2023-24 के अंत तक बैंकों का एनपीए दशक के निचले स्तर 3.8 प्रतिशत पर होगा: क्रिसिल
मुंबई. बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में घटकर दशक के निचले स्तर 3.8 प्रतिशत पर आ जाएंगी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को यह बात कही। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि हाल में खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में एनपीए घटकर 4.2 प्रतिशत रह जाएगा। इससे एक साल पहले यह आंकड़ा 5.9 प्रतिशत था। इससे पहले अनुमान जताया गया था कि 2023-24 के अंत में एनपीए चार प्रतिशत रहेगा। क्रिसिल ने कहा कि बैंक एनपीए में कमी की एक बड़ी वजह अधिक मूल्य वाले कॉरपोरेट ऋण में सुधार है। इस खंड में सकल एनपीए दो प्रतिशत से कम रह गया है। कॉरपोरेट कई उपायों के जरिये अपने कर्ज में कमी कर रहे हैं। इसके अलावा मजबूत जोखिम प्रबंधन और जांच-पड़ताल से भी बैंकों को एनपीए कम करने में मदद मिली है।
खुदरा खंड में असुरक्षित ऋण को बट्टे खाते में डालने के बारे में पूछने पर एजेंसी के उप मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा कि कुल ऋण में उनकी बहुत छोटी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग उद्योग के कुल ऋण में खुदरा क्षेत्र की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें आधा आवास ऋण और एक चौथाई वाहन ऋण है। बाकी कर्ज, जिसमें असुरक्षित क्रेडिट कार्ड और वैयक्तिक ऋण शामिल हैं, उनकी खुदरा ऋण में एक-चौथाई हिस्सेदारी है।
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