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- नयी दिल्ली. नयी आपूर्ति की तुलना में बिक्री अधिक होने के कारण पिछले तीन महीनों में देश के नौ प्रमुख शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या सात प्रतिशत घटकर लगभग 4.81 लाख इकाई रह गई। रियल एस्टेट क्षेत्र के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली फर्म प्रॉपइक्विटी के मुताबिक इस साल मार्च के अंत में नौ प्रमुख शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या 4,81,566 थी। यह आंकड़ा दिसंबर 2023 के अंत में 5,18,868 इकाई था। ये नौ शहर मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, दिल्ली-एनसीआर (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता हैं। प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक (एमडी) समीर जसूजा ने कहा कि नयी आवक के मुकाबले बिक्री अधिक होने से बिना बिके मकानों की संख्या में कमी आई है।
- मुंबई।' सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी ने शनिवार को कहा कि उद्योग जगत पर एक मजबूत और अधिक समावेशी भारत बनाने की जिम्मेदारी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भरोसा जताया कि उद्योग जगत अगले कुछ दशकों में 100 अरब डॉलर के निर्यात स्तर को छूने के अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘व्यावसायिक समुदाय के रूप में हम सभी की सामूहिक रूप से जिम्मेदारी है कि हम एक मजबूत, बेहतर और अधिक समावेशी भारत का निर्माण करें, ताकि हमारे प्रधानमंत्री ने अगले दशकों में हमारे लिए एक विकसित भारत, एक पूर्ण विकसित भारत का जो लक्ष्य रखा है, उसे पूरा किया जा सके।'' अंबानी ने पिछले कुछ दशकों में निर्यात को 40 अरब डॉलर तक पहुंचाने और देश में 50 लाख से अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए रत्न और हीरा उद्योग को बधाई दी। अंबानी ने कहा कि पालनपुर के लोगों के नेतृत्व में एक छोटी शुरुआत से आज उद्योग ने एक बड़ी प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें इस काम पर ‘गर्व' है। उन्होंने कहा कि अंबानी परिवार की जड़ें काठियावाड़ में हैं और उन्होंने पालनपुर के लोगों के साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी काठईवाड़ियों और पालनपुरियों के बीच साझेदारी अवसर को बड़ा बना सकती है।''
अंबानी ने यह भी कहा कि उनकी बहू श्लोका मेहता इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक, रोडीब्लू के रसेल मेहता की बेटी हैं, और कहा कि अंबानी परिवार श्लोका को पाकर ‘भाग्यशाली' है।
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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 24 करीब-करीब समाप्त होने को है। नए फाइनैंशियल ईयर से कई योजनाओं, फंडों, मार्केट के नियमों आदि में बदलाव देखने को मिलेगा। लेकिन इसी बीच एक बड़ा बदलाव क्रेडिट कार्ड (Credit Card) को लेकर है। भारत के कई बैंक क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं मगर ICICI Bank, येस बैंक (Yes Bank) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) क्रेडिट कार्ड को लेकर नया नियम 1 अप्रैल 2024 से ही लागू करने जा रहे हैं।
इन तीनों बैंकों के क्रेडिट कार्ड नियमों में जो बदलाव होने जा रहा है वह रिवॉर्ड पॉइंड और लाउंड एक्सेस बेनिफिट्स से जुड़ा हुआ है। ऐसे में आइये एक-एक कर जानते हैं क्या है बदलाव को लेकर नए वित्त वर्ष की अपडेटSBI Credit cards: भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI अपने क्रेडिट कार्ड में जो 1 अप्रैल से बदलाव करने जा रहा है वह है रिवॉर्ड पॉइंट को लेकर। 1 अप्रैल, 2024 से, एसबीआई कार्ड (SBI Card) की ओर से दिए जा रहे क्रेडिट कार्ड की एक स्पेशिफिक सीरीज के लिए किराए के भुगतान (rent payment transactions) पर रिवॉर्ड पॉइंट मिलना बंद हो जाएगा।इन स्पेशिफिक कार्डों में AURUM, एसबीआई कार्ड एलीट (SBI Card Elite) , एसबीआई कार्ड एलीट एडवांटेज (SBI Card Elite Advantage), एसबीआई कार्ड पल्स (SBI Card Pulse)और सिंपलीक्लिक एसबीआई कार्ड (SimplyCLICK SBI Card) के लिए रेंट पैमेंट ट्रांजैक्शन्स पर रिवॉर्ड पॉइंट नहीं मिलेगा।ICICI Bank Credit Cards: भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक एयरपोर्ट लॉउंज एक्सेस (airport lounge access) को लेकर नया नियम ला रहा है। 1 अप्रैल से शुरू हो रही तिमाही (Q1FY25) में ग्राहकों को कम से कम 35,000 हजार रुपए खर्च करने पर ही अगले क्वॉर्टर यानी Q2FY25 के लिए एक फ्री लॉउंड विजिट का ऑफर मिलेगा।Yes Bank Credit Cards: येस बैंक का भी नया रूल लॉउंज एक्सेस को लेकर ही है। येस बैंक क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को कम से कम 10,000 रुपये या उससे ज्यादा खर्च करने पर ही अगली तिमाही के लिए लॉउंज एक्सेस की अनुमति मिलेगी।