हीरा उद्योग संघों ने सदस्यों से कच्चे हीरों का आयात अस्थायी रूप से बंद करने को कहा
मुंबई । वैश्विक मांग में कमी और घरेलू कारोबारियों के पास कच्चे माल के बढ़ते भंडार के बीच रत्न एवं आभूषण उद्योग ने अपने सदस्यों से 15 अक्टूबर से दो महीने के लिए कच्चे हीरों का आयात बंद करने को कहा है। एक परिपत्र के अनुसार, ‘‘ऑर्डर में स्पष्ट मंदी के साथ ...अमेरिका और चीन जैसी बड़ी उपभोक्ता अर्थव्यवस्थाओं से खुदरा पॉलिश वाले हीरे और आभूषणों की मांग पिछली कई तिमाहियों में प्रभावित हुई है, जबकि 2021 और 2022 में मांग सर्वकालिक उच्चस्तर पर थी। इसमें कहा गया है, ‘‘इसके चलते जनवरी-अगस्त के दौरान देश के निर्यात में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है, सितंबर में भी इसी तरह की प्रवृत्ति रही है। ऐसे कारकों के कारण, पिछले कुछ महीनों में पॉलिश हीरों की हमारी सूची में वृद्धि हुई है और मांग और आपूर्ति की स्थिति बेमेल होने से कीमतें नरम हैं।'' यह परिपत्र, मंगलवार को रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी), भारत डायमंड बोर्स, सूरत डायमंड बोर्स, मुंबई डायमंड मर्चेंट्स एसोसिएशन और सूरत डायमंड एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया है। परिपत्र में कहा गया है कि उद्योग, विशेषकर छोटे और मझोले उद्यमों के हितों की रक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है। इसमें कहा गया है, ‘‘सदस्यों को 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर, 2023 तक कच्चे हीरों के आयात को रोकने की सलाह दी जा सकती है। यह आकलन किया गया है कि कच्चे हीरों के आयात को रोकने से उद्योग को मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।'' इसके बाद स्थिति की दिसंबर, 2023 के पहले सप्ताह में फिर समीक्षा की जाएगी। fi;le photo

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