नगर निगम ने पीएम आवास का निर्माण नहीं करने वालों की सूची जारी की
निरस्त होंगे 582 पीएम आवास
राजनांदगांव। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में 9125 हितग्राहियों के लिए आवास स्वीकृत हुआ है, जिसमें से पांच हजार एक हितग्राहियों ने आवास का निर्माण पूरा कर लिया है। वहीं 1864 हितग्राहियों का आवास निर्माणाधीन है। स्वीकृत आवास में 582 ऐसे हितग्राही है, जिनके नाम से पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद भी काम शुरू नहीं किया है। सालभर बाद भी हितग्राहियों ने आवास बनाने में रूचि नहीं दिखाई है, जिसको लेकर नगर निगम ने इन हितग्राहियों की सूची तैयार की है। इन हितग्राहियों को निगम ने पांच अगस्त तक का समय दिया है। अगर इसके बाद भी हितग्राहियों ने आवास को बनाने की सहमति नहीं दी तो आवास निरस्त किया जाएगा।
धीमी गति से हो रहा निर्माण
शहर में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण धीमी गति से चल रहा है। निगम अधिकारी भी आवास निर्माण कार्यों की मानिटरिंग नहीं कर रहे हैं। इसके कारण ही शहर में करीब 1864 आवास का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है। स्थिति यह है कि कई लोग पक्का मकान बनाने की उम्मींद में पुराना कच्चा मकान तोड़कर झोपड़ी में रहने को मजबूर है। ऐसे हितग्राहियों की सुध भी निगम प्रशासन द्वारा नहीं लिया जा रहा है।
आठ सौ आवास का काम भी शुरू नहीं
निगम सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति में एक ही परिवार के दो लोगों का नाम आ गया है। एक ही जगह के नाम से दो अलग-अलग स्वीकृति मिलने से भी हितग्राही जगह को लेकर उलझ गए हैं। निगम प्रशासन ने ऐसे हितग्राहियों की जांच तक नहीं की है। यही कारण है कि स्वीकृति के बाद भी आज तक आठ सौ आवास का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि हितग्राहियों ने आवास बनाने की सहमति जरूर दे दी है। लेकिन जगह को लेकर निर्माण अटका हुआ है। गंभीरता से इसकी जांच होने पर कई मामले राजफाश हो सकते हैं।
देनी होगी निर्माण की सहमति
नगर निगम के कार्यपालन अभियंता यूके रामटेके ने कहा कि 582 लोगों ने पीएम आवास के निर्माण को लेकर अब तक कोई रूचि नहीं दिखाई है। इसके कारण ही इन लोगों के आवास की स्वीकृति को निरस्त करने से पहले दावा आपत्ति की जाएगी। पांच अगस्त को दावा आपत्ति है। जो हितग्राही आवास का निर्माण कराना चाहते हैं, वो निगम कार्यालय पहुंचकर सहमति देंगे, तभी उनके आवास की स्वीकृति निरस्त नहीं होगी। अगर लोग सामने नहीं आएंगे तो प्रक्रिया निरस्त करने शासन को भेजा जाएगा।
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