लगातार बढ़ रही क्रेडिट कार्डों की संख्यादेश में बैंकों द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्डों की कुल संख्या को लेकर हाल ही में फरवरी 2024 का आंकड़ा जारी RBI की तरफ से जारी किया गया। इसके मुताबिक भारत में क्रेडिट कार्डों की संख्या 10 करोड़ पार करते हुए 10.06 करोड़ पहुंच गई है। जनवरी 2024 के मुकाबले फरवरी में 11 लाख कार्ड और जुड़े हैं। एक साल पहले यानी फरवरी 2023 में प्रचलन में कुल 9.95 करोड़ कार्ड थे। क्रेडिट कार्ड जारी करने में सबसे आगे देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) है। ऑपरेशन में इस बैंक के कार्डों की संख्या 2.4 करोड़ है। अन्य प्रमुख बैंकों की बात करें, तो SBI Card ने 1.875 करोड़ क्रेडिट कार्ड, ICICI Bank ने 1.684 करोड़ कार्ड और Axis Bank ने 1.39 करोड़ कार्ड के ऑपरेशन की जानकारी दी है। -
नई दिल्ली। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 22 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में 14 करोड़ डॉलर बढ़कर अपने अब तक के उच्चतम स्तर 642 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि लगातार पांचवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढौत्तरी दर्ज की गई है।सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार में 34 करोड़ 70 लाख डॉलर की वृद्धि हुई और अब यह 51 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है। कुल भंडार का एक प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा परिसम्पत्ति 12 करोड़ 30 लाख डॉलर घटकर पांच सौ 68 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा है कि भारत अगले दशक में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा और बदलावों के जरिये चुनौतियों से उबर रहा है। ऐसे में 2032 तक भारत दुनिया दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2050 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वह 25 मार्च को जापान के क्योटो में नोमुरा के 40वें ‘सेंट्रल बैंकर्स सेमिनार' में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था: अवसर और चुनौतियां' विषय पर अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा, “भारत के हालिया वृद्धि प्रदर्शन ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उदाहरण के लिए, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अप्रैल, 2023 और जनवरी, 2024 के बीच संचयी रूप से 2023 के लिए अपने पूर्वानुमान को 0.8 प्रतिशत बढ़ाया है।” आईएमएफ को उम्मीद है कि भारत वैश्विक वृद्धि में 16 प्रतिशत का योगदान देगा, जो बाजार विनिमय दरों के मामले में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। इस मापन के अनुसार, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आगामी दशक के भीतर जर्मनी और जापान से आगे निकलने की स्थिति में है। क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- मुंबई. उद्योग जगत को बैंक ऋण फरवरी में सालाना आधार पर 8.6 प्रतिशत बढ़ा है। इसका मुख्य कारण बुनियादी ढांचा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों द्वारा कर्ज लेने की गति में आई तेजी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में कहा गया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वृद्धि फरवरी में 20.1 प्रतिशत पर मजबूत रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 15 प्रतिशत थी। फरवरी के लिए विभिन्न क्षेत्रों को बैंक ऋण के आंकड़े 41 चुनिंदा वाणिज्यिक बैंकों से एकत्र किया गए हैं। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘उद्योग को ऋण फरवरी, 2024 में 8.6 प्रतिशत (साल-दर-साल) बढ़ा, जबकि फरवरी, 2023 में यह वृद्धि 6.8 प्रतिशत थी।'' प्रमुख उद्योगों में, ‘खाद्य प्रसंस्करण', ‘बुनियादी ढांचा' और ‘कपड़ा' क्षेत्र के ऋण में वार्षिक वृद्धि पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में फरवरी में तेज हुई, जबकि ‘बुनियादी धातु और धातु उत्पाद' तथा ‘रसायन एवं रासायनिक उत्पादों' क्षेत्र के ऋण में वार्षिक वृद्धि की गति धीमी हो गई। इसके अलावा, वाहन ऋण और अन्य व्यक्तिगत ऋणों में धीमी वृद्धि के कारण फरवरी में व्यक्तिगत ऋण की वृद्धि घटकर 18.1 प्रतिशत (एक साल पहले 20.6 प्रतिशत से) रह गई।
