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एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन की मियाद खत्म, लाखों किसान पंजीयन की कतार में

* पूर्ववत एकीकृत किसान पोर्टल से धान खरीदी की मांग 
रायपुर। शासन -प्रशासन को अपने ही बनाये भुईयां व एकीकृत किसान पोर्टल में फीड किसानों के डाटा पर विश्वास नहीं होने और एग्री स्टेक पोर्टल में फीड किये जा रहे डाटा का एप्रूवल के चक्कर सहित पोर्टल में कतिपय दिक्कतों के चलते एक बार फिर प्रदेश के संपूर्ण किसानों का पंजीयन मियाद की आखिरी तिथि 30 सितंबर समाप्त होने तक नहीं हो पाया है ।अब भी वंचित किसानों की संख्या लाखों में है । किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय , विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह , मुख्य सचिव विकास शील व मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह को मेल से ज्ञापन ‌भेज पोर्टल की खामियों को दूर करने व मियाद बढ़ाने की मांग करने के साथ - साथ इस वर्ष धान खरीदी पूर्ववत एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किये जाने की मांग की है ।
     ज्ञातव्य हो कि शासन ने इस वर्ष धान खरीदी हेतु किसानों का एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है । पूर्व में पंजीयन हेतु अंतिम तिथि बीते 30 अगस्त निर्धारित किया गया था जिसे बढ़ाकर बीते कल 30 सितंबर तक किया गया था ।  पूर्व में पंजीयन हेतु निर्धारित अंतिम तिथि तक किसानों के पंजीयन बाकी रहने का ठीकरा पोर्टल में तकनीकी ‌खामियो‌ पर फोड़ते हुये किसान संघर्ष समिति ने शासन - प्रशासन के नुमाइंदों को बीते 3 सितंबर को ज्ञापन सौंप खामियों की जानकारी देते हुये इन्हें दूर कर पंजीयन हेतु समायावधि बढ़ाने की मांग की थी । इसके साथ ही और अन्य कारणों का हवाला देते हुये किसानों ने भी समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी । ज्ञापन में जानकारी दी गयी है कि ध्यानाकर्षण पर पोर्टल में अधिकांश खामियों को दूर कर पंजीयन हेतु समायावधि 30 सितंबर तक बढ़ाया गया था जो भी समाप्त हो गया है । ज्ञापन में जानकारी दी गयी है कि पोर्टल में सुधार के बाद भी कतिपय खामियों के चलते किसान पंजीयन से वंचित रह गये हैं । ज्ञापन में भुईयां व एकीकृत किसान पोर्टल में प्रदेश के सभी किसानों का संपूर्ण डाटा फीड होने व इन्हीं के आधार पर पूर्व के वर्षों तक धान खरीदी किये जाने का हवाला देते हुये बतलाया गया है कि पोर्टल में खामियों के चलते लगता है कि शासन -प्रशासन को अपने ही इन पोर्टलों पर विश्वास नहीं है । 
एग्री स्टेक पोर्टल में किसानों के एक - एक खसरा नंबर का इंद्राज किये जाने , एक से अधिक ग्राम , तहसील व जिलों में किसी किसान की भूमि होने पर पहले एक ग्राम के भूमि का इंद्राज कर पहले पटवारी से लेवल 01 का व फिर संबंधित तहसीलदार से लेवल 02 का एप्रूवल मिलने के बाद दूसरे ग्राम का व‌‌ फिर उसका एप्रूवल मिलने के बाद फिर अन्य तहसील व जिला के भूमियों का एक - एक कर इंद्राज पश्चात एप्रूवल मिलने में समय लगने व इसके चलते कीट प्रकोप से जूझते किसानों का पंजीयन हेतु चक्कर पर चक्कर लगाने की वजह से पंजीयन न‌ हो पाने की जानकारी दी गयी है । भुईयां व एकीकृत किसान पोर्टल में फीड ‌किसानो का संपूर्ण डाटा एक ही बार में सीधे एकीकृत किसान पोर्टल में आटो पापुलेट कर किसानों को अनावश्यक चक्कर व परेशानियों से बचाने के बदले खेती के इस मौसम में परेशान करने से किसानों में व्याप्त आक्रोश के मद्देनजर पोर्टल में तकनीकी सुधार कर शेष बचे किसानों के पंजीयन हेतु तिथि बढ़ाने की मांग की गई है । साथ ही पंजीयत लगभग 3 लाख किसानों का डाटा मेल नहीं खाने व इसमें सुधार हेतु समय लगने की संभावना को देखते हुये इस वर्ष पूर्ववत एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से ही धान खरीदी की अधिकृत घोषणा की मांग की गयी है । ज्ञापन में धार्मिक सहित अन्य ट्रस्टों व‌ मंदिरों आदि के नाम पर भी भूमि होने पर इनका आधार नंबर नहीं होने के कारण एग्रीस्टेक पोर्टल में इनके पंजीयन के संबंध में भी स्थिति व प्रक्रिया स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है ।

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