जीएसटी में कटौती से युवाओं को मिलेगा बड़ा फायदा, 22 सितंबर से लागू होंगे नए सुधार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से युवाओं के लिए रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार का मानना है कि एमएसएमई और स्टार्टअप्स में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी और परिवारों व कारोबारियों पर वित्तीय बोझ कम होगा। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे।
सरकार के मुताबिक इन सुधारों में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है जहां युवाओं की बड़ी भागीदारी है। इनमें शिक्षा, ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प, फुटवियर, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण और वस्त्र जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे समावेशी विकास, स्थिरता और अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के भारत के दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी। नए सुधारों में कई प्रमुख क्षेत्रों की जीएसटी दरें घटाई गई हैं। चमड़ा, जूते, कागज, कपड़ा, हस्तशिल्प, खिलौने, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे उद्योगों को इसमें शामिल किया गया है। चमोईस चमड़ा, तैयार चमड़ा और चमड़े से जुड़े कामों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। 2,500 रुपये तक के जूतों पर भी अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। इसका सीधा फायदा युवाओं और छोटे कारोबारियों को मिलेगा, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा।
इसी तरह, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लकड़ी के विकल्पों पर भी जीएसटी घटाया गया है। चावल की भूसी के बोर्ड, जिप्सम बोर्ड, सीमेंट बॉन्डेड पार्टिकल बोर्ड, जूट पार्टिकल बोर्ड, बगास बोर्ड और सिसल फाइबर बोर्ड पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे एमएसएमई को समर्थन मिलेगा और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल बढ़ेगा।
फिटनेस और स्वास्थ्य सेवाओं को भी इस सुधार का लाभ मिलेगा। जिम और फिटनेस सेंटर पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे सदस्यता शुल्क सस्ता होगा और अधिक लोग, खासकर युवा और मध्यम वर्गीय परिवार, स्वास्थ्य और फिटनेस सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।
सरकार का कहना है कि इन सुधारों का मकसद उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करना, कारोबारियों के लिए नियम सरल बनाना और भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है।-


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