- नयी दिल्ली. घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेशकों की संपत्ति चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 128.77 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद, पूंजी प्रवाह बढ़ने तथा कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम से बाजार को समर्थन मिला। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन 2022-23 में हल्का रहा था। वहीं 2023-24 में इसमें उल्लेखनीय सुधार आया है। वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई सेंसेक्स 14,659.83 अंक यानी 24.85 प्रतिशत मजबूत हुआ। वहीं निफ्टी 4,967.15 अंक यानी 28.61 प्रतिशत चढ़ा। सात मार्च को मानक सूचकांक...सेंसेक्स रिकॉर्ड 74,245.17 के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके साथ, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2023-24 में 1,28,77,203.77 करोड़ रुपये बढ़कर 3,86,97,099.77 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं, बढ़ती ब्याज दर और आसन्न वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच देश के शेयर बाजार ने पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में उल्लेखनीय मजबूती दिखायी। यहां तक कि वैश्विक स्तर पर जारी राजनीतिक तनाव के कारण भी उत्पन्न झटके कुछ समय के लिए थे। बाजार में जो मजबूती थी, उससे इन चुनौतियों से बखूबी पार पाने में मदद मिली।'' इस साल दो मार्च को बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 394 लाख करोड़ रुपये के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के अंतिम कारोबारी दिन 655.04 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में तेजी का श्रेय मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बुनियाद को दिया जा सकता है। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रही है। निरंतर राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद और अतिरिक्त आर्थिक सुधारों की संभावना बाजार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके अलावा, यह माना जा रहा है कि ब्याज अपने उच्चस्तर पर है, इसमें अब वृद्धि की संभावना नहीं है।''
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नयी दिल्ली. सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिये विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर पहले की ही तरह 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2024) के लिए अधिसूचित दरों के समान होंगी।'' सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा राशि पर 8.2 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर ब्याज 7.1 प्रतिशत मिलेगा। पीपीएफ और डाकघर बचत जमा पर भी ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं।
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत होगी और यह निवेश 115 महीनों में परिपक्व होगा।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज दर एक अप्रैल से 30 जून, 2024 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत होगी। मासिक आय योजना के लिए ब्याज दर चालू तिमाही की तरह 7.4 प्रतिशत होगी।
सरकार हर तिमाही में मुख्य रूप से डाकघरों में संचालित छोटी बचत योजनाओं पर देय ब्याज दरों को अधिसूचित करती है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने बृहस्पतिवार को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सोने और चांदी का आयात करने के लिए अधिकृत बैंकों की सूची अद्यतन की है। सूची के अनुसार, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित 11 बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक अप्रैल से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सोने और चांदी आयात करने के लिए अधिकृत किया गया है। यह प्राधिकार अगले वर्ष 31 मार्च तक वैध रहेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, ‘‘सोना/चांदी आयात करने के लिए अधिकृत बैंकों की सूची अद्यतन कर दी गई है।'' तीन बैंकों - इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया - को रिजर्व बैंक ने इस साल एक अप्रैल से 2024-25 के लिए केवल सोना आयात करने के लिए अधिकृत किया है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान सोने का आयात 38.76 प्रतिशत बढ़कर 44 अरब डॉलर का हो गया। हालांकि, इस अवधि के दौरान चांदी का आयात 11.53 प्रतिशत घटकर 4.62 अरब डॉलर रह गया। -
मुंबई.बैंकों में वार्षिक लेखाबंदी से जुड़े कार्यों के कारण 2000 रुपये के बैंक नोट को बदलने या जमा करने की सुविधा एक अप्रैल, 2024 यानी सोमवार को उपलब्ध नहीं होगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि अगले दिन मंगलवार को यह सुविधा केंद्रीय बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में बहाल हो जाएगी। आरबीआई ने कहा, “ वार्षिक लेखाबंदी से जुड़े कार्यों के कारण भारतीय रिजर्व बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में 2000 रुपये के बैंक नोटों के विनिमय/जमा की सुविधा एक अप्रैल, 2024 दिन सोमवार को उपलब्ध नहीं होगी।” आरबीआई ने 19 मई, 2023 को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की थी।
बैंक ने बताया कि 29 फरवरी को कारोबारी घंटों की समाप्ति तक 2000 रुपये के लगभग 97.62 प्रतिशत नोट बैंकिंग तंत्र में वापस आ चुके हैं और सिर्फ 8,470 करोड़ रुपये के नोट अब भी जनता के पास हैं। -
