक्त आने वाला है, जब 24 घंटे में नहीं, बल्कि 25 घंटे में एक दिन खत्म होगा। आइए समझिए कि एक दिन 25 घंटे का कैसे हो सकता है? साइंस मैग्जीन नेचर जियोसाइंस में बढ़ती गर्मी के साइड इफेक्ट्स पर एक रिपोर्ट छपी है।
क्यों धीमी हुई धरती की गति
रिपोर्ट के मुताबिक, पिघलते ग्लेशियर की वजह से धरती की भूमध्य रेखा के पास ज्यादा पानी जमा हो रहा है। इस वजह से धरती अपनी धुरी पर घूम नहीं पा रही है, यानि उनकी गति धीमी होती जा रही है। इसका असर धरती के दोनों मैग्नेटिक पोल पर भी पड़ रहा है, जिसकी वजह से पिछले कुछ दशकों से धरती के घूमने की गति धीमी होती जा रही है। आप ये जानकार हैरान हो सकते हैं कि आज से 100 करोड़ साल पहले हमारी पृथ्वी का एक दिन 19 घंटे का हुआ करता था। लेकिन, जैसे जैसे धरती की गति धीमी होती गई वैसे वैसे दिन का टाइम बढ़ता गया और आज ये 24 घंटे का हो गया है। यानि ये टाइम बहुत माइक्रो लेवल पर बदलता है।
हर सदी में 2.3 मिली सेकंड बढ़ रहा समय
मैग्जीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 1960 की तुलना अगर 2020 से करें तो धरती ज्यादा तेज घूम रही थी। लेकिन, 2021 में ये गति और धीमी हो गई है। इस बीच जून 2022 में सबसे छोटा दिन भी रिकॉर्ड किया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारे दिन का समय हर सदी में 2.3 मिली सेकेंड बढ़ रहा है और इस हिसाब से कई करोड़ वर्षों बाद ही सही, लेकिन ऐसा वक्त आएगा जब दिन 24 घंटे का नहीं बल्कि 25 घंटे का हो जाएगा।
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