सुआ नृत्य में नजर आई छत्तीसगढ़ की संस्कृति
0- महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर स्कूल में दीपावली पर बच्चों की मोहक प्रस्तुतियों ने किया प्रभावित
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर विद्यालय में दीपावली के पूर्व सुआ नृत्य, लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी की मोहक प्रस्तुतियों के साथ दीप सजाओ स्पर्धा में सभी वर्ग के बच्चों ने उत्साह से भाग लिया। प्राचार्य मनीष गोवर्धन ने बताया कि बच्चों को हमारी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए स्कूल में लगभग सभी तीज- त्योहारों को उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसी क्रम में अलग- अलग क्लास के बच्चों ने दीपावली से संबंधित अलग- अलग प्रस्तुतियां दी। मिडिल क्लास के बच्चों ने असेंबली में सुआ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। नृत्य पेश करने वालों में समृद्धि मिश्रा, प्राची टांगल, हंसिका भारद्वाज और रागिनी टोंडर शामिल रहीं। वहीं लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी का मंत्रमुग्ध करने वाला मंचन भी बच्चों ने किया। इसमें भगवान श्रीराम के वेश में आदित्य साहू, लक्ष्मण बने प्रदीप साहू, सिद्धांत सिंह हनुमान की वेशभूषा में और सीता माता की वेश में पूनम पटेल का मंचन प्रशंसनीय रहा।
प्री पाइमरी के बच्चों ने दीया की आकृति में आकर्षक प्रस्तुति दी। बच्चों का ड्रेस कोड और कलर काम्बिनेशन जोरदार रहा। प्री प्राइमरी इंचार्ज अस्मिता कुसरे, हार्दिक बोबडे, शिखा गुप्ता और सुरेखा नायक ने बच्चों को सुंदर दीये की आकृति में बिठाकर बच्चों को दीप व दीप महोत्सव का महत्व समझाया।
सुबह प्रार्थना सभा में शिक्षिका रेणुका शुक्ला ने धनतेरस का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान धन्वंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। प्रार्थना सभा का संचालन चौथी के छात्र लव पाठक ने किया। सौरव राउत, ध्रुविता प्रसाद माता लक्ष्मी बनकर आईं थीं। इसके साथ स्कूल में "दीया डेकोरेशन" एवं "हैंडराइटिंग" प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इसमें बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।











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