नयी दिल्ली. उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने प्रतिद्वंद्वी कारोबारी गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी पावर की मध्य प्रदेश में एक बिजली परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। यह पहला मौका है जबकि दो प्रतिद्वंद्वी अरबपति उद्योगपतियों के बीच किसी तरह का गठजोड़ हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संयंत्र की 500 मेगावाट बिजली का खुद इस्तेमाल (कैप्टिव यूज) करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियों ने शेयर बाजार को अलग-अलग दी सूचना में कहा कि रिलायंस, अडाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड में 10 रुपये अंकित मूल्य (50 करोड़ रुपये) के पांच करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी और निजी उपयोग के लिए 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता का उपयोग करेगी। गुजरात के इन दोनों उद्योगपतियों को अक्सर मीडिया और समालोचकों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता रहा है। हालांकि, दोनों उद्योगपति एशिया के सबसे अमीर लोगों की सूची के शीर्ष दो पायदानों तक पहुंचने के लिए वर्षों से एक-दूसरे के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। अंबानी की रुचि तेल और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक है तो अडाणी का ध्यान बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, कोयला और खनन तक फैले बुनियादी ढांचे पर है। दोनों कारोबारियों ने स्वच्छ ऊर्जा खंड को छोड़कर शायद ही कभी एक-दूसरे का रास्ता काटा हो। इस खंड में दोनों उद्योगपतियों ने कई अरब रुपये के निवेश की घोषणा की है। अडाणी समूह 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने की आकांक्षा रखता है, जबकि रिलायंस गुजरात के जामनगर में चार गीगाफैक्टरी का निर्माण कर रही है। इनमें प्रत्येक फैक्टरी सौर पैनल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए है। अडाणी समूह भी सौर मॉड्यूल, पवन टर्बाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण के लिए तीन गीगाफैक्टरी लगा रहा है। जब अडाणी समूह ने पांचवीं पीढ़ी (5जी) डेटा और वॉयस कॉल सेवाओं को ले जाने में सक्षम स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन किया था तो तब भी टकराव की भविष्यवाणी की गई थी। हालांकि, अंबानी के विपरीत अडाणी ने 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा था, जो सार्वजनिक नेटवर्क के लिए नहीं है। इसके विपरीत, दोनों विरोध से बहुत दूर रहे हैं। साल 2022 में अंबानी से पूर्व संबंधों वाली एक कंपनी ने समाचार प्रसारक एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी अडाणी को बेच दी, जिससे अधिग्रहण का मार्ग साफ हो गया। इस महीने की शुरुआत में जामनगर में अंबानी के छोटे पुत्र अनंत के विवाह से पहले आयोजित समारोहों में भी गौतम अडाणी मौजूद रहे थे।
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नैरोबी (केन्या). दुनिया ने वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर कुल खाद्य उत्पादन का 19 प्रतिशत या लगभग 1.05 अरब टन बर्बाद कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बुधवार को प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की खाद्य बर्बादी सूचकांक रिपोर्ट, वर्ष 2030 तक खाद्य बर्बादी को आधा करने के लिए देशों की प्रगति की निगरानी करती है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सूचकांक के लिए रिपोर्ट करने वाले देशों की संख्या वर्ष 2021 में पहली रिपोर्ट से लगभग दोगुनी हो गई है। वर्ष 2021 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2019 में वैश्विक स्तर पर उत्पादित भोजन का 17 प्रतिशत, या 93.1 करोड़ टन बर्बाद हो गया। लेकिन कई देशों से पर्याप्त आंकड़ों की कमी के कारण लेखकों ने सीधी तुलना के प्रति चेतावनी दी। रिपोर्ट यूएनईपी और वेस्ट एंड रिसोर्सेज एक्शन प्रोग्राम (डब्ल्यूआरएपी) एक अंतरराष्ट्रीय चैरिटी द्वारा सह-लिखित है। शोधकर्ताओं ने घरों, खाद्य सेवा और खुदरा विक्रेताओं पर देश के आंकड़ों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि प्रत्येक व्यक्ति सालाना लगभग 79 किलोग्राम (लगभग 174 पाउंड) भोजन बर्बाद करता है, जो दुनिया भर में प्रतिदिन बर्बाद होने वाले कम से कम एक अरब भोजन थाली के बराबर है। ऐसी अधिकांश बर्बादी - 60 प्रतिशत - घरों से आती है। इसमें लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा खाद्य सेवा या रेस्तरां का रहा, जबकि 12 प्रतिशत खुदरा विक्रेताओं का रहा। इसके सह-लेखक क्लेमेंटाइन ओ'कॉनर ने कहा, ‘‘यह एक जटिल समस्या है, लेकिन सहयोग और प्रणालीगत कार्रवाई के माध्यम से, इससे निपटा जा सकता है।'' यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दुनियाभर में 78.3 करोड़ लोग गंभीर भूख का सामना कर रहे हैं और कई स्थानों पर खाद्य संकट गहरा रहा है।
