यह अंधकारमय समय है, आप ‘नक्कारखाने में तूती की आवाज' बन गए हैं: मुख्यधारा के मनोरंजन व्यवसाय पर महेश भट्ट
नयी दिल्ली. फिल्म निर्माता महेश भट्ट का कहना है कि मुख्यधारा के मनोरंजन व्यवसाय का मूल स्वभाव लोगों का अधिक से अधिक ध्यान खींचना है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के पैठ जमाने और इसके तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। भट्ट शनिवार को कपिल सिब्बल के साथ एक परिचर्चा में शामिल हुए जहां उन्होंने मीडिया में मनोरंजन की वर्तमान स्थिति पर बात की और इसे मनोरंजन उद्योग के लिए ‘‘अंधकारमय समय'' बताया। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यधारा के मनोरंजन व्यवसाय का मूल स्वभाव ही अधिक से अधिक प्रशंसा बटोरना और ध्यान आकर्षित करना है।
जब से हमने इस डिजिटल युग में कदम रखा है और सोशल मीडिया आया है, व्यवस्था की आपको दबाने, संगठित होने और आपके खिलाफ मोर्चा खोलने की शक्ति इतनी प्रबल हो गई है कि आप नक्कारखाने में तूती की आवाज बन गए हैं।'' ‘सारांश', ‘सड़क' और ‘आशिकी' जैसी फिल्मों के लिए मशहूर फिल्म निर्माता ने कहा, “आप वास्तव में संख्याएं बताने जा रहे हैं और शुरू करने से पहले ही आप रौंद दिए जाते हैं। इसलिए मैं कहूंगा कि यह अंधकारमय समय है।'' भट्ट ने ‘एल्गोरिदम' और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर भी चिंता व्यक्त की जो लोगों को सुरक्षित खेलने और भावुक विचारों को दबाने पर मजबूर करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले जो लोग बोलने की हिम्मत कर पाते थे उन्हें अब अलग-थलग कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी बहुत कम फिल्में थीं जो खुलकर अपनी बात रख पाती थीं। जो कहने की हिम्मत करती थीं उन्हें अलग-थलग कर दिया जाता था... और फिर आपको यह ज्ञान दिया जाता था कि अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो कविता लिखें या किताब लिखें।''


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