आरबीआई नीतिगत दरों को रख सकता है बरकरार, 2024 की शुरुआत में कटौती संभव: विश्लेषक
मुंबई. विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस वर्ष नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने का रुख कायम रख सकता है और वर्ष 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती भी की जा सकती है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला कर तमाम विश्लेषकों को चौंका दिया था। इस नीतिगत समीक्षा बैठक के हाल में जारी ब्योरे को देखते हुए विशेषज्ञों को लगता है कि मुद्रास्फीति में नरमी आने के साथ दरों में कटौती भी शुरू हो जाएगी। केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। इससे पहले, आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि आरबीआई 2023 में भी दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा और मार्च 2024 में खत्म होने वाली तिमाही में दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।'' इस बयान में कहा गया कि चार प्रतिशत मुद्रास्फीति का लक्ष्य तो निकट भविष्य के लिए रखा ही नहीं गया है और आरबीआई इसे कमजोर वृद्धि की कीमत पर प्राप्त भी नहीं करना चाहेगा। घरेलू ब्रोकरेज कंपनी कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि एमपीसी की अप्रैल बैठक के ब्योरे से मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर सदस्यों की चिंता झलकती है। इसके अलावा 2023-24 में दरों में लंबे समय तक कोई बदलाव नहीं किए जाने का अनुमान है क्योंकि मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से ऊपर ही बनी रहने वाली है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अनुमान जताया है कि अक्टूबर से दरों में कटौती हो सकती है।
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