- कोलकाता। पैकेज्ड फूड कंपनी अन्नपूर्णा स्वादिष्ट लिमिटेड ने बुधवार को घोषणा की कि उसने आर आर प्रोटीन्स एंड एग्रो लिमिटेड (आरआरपीएएल) से छह दशक पुराने 'आरती' ब्रांड सरसों तेल का 28 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण से कंपनी को खाद्य तेल क्षेत्र में उतरने और अपने रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामान (एफएमसीजी) पोर्टफोलियो को मजबूत करने में मदद मिलेगी। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि 28 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि में विनिर्माण इकाई और ब्रांड के अधिग्रहण की लागत शामिल है। उन्होंने कहा कि इस सौदे का वित्तपोषण आंतरिक संसाधनों और कर्ज के जरिये किया जाएगा।उन्होंने कहा, आरआरपीएएल की प्रति माह नौ लाख लीटर तेल उत्पादन क्षमता है और अधिग्रहण से अन्नपूर्णा स्वादिष्ट को खाद्य तेल के एक नए कारोबार में उतरने में मदद मिलेगी। अन्नपूर्णा स्वादिष्ट लिमिटेड (एएसएल) के प्रबंध निदेशक श्रीराम बागला ने कहा, "हमारा मानना है कि अधिग्रहण एक अवसर प्रदान करता है जो भारत के अर्ध-शहरी और ग्रामीण बाजारों में पैकेटबंद खाद्य उद्योग में एक मजबूत कारोबारी बनने की कंपनी की समग्र रणनीति के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है।"
- नयी दिल्ली । भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला मोबाइल गेमिंग बाजार है और इस उद्योग का वार्षिक राजस्व 2023 के 3.1 अरब डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2028 तक छह अरब डॉलर हो सकता है। इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (आईईआईसी) और ऑनलाइन गेमिंग कंपनी विंजो की एक संयुक्त रिपोर्ट में बुधवार को यह बात कही गई। आईईआईसी विश्लेषण और द्वितीयक आंकड़ों के आधार पर ‘इंडिया गेमिंग रिपोर्ट 2024' के तहत 2023 में गेम के लिए भुगतान करने वाले 14.4 करोड़ उपयोगकर्ताओं की तुलना में 2028 में यह संख्या 24 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया, “भारतीय गेमिंग उद्योग में 1,400 से अधिक गेमिंग कंपनियां शामिल हैं, जिनमें 500 गेमिंग स्टूडियो भी शामिल हैं। गेमिंग का वार्षिक कारोबार 2028 तक छह अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।” रिपोर्ट में कहा गया, “भारत में गेम डाउनलोड केवल चार साल में (2019 से 2023 तक) 5.65 अरब से बढ़कर 9.5 अरब हो गया। इस वृद्धि ने 2023 में वैश्विक गेम डाउनलोड में भारत की हिस्सेदारी को 16 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। इसके बाद क्रमशः 4.5 अरब (7.6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी) डाउनलोड के साथ ब्राजील और 4.4 अरब (7.4 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी) डाउनलोड के साथ अमेरिका का स्थान रहा।”
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 1,600 मेगावाट के रायगढ़ चरण- 2 ताप-विद्युत संयंत्र की स्थापना के लिए अडाणी पावर लिमिटेड से 4,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। बीएचईएल ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इसे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ चरण-2 में अति-महत्वपूर्ण तकनीक पर आधारित दो गुणा 800 मेगावाट की परियोजना के लिए उपकरणों की आपूर्ति, निर्माण और परिचालन के पर्यवेक्षण के लिए 27 मार्च, 2024 को ऑर्डर मिला है।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एनएचपीसी के निदेशक मंडल ने 2024-25 में 6,100 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एनएचपीसी के निदेशक मंडल ने बुधवार को हुई बैठक में निजी नियोजन, सावधि ऋण या बाह्य वाणिज्यिक उधारी के आधार पर एक या अधिक किस्तों में गैर-परिवर्तनीय कॉरपोरेट बॉन्ड के माध्यम से 2024-25 में 6,100 करोड़ रुपये तक का ऋण जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया और मंजूरी दी। इसके अलावा, बैठक में निदेशक मंडल ने एनएचपीसी की अनुषंगी और मणिपुर सरकार के साथ मिलकर बनाए गए संयुक्त उद्यम लोकटक डाउनस्ट्रीम हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लि. को बंद करने के लिए भी अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। यह दीपम (लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग), बिजली मंत्रालय और और मणिपुर सरकार की मंजूरी पर निर्भर है।
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नई दिल्ली। डेल टेक्नोलॉजिस्ट ने दो साल में दूसरी बार अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है और लगभग 6 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी में वर्तमान में लगभग 1 लाख 20 हजार कर्मचारी हैं, जो एक साल पहले 1 लाख 26 हजार थे।
