पत्रकारिता विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला आयोजित
रायपुर. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के पुनः उन्मुखीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय में लागू स्नातक पाठ्यक्रमों में नई शिक्षा नीति की एक वर्ष की सफलता और आवश्यक सुधारों पर विचार-विमर्श करना था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति एवं संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति न केवल नए रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि युवाओं को उनकी स्थानीय ज्ञान एवं परंपरा से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 छात्रों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक कौशल और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर देगी, जिससे वे भविष्य में देश के विकास में सक्रिय योगदान दे सकें। उन्होंने कार्यशाला की पूर्ण सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त की।
प्रथम तकनीकी सत्र में उच्च शिक्षा के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) डॉ. डी.के. श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं और बारीकियों को बताया। उन्होंने कहा कि यह नीति विभिन्न विषयों को एकीकृत कर एक विशाल ज्ञान पूल बनाने की प्रक्रिया पर केंद्रित है। एनईपी 2020 का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम को बदलना नहीं है, बल्कि छात्रों को बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे विभिन्न क्षेत्रों के ज्ञान को आपस में जोड़ सकें। जिसमें छात्रों को अपनी रुचि और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार विषयों का चयन करने की स्वतंत्रता मिलती है।
द्वितीय तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा के संयुक्त संचालक डॉ. जी.ए. घनश्याम ने भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ-साथ भारत दर्शन पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 केवल आधुनिक शिक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन ज्ञान को भी छात्रों तक पहुंचाने का एक माध्यम है। डॉ. घनश्याम ने कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को भारत के ज्ञान से अवगत कराने वाली है, जिससे वे अपनी जड़ों से जुड़ सकें और देश के गौरवशाली इतिहास तथा चिंतन परंपरा को समझ सकें। भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश छात्रों में नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय भावना को सुदृढ़ करेगा, जिससे वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सीधे तौर पर बाजार की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। एनईपी का लक्ष्य केवल डिग्री देना नहीं है, बल्कि छात्रों को ऐसे व्यावहारिक कौशल और ज्ञान से लैस करना है जो उन्हें स्नातक होते ही रोजगार के योग्य बना सके। श्री शर्मा ने कहा कि यह नीति छात्रों को विभिन्न उद्योगों में आवश्यक क्षमताओं को विकसित करने में मदद करेगी, जिससे वे बदलते बाजार में आसानी से समायोजित हो पाएंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में भी सक्षम होंगे।
विश्वविद्यालय के एनईपी 2020 के संयोजक श्री पंकज नयन पाण्डेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले एक वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एनईपी 2020 के तहत शुरू की गई पाठ्यक्रम संरचना और वैकल्पिक विषयों के चुनाव से छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार अध्ययन करने का अवसर मिला है।
कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति संयोजक श्री पंकज नयन पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र खंडेलवाल, डॉ. नृपेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. आशुतोष मांडवी, डॉ. राजेंद्र मोहंती, उप कुलसचिव श्री सौरभ शर्मा के साथ विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, प्राध्यापकगण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय परिसर में बिहान केन्टीन का शुभारंभ
विश्वविद्यालय परिसर में आज बिहान कैंटीन का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति एवं संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने किया। कैंटीन का संचालन जिला पंचायत, रायपुर के माध्यम से बिहान स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा, सहायक कुलसचिव डॉ.देव सिंह पाटिल एवं कर्मचारी उपस्थित थे.
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