डेल ने हाल ही में अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। यह कटौती कंपनी की लागत कम करने की योजना का हिस्सा है। डेल नए कर्मचारियों की भर्ती भी कम कर रहा है और कर्मचारियों को अलग-अलग विभागों में ट्रांसफर कर रहा है। कंपनी ने यह निर्णय पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) की कम मांग के कारण लिया है। पिछले वर्ष की अंतिम तिमाही में डेल के राजस्व में 11% की गिरावट आई थी। चुनौतियों के बावजूद, डेल को उम्मीद है कि इस साल उसके क्लाइंट सॉल्यूशंस ग्रुप (सीएसजी) में शुद्ध राजस्व में वृद्धि होगी। सीएसजी में डेस्कटॉप, लैपटॉप और टैबलेट जैसे उत्पाद शामिल हैं। हालांकि, डेल को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। डेल को कच्चे माल और अन्य घटकों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। डेल वीएमवेयर से अलग हो रहा है, जिससे डेल के राजस्व में कमी आ सकती है।इसके अलावा, डेल ने एक नई रिटर्न-टू-ऑफिस पॉलिसी भी पेश की है। इस पॉलिसी के तहत, कर्मचारियों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। हाइब्रिड: ये कर्मचारी कार्यालय और घर से काम करेंगे। रिमोट: ये कर्मचारी पूरी तरह से घर से काम करेंगे। रिमोट कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिलेगा न ही उनका रोल बदलेगा।डेल अपनी हाइब्रिड वर्क कल्चर के लिए जाना जाता था, लेकिन कंपनी ने हाल ही में अपनी पॉलिसी बदल दी है। अब, रिमोट काम करने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के लिए सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करना होगा। इसका मतलब है कि प्रमोशन पाने के लिए रिमोट कर्मचारियों को हाइब्रिड मोड में स्विच करना होगा। इस बदलाव से कर्मचारियों में उनकी करियर ग्रोथ और कम फ्लेक्जिबिलिटी को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं। दूसरी ओर, ब्लूमबर्ग द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि घर से काम करने के विकल्पों की पेशकश करने वाली कंपनियों ने अपने राजस्व में उन कंपनियों की तुलना में तेजी से वृद्धि देखी है जो ऐसा नहीं करती हैं। 2020 और 2022 के बीच, WFH ऑफर करने वाली कंपनियों ने सेल में 21% की वृद्धि दर्ज की। हाइब्रिड या पूरी तरह से वर्क फ्रॉम ऑफिस वाली कंपनियों ने इसी अवधि के दौरान केवल 5% राजस्व वृद्धि दर्ज की। - नयी दिल्ली. सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से पांच के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,97,958.56 करोड़ रुपये की गिरावट आई। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सबसे अधिक नुकसान में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस रहीं। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 188.51 अंक या 0.25 प्रतिशत के लाभ में रहा।सप्ताह के दौरान टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 1,10,134.58 करोड़ रुपये घटकर 14,15,793.83 करोड़ रुपये पर आ गया। सबसे अधिक नुकसान टीसीएस को ही हुआ। इन्फोसिस की बाजार हैसियत 52,291.05 करोड़ रुपये घटकर 6,26,280.51 करोड़ रुपये रह गई। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज एक्सेंचर द्वारा 2023-24 के लिए अपने राजस्व के अनुमान को घटाने के बाद शुक्रवार को आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई थी। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 16,834.82 करोड़ रुपये घटकर 5,30,126.53 करोड़ रुपये पर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का मूल्यांकन 11,701.24 करोड़ रुपये घटकर 5,73,266.17 करोड़ रुपये पर आ गया। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 6,996.87 करोड़ रुपये घटकर 10,96,154.91 करोड़ रुपये रह गया।इस रुख के उलट रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मूल्यांकन 49,152.89 करोड़ रुपये बढ़कर 19,68,748.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सप्ताह के दौरान 12,851.44 करोड़ रुपये जोड़े और इसका बाजार पूंजीकरण 6,66,133.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईटीसी की बाजार हैसियत 11,108.51 करोड़ रुपये बढ़कर 5,34,768.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 9,430.48 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 6,98,855.66 करोड़ रुपये रहा। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 8,191.79 करोड़ रुपये बढ़कर 7,65,409.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, एलआईसी, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर का स्थान रहा।
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नई दिल्ली। देश की अग्रणी डेयरी कंपनी अमूल अब अमेरिका में कारोबार करने को तैयार है। देश की अमूल ब्रांड की मालिक गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने अमेरिका में अमूल ब्रांड का दूध बेचने के लिए अमेरिकी डेयरी ‘मिशिगन मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन’ के साथ डील की है। अमेरिका की 108 साल पुरानी कंपनी के साथ डील के बाद GCMMF पहली कंपनी बन गई है जो कि अमेरिका के डेयरी क्षेत्र में काम करेगी।
इस बारे में GCMMF के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने को-ऑपरेटिव की एनुअल मीटिंग में घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी अब भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी कारोबार करने जा रही है। मेहता ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अमूल अमेरिका में अपने मिल्क प्रोडक्ट को लॉन्च करेगा। अमेरिका के 108 साल पुराने डेयरी सहकारी संघ – मिशिगन मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन से करार किया है।”जयेन मेहता ने कहा कि कंपनी अमेरिका में रहने वाले भारतीय और एशियाई लोगों पर फोकस करेगी, अमेरिका में इन लोगों की संख्या भी अधिक है जिससे कारोबार को सहारा मिलेगा। पैकेजिंग का बात करें तो अमूल अमेरिका में एक गैलन यानी कि 3.8 लीटरऔर आधा गैलन यानी कि 1.9 लीटर की पैकेजिंग में दूध बेचेगा। -
नयी दिल्ली. रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया के अनुसार देश के छह प्रमुख शहरों में कार्यालय मांग मजबूत बनी हुई है। इन शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही में कार्यालय स्थलों की मांग सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। कोलियर्स इंडिया ने चालू तिमाही के खत्म होने के नौ दिन पहले जनवरी-मार्च के लिए कार्यस्थल बाजार पर आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही के दौरान छह प्रमुख शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में कुल कार्यालय पट्टे 1.36 करोड़ वर्ग फीट तक बढ़ने का अनुमान है। एक साल पहले इसी अवधि में पट्टे 1.01 करोड़ वर्ग फुट के थे। रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जबकि चेन्नई में गिरावट आ सकती है।
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नयी दिल्ली. ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने शनिवार को कहा कि वह मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के साथ ही उद्योग में प्रचलित शुल्क संरचनाओं के अनुरूप अपने विक्रेता शुल्क को संशोधित कर रही है। कंपनी सात अप्रैल से अपने मार्केटप्लेस 'अमेजन डॉट इन' पर विक्रेताओं के लिए अपनी शुल्क संरचना को संशोधित कर रही है। इसमें रेफरल शुल्क, समापन शुल्क और वजन प्रबंधन शुल्क के अलावा अन्य सहायक शुल्क शामिल हैं।
कंपनी ने कहा, ''ये संशोधन मुद्रास्फीति, ब्याज दरों, परिचालन लागत जैसे विभिन्न व्यापक आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। ये उद्योग में प्रचलित शुल्क रुझानों के अनुरूप हैं।'' कंपनी ने एक बयान में कहा कि परिधान, चादर, कुशन कवर और बर्तन जैसी श्रेणियों में रेफरल शुल्क कम किया जाएगा, जबकि वैज्ञानिक आपूर्ति, चिमनी, लैपटॉप बैग तथा टायर जैसी श्रेणियों में इसे बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा 1,000 रुपये से अधिक की औसत बिक्री मूल्य के लिए समापन शुल्क में तीन रुपये की बढ़ोतरी की गई है। परिवहन लागत में मुद्रास्फीति के अनुरूप वजन प्रबंधन शुल्क में दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अमेजन इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम मानते हैं कि विक्रेता शुल्क और प्रोत्साहन से एक मजबूत बाजार को बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो देश में छोटे और मझोले व्यवसायों को डिजिटल बनाने और उन्हें मजबूत राष्ट्रीय ब्रांडों के रूप में विकसित होने में मदद करेगा।'' उन्होंने कहा कि ये बदलाव 'अमेजन डॉट इन' को भारत में बिक्री के लिए सबसे पसंदीदा बाजारों में से एक बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। - नई दिल्ली। मारुति सुजुकी इंडिया ने बाजार से करीब 16 हजार गाड़िया वापस बुलाने का फैसला किया है। कंपनी के बलेनो और वैगनआर गाड़ियों के फ्यूल पंप मोटर के एक हिस्से में संभावित खराबी की जानकारी मिली है। जिसे ठीक करने के लिए कंपनी बलेनो और वैगनआर की 16,000 से अधिक इकाइयों को वापस मंगा रही है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनी 30 जुलाई, 2019 और 1 नवंबर, 2019 के बीच बनी बलेनो की 11,851 इकाइयों और वैगनआर की 4,190 इकाइयों को वापस बुला रही है।फाइलिंग में कहा गया है कि ऐसा संदेह है कि इन गाड़ियों के फ्यूल पंप मोटर के एक हिस्से में संभावित खराबी है, जिससे इंजन से जुड़ी समस्या हो सकती हैं। साथ ही कंपनी ने कहा कि इस अवधि के दौरान बनी गाड़ियों को जो ग्राहक खरीद चुके हैं वे उनसे संपर्क करेगी और उन्हें इस समस्या को ठीक करवाने के लिए उनसे डीलरशिप से संपर्क करने के लिए कहेगी।मुनाफे में है कंपनीभारत की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजूकी इंडिया का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 33.3 फीसदी बढ़कर 3,207 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के दौरान जिंस कीमतों में नरमी और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) एवं सीएनजी कारों की दमदार बिक्री से मुनाफे को बल मिला। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान जिंस कीमतों में नरमी आने से कंपनी की सामग्री लागत एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले महज 9.7 फीसदी बढ़कर 18,561 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही के दौरान कंपनी ने 5,01,207 वाहनों की बिक्री की जो एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 7.6 फीसदी अधिक है।
- मुंबई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एम वी राव को बृहस्पतिवार को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। आईबीए की प्रबंध समिति ने बृहस्पतिवार को हुई अपनी बैठक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा, इंडियन बैंक के प्रबंध एवं सीईओ एस एल जैन और सिटी यूनियन बैंक के प्रबंध और सीईओ एन कामाकोडी को उपाध्यक्ष के रूप में चुना। आईबीए ने बयान में कहा कि बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत के कंट्री प्रमुख और सीईओ माधव नायर को मानद सचिव के रूप में भी चुना गया।
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मुंबई. आईसीआईसीआई बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रतिद्वंद्वी बैंकों के एक करोड़ ग्राहक उसके इंटरऑपरेबल मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन, आईमोबाइल पे का इस्तेमाल कर रहे हैं। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता ने दिसंबर, 2020 से अन्य बैंकों के ग्राहकों को ऐप का उपयोग करने की अनुमति दी है। इसके जरिये और किसी भी यूपीआई आईडी या व्यापारियों को भुगतान करने, बिलों का भुगतान करने, ऑनलाइन रिचार्ज करने और धन हस्तांतरण जैसी सेवाएं संभव हैं। एक बयान में बैंक ने कहा कि अप्रैल, 2023 और फरवरी, 2024 के बीच मोबाइल ऐप पर एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कुल लेनदेन मूल्य में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आईसीआईसीआई बैंक के डिजिटल चैनल और भागीदारी प्रमुख सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा कि बैंकिंग मंच पर 400 सेवाएं उपलब्ध हैं।
- बेंगलुरु. भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अगले पांच साल में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके अलावा उस समय तक भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार भी होगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (दक्षिणी क्षेत्र) द्वारा ‘द डेक्कन कन्वर्सेशन्स, एक्सिलेरेटिंग आवर ग्रोथ स्टोरी' विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि भारत की वृद्धि दर पिछली तीन तिमाहियों में 8.3 प्रतिशत से अधिक रही है और इस दौरान यह एक ‘मजबूत ताकत' के रूप में उभरा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का हवाला देते हुए कहा कि भारत अगले दशक में दुनिया के आर्थिक विस्तार में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देगा। वर्ष 2047 तक देश की अर्थव्यवस्था 35,000 अरब डॉलर की होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को विनिर्माण, स्मार्ट शहरीकरण और कृषि के दम पर आगे बढ़ने की जरूरत है। कांत ने कहा, ‘‘भारत को सीखने के परिणामों और कौशल में सुधार करने की जरूरत है, जिससे 2047 तक भारत वैश्विक स्तर पर 30 प्रतिशत कुशल जनशक्ति प्रदान कर सकेगा।'' उन्होंने कहा कि भारत को बड़ी कंपनियां बनाने, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए पारिस्थतिकी तंत्र का सृजन करने की जरूरत है, जिससे शोध एवं विकास (आरएंडडी) पर खर्च को मौजूदा के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर ढाई से तीन प्रतिशत किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत में वृद्धि की रफ्तार तेज की है। हम माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लेकर आए हैं, जिसका अच्छा लाभ मिल रहा है। इसके अलावा हम दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता भी लेकर आए हैं। साथ ही रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम ने भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में अनुशासन पैदा किया है।'' कांत ने कहा कि केंद्रीय स्तर पर कारोबार सुगमता की वजह से 1,500 कानून समाप्त हुए हैं, जो एक बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि कभी देश में सिर्फ 150 स्टार्टअप थे लेकिन आज इनकी संख्या 1,25,000 हो गई है जिनमें से 115 यूनिकॉर्न हैं। यूनिकॉर्न से आशय एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनियों से है।